Rajat Sharma

ओमक्रोन वैरिएंट: हम कोई जोखिम नहीं ले सकते

AKB

आज मैं आप सबको बेहद ही संक्रामक ओमक्रोन वैरिएंट के खतरे के बारे में सावधान करना चाहता हूं। कोरोना वायरस का यह नया वैरिएंट पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है और भारत में कभी भी दस्तक दे सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर कोरोना वायरस के नये वेरिएंट ओमक्रोन से वैश्विक जोखिम ‘बहुत ज्यादा’ दिख रहा है और इससे गंभीर नतीजों के साथ-साथ संक्रमण में भी वृद्धि हो सकती है। WHO ने कहा, ‘कोविड-19 के इस नए वैरिएंट के बारे में काफी अनिश्चितता बनी हुई है जिसे पहली बार दक्षिणी अफ्रीका में पाया गया था। दुनिया भर में इसके और फैलने की आशंका अधिक है।’

भारत में जिस डेल्टा वैरिएंट की वजह से अप्रैल और मई के दौरान बेहद ही घातक दूसरी लहर आई थी, जो डेल्टा वैरिएंट दुनिया के कई मुल्कों में तबाही का कारण बना, यह नया वैरिएंट ओमक्रोन उससे भी 6 गुना ज्यादा तेजी से फैलता है। ओमक्रोन वैरिएंट की पहचान पहली बार 22 नवंबर को साउथ अफ्रीका ने की थी। सबसे ज्यादा डराने वाली बात यह है कि इस वायरस में अभी तक 50 से ज्यादा म्यूटेशंस हो चुके हैं, यानी यह 50 से भी ज्यादा बार अपना स्वरूप, अपना कैरेक्टर बदल चुका है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने सोमवार की रात कहा, यह नया वैरिएंट चिंता का कारण है, घबराहट का नहीं। उन्होंने कहा, अमेरिका इन सर्दियों में इस वैरिएंट के खिलाफ लड़ने जा रहा है। इसके लिए शटडाउन या लॉकडाउन का सहारा नहीं लिया जाएगा बल्कि ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण, बूस्टर, टेस्टिंग और अन्य चीजें की जाएंगी।’ यह नया वैरिएंट एक हफ्ते के भीतर कम से कम 13 देशों में फैल गया है। हालांकि हमारे स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में अभी तक ओमक्रोन वैरिएंट का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

इस नए वैरिएंट का अब तक दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, बोत्सवाना, जर्मनी, नीदरलैंड, डेनमार्क, पुर्तगाल, बेल्जियम, इजराइल, इटली, चेक रिपब्लिक, हांगकांग और ऑस्ट्रेलिया में पता चला है। जापान, इजराइल और मोरक्को ने जहां सारे विदेशियों की एंट्री पर रोक लगा दी है, वहीं भारत सहित अधिकांश देशों ने दूसरे देशों से आने वाले सभी यात्रियों की कोरोना टेस्टिंग अनिवार्य कर दी है।

हालांकि, यह भी एक तथ्य है कि पिछले 2 हफ्तों में कम से कम 1,000 यात्री दक्षिण अफ्रीकी देशों से मुंबई आए हैं। मुंबई के नगर निकाय BMC ने अब तक 466 यात्रियों में से केवल 100 लोगों के स्वैब सैंपल लिए हैं और उनमें से किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। 400 से ज्यादा यात्री पहले ही दूसरी जगहों पर जा चुके हैं और उनका पता लगाया जा रहा है।

WHO के मुताबिक, ओमक्रोन वैरिएंट बहुत ही ज्यादा संक्रामक है और यह काफी तेजी से फैलता है। इसीलिए इसका पता चलने के 4 दिनों के अंदर ही इसे ‘चिंताजनक वैरिएंट’ घोषित कर दिया गया। चूंकि इसके 50 से ज्यादा म्यूटेशंस हो चुके हैं, इसलिए एक्सपर्ट्स के लिए इसकी जीनोम सीक्वेंसिंग करना मुश्किल होगा।

WHO ने आगे कहा है कि इस नए वैरिएंट को हराने के लिए सिर्फ होम आइसोलेशन से काम नहीं चलेगा। इसलिए स्वाभाविक है कि हॉस्पिटल बेड्स पर दबाव बढ़ेगा। इस नए वैरिएंट की मृत्यु दर के बारे में अभी कुछ भी साफ नहीं है क्योंकि इस पर अभी भी रिसर्च जारी है। यह भी पता नहीं चल पाया है कि इस नए वैरिएंट से कौन सा आयु वर्ग अधिक प्रभावित होगा। जब तक स्टडी पूरी नहीं हो जाती, तब तक WHO का जोर मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं पर है, जैसे कि लोगों को मास्क पहनना चाहिए, उचित दूरी बनाकर रखनी चाहिए, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए, हाथों को साफ रखना चाहिए, खांसते या छींकते समय मुंह को ढकना चाहिए और टीकाकरण कराना चाहिए।

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) अगले हफ्ते एक एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश पर फैसला करने जा रहा है कि क्या ऐसे लोगों को टीके की एक अतिरिक्त खुराक दी जानी चाहिए जिनका इम्यून सिस्टम अच्छा नहीं है, बुजुर्ग हैं या जिन्हें कोविड-19 से संक्रमित होने या मौत का खतरा काफी ज्यादा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टीकाकरण एक मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय है, और नए वैरिएंट में म्यूटेशंस होने के बावजूद टीके से काफी हद तक सुरक्षा मिलती है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा टीके ओमक्रोन वैरिएंट के कारण होने वाली गंभीर बीमारी को रोकने में काफी असरदार होने चाहिए।

साउथ अफ्रीका से बेंगलुरु आए 2 यात्री पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से एक की हालत स्थिर है जबकि दूसरे मरीज में डेल्टा वैरिएंट से अलग लक्षण दिख रहे हैं। दोनों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब भेजे गए हैं। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कहा है कि ओमक्रोन वैरिएंट को भारत में आने से रोक पाना मुश्किल है, इसलिए उसको कंट्रोल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

एक तरफ कोरोना के नए वैरिएंट ओमक्रोन का खतरा दस्तक दे रहा है, तो दूसरी तरफ देश के कई इलाकों से बड़ी संख्या में कोरोना के नए मामले मिल रहे हैं। कर्नाटक के धारवाड़ मेडिकल कॉलेज में पिछले बुधवार को 66 छात्र कोरोन वायरस से संक्रमित पाए गए। इसके बाद जब बाकी लोगों के टेस्ट कराए गए तो शनिवार को ये आंकड़ा 99 तक पहुंच गया। अब छात्रों और स्टाफ को मिलाकर कोरोना के मामलों की कुल संख्या 280 तक पहुंच गई है। कुछ दिन पहले इस मेडिकल कॉलेज में फ्रेशर्स पार्टी की गई थी, और उसके एक हफ्ते बाद कोरोना विस्फोट हो गया। गनीमत यह है कि सभी लोगों ने वैक्सीन लगवा ली थी, इसलिए कोई गंभीर समस्या नहीं हुई।

इसी तरह राजस्थान में एक स्कूल के 22 छात्र कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। ओडिशा के सुंदरगढ़ और संबलपुर में, एक रेसिडेंशियल स्कूल में 53 छात्राएं और एक कॉलेज के 22 MBBS छात्र पॉजिटिव पाए गए। मुंबई के पास भिवंडी में स्थित मातोश्री वृद्धाश्रम के 67 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। उन सभी लोगों को वैक्सीन लग चुकी थी और अब ठाणे के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के महानिदेशक शेखर सी. मांडे ने कहा है कि टीकाकरण ही बचाव का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हम सभी वैक्सीन जरूर लगवा लें। भारत में पहले ही वैक्सीन की 122 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कहा कि नया ओमक्रोन वैरिएंट निश्चित रूप से चिंता का विषय है। उन्होंने लोगों से कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करने और भीड़भाड़ से बचने की अपील की।

कुल मिलाकर मुझे लगता है कि नए ओमक्रोन वैरिएंट के बारे में तथ्य अभी भी स्पष्ट नहीं हैं, इसके बारे में बहुत सीमित जानकारी है, लेकिन यह एक बड़ा खतरा हो सकता है। इसे किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

हम यह नहीं भूल सकते कि इस साल अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारत में लोग ऑक्सीजन और अस्पताल में बिस्तरों की कमी की वजह से एक-एक सांस के लिए कैसे जूझ कर रहे थे। हम आत्मसंतुष्ट होने का जोखिम नहीं उठा सकते। दूसरा, भारत में कई जगहों पर मेडिकल स्टूडेंड्स सहित पूरे के पूरे ग्रुप के लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। वे कोरोना वायरस के पुराने वैरिएंट्स से संक्रमित थे। चूंकि उनमें से अधिकांश ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थीं, इसलिए मृत्यु दर बहुत ही कम थी। तीसरा, यह कहना जल्दबाजी होगी कि टीके नए ओमक्रोन वैरिएंट के खिलाफ असरदार नहीं होंगे।

WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि कोई भी वैरिएंट वैक्सीन के असर को 100 पर्सेंट खत्म नहीं कर सकता। अगर पहले से किसी ने वैक्सीन लगवाई है और शरीर में एंटीबॉडीज बनी हुई है तो कोरोना के किसी भी नए वैरिएंट से उसका बचाव हो सकत है। इसलिए मैं आप सभी से अपील करता हूं कि जिन लोगों ने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है, वे जल्द से जल्द लगवा लें। वैक्सीन लगवाने के बाद यदि कोई कोरोना वायरस से संक्रमित भी होता है तो हॉस्पिटल जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ-साथ मास्क जरूर लगाइए और सोशल डिस्टैंसिग का पालन कीजिए। मास्क किसी भी सूरत में वैक्सीन से कम नहीं हैं और बंद स्थानों में बेहद कारगर साबित हुए हैं।

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