आज मैं उन लोगों के बारे में लिखना चाहता हूं जो जानबूझकर कोरोना की वैक्सीन लगवाने से आनाकानी कर रहे हैं। ये दो तरह के लोग हैं: (1) वे जो कहते हैं कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने से मौत हो सकती है, और (2) जो कहते हैं कि मरना तो एक दिन सबको है, इसलिए वैक्सीन लगवाने का कोई मतलब नहीं हैं। पहला ग्रुप उन लोगों का है जो मौत के डर से वैक्सीन नहीं लगवा रहे, और दूसरे ग्रुप को कोरोना की महामारी का कोई डर नहीं है। सरकार इन दोनों ही तरह के लोगों से परेशान है। चूंकि महामारी की रफ्तार बहुत कम हो चुकी है और यह कंट्रोल में है, इसलिए अब लोग इसे लेकर लापरवाह हो गए हैं, बेखौफ हो गए हैं, वायरस से डरना बंद कर दिया है। ऐसे में जिन लोगों के ऊपर सार्वजनिक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है उन्हें महामारी की एक नई लहर के आने का डर सता रहा है।
बुधवार को महाराष्ट्र सरकार ने सुपरस्टार सलमान खान का 5 महीने एक पुराना वीडियो जारी किया जिसमें वह लोगों से कोरोना वैक्सीन लगवाने की अपील करते हुए दिख रहे हैं। सलमान के लाखों प्रशंसक हैं और उनकी बात का असर होता है, लेकिन जब हमारे पत्रकारों ने मामले की छानबीन की तो पता लगा कि राज्य के ज्यादातर मुस्लिम बहुल इलाकों में रहने वाले लोग वैक्सीन लगवाने से झिझक रहे हैं। मौलानाओं और मशहूर हस्तियों की अपील के बावजूद इनमें से कई इलाकों में लोग वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार नहीं हैं।
इंडिया टीवी के रिपोर्टर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में मुस्लिम बहुल इलाकों में गए और पाया कि मुसलमान किसी भी कीमत पर वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार ही नहीं थे। यहां तक कि मुंबई जैसे महानगर में भी कई लोग यह कहते हुए सुनाई दिए कि कुछ भी हो जाए वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। उनका कहना था कि उन्होंने YouTube और WhatsApp पर वीडियो में देखा है कि कैसे वैक्सीन लगवाने के बावजूद कई लोगों की मौत हो गई। हालांकि कोई भी इन वीडियो की सच्चाई जांचने के लिए तैयार नहीं है।
हमारे देश में करीब 115 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है। पूरी दुनिया मान रही है कि भारत में बनी वैक्सीन असरदार है। दुनिया के 99 देशों में कोविशील्ड और कौवैक्सीन लगाई जा रही है। WHO ने Covaxin को भी मान्यता दे दी है। इसके बाद भी हमारे देश में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन पर भरोसा नहीं है और वे अफवाहों पर यकीन कर रहे हैं, ये सोचकर हैरानी होती है।
ये अजीब बात है कि अभी भी लाखों लोगों को हमारे वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों पर भरोसा नहीं है, लेकिन वे वैक्सीन को लेकर WhatsApp और YouTube पर फैलाई जा रही निराधार अफवाहों पर यकीन कर रहे हैं।
इंडिया टीवी के संवाददाता दिनेश मौर्य मुंबई के शिवाजी नगर इलाके में गए। यह एक मुस्लिम बहुल इलाका है। सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से इस इलाके में वैक्सीनेशन कम हुआ है। दिनेश मौर्या ने शिवाजी नगर में गलियों और बाजारों में घूम रहे दर्जनों लोगों से बात की। उनमें से करीब तीन चौथाई लोगों ने बताया कि उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई। जब इसका कारण पूछा गया तो उनमें से अधिकांश लोगों ने कहा, ‘क्या आप चाहते हैं कि हम वैक्सीन लगवाकर मर जाएं?’ कुछ लोगों ने कहा कि वैक्सीन की वजह से बीमारियां हो रही हैं, लोग मर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि ये सब कहां से पता चला, तो उनमें से अधिकांश ने WhatsApp और YouTube का नाम लिया या कहा कि इंटरनेट पर समाचार में देखा था।
जाहिर सी बात है कि महाराष्ट्र सरकार ऐसे ही लोगों से परेशान है। इन्हीं लोगों के लिए घर-घर दस्तक दी जा रही है, वैक्सीन लेकर मेडिकल टीम हर घर में जा रही हैं, लेकिन अफवाहों का इतना असर है कि लोग वैक्सीनेशन की टीम को देखकर दरवाजा बंद कर लेते हैं। महाराष्ट्र में अभी तक वैक्सीन की 10.5 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं, और इनमें से करीब 8 करोड़ लोगों को पहली डो़ज लग चुकी है। राज्य सरकार चाहती है कि नवंबर के महीने में महाराष्ट्र के सभी 12 करोड़ लोगों को पहली डोज लग जाए, लेकिन लोगों की बातें सुनकर ये काम पूरा होना मुश्किल लग रहा है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि सरकार ने फिल्म स्टार सलमान खान की सेवाएं लेने का फैसला किया है क्योंकि मुस्लिम बहुल इलाकों में कई लोग वैक्सीन लगवाने से हिचकिचा रहे हैं। इसी बात को दोहराते हुए मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने भी कहा, ‘मुसलमानों के मन में वैक्सीन को लेकर मजबह से जुड़े भ्रम हैं, जिसके कारण अभियान में थोड़ी देरी हुई है। हमें उम्मीद है कि मुसलमान वैक्सीन लगवाएंगे और सलमान खान जैसे ऐक्टर्स को उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। राजेश टोपे ने कहा, ‘हम वैक्सीनेशन में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं। सलमान खान केवल एक धर्म विशेष के स्टार नहीं हैं। वह सभी धर्मों के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। इसमें कोई राजनीति नहीं है। जहां भी हमें वैक्सीन को लेकर झिझक देखने को मिलती है, हम जागरूकता पैदा करने के लिए मौलवियों और मशहूर हस्तियों की मदद लेते हैं।’
महाराष्ट्र इस समय कोरोना के मामलों में नंबर वन पर है। प्रदेश में 66.25 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 1.4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना के 886 नए मामले सामने आए, जबकि 34 लोगों की जान चली गई। महामारी फैलने का खतरा अभी भी बना हुआ है, और राज्य सरकार एक नई लहर को उभरने से रोकने की पूरी कोशिश कर रही है। लेकिन सरकारी तंत्र पर अफवाहें भारी पड़ रही हैं, और लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर डर पैदा कर रही हैं।
सलमान खान का यह वीडियो इसी साल 26 जून का है। 5 महीने पहले सलमान ने BMC (बृहन्मुंबई नगर निगम) की अपील पर अपना यह वीडियो रिकॉर्ड करके दिया था। BMC ने उस समय अपने ट्विटर हैंडल पर इस वीडियो को पोस्ट किया था, लेकिन उस वक्त चूंकि कोरोना की दूसरी लहर कम होना शुरू हो गई थी, और लोगों में खौफ था, इसलिए वे खुद वैक्सीनेशन सेंटर्स की तरफ भाग रहे थे। इन सेंटर्स के आगे भीड़ इतनी थी कि सरकार मैनेज नहीं कर पा रही थी। इसलिए BMC ने उस वक्त इस वीडियो का ज्यादा प्रचार नहीं किया। अब जबकि लोगों ने कोरोना का डर कम हो गया है और वे फिर से वैक्सीन लगवाने से हिचकिचा रहे हैं, सरकार ने सलमान खान का वीडियो फिर से जारी करने का फैसला किया। मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में मौलाना लगातार अपील कर रहे हैं कि मुसलमान आगे आकर वैक्सीन लगवाएं।
अफवाहों का असर पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में भी दिखा है। हमारे संवाददाता अनुराग अमिताभ भोपाल की सकलैनी मस्जिद इलाके में गए। उन्हें मस्जिद के बाहर सबसे पहले जो शख्स मिला, उसने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई थी। इसका कारण पूछने पर उसने कहा, ‘जब मुझे कोई बीमारी ही नहीं है तो मैं वैक्सीन क्यों लगवाऊं? वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोग मर रहे हैं।’ हालांकि मस्जिद में मौजूद दूसरे लोगों ने कहा कि अब हालात बदले हैं, और समाज के जिम्मेदार लोगों की अपील के बाद मुसलमान भी वैक्सीन लगवा रहे हैं। हालांकि, उनमें से कई ऐसे थे जिन्होंने पहली डोज तो ले ली थी, लेकिन अभी तक दूसरी डोज नहीं ली है।
बुधवार को मध्य प्रदेश में वैक्सीन की 14 लाख से ज्यादा डोज लगाई गईं। अब तक राज्य में कुल 7.75 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं। वैक्सीनेशन के मामले में मध्य प्रदेश का रिकॉर्ड अच्छा है। यहां की कुल जनसंख्या 7.5 करोड़ है, जिनमें से 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को पहली डोज लग गई है और 2.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं। लेकिन मुस्लिम बहुल इलाकों में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी है।
भोपाल की बिस्मिल्लाह कॉलोनी में हमारे रिपोर्टर को मुस्लिम महिलाएं वैक्सीन लगवाती नजर आईं। उनमें से कई ने कहा कि वे पहले वैक्सीनेशन से डरती थीं, लेकिन अब वैक्सीन का डर दूर हो गया है। राज्य सरकार ने दोनों डोज नहीं लेने वालों को राशन की सप्लाई बंद करने की धमकी दी है। हालांकि, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि फिलहाल किसी का राशन रोका नहीं गया है। उन्होंने कहा कि अभी लोगों को समझाया जा रहा है, उन्हें जागरुक किया जा रहा है जिससे लोग जल्द से जल्द वैक्सीन लगवा लें।
जो लोग वैक्सीन लगवाने से डरते हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि वैक्सीन आपका सुरक्षा कवच है। पूरी दुनिया में जिस-जिस देश में लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई, जहां-जहां कम लोगों का वैक्सीनेशन हुआ, वहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं। रोमानिया इसका एक बड़ा उदाहरण है, और यूरोप के कई देशों में यही हाल है। भारत में अब तक 38 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, और 37.5 करोड़ लोगों को पहली डोज लग चुकी है। दूसरे शब्दों में कहें तो बुधवार को पहली बार पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों की तादाद उन लोगों से ज्यादा हो गई जिन्होंने वैक्सीन की एक ही डोज ली है।
अब तक 75 करोड़ से ज्यादा लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं, पर वैक्सीन लगवाने से किसी की मौत नहीं हुई। इसलिए इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। हमें तो इस बात की खुशी होनी चाहिए कि आज देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है, बल्कि अब तो इतनी वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है कि इसे दूसरे देशों को निर्यात किया जाने लगा है। केंद्र सरकार हर भारतीय को मुफ्त में वैक्सीन मुहैया करा रही है और प्राइवेट अस्पतालों में कई जगहों पर वैक्सीन की कीमत कम कर दी गई है क्योंकि एक्सपायरी डेट करीब आ गई है और स्टॉक भरा हुआ है।
याद रखें, अगर आपने वैक्सीन लगवाई है तो आपकी जान के लिए खतरा कम होगा। यदि आपको कोरोना हो भी गया तो हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत शायद ही आएगी। इसलिए वैक्सीनेशन जरूर करवाइए। इसी में आपका और देश का भी भला है।