Rajat Sharma

मूसेवाला मर्डर: पंजाब में इस गैंगवार को रोकें

akb fullमशहूर पंजाबी सिंगर शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को हत्या कर दी गई । इस हत्याकांड को 8 से 10 हमलावरों ने अंजाम दिया था। घटना के वक्त मूसेवाला मानसा जिले में अपनी चाची के गांव जा रहे थे। हमलावरों ने उनकी महिंद्रा थार एसयूवी का रास्ता रोक लिया गया और तीनों तरफ से घेरकर रूसी राइफलों से 30 राउंड से ज्यादा फायरिंग की।

मूसेवाला ने भी अपनी पिस्तौल से 2 राउंड गोलियां चलाई, लेकिन ये नाकाफी था। हमलावर 2 गाड़ियों में सवार होकर मौका-ए-वारदात से फरार हो गए और अब तक पकड़ में नहीं आए हैं। मूसेवाला उन 424 लोगों की लिस्ट में थे, जिनकी पर्सनल सिक्योरिटी पंजाब की भगवंत मान सरकार ने घटा दी थी। अपने सुरक्षाकर्मी घटाए जाने के बावजूद वह बचे हुए दो सुरक्षा गार्डों को हत्या वाले दिन अपने साथ जीप में नहीं ले गए थे।

सिद्धू मूसेवाला की हत्या के तुरंत बात इसकी जिम्मेदारी कनाडा में रह रहे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने फेसबुक पर ली थी। गोल्डी बराड़ ने कहा कि पिछले साल युवा अकाली नेता विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या हुई थी, और उसी का बदला लेने के लिए मूसेवाला का कत्ल किया गया । विक्की की हत्या के बाद मूसेवाला के मैनेजर शगनप्रीत सिंह का नाम सामने आया था। शगनप्रीत पिछले साल ऑस्ट्रेलिया भाग गया। गोल्डी बराड़ का एक अन्य गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से संबंध है, जिससे अब पूछताछ की जा रही है, लेकिन दिल्ली पुलिस का कहना है कि वह पूछताछ में ‘सहयोग नहीं कर रहा है।’ बिश्नोई का दावा है कि उसका इस हत्या से कोई लेना-देना नहीं है।

पंजाब पुलिस SIT के चीफ SSP गौरव तुरा ने दावा किया कि उनकी टीम को हमलावरों के बारे में कुछ जरूरी सुराग मिले हैं। SIT चीफ ने कहा, ‘अब हमें पता है कि वे कहां से आए थे, उन्होंने कैसे रेकी की और कैसे फरार हुए।’ SIT पूछताछ के लिए फिरोजपुर और भटिंडा जेल से 2 गैंगस्टरों को पहले ही ला चुकी है।

मूसेवाला हत्याकांड आम आदमी पार्टी के मौजूदा मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया है। हत्या हुए 4 दिन बीत चुके हैं लेकिन एक भी हमलावर पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। पंजाब पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि हत्या की प्लानिंग जेल के अंदर से की गई थी और इस बात को लेकर पूछताछ की जा रही है कि इसे अंजाम देने के लिए गाड़ी की व्यवस्था किसने की। कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस ने शाहरुख नाम के एक शूटर को उठाया था, जिसने पूछताछ के दौरान बताया था कि लॉरेंस बिश्नोई ने मूसेवाला की हत्या के लिए ‘सुपारी’ दी थी। शाहरुख ने माना कि उसने कई दिनों तक मूसेवाला की रेकी की थी, लेकिन करीब नहीं जा सका क्योंकि उनके साथ बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद रहते थे।

मूसेवाला की हत्या के तुरंत बाद पंजाब के एक दूसरे गैंग ने, जिसका सरगना दविंदर बंबीहा है, एक सोशल मीडिया पोस्ट में गायक मनकीरत औलख को धमकी दी। धमकी में कहा गया कि औलख का मैनेजर मूसेवाला की हत्या में हाथ था, और दो दिन के अन्दर इस हत्या का बदला लिया जाएगा। मनकीरत औलख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। औलख ने एक वीडियो जारी कर सफाई दी, ‘मूसेवाला मेरे भाई जैसे थे, उनकी हत्या से मेरा नाम जोड़ना गलत है।’

औलख का डर जायज़ है। एक गायक की हत्या हो चुकी है और कनाडा में बैठा गैंगस्टर इसकी जिम्मेदारी ले रहा है। लॉरेंस बिश्नोई के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल पिछले एक हफ्ते से तिहाड़ जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है, तो वह क़त्ल का ऑर्डर कैसे दे सकता है? क़त्ल की साजिश कैसे कर सकता है? वकील साहब की दलील अदालत में तो चलेगी, लेकिन जनता की अदालत में नहीं चलेगी क्योंकि लॉरेंस बिश्नोई के लोग फेसबुक पर जेल के अंदर उसके क्रियाकलापों की तस्वीरें लगातार पोस्ट करते रहते हैं। एक बार तो लॉरेंस विश्नोई ने खुद कहा था कि उसने जोधपुर जेल से फोन पर सिद्धू मूसेवाला से बात की थी, और विकी मिड्डू खेड़ा की हत्या का बदला लेने की बात कही थी।

पंजाब पुलिस के अफसर भी मानते हैं कि राज्य में 70 से ज्यादा गैंग्स एक्टिव हैं। ये गैंग्स सेलेब्रिटीज से वसूली, कबड्डी लीग पर कंट्रोल और प्रॉपर्टी पर कब्जा करने, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी करने जैसे अपराधों के सिंडिकेट चला रहे हैं। पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री में भी इन गैंगस्टर्स की काफी दिलचस्पी है। इनमें से कई बड़े अपराधी विदेश में रह रहे हैं, जैसे कि गोल्डी बराड़ कनाडा में है, लकी पटियाल आर्मेनिया में है। लॉरेंस बिश्नोई, काला जठेड़ी और जग्गू भगवानपुरिया जैसे कई बड़े गैंगस्टर जेल में बंद हैं, लेकिन वहां बैठकर भी अपना गैंग चला रहे हैं। बीजेपी सांसद और गायक हंसराज हंस और अशोक मस्ती जैसे पंजाबी सिंगर्स भी मानते हैं कि म्यूजिक इंडस्ट्री में अपराधियों का दखल हो गया है।

इन गैंग्स द्वारा अंजाम दी जा रही हत्याएं यह बताने के लिए काफी हैं कि वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह पहले लोकल लेवल पर जबरन वसूली और जमीन हथियाने जैसे अपराधों को अंजाम देता था, लेकिन अब उसने अपना दायरा बढ़ा लिया है। विदेशों से इशारा मिलने पर सुपारी किलिंग से लेकर, कबड्डी टूर्नामेंट्स पर कंट्रोल और YouTube पर पंजाबी गायकों के एल्बम की लॉन्चिंग अब पैसे कमाने के नए रास्ते हैं। उसने दिल्ली में जितेंद्र गोगी और हरियाणा में संदीप उर्फ काला जठेड़ी के गैंग्स से हाथ मिलाया, जबकि राजस्थान में उसने एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर आनंदपाल के गुर्गों के साथ गठजोड़ किया है।

बिश्नोई गैंग को पंजाब में दविंदर बंबीहा और गौरव उर्फ लकी पटियाल की सरपरस्ती वाले गैंग्स से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। बंबीहा की एक एनकाउंटर में मौत हो गई, लेकिन उसका गैंग खालिस्तानी गैंगस्टर रिंदा संधू की मदद से फिर खड़ा हो गया। इसका मुकाबला करने के लिए बिश्नोई ने कनाडा से ऑपरेट करने वाले गोल्डी बराड़ के साथ करार किया। वहीं, बिश्नोई गैंग का मुकाबला करने के लिए बंबीहा-पटियाल गैंग ने हरियाणा के गैंगस्टर कौशल, जितेंद्र गोगी के प्रतिद्वंद्वी सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और नीरज बवाना के साथ गठजोड़ किया है। गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की रोहिणी कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े हत्या हो गई थी। गैंगस्टर्स ने पंजाब में दो महीने पहले इंटरनेशनल कबड्डी प्लेयर संदीप सिंह सिद्धू की जालंधर में हत्या कर दी थी।

उत्तर भारत के एक बड़े इलाके में इस तरह के आपराधिक गैंग्स के दायरे का बढ़ना वास्तव में चिंताजनक है। मूसेवाला एक पंजाबी गायक थे। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर पंजाब का विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जांच के दौरान सिंगर्स के साथ गैंगस्टर्स के रिश्तों के बारे में जो बातें सामने आ रही हैं, वे पंजाब और दिल्ली के लोगों को पहले से पता हैं। यहां तक कि पुलिस और नेता भी इसके बारे में जानते हैं लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया।

शुरुआती दौर में पंजाब के गैंगस्टर ‘प्रोटेक्शन मनी’ के नाम पर सिंगर्स से वसूली करते थे, लेकिन बाद में पैसों के लिए उनका लालच बढ़ता ही गया। गैंगस्टर अब गायकों के एल्बम के वीडियो राइट्स लेने लगे, और इसमें उन्हें दो फायदे थे। एक तो यूट्यूब पर गाने की रिलीज से कमाई होती थी, और दूसरा, जो ‘एक्सटोर्शन मनी’ थी, जो पैसा गलत कामों से कमाया जा रहा था, उसकी मनी लॉन्ड्रिंग होने लगी, उस पैसे को गैंगस्टर्स गाने से हुई कमाई बताने लगे।

इसके बाद गैंगस्टर्स इन सिंगर्स को इस बात के लिए मजबूर करने लगे कि वे अपने गानों में गैग्स का नाम डालें, और इन गानों में दूसरे गैंग को नीच दिखाया जाए। कभी लालच, कभी दादागिरी तो कभी डर के चक्कर में सिंगर्स फंसते गए। वे गैंग्स की दुश्मनी में बलि का बकरा बन गए। सिंगर्स पर दिनदहाड़े गोलियां चलने लगी, और अब तो मर्डर भी हो गया। मूसेवाला बहुत ही लोकप्रिय पंजाबी सिंगर थे, और वह भी इस गैंगवार का शिकार हुए। ऐसे में दूसरे सिंगर्स का डरना लाजिमी है।

इसीलिए मैं कहता हूं कि यह मामला एक हत्या का नहीं है, यह गैंगवार है। यह पंजाब पुलिस और पंजाब की सरकार की जिम्मेदारी है कि वे गैंगस्टर्स का खात्मा करें, अपराधियों में दहशत पैदा करे। उन्हें ऐसे कदम उठाने ही होंगे जिनसे पंजाबी सिंगर्स के दिल से खौफ और दहशत कम हो।

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