Rajat Sharma

क्या अब कोविड वैक्सीन का इंतजार खत्म हो गया है?

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा दुनिया की पहली COVID वैक्सीन की लॉन्चिंग की घोषणा एक राहत देने वाली खबर है। हालांकि इस वैक्सीन के असर को लेकर कुछ आशंकाएं भी हैं। यह गुड न्यूज एक ऐसे समय में आई है जब अमेरिका, ब्राजील, भारत, रूस और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में महामारी जंगल की आग की तरह फैल रही है।

AKB2103रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा दुनिया की पहली COVID वैक्सीन की लॉन्चिंग की घोषणा एक राहत देने वाली खबर है। हालांकि इस वैक्सीन के असर को लेकर कुछ आशंकाएं भी हैं। यह गुड न्यूज एक ऐसे समय में आई है जब अमेरिका, ब्राजील, भारत, रूस और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में महामारी जंगल की आग की तरह फैल रही है।

अभी तक इस महामारी से कुल 2.05 करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं जिनमें से लगभग 7.5 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। अमेरिका कोरोना वायरस से संक्रमण के 53.05 लाख मामलों और 1.67 लाख से ज्यादा मौतों के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर है। अमेरिका के बाद ब्राजील का नंबर आता है जहां 31.12 लाख संक्रमितों में से लगभग एक लाख की मौत हो चुकी है। भारत इस लिस्ट में 23.3 लाख मामलों और 46 हजार से भी ज्यादा मौतों के साथ तीसरे स्थान पर आता है। महामारी का फैलाव जिस हिसाब से हुआ है, वह वाकई में डरावना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उन 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की, जहां महामारी तेजी से फैल रही है। मोदी ने बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों को युद्धस्तर पर कोरोना वायरस की टेस्टिंग करने, हॉटस्पॉट्स में महामारी को रोकने के लिए कड़ी मेहनत करने और 72 घंटे के भीतर संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करने के लिए कहा। इस समय भारत के कुल COVID मामलों में से 10 इन राज्यों में हैं। मोदी ने मुख्यमंत्रियों से मृत्यु दर को एक प्रतिशत तक लाने के लिए कहा, ताकि संक्रमण का जल्द पता लग सके और लोगों को समय पर इलाज मिले।

भारत में मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल 60,963 नए मामले सामने आए थे और 834 लोगों की मौत हुई थी। इसी के साथ COVID मामलों का कुल आंकड़ा 23,29,639 तक पहुंच गया है, जिसमें से 6,43,948 ऐक्टिव केस हैं और 16,39,600 लोग इस बीमारी से रिकवर हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 46,091 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, देश भर में 2.60 करोड़ सैंपल्स की टेस्टिंग की जा चुकी है। इनमें से 7,33,449 सैंपल्स की टेस्टिंग तो अकेले मंगलवार को ही हुई। ये आंकड़े पूरे भारत में बड़े पैमाने पर की जा रही टेस्टिंग को दर्शाते हैं।

इन सकारात्मक संकेतकों के बावजूद भारत अभी भी खतरे से बाहर नही है। लोग बेसब्री से एक कारगर वैक्सीन के सामने आने का इंतजार कर रहे हैं ताकि महामारी पर कंट्रोल किया जा सके। रूसी राष्ट्रपति ने कहा है कि उनके स्वास्थ्य मंत्रालय ने Sputnik V वैक्सीन को नियामक मंजूरी दे दी है, हालांकि अभी इसका फाइनल ट्रायल नहीं हुआ है। पुतिन ने दावा किया कि उनकी एक बेटी ने टीका लगवा लिया है और इसके बाद वह अच्छा महसूस कर रही हैं।

सिस्टेमा, जो कि एक रूसी बिजनस ग्रुप है, इस साल के अंत तक मॉस्को के गामालेया इंस्टिट्यूट द्वारा विकसित की गई इस वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर देगा। रूस के डॉक्टरों और शिक्षकों को इस महीने के अंत से टीका लगना शुरू हो जाएगा, और उम्मीद है कि अक्टूबर तक इसे बड़े पैमाने पर लोगों को लगाना शुरू कर दिया जाएगा। यदि पुतिन का दावा सही साबित होता है, और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस टीके को मंजूरी दे देता है, तो यह पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी राहत होगी। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि रूसी जल्दबाजी कर रहे हैं क्योंकि फाइनल ट्रायल, जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं, होना अभी बाकी है।

रूस में दुनिया के शीर्ष दवा निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल ट्रायल ऑर्गनाइजेशन ने पहले ही अंतिम परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा होने तक अप्रूवल रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखा है। संगठन ने कहा है कि अब तक 100 से कम लोगों को टीका दिया गया है और ऐसे में सामूहिक टीकाकरण खतरनाक हो सकता है।

दुनिया में इस समय कम से कम 160 टीकों पर काम चल रहा है। इनमें से आधिकांश टीके अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल और चीन में बनाने की कोशिश की जा रही है। भारत में इस समय तीन टीके क्लिनिकल ट्रायल स्टेज पर हैं। भारत बायोटेक और कैडिला हेल्थकेयर स्थानीय रूप से विकसित वैक्सीन कैंडिड पर फेज 1 और फेज 2 का क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं, जबकि पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी में विकसित वैक्सीन कैंडिडेट के लिए फेज 3 ट्रायल कर रहा है।

इस समय दुनियाभर में 19 टीकों पर फेज 1 का ट्रायल किया जा रहा है, 12 टीके फेज 2 के ट्रायल में हैं, और 5 टीकों का फेज 3 ट्रायल चल रहा है। 5 टीके अंतिम ट्रायल स्टेज में पहुंच चुके हैं और इनके शुरुआती नतीजे अक्टूबर तक आने की उम्मीद है। भारत सरकार, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल की अध्यक्षता में, वैक्सीन ऐडमिनिस्ट्रेशन पर गठित अपनी नेशनल एक्सपर्ट कमिटी के जरिए अन्य देशों के साथ संपर्क में है। समिति में स्वास्थ्य सचिव, विदेश सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव और आईसीएमआर एवं एम्स के प्रमुख शामिल हैं।

सरकार ने कहा है कि दुनियाभर में कहीं भी एक कारगर वैक्सीन सामने आती है तो उसे खरीदने और लोगों को उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश की जाएगी। हमें आशा करनी चाहिए कि एक प्रभावी वैक्सीन का इंतजार जल्द ही खत्म होगा और महामारी पर कंट्रोल कर लिया जाएगा।

Comments are closed.