Rajat Sharma

My Opinion

शरद पवार से एक सवाल

AKB महाराष्ट्र में सोमवार को बाकी बचे 13 चुनाव क्षेत्रों में वोटिंग हुई. इनमें मुंबई के 6 चुनाव क्षेत्र भी शामिल थे. चुनाव आयोग ने मंगलवार को बताया कि 13 सीटों पर 54.33 परसेंट पोलिंग हुई. मुंबई में 52.27 परसेंट पोलिंग हुई. 13 सीटों पर पोलिंग खत्म होने के बाद महाराष्ट्र की सभी 48 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. निराश करने वाली बात ये रही कि इस बार भी मुंबई में तकरीबन आधे वोटरों ने वोट नहीं डाला. मुंबई में लोगों को वोटिंग के लिए प्रेरित करने फिल्मी सितारे भी मैदान में उतरे. शाहरुख खान, सलमान, आमिर खान, धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, दीपिका पादुकोण, रेखा, रणबीर कपूर, रणवीर सिंह, सुनील शेट्टी जैसे तमाम स्टार परिवार समेत वोट डालने पहुंचे, लोगों से पोलिंग बूथ्स तक जाने की अपील भी की लेकिन इसका खास असर दिखाई नहीं दिया. शाम को वोटिंग खत्म होने से पहले वोटरों की भीड़ पहुंची और चुनाव आयोग को वोटिंग का समय एक घंटा बढाना पड़ा. मुंबई में कुछ जगह EVM में गड़बड़ी की शिकायतें भी मिलीं. बोरीवली और मगाठाणे इलाके के कई पोलिंग बूथों पर वोटिंग मशीन ख़राब हो गई. इन मशीनों को तुरंत रिप्लेस किया गया. लेकिन इसके बाद भी महाविकास अघाडी के नेताओं ने चुनाव आयोग पर जानबूझ कर वोटिंग परसेंट कम करने की कोशिश का इल्जाम लगाया. उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिन इलाकों में महाविकास अघाड़ी के वोटर हैं, वहीं EVM खराब हुई, इसका मतलब साफ है कि बीजेपी के इशारे पर साजिश हो रही है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे क्योंकि अब उन्हें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है. उद्धव ठाकरे जब कोर्ट जाने की धमकी दे रहे थे, शरद पवार ने इंडिया टीवी को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि इस बार महाराष्ट्र के नतीजे चौंकाने वाले होंगे. उन्होने कहा,महाराष्ट्र में इस बार कम से कम पचास परशेंट सीटें महाविकाश अघाड़ी जीतेगा. मैं आपको बता दूं कि 2019 में महाराष्ट्र के 48 में से 42 सीटें NDA ने जीतीं थीं. आज जिन 13 सीटों पर वोटिंग हुई, वो सारी सीटें पिछली बार NDA ने जीती थी. लेकिन शरद पवार को भरोसा है कि इस बार कम से कम 24 सीटें महाविकास अघाड़ी जीतेगा. पवार ने कहा – “इस चुनाव में हम चालीस से पचास प्रतिशत तक जाएं तो भी मुझे आश्चर्य नहीं होगा. पांच साल से मोदी जी ने कुछ काम नहीं किया. ये सोचते हैं मोदी जी के नाम पर वोट मिल जाएगा लेकिन अब ऐसा नहीं है. ये बात सही है कि चुनाव प्रचार में मोदी सबसे ज्यादा मेहनत करने वाले नेता हैं. इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. लेकिन पांच साल पहले उनकी जो इमेज थी..उनको जो समर्थन था. आज बिल्कुल नहीं है.” अगर एक मिनट के लिए शरद पवार की बात मान भी ली जाए कि मोदी की लोकप्रियता कम हुई है, तो पवार साहब ये तो बता दें कि किसकी लोकप्रियता बढ़ी है? पवार साहब की? जिनका भतीजा साथ छोड़ गया. राहुल गांधी की? जो रायबरेली में लाज बचाने के लिए आज मारे मारे फिरते रहे. या लालू यादव की? नीतीश जिनका साथ छोड़ गए. या ममता की? जो INDI अलायंस से अलग हो गईं. या केजरीवाल की? जो interim bail पर हैं. ये कहना बहुत आसान है कि मोदी को पहले जैसा समर्थन नहीं मिल रहा, लेकिन ये बताना मुश्किल है कि समर्थन किसको मिल रहा है? सच तो ये है कि पवार साहब भी जानते हैं, मोदी की मेहनत के आगे सब बेरंग हैं.

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A QUESTION FOR MR. SHARAD PAWAR

akb Braving hot weather, voters on Monday in 13 constituencies of Maharashtra including six in Mumbai, came out to cast their vote. The Election Commission announced on Tuesday that 54.33 per cent polling was recorded. This includes an average turnout of 52.27 per cent voters in Mumbai. With this, polling for all 48 Maharashtra LS seats has been completed and leaders of parties have begun making their calculations about probable wins or defeats. Dindori in Nashik recorded the highest at 62.66 per cent, while Kalyan recorded the lowest at 47.08 per cent. Top film stars Shahrukh Khan, Salman Khan, Aamir Khan, Dharmendra, Hema Malini, Amitabh Bachchan, Rekha, Deepika Padukone, Ranveer Singh, Ranbir Kapoor, Suneil Shetty and others went to polling booths to exercise their franchise, but the fact remains that nearly half of the voters in Mumbai did not vote. There were reports of malfunctioning of electronic voting machines at some booths and they were immediately replaced. Election Commission extended polling time by one hour as large number of voters lined up to vote towards the end. Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray alleged that most of EVMs were found faulty in areas dominated by supporters of Maha Vikas Aghadi. He alleged a “BJP conspiracy” and threatened to go to courts. On Monday, Nationalist Congress Party founder Sharad Pawar claimed that Maharashtra results this time would be surprising. In an interview with India TV, Sharad Pawar claimed that Maha Vikas Aghadi would win nearly half of the total 48 LS seats. In 2019 elections, BJP-led NDA had won 42 out of 48 seats. Five years ago, NDA had won all the 13 constituencies that went to the polls on Monday. Sharad Pawar is, however, confident. He said, “I will not be surprised if we get 40 to 50 per cent this time . Modi Ji has not done any work here in the last five years. These people (BJP) think they will get votes in the name of Modi, but this is not the case. It is true that Modi toiled hard this time during electioneering, which cannot be overlooked, but the image and support that he commanded five years ago, is now totally missing.” Pawar clearly indicated that MVA would win at least 24 LS seats in Maharashtra this time. Even if one agrees with Pawar’s view for a minute that Modi’s popularity has waned, Pawar Sahib must say, whose popularity has gone up? Pawar Sahib? His nephew left him and his party in the lurch. Rahul Gandhi? He went around Raebareli today during polling, to hide his uneasiness. Lalu Yadav? He was ditched by Nitish Kumar. Mamata Banerjee? She opted to stay out of the INDI alliance. Or, Kejriwal? He is presently on interim bail till June 1. It is easy to say that Modi is not getting the level of support that he used to get earlier, but it is difficult to say, who is getting popular support to fill up the space. The truth is: Pawar Sahib himself knows, other leaders lack colour in the face of Modi’s strenuous toil.

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स्वाति मालीवाल : केजरीवाल के लिए बड़ी समस्या!

AKB30 स्वाति मालीवाल के केस में दिल्ली पुलिस ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के पीएम विभव कुमार को मुख्यमंत्री निवास से गिरफ्तार कर लिया. स्वाति ने विभव कुमार पर आरोप लगाया है कि उसने मुख्यमंत्री निवास में 13 मई को उन्हें थप्पड़ मारे, उनके सीने, पेट और निचले हिस्सों में लात मारे और उनके कपड़े फाड़ दिए. ये बात स्वाति ने एक मजिस्ट्रेट के सामने घारा 164 के तहत दर्ज़ करवाई. इसके जवाब में आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को एक सीसीटीवी वीडियो क्लिप दिखाकर ये साबित करने की कोशिश की कि स्वाति के साथ कोई मारपीट नहीं हुई थी. दिल्ली की मंत्री आतिशी का ये दावा सनसनीखेज़ है कि स्वाति को बीजेपी ने केजरीवाल के घर भेजा. लेकिन दो दिन पहले संजय सिंह ने तो कहा था कि विभव ने स्वाति के साथ बदसलूकी की. उन्होंने कहा था केजरीवाल विभव के खिलाफ एक्शन लेंगे.स्वाति अब कह रही हैं कि केजरीवाल विभव के दबाव में हैं क्योंकि उनके पास कोई राज़ हैं.इसीलिए इस पूरे मामले को ट्विस्ट देने की कोशिश की गई. असल में ये सारी खिचड़ी घर में ही पकी. स्वाति के साथ जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था,लेकिन जो हुआ, ये समझना मुश्किल है. जानकार कहते हैं कि संजय सिंह ने स्वाति को इस बात के लिए मना लिया था कि वो इस मामले को पब्लिक ना करें. दो दिन पहले इसपर सुलह भी हो गयी थी. क्योंकि केजरीवाल को चुनाव में इसका भारी नुकसान हो सकता है. स्वाति की शर्त थी विभव को उसके पद से हटा दिया जाए ताकि वो केजरीवाल तक लोगों को पहुंचने से रोक न सके. इस बात को सार्वजनिक किया जाना था, जो संजय सिंह ने कर दिया. स्वाति खामोश थीं. पर जब उन्होंने देखा कि बिभव को केजरीवाल अपने साथ लखनऊ ले गए हैं तो स्वाति ने पुलिस को बुलाया और बयान दर्ज करवाया, लेकिन मीडिया से बात नहीं की.कोई सार्वजनिक बयान भी नहीं दिया लेकिन शुक्रवार को जब आम आदमी पार्टी ने एक वीडियो जारी करके स्वाति मालीवाल पर पलटवार किया, ट्वीट करके अपने इरादे जाहिर कर दिए तो स्वाति भी सामने आ गईं और जब आतिशी ने उनपर बीजेपी के साथ मिलकर साजिश रचने का इल्जाम लगाया तो स्वाति ने कहा कि आज विभव के दबाव में आम आदमी पार्टी ने हार मान ली और पूरी पार्टी से मेरे चरित्र पर सवाल उठवाए गए. ये सारी की सारी घटना चौंकाने वाली, चिंता में डालने वाली है. अब पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच करेगी. इसमें कानून और सार्वजनिक सहानुभूति स्वाति के साथ है, राजनीतिक हालात उनके पक्ष में है, इसीलिए केजरीवाल की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं. दिल्ली में 25 मई को वोटिंग है. यही देखते हुए आज आम आदमी पार्टी ने इस मामले में बीजेपी को लपेटने की कोशिश की लेकिन इस मसले पर बीजेपी का भी काउंटर मिलेगा क्योंकि शनिवार को दिल्ली में नरेन्द्र मोदी की पहली रैली है और मोदी इस मसले पर क्या कहेंगे, ये देखने लायक होगा.

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SWATI MALIWAL : BIG PROBLEM FOR KEJRIWAL!

AKB30 Embattled Delhi chief minister Arvind Kejriwal’s PA Vibhav Kumar was arrested by Delhi Police on Saturday from the CM’s residence. He has been arrested on the basis of an FIR lodged and statement made under Sec 164 to a magistrate by AAP Rajya Sabha member Swati Maliwal. She had alleged that Vibhav Kumar kicked her in the chest, abdomen and lower parts, tore her clothes and slapped her on May 13, when went to the chief minister’s residence. On Friday, Delhi minister Atishi showed a video clip and made a sensational claim that it was BJP which sent Maliwal to create a drama at Kejriwal’s official residence. Two days ago, AAP MP Sanjay Singh had told media that Kejriwal’s PA had misbehaved with Swati, and the AAP supremo would take action against him. But now, Swati has alleged that Kejriwal is working under pressure from Vibhav Kumar because he has several deep secrets about the chief minister with him. This is the reason why the entire matter is sought to be given a twist. The entire drama took place at Kejriwal’s residence. Whatever happened with Swati was unfortunate, but it is difficult to understand what exactly happened on May 13 morning. Those in the know say that Sanjay Singh had persuaded Swati not to make the matter public and there was an agreement between the two a few days ago. Clearly, the AAP supremo never wanted to face electoral damage as Delhi goes to polls next week. Swati Maliwal put a condition: that Vibhav Kumar must be removed from his post so that he cannot control access of outsiders to the chief minister. Sanjay Singh made his remarks public as per the agreement, and Swati remained silent. But when she noticed the next day that Kejriwal had taken his PA Vibhav Kumar to Lucknow, she was furious. She called Delhi Police to her residence and gave her statement nailing Vibhav. Even at that point, she did not speak to the media nor did she make any public statement over the incident. But, on Friday, when Aam Aadmi Party released a cctv video, made a counter-attack on Swati Maliwal and posted a tweet making its aims clear, Swati came out in public. It was Atishi who alleged that Swati was in cahoots with BJP to level charges against Kejriwal’s PA. Swati retorted and said that Aap Aadmi Party has surrendered because of “pressure” from Vibhav Kumar. She alleged that the entire party machinery has been used to raise fingers at her character. The entire sequence of events is astonishing and worrying. Delhi Police will now have to probe the matter from every angle. Both the law and public opinion is with Swati. The political situation is also in her favour and Kejriwal’s worries may now multiply. Delhi goes to the polls on May 25. AAP has now started to drag BJP into its internal affair, and BJP is sure to launch a counter-attack. The ball is now in PM Narendra Modi’s court who will be addressing an election rally in Delhi on Sunday.

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खटाखट, खटाखट : मोदी और राहुल

akb full प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को साफ कहा कि 4 जून को “आएगा तो मोदी ही”. नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 4 जून को सिर्फ मोदी ही रह जाएगा, 4 जून के बाद इंडी एलायन्स खटाखट..खटाखट बिखर जाएगा. शहजादों की जोड़ी खटाखट छुट्टियां मनाने निकल जाएगी क्योंकि जनता खटाखटृ खटाखट बटन दबाकर विरोधियों को खटाखट बाहर कर देगी. राहुल गांधी आजकल अपनी हर रैली में कहते हैं कि 4 जून के बाद इंडी अलायन्स की सरकार बनेगी और 4 जुलाई को महिलाओं के अकाउंट में खटाखट, खटाखट पैसा ट्रांसफर होगा. इसीलिए मोदी ने उसी अंदाज में जवाब दिया. राहुल गांधी गुरुवार को घर पर थे, उन्होंने कोई रैली नहीं की, लेकिन वो और अखिलेश साथ साथ रैलियां कर रहे हैं. इसलिए मोदी ने यूपी में दो शहजादों की बात की. गुरुवार को अखिलेश ने लखनऊ में अरविन्द केजरीवाल के साथ प्रैस कॉन्फ्रैंस की. दोनों ने दावा किया कि 4 जून को बीजेपी की विदाई तय है. केजरीवाल ने बीजेपी को 220 और अखिलेश यादव ने बीजेपी को ज्यादा से ज्यादा 143 सीटें मिलने का दावा किया. केजरीवाल ने फिर कहा कि 4 जून के बाद योगी आदित्यनाथ की कुर्सी पर खतरा होगा, मोदी अगर जीते तो योगी मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे. इस पर योगी ने कहा कि ये केजरीवाल के जेल जाने का साइड इफेक्ट है, केजरीवाल को खुद अपनी कुर्सी की चिन्ता करनी चाहिए. गुरुवार को नरेन्द्र मोदी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़, जौनपुर, भदोही और प्रतापगढ़ में रैलियां की और हर रैली में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोला. मोदी ने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दो अलग-अलग पार्टियां हैं, लेकिन उनकी दुकान एक ही है, दोनों झूठ का सामान बेचते हैं.. मोदी ने कहा कि बीजेपी के पक्ष में जो माहौल है, उसे देखकर शहजादों के पेट में दर्द हो रहा है, उन्हें अपनी दुकान की फिक्र है. मोदी ने चार जून को लेकर भविष्यवाणी इसलिए की क्योंकि विरोधी दलों के नेता लगातार 4 जून को बीजेपी की विदाई की भविष्यवाणी कर रहे हैं.. लखनऊ में मल्लिकार्जुन खरगे और अखिलेश ने बुधवार को दावा किया था, गुरुवार को केजरीवाल और अखिलेश ने ये दावा किया. ये तो मैंने आपको कल ही बता दिया था कि भविष्यवाणी सच होने के मामले में किसका रिकॉर्ड कैसा है. सबूत के साथ, तारीख, महीना और साल समेत सब के बयान बता दिए थे. इसलिए ये तो साबित हो चुका है कि 2014 से लेकर अब तक चुनाव नतीजों के बारे में, सियासी चालों के बारे में नरेन्द्र मोदी की भविष्यवाणी हमेशा सही साबित हुई. प्रियंका गांधी कह रही थी कि मोदी अपने वादों से पलट जाते हैं, इसलिए जनता उन पर यकीन नहीं करेगी. तो इसकी हकीकत भी 4 जून को सामने आ जाएगी. जहां तक केजरीवाल के इस दावे का सवाल है कि मोदी अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं, 4 जून को अगर बीजेपी जीती, तो मोदी योगी को हटा देंगें, ऐसी बातें सुनकर सिर्फ हंसा जा सकता है क्योंकि राजनीति में इस तरह की बयानबाजी विरोधियों का आखिरी हथियार होता है. केजरीवाल बहुत चालाक हैं, लेकिन जनता उनसे ज्यादा चतुर है. सब इस बात को समझते हैं कि चूंकि विरोधी दल मोदी की लोकप्रियता से घबराने लगे हैं, वो जानते हैं कि मोदी का मुकाबला नहीं कर सकते, योगी भी लोकप्रिय हैं, इसलिए योगी के जाने और मोदी की जगह अमित शाह के आने का डर दिखाओ, पब्लिक को कन्फ्यूज करो, जिससे थोड़ा बहुत फायदा अगर हो सकता है, तो हो जाए. लेकिन मुझे लगता है कि ये पुराना फॉर्मूला है. जनता इसके बहकावे में नहीं आएगी. इसीलिए गुरुवार को मोदी ने कहा कि आएगा तो मोदी ही और सिर्फ इतना ही नहीं कहा, ये भी बता दिया कि यूपी में योगी ने बहुत काम किया है, समाजवादी पार्टी के राज में “वन डिस्ट्रिक्ट,वन माफिया” का फॉर्मूला चलता था, उसे बदल कर योगी ने “वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट” का फॉर्मूला लागू कर दिया है इसलिए यूपी में योगी के मुकाबले कोई नहीं.

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‘KHATAKHAT’, ‘KHATAKHAT’ : MODI AND RAHUL

AKB Prime Minister Narendra Modi on Thursday mocked Congress leader Rahul Gandhi’s “khatakhat” remark and told a Pratapgarh rally in Uttar Pradesh that the Congress-led INDIA bloc will disintegrate “khatakhat” (very fast) after the poll results are out of June 4. Modi also said, after June 4, the shehzadas (referring to Rahul Gandhi and Akhilesh Yadav) will also leave India “khatakhat” (in a jiffy). Modi said: “They have lost from Amethi, and will lose from Rae Bareli too. After June 4, INDI alliance will disintegrate khatakhat, the shehzade (princes) will leave for summer vacation abroad. I have information that they have booked their air tickets.” Rahul Gandhi in his election rallies has been telling voters that after June 4, when INDIA bloc will come to power, Rs 1 lakh (Rs 8500 per month) will be deposited in the bank account of each woman belonging to every poor household in India every year, “khatakhat”(in a second). He had said, the money will be sent to their accounts every month “khatakhat”. It was this “khatakhat” remark of Rahul, which Prime Minister Modi was mocking on Thursday. Rahul Gandhi took rest on Thursday and did not address any poll rally, but since Rahul and Akhilesh have been addressing joint rallies in UP (in Kannauj and Jhansi), Modi spoke about the two “shehzade”(princes). On Thursday, Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav addressed a press meet in Lucknow with AAP convenor Arvind Kejriwal. Both leaders claimed that BJP will be dislodged from power on June 4. Kejriwal predicted BJP will win 220 seats this time, while Akhilesh Yadav said, BJP will win a maximum number of 143 seats only. Kejriwal also hinted that CM Yogi Adityanath’s government will be in danger after June 4 if Modi wins. The Prime Minister spoke about June 4 counting day because opposition leaders have been consistently telling crowds that BJP will be dislodged from power after results are out on June 4. UP chief minister Yogi Adityanath responded to Kejriwal’s remarks, by saying he seemed to have lost his mental balance after coming out of jail. “This could be the side-effect of staying inside jail”, Yogi said. The UP CM said, Kejriwal was deliberately trying to create confusion by saying that Yogi would lose his seat if Modi wins. The UP CM said, “I am a yogi, I do not lust for power. For me, the nation and Sanatan dharma is supreme, for which I am ready to sacrifice everything, even my chief minister post. Kejriwal should worry about his own CM seat.” I have also written in my blog yesterday about how predictions of oppositions leaders proved wrong in 2019. I cited dates when these leaders made their predictions five years ago. Their predictions were later proved wrong. I cited the predictions of Narendra Modi and Amit Shah in 2019, which were found to be correct. Congress leader Priyanka Gandhi has been alleging in her meetings that Modi always backtracks from his own promises and people would not trust him anymore. This assessment will also be proved right or wrong, on June 4. As far as Kejriwal’s prediction that Yogi may be axed if Modi wins on June 4, is concerned, one can only laugh over such speculation. Kejriwal is a clever politician, but the people of India are cleverer than him. Many of the voters have now realized that since opposition leaders are afraid of Modi’s popularity, they know they cannot take on Modi directly, and that is why they are creating fresh bogeys about Amit Shah and Yogi. Their aim is to create confusion among voters, but people are not going to fall into their trap. Modi continues to tell his voters that “Aayega Toh Modi Hi”, and he also praises Yogi. Modi said, during Samajwadi Party’s rule, there was the formula of ‘one district, one mafia’, but under Yogi’s rule, a new industrial policy of ‘one district, one product’ has been launched. Naturally, Yogi has no serious competition in UP.

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विरोधी दलों के जीत के दावों का सच

AKB30 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि 4 जून को जनता का फैसला क्या होगा, ये साफ दिखाई देने लगा है. कांग्रेस या किसी विरोधी दल को इतनी सीटें भी नहीं मिलेंगी कि लोकसभा में विरोधी दल के नेता की मान्यता के लिए आवश्यक सीटें (55) मिल सकें. मोदी ने कहा कि ये बात विरोधी दलों के नेता समझ गए हैं, इसीलिए अब छोटी-छोटी पार्टियों का कांग्रेस में विलय करने की सलाह दी गई है जिससे कम से कम विपक्ष की मान्यता तो मिल सके. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि 4 जून को बीजेपी की विदाई तय है, सरकार INDIA गठबंधन की बनेगी, वो शर्त लगा सकते हैं कि बीजेपी को 400 तो दूर, 200 सीटें भी नहीं मिलेंगी. अखिलेश यादव ने कहा कि 200 तो बड़ी बात है, बीजेपी 140 का आंकड़ा पार करने को भी तरसेगी. ममता बनर्जी ने भी यही बात कही. उन्होंने तो गिना भी दिया कि बीजेपी की सीटें कहां- कहां कम हो रही हैं, किन-किन राज्यों में बीजेपी हारने वाली है. अरविन्द केजरीवाल ने भी ऐलान कर दिया कि अब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, बीजेपी हारेगी. राहुल गांधी ने तो 4 जून को सरकार बनने के बाद सबसे पहला फैसला कौन सा होगा, इसका ऐलान भी कर दिया. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राहुल गलतफहमी में हैं. 4 जून तो क्या, भविष्य में भी कभी कांग्रेस की सरकार नहीं बनेगी. मोदी के नाम की लहर नहीं, सुनामी है. अमित शाह ने दावा किया कि पहले 4 चरणों में सरकार बनाने लायक सीटें (272 से ज़्यादा) तो मिल ही चुकी हैं, बचे हुए तीन चरणों में हम 400 पार करेंगे. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ये भी बता दिया कि NDA को चार सौं सीटें क्यों चाहिए. उन्होंने कहा कि जब 300 से ज्यादा सीटें जीतने के बाद अयोध्या में राम मंदिर बन गया, तो 400 से ज्यादा सीटें जीतने के बाद, ज्ञानवापी मस्जिद पर काशी विश्वनाथ मंदिर बनेगा और मथुरा की ईदगाह मस्जिद पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर बनेगा. विरोधी दलों के सारे नेता ज़ोर- ज़ोर से कह रहे हैं कि इस बार मोदी हार जाएंगे और जब वो इतने आत्मविश्वास से बोलते हैं तो कभी कभी लगता है कि इन दावों में कुछ तो दम होगा. लेकिन अगर हम पांच साल पहले किए गए दोनों तरफ के दावों की तुलना करें तो समझ में आ जाएगा कि विरोधी नेताओं के जीत के दावे कितने बचकाने हैं. ये मैं आपको सबूत समेत बताता हूं. पांच साल पहले 2019 के चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी जी घबराए हुए हैं, बीजेपी बुरी तरह हारने वाली है. हुआ उल्टा. कांग्रेस बुरी तरह हार गई. मैं आपको एक एक डेट गिनवा सकता हूं. 12 मई 2019 को वोट डालने के बाद राहुल गांधी ने कहा था – ‘ये चुनाव नोट बंदी, किसानों की समस्या, गब्बर सिंह टैक्स और राफेल में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर लड़ा जा रहा है, चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने नफरत का इस्तेमाल किया और हमने प्यार का इस्तेमाल किया और 23 मई को प्यार जीतेगा. बीजेपी हारेगी.’ हुआ उल्टा. राहुल हार गए. अमेठी की सीट भी हाथ से गई. 17 मई 2019 को खरगौन की रैली में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अबकी बार 300 पार होगा और फिर NDA सरकार ही बनेगी. वही हुआ. अमित शाह के तो कई बयान हैं. 15 मई 2019 को अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी बंगाल में 23 सीटे जीतेगी. ममता बनर्जी ने 13 मार्च 2019 को दावा किया था कि बीजेपी को बंगाल में एक भी सीट नहीं मिलेगी, तृणमूल कांग्रेस बंगाल में क्लीन स्वीप करेगी. ममता गलत साबित हुई. बीजेपी 18 सीटें जीती और ममता की पार्टी 38 से 22 पर आ गई. अमित शाह सही साबित हुए. इसी तरह ममता ने ये भी कहा था कि देश में बीजेपी को 100 सीटें भी नहीं मिलेगी. उसके जवाब में 17 मई 2019 के अमित शाह ने कहा कि बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी, नरेन्द्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. अमित शाह फिर एक बार सही साबित हुए. अब मैं आपको अखिलेश यादव के दावे के बारे में बताता हूं. 20 मार्च 2019 को अखिलेश ने कहा था लोकसभा चुनाव में बीजेपी यूपी की सभी 80 सीटें हार जाएगी लेकिन जब नतीजे आए, तो NDA को कुल 80 में से 64 सीटें मिलीं और अखिलेश यादव की पार्टी को सिर्फ पांच सीटें मिलीं, बीएसपी को दस, कांग्रेस को एक. इसलिए अगर सिर्फ दावों की बात की जाए तो विरोधी दलों के दावे बिलकुल गलत साबित हुए हैं. लेकिन मोदी इस बात की ज्यादा परवाह नहीं करते कि उनकी पार्टी जीत की तरफ बढ़ रही है. वो हर हालत में मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ते और हर रोज विरोधी दलों को मुश्किल में डालने वाला एक नया मुद्दा उठा देते हैं. बुधवार की शाम को मोदी ने मुंबई में एक रोड शो निकाला जिसमें हज़ारों मुंबईकरों ने उनका स्वागत किया.

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TRUTH BEHIND OPPOSITION CLAIMS OF MODI’S DEFEAT

AKB30 With less than 20 days left for Counting Day on June 4, the numbers game has already begun among top politicians. Prime Minister Narendra Modi on Wednesday said that the June 4 verdict seems to be quite clear. He said, neither the Congress nor any opposition party can muster enough strength to lay claim to the post of Leader of Opposition (55 seats). Modi said, opposition leaders have realized this and that is why there is proposal to merge some parties in Congress. Meanwhile, Congress President Mallikarjun Kharge on Wednesday emphatically said, Modi-led NDA will lose on June 4 and INDIA alliance will form the government. Kharge said, he is ready to place a wager that BJP would not even win 200 seats this time, forget crossing the threshhold of 400 seats. Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav said, 200 seemed to be a figure on the higher side and BJP will struggle to win more than 140 seats. Trinamool Congress chief Mamata Banerjee named the states where BJP is going to lose badly, while AAP convenor Arvind Kejriwal declared that BJP would lose this time and Modi would not become the PM again. Congress leader Rahul Gandhi went to the extent of even announcing major policy measures that would be taken after June 4 when INDIA bloc will form the government. UP chief minister Yogi Adityanath said, Rahul Gandhi seems to be living in a dream world. Yogi said, “forget June 4, Congress will never form any government at the Centre in future”. He predicted a Modi ‘tsunami’ in this election. Home Minister Amit Shah claimed that NDA has already “won” the required number of seats for majority (272) after the fourth phase of polling, and in the next three phases, it will surely cross 400. Assam chief minister Himanta Biswa Sarma explained why NDA needed 400 seats. Sarma said, with 300 seats, Ram temple was built in Ayodhya, and after winning more than 400 seats, Kashi Vishwanath temple will be built at Gyanpavi mosque, and Krishna Janmabhoomi temple will come up at Mathura Eidgah. When top opposition leaders, with confidence, say that Modi would lose this time, one starts wondering there must be some substance in their claims. One should compare their present claims with what they claimed five years ago in 2019, when LS results were yet to be announced. Only then can one realize the foolishness of their claims. Here are some proofs: On May 12, 2019, after casting his vote, Rahul Gandhi said “BJP will lose on May 23, because of Gabbar Singh Tax (GST), Rafale aircraft deal and demonetization”. He was not only proved wrong, but he also lost his own Amethi seat to Smriti Irani. On May 17, 2019 at his Khargone rally, Narendra Modi claimed that BJP would cross 300 and NDA would form government. That is what exactly happened. There are several statements of Amit Shah five years ago. On May 15, 2019, Amit Shah said, BJP would win 23 seats in Bengal. Two days earlier, Mamata Banerjee had claimed that BJP would not win a single seat in her state and her party would make a clean sweep. Mamata was proved wrong. BJP won 18 LS seats in Bengal and Trinamool’s LS tally declined from 38 to 22. Amit Shah was proved right. Five years ago, Mamata Banerjee had forecasted that BJP would not even win 100 LS seats. On May 17, 2019, Amit Shah claimed, BJP would win more than 300 seats and Modi would again become Prime Minister. Amit Shah was proved correct. On March 20, 2019, Akhilesh Yadav had claimed that BJP would lose all 80 LS seats in Uttar Pradesh, but when the results came, BJP and its allies won 64 seats. Akhilesh’s Samajwadi Party won only five seats and its then ally BSP won 10 seats. Congress won the solitary Rae Bareli seat. Most of the claims of opposition leaders were proved wrong five years ago. Narendra Modi is still unfazed and he is carrying on with his whirlwind tours, taking out roadshows and addressing rallies. On Wednesday late evening, thousands of Mumbaikars came out on the streets of the city to watch Modi taking out his road show.

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गांधी-नेहरू परिवार अमेठी, राय बरेली के लिए इतनी बेताब क्यों है?

AKB30 मंगलवार को पुष्य नक्षत्र के योग में वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना नामांकन पत्र पेश किया. इस मौके पर बीजेपी और सहयोगी दलों के तमाम बड़े नेता और कई मुख्यमंत्री मौजूद थे. उत्तर प्रदेश में इस वक्त चुनाव प्रचार पूरे शबाब पर है. दोनों खेमों के नेता धुआंधार प्रचार कर रहे हैं. मंगलवार को जे पी नड्डा और योगी आदित्यनाथ ने अमेठी में प्रचार किया, जबकि राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने झांसी में साझा रैली को संबोधित किया. विरोधी दलों के नेता कह रहे हैं कि मोदी हवा हवाई बातें करते हैं, जनता को बहलाते हैं, उनका गरीबों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों से कोई लेना-देना नहीं हैं, मोदी सिर्फ अमीरों के बारे में सोचते हैं और सिर्फ अमीरों के लिए काम करते हैं. मंगलवार को अमेठी में प्रियंका गांधी ने यही कहा. प्रियंका ने अमेठी में कांग्रेस के उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा के लिए जगदीशपुर, तिलोई और गौरीगंज में 7 चुनाव सभाएं की. हर सभा में प्रियंका ने अमेठी के साथ अपने परिवार के रिश्तों की याद दिलाई, स्वर्गीय राजीव गांधी के वक्त हुए कामों को गिनाय और फिर बात नरेन्द्र मोदी पर आईं. प्रियंका गांधी ने कहा कि मोदी जनता से दूर हो गए हैं, दूर से रोड-शो करके लोगों को दर्शन देते हैं लेकिन उनकी तकलीफ से मोदी का कोई सरोकार नहीं. प्रियंका ने मोदी के भाषणों का जिक्र किया, कहा कि इस चुनाव में मोदी अपने काम के आधार पर नहीं, धर्म के आधार पर वोट मांग रहे हैं, हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं, कांग्रेस के बारे में झूठा प्रचार कर रहे हैं. प्रियंका गांधी ने कहा कि मोदी से पहले का कोई प्रधानमंत्री इस स्तर तक नहीं गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मंगलवार को अमेठी में थे. चूंकि प्रियंका ने मोदी के रोड शो को लेकर निशाना साधा तो योगी ने तुरंत जबाव दिया, कहा, प्रियंका जिन राजीव गांधी के नाम पर अमेठी में वोट मांग रही हैं, मोदी के काम से राजीव गांधी के काम की तुलना कर रही हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि एक प्रधानमंत्री मोदी हैं जिन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र काशी की सूरत बदल दी, विकास के इतने काम किए कि लोग पांच घंटे तक उन्हें देखने के लिए सड़कों पर खड़े रहे. दूसरी तरफ राजीव गांधी थे जिन्होंने अमेठी के विकास के लिए कुछ नहीं किया. फिर राहुल गांधी को मौका मिला, लेकिन कोई काम नहीं हुआ, इसीलिए अब शहजादे को अमेठी छोड़कर भागना पड़ा. प्रियंका ने अपनी हर सभा में अमेठी के लोगों को याद दिलाया कि पिछली बार उन्होंने राहुल को हराया था, लेकिन इससे क्या हासिल हुआ? प्रियंका ने कहा कि स्मृति ईरानी अमेठी के लोगों की सेवा के लिए यहां नहीं आईं थी बल्कि उनका मकसद राहुल को हराकर अपनी राजनीति चमकाना था, झूठ बोलकर स्मृति अपने मकसद में कामयाब हो गईं, लेकिन इससे नुकसान तो अमेठी के लोगों का हुआ. इसलिए अमेठी के लोग इस बार पुरानी गलती नहीं दोहराएं. इस मुद्दे पर भी योगी ने प्रियंका गांधी को जवाब दिया. योगी ने कहा कि राहुल गांधी किसी काम के नहीं है. उनका कोई विज़न (दूरदृष्टि) नहीं है. योगी ने कहा कि पिछले 5 साल में स्मृति ईरानी इतनी बार अमेठी आई हैं, उन्होंने इतना काम किया, जितना गांधी परिवार के सारे सांसदों ने मिलकर नहीं किया. अमेठी सीट बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है, इसीलिए प्रियंका गांधी वहां लगातार प्रचार कर रही हैं. मल्लिकार्जुन खरगे बुधवार को अमेठी जाएंगे.. चूंकि इस बार राहुल गांधी ने अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ना बेहतर समझा, अमेठी से कांग्रेस ने के. एल. शर्मा को मैदान में उतारा है, प्रियंका उनके लिए प्रचार कर रही हैं. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ड्यूटी अमेठी में लगाई गई है. उनकी टीम अमेठी में डेरा डाले हुए हैं. इसके बाद भी कांग्रेस के नेताओं को लग रहा है कि अमेठी में तो चुनाव मुश्किल है ही,रायबरेली भी सुरक्षित नहीं है. इसीलिए प्रियंका गांधी का फोकस फिलहाल रायबरेली पर ज्यादा है. वो अमेठी आती जाती रहती हैं, लेकिन रायबरेली में लगातार रह रही हैं और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डयूटी वहां लगाई गई है. बीजेपी के नेता लगातार ये कह रहे हैं कि राहुल को वायनाड में हार का डर है. इसीलिए वोटिंग के बाद भागकर रायबरेली आए हैं .रायबरेली में बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है. मंगलवार को दिनेश प्रताप सिंह ने सोनिया गांधी, प्रियंका , राहुल गांधी को नकली गांधी बता दिया. दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि ये लोग गांधी सरनेम सिर्फ वोट के चक्कर में लगाते हैं, राहुल-प्रियंका अपनी रैलियों में नेहरू, इंदिरा, राजीव का नाम तो लेते हैं, लेकिन फिरोज गांधी का नाम नहीं लेते. राहुल गांधी के लिए कैंपेन करते वक्त प्रियंका गांधी खानदानी विरासत की बात करती है, रायबरेली के साथ परिवार के पुराने रिश्तों की दुहाई देती हैं. सोमवार को राहुल गांधी ने भी रायबरेली में कहा कि उनके परिवार का रायबरेली से सौ साल पुराना रिश्ता है. इसके बाद मंगलवार शाम को राहुल गांधी ने सोनिया गांधी के साथ अपना एक वीडियो शेयर किया. राहुल और सोनिया इस वीडियो में अमेठी और रायबरेली से अपने पारिवारिक जुड़ाव की चर्चा कर रहे हैं. ये बता रहे हैं कि उनके परिवार ने अमेठी-रायबरेली के लिए क्या क्या किया. किस तरह से ये दोनों इलाके उनके परिवार के साथ पीढ़ियों से जुड़े रहे हैं. इस वीडियो में नेहरु, इंदिरा, राजीव की बात तो हो ही रही है, पहली बार फिरोज गांधी के रायबरेली से रिश्ते के बारे में भी सोनिया राहुल को बताते हुई नज़र आ रही हैं. कांग्रेस के लिए यूपी में इस बार अस्तित्व बचाने का चुनाव है. 2014 के चुनाव में सिर्फ अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस ने जीती थी. 2019 में अमेठी से राहुल गांधी स्मृति ईरानी से हार गए. सिर्फ सोनिया गांधी रायबरेली से जीतीं , यानि 2019 में यूपी में कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट रह गई. इस बार सोनिया गांधी भी चुनाव नहीं लड़ रही हैं. रायबरेली से राहुल मैदान में हैं और अमेठी से के एल शर्मा. अगर ये दोनों सीटें खतरे में पड़ीं तो यूपी कांग्रेस मुक्त हो जाएगा. बीजेपी इसी लक्ष्य को ले कर चल रही है. और गांधी नेहरु परिवार इसी बात से डरा हुआ है. इसीलिए अब चुनाव के दौरान जज़्बाती बातें हो रही हैं, विरासत और खानदानी रिश्तों का जिक्र हो रहा है.राहुल गांधी को उम्मीद है कि यूपी में अखिलेश यादव का साथ मिलने से कांग्रेस को आक्सीजन मिल सकती है.

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WHY GANDHI-NEHRU FAMILY IS SO KEEN ON AMETHI, RAE BARELI?

AKB30 Poll fever has gripped Uttar Pradesh, with Prime Minister Narendra Modi filing his nomination in Varanasi on Tuesday in the presence of nearly 20 top leaders, including chief ministers and chiefs of allied parties. BJP president J P Nadda, UP chief minister Yogi Adityanath and Congress leader Priyanka Gandhi campaigned in Amethi, while Akhilesh Yadav and Rahul Gandhi jointly addressed an election rally in Jhansi. In Amethi, Priyanka Gandhi alleged that Prime Minister Modi is seeking votes not for his performance, but in the name of religion. She was campaigning for her party candidate Kishori Lal Sharma, who is taking on Union Minister Smriti Irani. Addressing seven public meetings in Jagdishpur, Tiloi and Gauriganj, Priyanka reminded Amethi voters about the decades-old link of her family with this constituency. She alleged that PM Modi is trying to mislead the people in the name of religion. Priyanka listed out the work done by her father Late Rajiv Gandhi in Amethi and alleged that PM Modi has cut himself off from the common man and was only busy taking out road shows and waving to peoplefrom a distance. Priyanka alleged that for the first time a Prime Minister has stooped to a low level in political discourse. UP CM Yogi Adityanath responded to Priyanka’s allegations Yogi said, here is a PM who has changed the face of Varanasi by carrying out major development work and his performance was being compared with Rajiv Gandhi’s. Yogi told voters how people in Varanasi waited for five hours on both sides of the road to welcome Modi when he took out his road show. On the other hand, Yogi alleged that Late Rajiv Gandhi did nothing big for Amethi, and because of this the shehzade (prince) had to run away from the constituency to Kerala. Priyanka Gandhi alleged that Union Minister Smriti Irani did nothing great for the people of Amethi and her sole aim was to raise her political status after defeating Rahul Gandhi. She told Amethi voters not to commit the same mistake again. Responding to this, Yogi said, Rahul Gandhi lacked vision and he has been a failure as a people’s representative. Yogi said, while Smriti Irani regularly visited Amethi several times during the last five years, not a single member of Gandhi family visited the constituency in the last five years. The battle in Amethi is a matter of prestige, both for BJP and Congress, and this is the reason why Priyanka Gandhi is focusing on this constituency. Congress President Mallikarjun Kharge will visit Amethi on Wednesday. Former Rajasthan CM Ashok Gehlot has been given the charge in Amethi to finetune the electoral process for the party. Gehlot and his team have set up camps in Amethi, but local Congress leaders feel that it is an uphill battle for them. Some of these leaders say, even Rae Bareli, from where Rahul Gandhi is contesting, is not safe any more. Former Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel has been given the charge to look after the Congress campaign in Rae Bareli, where BJP has fielded Dinesh Pratap Singh. On Tuesday, the BJP candidate Dinesh Pratap Singh described Sonia, Priyanka and Rahul as “fake Gandhis”. He said, the family has taken Gandhi surname only to fool voters and grab votes. In Rae Bareli, Rahul Gandhi told an election meeting on Monday that his family had a nearly century-old connection with this area, when Pandit Jawaharlal Nehru led the farmers’ movement of Awadh during British rule. On Tuesday evening, Rahul Gandhi shared a video with his mother Sonia, where both the leaders describe their family’s deep connections with both Amethi and Rae Bareli. They also mentioned the major projects that were undertaken in both these constituencies. The mother-son duo also reminded people of what Pandit Nehru, Indira and Rajiv Gandhi did for Amethi and Rae Bareli. Sonia also mentioned how Feroze Gandhi was elected to Parliament from Rae Bareli in 1952 and 1957. Congress is now fighting the battle for its existence in Uttar Pradesh. In 2014, the party won only two LS seats – Amethi and Rae Bareli. In 2019, Rahul lost to Smriti Irani by more than 50,000 votes and only Sonia Gandhi retained her Rae Bareli seat. This time, Sonia is not contesting due to poor health and she has opted to get elected to Rajya Sabha from Rajasthan. Under these circumstances, the Congress is fighting in both Amethi and Rae Bareli with its back to the wall. Old family associate K L Sharma has been fielded from Amethi, after Rahul opted to contest from Rae Bareli. If the party loses both LS seats, UP will become “Congress-Mukt”. BJP is working towards achieving this objective and the Gandhi-Nehru family is very much wary of losing both the seats. Emotional talk about heritage and family relationships are, therefore, being made by Congress leaders in their rallies. Rahul Gandhi, on his part, is hopeful of Congress getting the required oxygen from his ally Akhilesh Yadav.

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लालू, तेजस्वी अस्वस्थ : क्या इससे RJD के प्रचार पर असर पड़ेगा?

AKB30 सोमवार शाम को वाराणसी पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में सारण, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में रैलियां की. मोदी की पहली रैली हाजीपुर में हुई. हाजीपुर सीट की पहचान पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान से होती थी. पासवान इस सीट से 8 बार चुनाव जीते थे लेकिन उनके निधन के बाद उनके भाई पशुपति पारस यहां से सांसद बने लेकिन इस बार हाजीपुर से पासवान के बेटे चिराग पासवान चुनाव मैदान में हैं. मोदी ने हाजीपुर की रैली में कांग्रेस और RJD पर निशाना साधा और कहा कि RJD और कांग्रेस का सबसे बड़ा हथियार है तुष्टिकरण. उन्हें बिहार की जनता की नहीं, सिर्फ अपने वोटबैंक की फिक्र है,इसीलिए वो दलितों, आदिवासियों और ओबीसी का आरक्षण कोटा छीनकर मुसलमानों को देना चाहते हैं लेकिन मोदी के रहते ऐसा कभी नहीं होगा. मोदी की तीसरी रैली सारण में थी.सारण वो सीट है, जहां से खुद लालू यादव 4 बार सांसद रहे हैं. उनकी पत्नी राबड़ी देवी यहां से चुनाव जीत चुकी हैं और इस बार लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य अपना पहला चुनाव सारण से लड़ रही हैं. रोहिणी आचार्य के खिलाफ बीजेपी से राजीव प्रताप रूडी चुनावी मैदान में हैं. रूड़ी भी यहां से 4 बार चुनाव जीत चुके हैं. 2014 में उन्होंने राबड़ी देवी को हराया था और पिछली बार उन्होंने लालू यादव के समधी चंद्रिका राय को शिकस्त दी थी.इस बार रूडी का मुकाबला लालू की बेटी रोहिणी आचार्य से है. इसलिए मोदी ने आज यहां सीधे-सीधे RJD पर निशाना साधा. मोदी ने कहा कि आरजेडी ने बिहार का क्या हाल किया, ये किसी से छिपा नहीं है. उनका रिपोर्ट कार्ड सब के सामने है, उन्हें उसी पर वोट मांगना चाहिए, नीतीश कुमार के काम पर नहीं. मुजफ्फरपुर की रैली में मोदी ने जंगलराज से लेकर नक्सलवाद तक के मुद्दे उठाए. कहा, कि जिस पार्टी ने बिहार में जंगलराज चलाया, उसे बिहार के लोग कभी वापस नहीं आने देंगे, यही वजह है कि आरजेडी और कांग्रेस के लोग डरे हुए हैं, बहकी-बहकी बातें कर रहे हैं. सोमवार को पाटलिपुत्र लोकसभा सीट के लिए लालू यादव की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती ने अपना नामांकन पत्र पेश किया. मीसा भारती तीसरी बार पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ रही हैं. वह 2014 और 2019 के चुनाव में BJP के रामकृपाल यादव से हार चुकी हैं. इस बार फिर मीसा भारती का मुक़ाबला, रामकृपाल यादव से है . रामकृपाल यादव एक ज़माने में लालू यादव के बेहद क़रीबी हुआ करते थे लेकिन 2014 में वह RJD छोड़कर BJP में चले गए. मीसा भारती ने घर में पूजा पाठ के बाद पूरे परिवार के साथ नामांकन पेश करने पहुंचीं. मीसा भारती के साथ उनके भाई तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव, पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी भी मौजूद थीं… नामांकन पेश करने के बाद मीसा भारती ने कहा कि मोदी हमेशा हवा में ही उड़ते रहते थे… लेकिन इस बार तेजस्वी यादव ने ऐसी चुनौती दी है कि मोदी को पटना की सड़कों पर उतरकर रोड शो करना पड़ा. बाद में मीसा भारती परिवारजनों के साथ श्रीकृष्ण सिन्हा मेमोरियल हॉल पहुंचीं जहां पार्टी के नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. लालू ने कहा कि इस बार नरेंद्र मोदी के साथ साथ नीतीश कुमार की भी विदाई हो जाएगी. लालू ने कहा – “नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार कल और आज दिन भर यहां RJD पर प्रहार करते रहे. लेकिन इनके प्रहार की मैं परवाह नहीं करता. नरेंद्र मोदी इस बार जा रहे हैं. पक्का जा रहे हैं. इनको बढ़िया से विदाई करना है. भेज देना है. एक जो नीतीश कुमार का हाल है. नीतीश कुमार का ऐसा ही हाल है कि जिधर देखा दही चूड़ा उधर की तरफ़ ही लुढ़क लिए. नीतीश कुमार का यही हाल है. नीतीश कुमार अब दोबारा सत्ता में आने वाले नहीं हैं. बीजेपी के साथ उनको भी जाना है. डबल विदाई होगी.” वैसे इस सभा में तब विवाद पैदा हो गया जब लालू के दूसरे बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने पीछे खड़े पार्टी के एक कार्यकर्ता को धक्का देकर नीचे गिरा दिया. बाद में तेज प्रताप ने कहा कि उनके हाथ में चोट लगी थी, पट्टी बंधी हुई थी और उस कार्यकर्ता के धक्के से उन्हें दर्द हुआ. इसी वजह से उन्होंने उसे पीछे धकेला. तेज प्रताप ने हाथ में पट्टी बांधे हुए अपनी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की. तेज प्रताप यादव पहले भी परिवार के लिए परेशानी का सबब बन चुके हैं लेकिन कोई उन्हें ज्यादा गंभीरता से नहीं लेता लेकिन इस चुनाव में लालू यादव के परिवार की मुश्किलें काफी हैं. लालू यादव पार्टी के सबसे बड़े स्टार हैं लेकिन स्वास्थ्य के कारण उनकी गतिविधियां सीमित है. उन्हें बहुत सारी चीजों का परहेज़ करना पड़ता है. तेजस्वी यादव जबरदस्त कैंपेन कर रहे थे, उनकी पब्लिक मीटिंग्स में जोश भी था, भीड़ भी थी लेकिन पिछले कुछ दिन से वो कमर के दर्द से परेशान हैं. कमर में बेल्ट बांधकर कैंपेन कर रहे हैं..वो भी अब खुल कर घूम फिर नहीं सकते. मीसा और रोहिणी अपने चुनावक्षेत्रों में व्यस्त हैं. इसीलिए RJD के दूसरे उम्मीदवार काफी परेशान है .लालू और तेजस्वी की गैरमौजूदगी के कारण उनके पास कोई स्टार कैंपेनर नहीं है..

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LALU, TEJASHWI AILING : WILL IT DAMPEN RJD CAMPAIGN?

AKB30 With his ailing father Lalu Prasad Yadav restricting his movements under medical advice, Rashtriya Janata Dal leader Tejashwi Yadav has been suffering from low back pain for the last ten days. Both the sisters, Misa Bharti and Rohini Acharya are busy campaigning in their constituencies Patliputra and Saran respectively, and the regional party is now facing acute shortage of star campaigners. In the BJP camp, Prime Minister Narendra Modi, along with his other star campaigners, has launched a no-holds-barred campaign against RJD in Bihar. On Monday, Modi flew from Patna to address rallies in Saran, Muzaffarpur and Hajipur, and landed in Varanasi late in the evening to take out a huge road show. In Hajipur, which has elected Late Ramvilas Paswan eight times to Lok Sabha, Paswan’s son Chirag Paswan is the contestant this time. In his rally, Modi targeted RJD and Congress by alleging that both the parties have been trying to “appease” Muslims by promising reservation. In Saran, from where Lalu won four times to Lok Sabha, his daughter Rohini is facing BJP’s Rajiv Pratap Rudy. Rudy has won this seat four times and in 2014, Rudy defeated Lalu’s wife Rabri Devi. In 2019, Rudy defeated Lalu’s ‘samadhi’ (in-law) Chandrika Rai. On Monday, Modi told Saran voters to vote for his government’s performance. In Muzaffarpur rally, Modi reminded voters of the dark days of “jungle raj in Bihar” during the Nineties. On Monday, Lalu’s daughter Misa Bharti filed her nomination from Patliputra constituency. This is her third attempt. She lost LS elections in 2014 and 2019 to BJP’s Ram Kripal Yadav, who, during the Nineties, used to be a close confidante of Lalu Prasad and joined BJP in 2014. After filing her nomination, Misa Bharti, alongwith her father, brothers and other party leaders, went to Srikrishna Sinha Memorial Hall, where Lalu addressed party workers. Lalu Prasad Yadav said, both Modi and Bihar CM Nitish Kumar will have to make their exit this time. “I don’t bother what charges Modi levels against me. Narendra Modi is losing this time, ‘pucca ja rahe hain’. We have to give him a grand farewell and dispatch him. Nitish Kumar is also going to meet the same fate. He is not going to return to power. This will be a double farewell”, the RJD patriarch said. Tejashwi Yadav said, “Modi Ji may call me a shehzada, but Modi himself is a Pirzada (head of family). Modi will have to tell what he did for Bihar in the last ten years”. There was a small fracas during the meeting, when Lalu’s other son Tej Pratap Yadav pushed a party worker standing behind him, and later complained that he was hurting his bandaged hand. Tej Pratap Yadav has been an embarassment for the family earlier too. Nobody takes him seriously, but Lalu’s family is facing problems this time. Lalu Yadav is the most popular star campaigner of the party, but his poor health does not permit him to move around. He has to avoid too many things too, on medical grounds. Tejashwi Yadav has been campaigning across Bihar forcefully, and huge crowds attended his rallies. But, for the last 10 days, Tejashwi is suffering from severe low back pain. He is attending rallies by moving around with a waist belt. Tejashwi is unable to move around freely. The party is now short of star campaigners. Lalu’s and Tejashwi’s absence can cost the party dearly.

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