चुनाव आयोग ने सोमवार को चुनाव में लगी पाबंदियों को 11 फरवरी तक बढ़ा दिया है। रोड शो, पदयात्रा, साइकिल रैली और जूलूस निकालने पर रोक फिलहाल जारी रहेगी। अब पब्लिक मीटिंग में ज्यादा से ज्यादा एक हज़ार लोग इकट्ठा हो सकेंगे लेकिन लोगों की संख्या के हिसाब से मैदान की क्षमता डबल होनी चाहिए। वहीं डोर-टू-डोर कैंपेन में भी 20 से ज्यादा लोग नहीं जा पाएंगे। चुनाव आयोग ने सारे राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से कहा है कि कोविड गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी है वरना एक्शन लिया जाएगा। आयोग की पाबंदियों का असर पूरे चुनाव प्रचार पर दिखाई दे रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो अक्सर अपनी चुनावी रैलियों में लाखों लोगों की भीड़ को संबोधित करते थे, सोमवार को उन्होंने वर्चुअल रैली की । पीएम मोदी ने पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, सहारनपुर और गौतमबुद्धनगर में 21 विधानसभा के मतदाताओं को वर्चुअली संबोधित किया। इन इलाकों में 100 जगहों पर एलईडी वैन और टीवी स्क्रीन लगाए गए थे।
प्रचार भले ही वर्चुअल था पर ना मोदी का अंदाज बदला और ना ही तेवर बदले। बीजेपी के सबसे बड़े प्रचारक नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष और खासतौर से समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता को योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव की सरकारों के बीच का फर्क समझाया।
अखिलेश यादव का नाम लिए बिना मोदी ने कहा अखिलेश यादव ऐसे नेता हैं जो सोते रहते हैं और सिर्फ सपने देखते हैं। लेकिन योगी आदित्यनाथ ऐसे नेता हैं जो जागते हुए रहकर सारे काम पूरे करते हैं, सभी संकल्पों को पूरा करते हैं। इस वर्चुअल रैली को सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी आगरा से संबोधित किया। हर लोकेशन पर 500 लोगों ने मोदी के भाषण को सुना। चूंकि कुल 100 जगहों पर एलईडी लगाए गए थे, इस तरह कुल मिलाकर 50 हजार लोगों ने मोदी की इस वर्चुअल रैली में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर अखिलेश यादव की पिछली सरकार को आड़े हाथों लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच साल पहले तक यूपी की सरकार दबंग और माफिया नेता चला रहे थे। पीएम मोदी ने कहा-‘पांच साल पहले बाहुबलियों का कहा शब्द कानून था, उनका कहा ही शासन का आदेश था। पांच साल पहले- व्यापारी लुटता था, बेटी घर से बाहर निकलने में घबराती थी। माफिया, सरकारी संरक्षण में खुलेआम घूमते थे।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘पश्चिमी यूपी के लोग कभी नहीं भूल सकते कि जब यह इलाका दंगों की आग में जल रहा था तो पहले वाली सरकार (सैफई में) उत्सव मना रही थी। पांच साल पहले- गरीब, दलित, वंचित, पिछड़ों के घर-ज़मीन-दुकान पर जबरन कब्ज़ा कर लिया गया था। लोगों के पलायन की खबरें आए दिन आती थीं। अपहरण, फिरौती और रंगदारी ने मध्यम वर्ग और व्यापारियों को तबाह करके रख दिया था। लेकिन पिछले पांच वर्षों में योगी सरकार उत्तर प्रदेश को इन हालातों से बाहर निकाल कर लाई है।
मोदी ने चेतावनी दी, ‘वही गैंगस्टर और माफिया नेता जो खुद को कानून से ऊपर मानते थे, अब सत्ता में वापस आना चाहते हैं। वे मौके की तलाश में हैं। हम यूपी में बदलाव के लिए खुद को खपा रहे हैं, वो आपसे बदला लेने की ठानकर बैठे हैं। बदला लेना ही हमेशा से उनकी सोच रही है। इसलिए मैं यह देखकर खुश हूं कि यूपी के लोग इन गैंगस्टर्स से बहुत सावधान और सतर्क हैं। यूपी की जनता हमारा काम और उनके कारनामे देखकर इस बार बीजेपी को भरपूर आशीर्वाद देने जा रही है। जो घंटों सोता रहता है उसे सिर्फ सपने आते हैं, जो जागता है वह संकल्प लेता है। योगी जी जागने वाले, संकल्प लेने वाले और उसे पूरा करनेवाले नेता हैं।’
मोदी ने कहा-‘डबल इंजन की सरकार डबल स्पीड से काम कर रही है’। उन्होंने कहा- अब यूपी में एक्सप्रेस-वे, हवाई अड्डों की संख्या डबल हो रही है। यूपी देश का एकमात्र राज्य है, जहां 5 शहरों में मेट्रो ट्रेनें दौड़ रही हैं। पिछली सरकार केवल कागजों पर आधी-अधूरी परियोजनाएं बनाने और उनके शिलान्यास में माहिर थी लेकिन हमारी सरकार डबल इंजन की सरकार सपने पूरे करती है।
मोदी ने दावा किया कि यूपी के नौजवान, फर्स्ट टाइम वोटर्स बीजेपी के साथ हैं क्योंकि युवा मतदादता भी समझ गए हैं कि उनका भविष्य कौन सुधार सकता है। उन्होंने कहा-‘एक तरफ बीजेपी है, जिसके पास विकास का विजन (दृष्टि) है, साफ सुथरा और ईमानदार नेतृत्व है और दूसरी ओर अहंकार से भरे, किसी भी तरह सत्ता पाने का सपना देख रहे, समाज को तोड़ने वाले लोग हैं। विजन के नाम पर इनके पास सिर्फ विरोध है। ये नकली समाजवादी हैं।’
नरेंद्र मोदी के भाषण से साफ है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश की जनता को यह बताएगी कि अगर अखिलेश यादव की सरकार आई तो फिर से गुंडागर्दी होगी, दंगे-फसाद होंगे, अपराधी नेतागिरी करेंगे। क्योंकि अखिलेश यादव ने बड़ी संख्या में ऐसे अपराधियों, गैंगस्टर्स और माफिया को चुनाव मैदान में उतारा है, इनमें कुछ बेल पर हैं और कुछ जेल में हैं।
बीजेपी के चुनाव प्रचार का मुख्य जोर योगी आदित्यनाथ को एक ऐसे नेता के तौर पर पेश करना है जिन्होंने प्रदेश में कानून-व्यवस्था बहाल की। योगी के विरोधी भी इस बात को मानते हैं कि योगी सरकार ने अपराधियों और माफियाओं के दिलों में कानून का डर पैदा किया है।
योगी तो रोज कहते हैं कि अखिलेश की सरकार के जमाने में अपराधी और हिस्ट्रीशीटर थाने चलाते थे, माफिया जमीनों पर कब्जा करते थे लेकिन उनके राज में गुंडे तख्ती लटकाकर पुलिस के सामने सरेंडर करने लगे क्योंकि उन्हें इस बात का डर था कि कहीं मुठभेड़ में उनकी जान न चली जाए। वहीं माफिया नेताओं द्वारा अवैध रूप से बनाई गई सम्पत्तियों पर बुलडोजर भी चले।
एक हिसाब से बात सही है कि अगर यूपी का विकास करना है तो रोज-रोज के झगड़े नहीं चाहिए। शांति और कानून के राज के बिना लोगों के कल्याण की योजना लागू नहीं की जा सकती। नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में योगी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि योगी के शासनकाल में लॉ एंड ऑर्डर अच्छा था, गैंगस्टर्स और भ्रष्ट माफिया नेताओं पर कार्रवाई हुई इसलिए विकास हो पाया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने जितने काम किए हैं, उतने काम पहले कभी नहीं हुए।
पिछले पांच साल में योगी शासन के दौरान गरीबों के लिए 33 लाख मकान, ढाई करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए गए और गरीबों को इसका लाभ मिला। योगी सरकार का दावा है कि यूपी में करीब डेढ़ करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए गए। 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को एक हज़ार रुपए प्रति माह की पेंशन और फ्री राशन दिए जा रहे हैं। राज्य में 4 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश आया है।
योगी जब लोगों को याद दिलाते हैं कि समाजवादी पार्टी ने ऐसे लोगों को टिकट दिए जिनके खिलाफ हत्या, अपहरण और दंगों के मामले चल रहे हैं तो अखिलेश कहते हैं कि सबसे ज्यादा केस तो योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हैं। योगी ने सत्ता में आने के तुरंत बाद अपने खिलाफ सभी आपराधिक मुकदमों को वापस ले लिया । मैंने यह सवाल योगी आदित्यनाथ से इंडिया टीवी के ‘चुनाव मंच’ कार्यक्रम में इंटरव्यू के दौरान पूछा था, तब उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ एक भी केस नहीं है। फिर मैंने याद दिलाया कि अखिलेश कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी ने अपने ऊपर दर्ज मामलों को वापस ले लिया। इस पर योगी ने तुरंत जवाब दिया कि उन्होंने अपने ऊपर लगे किसी केस को वापस नहीं लिया।
अखिलेश यादव ने सोमवार को आरोप लगाया कि बीजेपी ने 99 आपराधिक छवि वाले लोगों को टिकट दे दिया। दिलचस्प बात यह है कि न तो अखिलेश और न ही उनकी पार्टी के नेता पश्चिमी यूपी में नामी अपराधियों और गैंगस्टर्स को समाजवादी पार्टी द्वारा टिकट देने के मुद्दे पर कुछ बोलते हैं । ये ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके खिलाफ हत्या के प्रयास, अपहरण और दंगों के केस लंबित हैं।