सुप्रीम कोर्ट 5 अगस्त को रिया चक्रवर्ती की उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें उसने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को मुंबई पुलिस को ट्रांसफर करने की मांग की है। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के बीच मुंबई पुलिस द्वारा पिछले 47 दिनों से की जा रही मामले की जांच के तरीकों को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘सुशांत सिंह राजपूत मामले को सीबीआई को सौंपने को लेकर एक विशाल जनभावना है, लेकिन राज्य सरकार की अनिच्छा को देखते हुए ED कम से कम एक EIRR रजिस्टर कर सकता है, क्योंकि इसमें पैसों के दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग का ऐंगल भी सामने आया है।’ शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने सुशांत के पिता द्वारा बिहार पुलिस में की गई FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फडणवीस पर बरसते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने 5 साल तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद मुंबई पुलिस की क्षमता पर संदेह जताया है। ठाकरे ने कहा, जांच को स्थानांतरित करना राज्य पुलिस का अपमान होगा जो योद्धाओं की तरह कोविड-19 महामारी से लड़ रही है। ठाकरे ने कहा, ‘उन पर भरोसा न करना उनका अपमान है। मैं सुशांत सिंह राजपूत के सभी प्रशंसकों को बताना चाहूंगा कि उन्हें मुंबई पुलिस पर भरोसा करना चाहिए और मामले के बारे में जो भी जानकारी है, उसे मुहैया कराना चाहिए।’
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जयंत पाटिल ने वादा किया है कि मुंबई पुलिस जल्द ही अपने नतीजे पर पहुंचेगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि सुशांत के गृह राज्य बिहार में इस मुद्दे का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा, लेकिन महाराष्ट्र के नेताओं को इसके बारे में ट्वीट करना और अपनी राय देना बंद करना चाहिए।’ दूसरी ओर, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया, ‘सुशांत की मौत के मामले में बिहार पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच के रास्ते में मुंबई पुलिस बाधा डाल रही है। बीजेपी को लगता है कि इस मामले को सीबीआई को संभालना चाहिए।’ रामविलास पासवान, उनके बेटे चिराग पासवान, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे जैसे बिहार के कई नेताओं समेत डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने भी सीबीआई जांच की मांग की है।
यही वक्त है कि हम इस विवाद से राजनीति को दूर रखें और इस रहस्यमय मामले की तह तक पहुंचें। यदि पटना पुलिस की क्रैक टीम ने मुंबई जाकर सुशांत की मौत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और दस्तावेजों का पता नहीं लगाया होता तो किसी ने भी मुंबई पुलिस की जांच करने के तरीकों पर सवाल नहीं उठाया होता। शुक्रवार को इंडिया टीवी ने सुशांत की पूर्व प्रेमिका अंकिता लोखंडे, उनके दोस्त सिद्धार्थ पिठानी और सुशांत के पूर्व नौकर अशोक कासू से बात की। इंडिया टीवी को इन लोगों से मामले की जानकारी इसलिए लेनी पड़ी क्योंकि सुशांत की मौत अभी भी रहस्यों के जाल में उलझी एक पहेली बनी हुई है।
किसी के लिए भी यह यकीन करना मुश्किल है कि एक ऐसा ऐक्टर जिसके पास नाम, काम, पैसे और प्यार की कोई कमी नहीं थी वह फांसी लगाकर अपनी जान दे देगा। सुशांत एक मेधावी छात्र थे। उन्होंने 11 इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम्स को पास किया था। उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के एंट्रेंस एग्जाम में सातवीं रैंक हासिल की थी, लेकिन ऐक्टिंग में करियर बनाने के लिए पढ़ाई छोड़ दी। उन्होंने बॉलीवुड की कुछ बेहतरीन फिल्मों में काम किया, वह एक उभरते हुए सितारे थे, लेकिन तेजी से बढ़ते उनके कदमों को नियति ने रोक दिया। वह लाखों युवा भारतीयों के लिए एक आइकन थे, और उन्होंने उनके दिलों में महत्वाकांक्षा जगाई थी। उनकी आत्महत्या सभी के लिए एक बड़ा झटका थी।
शुक्रवार को उनकी एक्स-गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे, जिनके साथ सुशांत 6 साल तक रिलेशनशिप में थे, ने इंडिया टीवी को बताया कि ब्रेकअप के बावजूद रिया की फैमिली को लेकर सुशांत ने उन्हें कई व्हाट्सऐप मैसेज भेजे थे। अंकिता ने इन सभी संदेशों को पटना पुलिस को मुहैया करवाया है। अंकिता ने लगभग वही बातें कहीं है जिस तरह के आरोप सुशांत के पिता ने अपनी FIR में लगाए हैं। चूंकि अंकिता और सुशांत के बीच डेढ़ साल पहले ब्रेक-अप हुआ था, इसलिए अकेले उनके बयानों के आधार पर निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं होगा।
अंकिता के बयान के बाद शुक्रवार को ही रिया चक्रवर्ती ने अपने वकीलों के माध्यम से एक वीडियो संदेश जारी किया जिसमें उसने कहा, ‘मुझे ईश्वर और न्यायपालिका पर अटूट विश्वास है। मुझे पूरा भरोसा है कि मुझे न्याय मिलेगा। भले ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर मेरे बारे में बहुत-सी भयानक बातें कही जा रही हैं, मैं अपने वकीलों की सलाह को मानते हुए कोई टिप्पणी नहीं करूंगी क्योंकि यह मामला अदालत में विचाराधीन है। सत्यमेव जयते, सत्य की जीत होगी।’
सिद्धार्थ पिठानी ने शुक्रवार को इंडिया टीवी से बात करते हुए रिया का बचाव करने की कोशिश की। सुशांत की मौत की पिछली रात पिठानी उनके अपार्टमेंट में मौजूद थे। वह सुशांत की बॉडी को देखने वाले पहले शख्स थे। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में रिया ने आरोप लगाया था कि सुशांत का परिवार पिठानी पर उनके खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बना रहा है। उसने एक ई-मेल की कॉपी भी अटैच की थी जिसे पिठानी ने भेजा था। पिठानी ने शुक्रवार को इंडिया टीवी को बताया कि उन्हें रिया के खिलाफ बयान देने के लिए सुशांत के परिवार ने फोन किया था, लेकिन कोई धमकी नहीं दी गई थी।
सुशांत के पूर्व नौकर अशोक कासू, जिसने 3 साल तक उनके लिए काम किया था, को रिया ने दिवंगत ऐक्टर की जिंदगी में आने के बाद नौकरी से निकाल दिया था। अशोक कासू ने इंडिया टीवी को बताया कि रिया ने सुशांत की लाइफ पर पूरा कंट्रोल कर लिया था। कासू ने बताया कि सुशांत के सारे फैसले रिया लिया करती थी। उसने खुलासा किया कि सुशांत की 2 बहनें एक बार उनसे मिलने आई थीं, लेकिन अपार्टमेंट की सोसाइटी के जरिए उन्हें मैसेज भेजा गया कि वह उनसे नहीं मिलना चाहते। कासू ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। पटना पुलिस को मिले बैंक के ट्रांजैक्शन डीटेल्स से पता चलता है कि सुशांत के खाते का अधिकांश पैसा रिया और उसके परिवार के सदस्यों पर खर्च किया जा रहा था। मुझे ये सब इसलिए बताना पड़ा क्योंकि उनकी मौत के पीछे का रहस्य अभी भी अनसुलझा है।
सुशांत सिंह राजपूत जैसे सफल ऐक्टर बहुत सारे नौजवानों की उम्मीदें जगाते हैं, उन्हें सपने दिखाते हैं। लेकिन जब ये उम्मीदें टूटती है, सपने बिखरते हैं, तो बहुत तकलीफ होती है, चिंता होती है। इंडिया टीवी की नजर इस केस पर बनी रहेगी। हम दोनों पक्षों की बात सुनवाएंगे, पुलिस की जांच पर नजर रखेंगे, और उम्मीद करते हैं कि जल्दी ही इस रहस्य से पर्दा उठेगा।
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