
हरियाणा में वरिष्ठ IPS अफसर पूरन कुमार की खुदकुशी के 8 दिन बाद बुधवार को उनके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनकी दोनों बेटियों ने पिता को मुखाग्नि दी. हरियाणा के एक्टिंग डीजीपी ओ.पी. सिंह अन्त्येष्टि के समय मौजूद थे. पुलिस की टुकड़ी ने उन्हें अंतिम सलामी दी.
   अंतिम संस्कार से पहले पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. पूरन कुमार की IAS पत्नी अमनीत पोस्टमार्टम के लिए सहमति देने को तैयार नहीं थी. उनका कहना था कि जब तक पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर और दूसरे अफसरों पर कार्रवाई नहीं होती तब तक वो पोस्टमार्टम के लिए सहमति नहीं देंगी.
  सात दिन के इंतजार के बाद पोस्टमार्टम की अनुमति के लिए कोर्ट में पेटिशन फाइल की गई. इस पिटीशन पर सुनवाई होने से ठीक पहले पूरन कुमार की पत्नी का लिखित बयान आया और उन्होंने पोस्टमार्टम के लिए सहमति दे दी.
   अमनीत ने कहा कि उन्हें सरकार ने न्यायोचित, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया है और उन्हें सरकार और कोर्ट पर भरोसा है.
   डॉक्टरों के विशेष पैनल ने बैलेस्टिक एक्सपर्ट और मैजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया और इसकी वीडियोग्राफी की गई. पोस्टमार्टम के बाद पूरन कुमार का पार्थिव शरीर परिवार को सौंप दिया गया.
     पूरन कुमार का अंतिम संस्कार हो गया लेकिन कल पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद खुदकुशी करने वाले सहायक सब इन्सपेक्टर संदीप लाठर के परिवार ने पुलिस को शव सौपने से इंकार कर दिया. परिवार वालों की मांग है कि संदीप लाठर ने जो खुलासे किए हैं, उनकी न्यायिक जांच करायी जाय और आरोपियों की गिरफ्तार किया जाय. ये भी मांग की गई कि संदीप को शहीद का दर्जा दिया जाय.
     मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लाढोत गांव जाकर  संदीप के परिवार से मुलाकात की और न्याय का आश्वासन दिया. संदीप कुमार आत्हत्या केस की FIR दर्ज कर ली गई. संदीप की पत्नी संतोष की शिकायत पर पूरन कुमार की IAS पत्नी अमनीत पी कुमार, उनके साले अमित रत्न, गनमैन सुशील समेत 4 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज हुआ है.
   संदीप लाठर को इंसाफ दिलाने के लिए जाट महासभा आगे आ गई है. खाप पंचायतें भी संदीप को इंसाफ दिलाने के लिए एकजुट हो रही हैं.
   जाट महासभा के अध्यक्ष संदीप भाटी ने कहा कि संदीप लाठर के लिए 36 बिरादरियां एक साथ आकर लड़ाई लड़ेंगी और उनकी शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगी.
   IPS अफसर पूरन कुमार दलित थे, इसलिए जब पूरन कुमार ने खुदकुशी की, तो कांग्रेस और दूसरे विरोधी दलों ने दलितों के साथ नाइंसाफी की बात की. ASI संदीप लाठर ने पूरन कुमार को भ्रष्ट अफसर बताकर आत्महत्या कर ली, तो अब वही नेता जाट को इंसाफ दिलाने का नारा लगाने लगे.
   जो नेता मंगलवार सुबह तक पूरन कुमार के घर के बाहर खड़े थे, बुधवार को वे सब संदीप लाठर के परिवार से मिलने पहुंच गए. कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा राहुल गांधी के साथ पूरन कुमार के घर गए थे. बुधवार को भूपेन्द्र हुड्डा संदीप कुमार के घर पहुंचे. संदीप का गांव लाढ़ौत हुड्डा के विधानसभा क्षेत्र में है. यहां जाट समुदाय बहुमत में है.
     संदीप के परिवार से मिलने के बाद हुड्डा ने कहा कि उनके परिवार की मांगें पूरी होनी चाहिए, इस केस की न्यायिक जांच होनी चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी तो पूरन कुमार के इंसाफ के लिए लड़ रही है तो हुड्डा अटक गए, थोड़ा रुककर उन्होंने कहा कि उनका कहने का मतलब ये है कि पूरे केस की जांच पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए.
     हुड्डा की तरह अभय चौटाला भी असमंजस में दिखे. दो दिन पहले अभय चौटाला ने पूरन कुमार के लिए इंसाफ की आवाज बुलंद की थी, उनके परिवार से मुलाकात की थी. बुधवार को वह संदीप लाठर के परिवार से मिले.
     IPS अफसर  पूरन कुमार और ASI संदीप कुमार की दुखद आत्महत्या का मामला अब जातिगत टकराव का रूप ले चुका है. IPS अफसर का परिवार शुरू से ही आत्महत्या को दलित उत्पीड़न का रंग दे रहा है.
  जाट महासभा ने कहा कि ASI संदीप के लिए 36 बिरादरियां एक साथ लड़ेंगी. ASI संदीप के परिवार का कहना है कि अगर पूरन कुमार की IAS पत्नी पोस्ट मार्टम को रोक कर न रखती तो मामला इतना भयानक रूप न लेता और संदीप आत्महत्या न करते.
  दो दिन पहले तक हरियाणा में कांग्रेस और INLD दोनों IPS पूरन के परिवार के साथ खड़े थे, बुधवार को भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अभय चौटाला ASI संदीप के परिवार के साथ खड़े नजर आए.
  IPS और IAS अफसरों में कोई खुलकर नहीं बोलता. लेकिन इन आत्महत्याओं को लेकर IPS और IAS अफसरों में भी सहानुभूति बंटी हुई है. यहां भी जातियों के टकराव का असर दिखाई दे रहा है. इसीलिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के लिए एक तरफ कुआं है और दूसरी तरफ खाई. मुख्यमंत्री की सबसे बड़ी मुसीबत ये है कि उनके अपने ही अफसर एक दूसरे से टकराने में लगे हैं. इसीलिए इन दोनों मामलों में वो एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं.
तिरुपति बालाजी के पैसे की चोरी : पापी को सज़ा मिले
   तिरूपति से चौंकाने वाली खबर आई. तिरुपति बालाजी मंदिर की देखरेख के लिए ज़िम्मेदार तिरुपति देवस्थानम बोर्ड पर 100 करोड़ रु. के घोटाले का जो आरोप लगा है, उससे जुड़े दस्तावेज पुलिस ने जब्त कर लिए.
  TTD बोर्ड के सदस्य जी. भानु प्रकाश रेड्डी ने आरोप लगाया है कि जगनमोहन रेड्डी की सरकार के वक्त तिरुपति बोर्ड में 100 करोड़ रु. से ज़्यादा का हेरफेर हुआ. इस घोटाले में बोर्ड के सदस्यों के  साथ जगन मोहन रेड्डी सरकार के मंत्री और विधायक भी शामिल थे.
   अप्रैल 2023 में तिरुमला पेड्डा जियांगर मठ के एक क्लर्क  सी.वी. रविकुमार को विदेशी मुद्रा वाले दान पात्र से 900 डॉलर चुराते हुए पकड़ा गया था. रविकुमार के ख़िलाफ़ TTD बोर्ड के एक अधिकारी सतीश कुमार ने शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले की जांच  की.  चार्जशीट भी दाख़िल कर दी लेकिन कोर्ट फैसला सुनाता इससे पहले ही शिकायत करने वाले सतीश कुमार ने मामले को लोक अदालत में निपटाने की अर्ज़ी दी.
 इसके बाद लोक अदालत ने केस का निपटारा कर दिया. हैरानी की बात ये है कि इसके बाद  रविकुमार और उसकी पत्नी ने तिरुपति और चेन्नई में अपने क़रीब 15 करोड़ क़ीमत के फ्लैट  TTD बोर्ड को दान कर दिए.
  भानु प्रकाश रेड्डी का कहना है कि ये मामला सिर्फ नौ सौ डॉलर की चोरी का नहीं था. हकीकत ये है कि जब हुंडी को खोला जाता था, कैश की गिनती होती थी, उस वक्त सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए जाते थे, करोड़ों रूपए की चोरी होती थी.
  भानु प्रकाश रेड्डी का कहना है कि बहुत से भक्त करोड़ों की संपत्ति भगवान बाला जी के नाम कर देते हैं लेकिन बोर्ड के सदस्यों ने कागजों में हेरफेर करके ये संपत्ति अपने नाम करवा ली.
  भानु प्रकाश रेड्डी का दावा है कि  रविकुमार ने 15 करोड़ की जो संपत्ति मंदिर को दान की है, असल में वो संपत्ति भक्तों ने ही दी थी जो रविकुमार ने अपने नाम करवा ली थी.
  तिरूपति मंदिर में घोटाले का केस हाईकोर्ट पहुंच गया है. हाई कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के DGP को  इस मामले से जुड़े सारे दस्तावेज़ ज़ब्त करके अदालत में पेश करने का आदेश दिया है.
   तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है. मंदिर के पास 22 हजार करोड़ रुपये जमा  है, 1300 करोड़ रुपये तो हर साल ब्याज़ से मिलते हैं.
   आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बालाजी के दर्शन के लिए जो भक्त आते हैं, वो अपनी श्रद्धा के अनुसार हुंडी में कितना दान करते हैं.
   सबसे अच्छी बात ये है कि इस दानराशि का इस्तेमाल charitable hospitals और शिक्षा के काम में किया जाता है. अगर कोई मंदिर के इस धन की चोरी करे तो ये महापाप है. भगवान के घर में सेंध लगाने से बड़ा अधर्म और कुकर्म और क्या हो सकता है?   इस पाप में बड़े-बड़े लोग जुड़े हुए  हैं. इसीलिए इसकी तह तक पहुंचना खतरनाक काम है.
  मैं भानु प्रकाश रेड्डी की तारीफ करूंगा कि उन्होंने खतरा मोल लिया, इस लूट को expose किया. अब कोर्ट के आदेश के बाद अब CID भी active हुई है,  और उम्मीद है कि सारा मामला जल्दी ही expose होगा.
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