प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार और मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कांग्रेस पार्टी पर जमकर वार किए और देश के इस सबसे पुराने राजनीतिक दल पर अलगावावाद के बीज बोने और वंशवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया। मोदी ने राज्य सभा में कहा-‘अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न हुआ होता, कश्मीरी पंडितों का पलायन न हुआ होता, देश में इमरजेंसी नहीं लगाई गई होती और बेटियों को तंदूर में न जलाया गया होता।’
इसके साथ ही मोदी ने यह याद दिलाया कि कैसे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री टी. अंजैया को इसलिए बर्खास्त कर दिया गया था क्योंकि प्रधानमंत्री के बेटे को हवाई अड्डे पर उनके स्वागत के इंतजाम पसंद नहीं आए थे। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कैसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री वीरेंद्र पाटिल को बीमार पड़ने के बावजूद बर्खास्त कर दिया गया था। प्रधानमंत्री ने गांधी परिवार पर हमला करते हुए कहा- ‘कुछ लोगों का मानना है कि भारत का जन्म 1947 में हुआ था। उनका मानना है कि केवल एक परिवार ही इस देश पर शासन कर सकता है। अब तो कई राजनीतिक दलों में वंशवाद की राजनीति है। मैं सभी दलों से अपील करता हूं कि वे अपनी पार्टी के अंदर लोकतंत्र लाएं और वंशवाद की राजनीति से दूर रहें।’
लोकसभा में मोदी ने कांग्रेस पर ‘फूट डालो और राज करो’ की ब्रिटिश नीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा, ‘तोड़ो और राज करो’ की नीति कांग्रेस ने अंग्रेजों से सीखी और उस पर आज तक चल रही है।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा-‘यह अब टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है’। उन्होंने कांग्रेस पर अलगाववाद के बीज बोने का आरोप लगाया। मोदी ने राहुल गांधी का नाम एक बार भी नहीं लिया लेकिन उनका इशारा राहुल गांधी की तरफ ही था। राहुल गांधी ने कहा था कि भारत राज्यों का एक संघ है, राष्ट्र नहीं। राहुल गांधी ने अपने भाषण में आरोप लगाया था कि केंद्र तमिलनाडु और केरल जैसे दक्षिणी राज्यों की अनदेखी कर रहा है।
मोदी ने कहा-‘जब हमारे सीडीएस जनरल बिपिन रावत का दक्षिण भारत में एक हेलिकॉप्टर हादसे में अकस्मात निधन हुआ और उनका पार्थिव शऱीर तमिलनाडु में हवाई अड्डे की तरफ ले जाने के लिए रास्ते से गुजर रहा था, तब मेरे तमिल भाई, तमिल बहनें लाखों की संख्या में रोड पर घंटों तक कतार में खड़े रहे थे। जब सीडीएस रावत का पार्थिव शरीर वहां से गुजर रहा था तब हर तमिलवासी गौरव के साथ हाथ ऊपर करके, आंख में आंसू के साथ कह रहा था- ‘वीर मणक्कम, वीर मणक्कम’। ये मेरा देश है। लेकिन कांग्रेस को हमेशा से इन बातों से नफरत रही है। विभाजनकारी मानसिकता उनके डीएनए में घुस गई है। अंग्रेज चले गए लेकिन ‘बांटो और राज करो’ की नीति को कांग्रेस ने अपना चरित्र बना लिया है। और इसलिए ही आज कांग्रेस ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग की लीडर बन गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के राष्ट्र होने पर सवाल उठाये जाने को लेकर आपत्ति जताई। दरअसल राहुल गांधी ने यह दावा किया था कि संविधान में कहीं भी भारत की व्याख्या एक राष्ट्र के तौर पर नहीं की गई है। इसे राज्यों का संघ बताय गया है। मोदी ने राज्यसभा में डॉ. भीम राव अंबेडकर के भाषण के अंश को पढ़ा और यह बताया कि प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए भले ही भारत को राज्यों में बांटा गया है लेकिन वास्तव में भारत एक देश है, एक राष्ट्र है। लोकसभा में मोदी ने ‘विष्णु पुराण’ और जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ का जिक्र किया और यह बताया कि एक राष्ट्र के तौर पर भारत का विचार हमारे संविधान का मसौदा तैयार होने से सदियों पहले मौजूद था। राज्यसभा में मोदी ने पूछा कि कांग्रेस का नाम ‘इंडियन नेशनल कांग्रेस’ क्यों रखा गया है? उन्होंने कहा-‘अगर भारत एक राष्ट्र नहीं है तो कांग्रेस को अपने नाम से राष्ट्रीय शब्द हटा लेना चाहिए और अपने पूर्वजों की गलती को ठीक कर लेना चाहिए। ‘
लोकसभा में मोदी ने कहा, ‘आपका (कांग्रेस का) गेम प्लान कोई भी हो, ऐसे बहुत लोग आए और चले गए। लाखों कोशिशें की गईं, अपने स्वार्थवश की गईं। लेकिन यह देश अजर-अमर है, इस देश को कुछ नहीं हो सकता। इस प्रकार की कोशिश करने वालों को हमेशा कुछ-न-कुछ गंवाना पड़ा है। यह देश एक था, श्रेष्ठ था, यह देश एक है, श्रेष्ठ है और यह देश श्रेष्ठ रहेगा, इसी विश्वास के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने अगले 100 साल तक सत्ता में नहीं लौटने का मन बना लिया है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे पिछले 15 से 30 साल में चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने कई राज्यों को खो दिया। उन्होंने कहा-‘नागालैंड के लोगों ने आखिरी बार 1998 में कांग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 24 साल हो गए। ओडिशा ने 1955 में आपके लिए वोट किया था, 27 साल हो गए आपको वहां एंट्री नही मिली। गोवा में 1994 में पूर्ण बहुमत के साथ आप जीते थे, 28 साल हो गए लेकिन गोवा ने आपको स्वीकार नहीं किया। पिछली बार 1988 में त्रिपुरा की जनता ने वोट दिया था, करीब 34 साल बीत चुके हैं। यूपी, बिहार और गुजरात में आखिरी बार 1985 में, करीब 37 साल पहले जनता ने आपके लिए वोट किया था। पश्चिम बंगाल में लोगों ने 1972 में करीब 50 साल पहले आपको पसंद किया था। तमिलनाडु के मतदाताओं ने आखिरी बार 1962 में कांग्रेस को वोट दिया था यानी करीब 60 साल पहले आपको मौका मिला था। तेलंगाना बनाने का श्रेय आपकी पार्टी लेती है, लेकिन तेलंगाना बनने के बाद भी वहां की जनता ने आपको स्वीकार नहीं किया। झारखंड का जन्म 20 साल पहले हुआ लेकिन वहां भी मतदाताओं ने पूरी तरह से आपको स्वीकार नहीं किया। पिछले दरवाजे से घुसने का प्रयास करते हैं। सवाल चुनाव नतीजों का नहीं है। सवाल उन लोगों की नीयत का है, उनकी नेकदिली का है। इतने बड़े लोकतंत्र में इतने साल तक शासन में रहने के बाद देश की जनता हमेशा-हमेशा के लिए उनको क्यों नकार रही है? और जहां भी ठीक से लोगों ने राह पकड़ ली, दोबारा आपको प्रवेश करने नहीं दिया है। इतना सारा होने के बावजूद भी..हम तो एक चुनाव हार जाएं ना, महीनों तक न जाने ईको-सिस्टम क्या-क्या करती है। इतना सारा पराजय होने के बावजूद न आपका अहंकार जाता है, न आपकी ईको-सिस्टम आपके अहंकार को जाने देती है।’
नरेंद्र मोदी ने उद्योगपतियों की निंदा करने के लिए कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने दो उद्योगपतियों का नाम लिए बिना उन्हें ‘A A वैरिएंट’ बताया था। मोदी ने कहा, ‘एक तरफ हमारे युवा उद्यमी अब दुनिया भर में टॉप थ्री में हैं और उनके यूनिकॉर्न धूम मचा रहे हैं और दूसरी ओर हमारे उद्यमियों और जॉब क्रियेटर्स को बदनाम करने की प्रवृत्ति पनप रही है। उद्यमियों में डर पैदा कर उन्हें अच्छा लगता है। कांग्रेस में ऐसे लोग बैठे हैं जो हमारे उद्यमियों को कोरोना वायरस वेरिएंट बता रहे हैं। ये आप क्या कर रहे है? आप कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।’
प्रधामंत्री ने यह आरोप लगाया कि ‘कोरोना की पहली लहर के दौरान कांग्रेस ने मामूली सियासी फायदे के लिए लाखों मजदूरों को अपने राज्य लौटने के लिए उकसाया था और कोरोना का कैरियर बना दिया था। जब पूरी दुनिया लॉकडाउन का पालन कर रही थी तब मुंबई में कांग्रेस के नेता मजदूरों को डराकर मुफ्त में ट्रेनों की टिकट बांट रहे थे। इसी तरह दिल्ली में सत्ताधारी दल के लोग जीप और माइक लेकर गलियों में घूम-घूमकर लोगों से अपना सामान पैक करने और दिल्ली-बिहार रवाना होने की अपील कर रहे थे। इतना ही नहीं प्रवासी मजदूरों को बसें उपलब्ध कराई गईं और उन्हें यूपी बॉर्डर पर छोड़ दिया गया।’
संसद के दोनों सदनों में पीएम मोदी अपने पुराने रंग में दिखाई दिए। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को करारा जवाब दिया। तथ्य और आंकड़ों के साथ विपक्ष पर हमला किया। उन्होंने जवाब देने के लिए बार-बार पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम लिया। नरेन्द्र मोदी का ज्यादा जोर इस बात पर था कि कांग्रेस के नेता सिर्फ विरोध के लिए उनका विरोध करते हैं। ऐसे विरोध से देश का नुकसान होता है।
मोदी ने कोरोना का उदाहरण दिया और याद दिलाया कि कैसे लॉकडाउन और वैक्सीन को लेकर तमाम विरोध के बावजूद भारत के लोगों ने महामारी का डटकर मुकाबला किया। सरकार ने किसी को भूखा नहीं सोने दिया, सप्लाई चेन को टूटने नहीं दिया, अपने देश में वैक्सीन बनाई और अब तक 80 प्रतिशत जनता को दोनों डोज मिल चुकी है। मोदी ने यह भी बताया कि किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी गई और किसानों ने भी रिकॉर्ड उत्पादन किया इसीलिए महंगाई पर काफी हद तक काबू पाया जा सका। मोदी ने ऐसे बहुत सारे उदाहरण दिए और कहा कि संकट के इस काल में उन्होंने समर्पण भाव से काम किया। लेकिन पूरे समय कांग्रेस ने उन्हीं को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इतिहास से कोई सबक नहीं लिया।