Rajat Sharma

क्या सियासी हाथों का खिलौना है ट्विटर?

akbकांग्रेस नेता राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट लॉक करने के करीब एक हफ्ते बाद ट्विटर ने उनके साथ-साथ पार्टी के कई अन्य नेताओं का अकाउंट अनलॉक कर दिया है। राहुल गांधी ने दिल्ली में 9 वर्षीय दलित लड़की के कथित रेप और मर्डर के मामले में पीड़िता के माता-पिता की तस्वीर पोस्ट कर दी थी, जिसके बाद ट्विटर ने कांग्रेस के करीब 5,000 समर्थकों के अकाउंट्स को लॉक कर दिया था। इस पर भारी बवाल मचने के बाद अब ट्विटर ने पार्टी के नेताओं के अकाउंट बहाल कर दिए हैं।

ट्विटर ने दावा किया था कि कथित रेप पीड़िता के माता-पिता की तस्वीर पोस्ट करने से उनके गोपनीयता नियमों का उल्लंघन होता है। इन नियमों को ‘विवेकपूर्ण और निष्पक्ष रूप से लागू किया गया था’। चूंकि आजकल राहुल गांधी अपनी ज्यादातर सियासत ट्विटर के जरिए करते हैं तो जाहिर है कि अकाउंट ब्लॉक होना उन्हें काफी बुरा लगा। पार्टी नेताओं और समर्थकों का भी अकाउंट ब्लॉक होने पर राहुल गांधी ने खुलकर अपनी नाराजगी जताई।

शुक्रवार को अपने 90 सेकेंड के वीडियो में राहुल गांधी ने कहा कि उनका अकाउंट बंद कर ट्विटर ने भारत के लोकतंत्र पर हमला किया है। ट्विटर देश की राजनीति में दखलंदाजी कर रहा है। ट्विटर डिजिटल दादागीरी दिखा रहा है, लोगों की आवाज को दबा रहा है। ‘ट्विटर का खतरनाक खेल’ शीर्षक वाले वीडियो में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ट्विटर अब निष्पक्ष नहीं रह गया। यह सरकार का पिट्ठू लगता है। सरकार के दबाब में कर रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उनके लाखों फॉलोअर्स को विचार रखने के अधिकार से वंचित कर रहा है, जो अनुचित है। राहुल ने कहा, ‘अब यह स्पष्ट है कि ट्विटर निष्पक्ष एवं उद्देश्यात्मक मंच नहीं है। यह पक्षपातपूर्ण मंच है। यह वही सुनता है, जो सरकार कहती है।’ उन्होंने कहा, ‘सिर्फ यह नहीं है कि राहुल गांधी का अकाउंट बंद कर दिया गया। मेरे 19-20 मिलियन फॉलोअर्स हैं। आप उन्हें अपने विचार रखने के अधिकार से वंचित कर रहे हैं।’

राहुल गांधी ने कहा, भारतीय के तौर पर हमें यह सवाल पूछना होगा कि क्या हम कंपनियों को सिर्फ इसलिए अनुमति देने जा रहे हैं क्योंकि वे हमारी राजनीति को परिभाषित करने के लिए भारत सरकार के समक्ष नतमस्तक हैं? क्या यही होता रहेगा या हम अपनी राजनीति को स्वयं परिभाषित करेंगे? यही असली सवाल है। उन्होंने एक परोक्ष चेतावनी भी दी ‘और यह निवेशकों के लिए बहुत खतरनाक है क्योंकि राजनीतिक मुकाबले में किसी एक का पक्ष लेने पर ट्विटर पर असर भी पड़ेगा।’ हालांकि उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया।

ट्विटर और कांग्रेस पार्टी के बीच टकराव तब शुरू हुआ जब ट्विटर ने कथित रेप पीड़िता के माता-पिता की तस्वीर पोस्ट करने पर राहुल गांधी के खाते को लॉक कर दिया। इस तरह की तस्वीर पोस्ट करना गोपनीयता नियमों के खिलाफ था। इसके तुरंत बाद, लगभग सभी बड़े कांग्रेस नेताओं और करीब 5,000 कांग्रेस समर्थकों ने ट्विटर पर वही तस्वीर पोस्ट की। इसके बाद ट्विटर ने तुरंत इन सभी अकाउंट को लॉक कर दिया।

आपको याद होगा कि 5 अगस्त को राहुल गांधी दिल्ली में कथित रेप पीड़ित बच्ची के घर गए थे। इस बच्ची की बेहद निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। राहुल उस बच्ची के परिवार वालों से मिले और फिर इस मुलाकात की तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट पर अपलोड कर दी। लेकिन रेप पीड़िता की पहचान जाहिर करना कानून का सरासर उल्लघंन है। एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने राहुल गांधी के खिलाफ ट्विटर से शिकायत की। ट्विटर ने इसी के आधार पर राहुल गांधी के अकाउंट को लॉक कर दिया। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के अकाउंट भी लॉक हो गए। कांग्रेस पार्टी का अकाउंट लॉक हो गया। पार्टी के जनरल सेक्रेटरी अजय माकन, लोकसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप मणिकम टैगोर, जितेंद्र सिंह, सुष्मिता देव और कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला का भी ट्विटर अकाउंट लॉक हो गया।

राहुल गांधी ने समर्थकों से अपनी बात कहने के लिए इंस्टाग्राम और फेसबुक का भी सहारा लिया। उन्होंने कहा, ‘डरो मत, सत्यमेव जयते’। लेकिन मुझे हैरानी राहुल गांधी की बात सुनकर नहीं हुई। मुझे हैरानी इस बात पर हुई कि जब दो महीने पहले उस वक्त के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि ट्विटर को देश के कानून का पालन करना पड़ेगा, वरना एक्शन होगा तो उस वक्त यही राहुल गांधी सरकार को अभिव्यक्ति की आजादी का दुश्मन बता रहे थे। राहुल ने ट्विटर की तारीफ करते हुए कहा था कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का वाहन है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी देकर लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।

जब बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्विटर पर टूल किट पोस्ट की तो ट्विटर ने इसे ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ बताकर ब्लॉक कर दिया। इसके बाद ट्विटर के एक्शन से कांग्रेस नेता खुश हो गए। दिल्ली पुलिस की एक टीम जब एक मामले के सिलसिले में ट्विटर के दफ्तर गई तो राहुल गांधी और उनकी पार्टी के नेताओं ने कार्रवाई पर सवाल उठाया और ट्विटर का बचाव किया। कांग्रेस पार्टी के कई नेता ट्विटर के सपोर्ट में उतर आए। राहुल गांधी ने 25 मई को ट्वीट किया, Truth remains unafraid…’सत्य डरता नहीं’। इसके बाद जब कुछ बीजेपी और संघ के लीडर्स के ब्लू टिक हटाए गए थे तब भी राहुल ने ट्वीट किया था कि सरकार को सिर्फ ब्लू टिक की चिंता है।

इस सारे विवाद का असर ये हुआ कि शुक्रवार को ट्विटर ने अपने भारत के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष महेश्वरी को कंपनी के हेडक्वार्टर सेन फ्रांसिस्को में शिफ्ट कर दिया। लेकिन हमारे देश में ये समझना भी जरूरी है कि ये ट्विटर हमारे नेताओं के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है। राजनीतिक मुद्दों में उलझकर यह विवादास्पद क्यों हो गया है।

असल में ये सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म है जिसकी मिल्कियत एक अमेरिकन कंपनी के पास है। ट्विटर पर दुनिया भर के लोग अपनी बात मुफ्त में रख सकते हैं। ट्विटर 15 साल पहले शुरू हुआ था और अब पूरी दुनिया में 20.6 करोड़ से ज्यादा लोग इसका रोजाना इस्तेमाल करते हैं। हमारे देश में ट्विटर के 2 करोड़ 20 लाख से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं और इस प्लेटफॉर्म पर ट्वीट करने का काफी असर होता है। ट्विटर के अपने नियम पॉलिसी हैं। जो उसका उल्लंघन करता है, ट्विटर उसका अकाउंट ब़्लॉक कर देता है।

राहुल गांधी के मामले में ये हुआ कि उन्होंने कथित रेप पीड़िता की पहचान उजागर कर दी। ट्विटर से इसकी शिकायत की गई और ट्विटर ने राहुल गांधी का अकाउंट ब्लॉक कर दिया। इस पर राहुल गांधी और उनके नेता विरोध करें तो ये उनका अधिकार है, लेकिन प्रॉब्लम ये है कि जब ट्विटर ने बीजेपी नेताओं के अकाउंट ब्लॉक किए थे तब राहुल और कांग्रेस ने ट्विटर को सही ठहराया था। इसलिए अब राहुल के बयानों पर सवाल उठ रहे हैं।

इस साल 26 जनवरी को जब लालकिले पर किसान आंदोलन में आए लोगों ने हमला किया तो उसके वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किए गए थे। उस वक्त सरकार ने आपत्ति जताई लेकिन राहुल गांधी ने ट्विटर को सपोर्ट किया। राहुल गांधी अब ट्विटर की बजाए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक्टिव हो गए हैं। लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि कानून तो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी लागू होता है और राहुल ने जो तस्वीर ट्विटर पर शेयर की थी वही तस्वीर फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी डाली है।
इस पर NCPCR ने फेसबुक और इंस्टाग्राम के अधिकारियों को सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया है। इसलिए हो सकता है राहुल गांधी के ये दोनों अकाउंट भी लॉक हो जाएं और वो फिर सरकार के प्रेशर की बात करें। लेकिन ये याद रखना चाहिए कि अकाउंट तो रविशंकर प्रसाद का भी लॉक हुआ था और वो तब हुआ था जब वो देश के IT और कानून मंत्री थे। इसके अलावा ट्विटर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत RSS के बड़े-बड़े नेताओं का ट्विटर अकाउंट अनवैरीफाइड की कैटेगरी में डाल दिया था। लेकिन उस वक्त राहुल और कांग्रेस पार्टी ट्विटर के साथ खड़े थे। अब ट्विटर ने उनके खिलाफ एक्शन ले लिया तो ट्विटर को ‘सरकारी तोता’ बताने लगे। आज कल डिजिटल ज़माना है। जनता के पास नेताओं की हर बात का रिकॉर्ड रहता है। अगर कोई स्टैंड बदले तो जनता उसे तुरंत पकड़ लेती है।

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