Rajat Sharma

श्रद्धा की हत्या पूर्व नियोजित थी, चिट्ठी ने खोली आफताब की पोल

akbश्रद्धा वॉकर हत्याकांड में जो तथ्य और सबूत सामने आ रहे हैं वह इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि कथित हत्यारे आफताब अमीन पूनावाला ने पहले से प्लानिंग कर, काफी सोच-समझकर इस वारदात को अंजाम दिया था। लेकिन गुरुवार को दिल्ली के रोहिणी स्थित फॉरेंसिक लैब में जब लाई-डिटेक्टर (पॉलीग्राफी) टेस्ट हुआ, उस वक्त आफताब शांत और तनावमुक्त नजर आया।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने इंडिया टीवी के रिपोर्टर को बताया कि आफताब के हावभाव बिल्कुल सामान्य नज़र आ रहे हैं , और उसकी चालढाल ऐसी है, मानो उसने कुछ न किया हो। वह बयान भी ऐसे दे रहा है मानो उससे कोई पूछताछ नहीं हो रही हो, बल्कि वो किसी रिश्तेदार के घर पर आया हो। इस अधिकारी ने कहा कि पॉलीग्राफी टेस्ट के दौरान वह ‘कूल और नॉर्मल’ दिखा। बुधवार को आफताब की पॉलीग्राफी टेस्ट नहीं हो पाई थी क्योंकि उसे हल्का बुखार और ज़ुकाम था।
गुरुवार के पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान उसके ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, सांस की गति आदि को नोट किया गया जिसके आधार पर यह तय किया जा सके कि वह सच बोल रहा है या नहीं। सोमवार को अंबेडकर अस्पताल में उसका नार्को टेस्ट होने की संभावना है। नार्को टेस्ट के दौरान शख्स को ऐसी दवा दी जाती है, जिससे व्यक्ति नीम बेहोशी की हालत में होता है और ऐसे में जो कुछ भी उससे पूछा जाता है, उसका वह बिल्कुल खुल कर जवाब देता है।

इस बीच महाराष्ट्र पुलिस की एक बड़ी चूक सामने आई है। आज से ठीक दो साल पहले 23 नवंबर 2020 को श्रद्धा ने यह आशंका जाहिर की थी कि आफताब उसके टुकड़े-टुकड़े कर देगा। श्रद्धा ने अपने तुलिंज पुलिस स्टेशन में यह लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन उस वक्त पुलिस ने इस शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और दोनों के बीच मेल मिलाप कराने के बाद श्रद्धा से शिकायत वापस लेने को कहा।

श्रद्धा ने अपनी चिट्ठी में लिखा: ‘मैं श्रद्धा विकास वॉकर, उम्र 25 साल…आफताब पूनावाला, उम्र 26 साल, फोन XXXXX xxxx, जो वर्तमान में एआरसी भवन के पास बी-302, रीगल अपार्टमेंट्स, विजय विहार कॉम्प्लेक्स में रहता है, के खिलाफ शिकायत देती हूं कि वह मेरे साथ बदसलूकी करता है और मुझे मारता है। आज उसने गला दबाकर मेरी जान लेने की कोशिश की। उसने मुझे डराया और ब्लैकमेल किया कि वो मुझे मार देगा और मेरे टुकड़े-टुकड़े करके कहीं दूर फेंक देगा। वह पिछले 6 महीने से मुझे मारता-पीटता है, लेकिन मेरे पास पुलिस में जाने की हिम्मत नहीं थी क्योंकि उसने मुझे धमकी दी है कि वह मुझे जान से मार देगा।

‘उसके माता-पिता यह जानते हैं कि वह मुझे मारता है और उसने मेरी जान लेने की कोशिश की। वे इस बात को भी जानते हैं हम एक साथ रहते हैं और वे वीकेंड पर आते हैं। मैं अब तक उसके साथ रह रही थी क्योंकि हम उसके परिवार की मर्ज़ी से शादी करने वाले थे। लेकिन अब मैं उसके साथ नहीं रह सकती। ऐसे में मेरे साथ होने वाले किसी भी शारीरिक नुकसान के लिए वही ज़िम्मेदार होगा। वह मुझे जब कहीं देखता है तो जान से मारने या चोट पहुंचाने की धमकी देता है और ब्लैकमेल करता है।’

श्रद्धा की चिट्ठी ऐसे समय में सामने आई जब आफताब ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में जज के सामने कहा था कि ‘जो कुछ भी हुआ, वह अचानक गुस्से के कारण हुआ था’, लेकिन श्रद्धा की यह चिट्ठी आफताब के झूठ की पोल खोल देती है। यह चिट्ठी वसई में श्रद्धा के पड़ोसी ने जारी किया था जिसके साथ वह दो साल पहले अपनी शिकायत दर्ज कराने पालघर के पास तुलिंज पुलिस स्टेशन गई थी। मंगलवार को यह चिट्ठी सार्वजनिक होने तक महाराष्ट्र पुलिस ने इसके बारे में खुलासा नहीं किया था।

वसई के डीसीपी सुहास बावचे ने कहा कि श्रद्धा ने बाद में अपनी लिखित शिकायत वापस ले ली थी। शिकायत वापसी की चिट्ठी में श्रद्धा ने लिखा था कि आफताब के माता-पिता आए थे और दोनों के बीच सुलह हो गई है।

तुलिंज पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने बुधवार को श्रद्धा की शिकायत और वापसी पत्र दिल्ली पुलिस की एक टीम को सौंप दिया। तुलिंज थाने के अधिकारियों ने कहा, 23 नवंबर, 2020 को शिकायत मिली और एक जांच अधिकारी श्रद्धा और आफताब दोनों से बात करने के लिए उनके फ्लैट पर गया था, जिसके बाद श्रद्धा ने शिकायत वापस ले ली।

इस तथ्य के बावजूद कि पुलिस के दबाव में शिकायत वापस ले ली गई थी, श्रद्धा की यह चिट्ठी साफ तौर पर हत्यारे के जानलेवा इरादों को दर्शाती है। अगर पालघर पुलिस ने आफताब के खिलाफ समय पर कार्रवाई की होती तो श्रद्धा की जान बचाई जा सकती थी। श्रद्धा ने जब चिट्ठी पुलिस को लिखी थी उस वक्त महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी की सरकार थी। श्रद्धा की चिट्ठी पर दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक चर्चा हो रही है। लोगों के मन में कई सवाल हैं। महाराष्ट्र में अब एकनाथ शिंदे की सरकार है और देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम हैं। फडणवीस ने वादा किया है कि वह पूरे मामले की जांच कराएंगे कि पुलिस ने इस मामले को हल्के में क्यों लिया?

श्रद्धा की चिट्ठी सामने आने के बाद बीजेपी सीधे शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे पर हमला कर रही है। बीजेपी नेता राम कदम ने आरोप लगाया कि जिस वक्त श्रद्धा ने पालघर पुलिस से आफताब की शिकायत की थी उस वक्त ‘उद्धव के राज में मुंबई पुलिस बार मालिकों से वसूली वाला कांड कर रही थी।’ बुधवार को श्रद्धा के पिता विकास वॉकर ने इंडिया से कहा- ‘ पालघर पुलिस अगर उस वक्त सख्त एक्शन लेती तो आज श्रद्धा जिंदा होती’

दिल्ली पुलिस के अधिकारी इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस की ओर से साफतौर पर हुई दो चूकों की तरफ इशारा करते हैं।
पहली चूक यह कि पालघर पुलिस ने श्रद्धा की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और उसे अपनी शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया। दूसरी चूक यह कि श्रद्धा के पिता ने सितंबर में मुंबई पुलिस में अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। मुंबई पुलिस ने आफताब को तलब कर उससे पूछताछ की थी। यह पूछताछ हल्के ढंग से की गई और उसे जाने दिया गया।

यह जानने के बावजूद कि आफताब दिल्ली में रह रहा है, मुंबई पुलिस ने दिल्ली पुलिस को इस केस के बारे में नहीं बताया। दो महीने बाद 9 नवंबर को मुंबई पुलिस ने श्रद्धा के गायब होने के मामले में दिल्ली पुलिस से संपर्क किया। दो महीने के इस अंतराल के कारण दिल्ली पुलिस के लिए सबूत जुटाने का काम काफी कठिन हो गया है। श्रद्धा के शरीर के टुकड़े करने वाले हथियार और श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को बरामद करने में दिल्ली पुलिस को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

महाराष्ट्र पुलिस को लिखी श्रद्धा की जो चिट्ठी सामने आई है और जो खुलासा हुआ है वह पूरे सिस्टम और पूरे समाज पर भी सवाल उठाता है। अगर दो साल पहले से श्रद्धा को लगता था कि आफताब उसके टुकड़े-टुकड़े कर देगा तो उसकी ऐसी क्या मजबूरी थी कि वह आफताब के साथ रह रही थी ? अगर श्रद्धा ने पुलिस में शिकायत दी थी तो पुलिस ने इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया, इसकी भी जांच होनी चाहिए।

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