प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार सातवीं बार स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से देश को संबोधित करते हुए अपने भाषण में चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, “ भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। इस संकल्प के लिए हमारे जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है।.. एलओसी से लेकर एलएसी तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने, उसका उसी भाषा में जवाब दिया है। “
हालांकि मोदी ने अपने भाषण में चीन और पाकिस्तान का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा स्पष्ट था। बेहद कड़े और संतुलित स्वर में उन्होंने अपनी बात कही। मोदी ने कहा, भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश जोश से भरा हुआ है, संकल्प से प्रेरित है और अटूट श्रद्धा के साथ आगे बढ़ रहा है। मैं आज मातृभूमि पर न्यौछावर उन सभी वीर-जवानों को लालकिले की प्राचीर से आदरपूर्वक नमन करता हूं।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आतंकवाद और विस्तारवाद’ के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी।
पीएम मोदी ने यह भी कहा, ‘आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं, बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं। भारत ने पश्चिम एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ किस तरह से सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए हैं, इसका उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही।
पीएम मोदी के भाषण का मूल विषय आत्मनिर्भरता पर केंद्रित था। उन्होंने आयात को कम करने, स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने, आयात के लिए 100 से अधिक डिफेंस प्रोडक्ट्स की निगेटिव लिस्ट बनाने, किसानों को अपने उत्पादों को कहीं भी बेचने की अनुमति देने पर जोर दिया। वहीं उन्होंने मल्टी मॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कर सड़क मार्ग, रेलवे, बंदरगाह, हवाई अड्डों के इंटरलिंकिंग की बात कही। ‘वोकल फॉर लोकल’ का जिक्र कर पीएम मोदी ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा भारतीय सामान खरीदने और विदेशी सामानों से दूर रहने की अपील की।
पीएम मोदी ने सवालिया लहजे में कहा, हम देश से कब तक कच्चा माल विदेश भेजते रहेंगे… raw material कब तक दुनिया में भेजते रहें, और देखिए तो… raw material दुनिया में भेजना और finished goods दुनिया से वापस लाना, ये खेल कब तक चलेगा? हमें वैल्यू एडिशन की ओर बढ़ना होगा… और आत्मनिर्भरता की पहली शर्त है आत्मविश्वास।’
प्रधानमंत्री ने देश के सभी नागरिकों को हेल्थ आईडी मुहैया कराने के लिए डिजिटल हेल्थ मिशन और साइबर हमलों का मुकाबला करने के नेशनल साइबर पॉलिसी तैयार करने का ऐलान किया। कोरोना वायरस महामारी पर पीएम मोदी ने कहा, ‘देश में COVID के तीन-तीन टीके इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं। वैज्ञानिकों से इसकी अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि टीका तैयार हो जाने के बाद कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह पहुंचे, यह तय करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन का खाका भी हमने तैयार कर लिया है।
मोदी का भाषण इस मायने में दूरदर्शिता से भरा था कि राष्ट्रीय डिजिटल हेल्थ मिशन और नेशनल साइबर पॉलिसी जैसे प्रोजेक्ट आने वाले समय में देशवासियों के जीवन पर असर डालेंगे। इसी तरह, उन्होंने लक्षद्वीप आईलैंड को अंडर सी ऑप्टिकल फाइबर लिंक से जोड़ने का ऐलान किया। यह प्रोजेक्ट वैसा ही है जैसे हाल ही में चेन्नई और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के काम का उद्घाटन हुआ है। इस काम के पूरा होने से भारत और इन आईलैंडस् के बीच कम्यूनिकेशन आसान हो जाएगा।
पीएम मोदी का इस मामले में स्पष्ट विचार है कि कैसे भारतीय किसानों को आजादी के बाद से लगाए गए सभी नियंत्रणों से मुक्त किया जाना चाहिए, ताकि वे अपनी आय को तेजी से बढ़ा सकें। उन्होंने अपने भाषण में यह भी बताया कि कैसे उनकी सरकार महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और समाज के अन्य वंचित तबकों की मदद करना चाहती है।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री का भाषण आशावादी था। उन्होंने कहा कि कैसे भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में 7 हजार नए प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है और लगभग 2 करोड़ परिवारों को कैसे नल के जरिये पीने का साफ पानी उपलब्ध कराया गया है। मोदी का यह भाषण लोगों को आश्वस्त करने वाला भाषण था। यह निश्चित रूप से उन लोगों का मनोबल बढ़ानेवाला है जो कोरोना जैसी महामारी और आर्थिक मंदी की दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।