इजराइल ने हमास की हैवानियत के रौंगटे खड़े करने वाले खुलासे किए. इजराइली डिफेंस फोर्स ने दावा किया कि हमास, अल कायदा, ISIS और हिजबुल्लाह ये सारे आतंकवादी संगठन मिलकर काम कर रहे हैं. अलकायदा ने हमास को रासायनिक हथियार बनाने और इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी है. 7 अक्टूबर के हमले में हमसा के आतंकी कैमिकल हथियार बनाने के सामान लेकर घुसे थे. इजराइली सेना ने दावा किया है कि अब तक एक्शन में हमास के एक हजार से ज्यादा दहशतगर्द या तो मारे जा चुके हैं या फिर इजराइली सेना के कब्जे में हैं. हमास के कब्जे में 222 लोग बंधक हैं. इनमें से इजराइली नागरिकों के अलावा कई विदेश नागरिक भी हैं.. इजराइल का कहना है कि अब तक हमास के ठिकानों पर कुल तीन सौ हवाई हमले किये गए हैं. अब किसी भी वक्त इजराइल गाजा पर ज़मीनी हमला शुरू कर सकता है. बड़ी बात ये है कि लेबनान और सीरिया से हिजबुल्ला के आतंकवादी इजराइल पर हमले कर रहे थे, इसलिए पिछले चौबीस घंटं में इजराइली फोर्स ने सीरिया और लेबनान में भी हिजबुल्ला के ठिकानों पर मिलाइलें दागीं हैं. हालांकि गाजा में आम लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए दुनिया भर से राहत सामग्री भेजी जा रही है. भारत की तरफ से साढ़े छह मीट्रिक टन दवाएं भेजी गईं हैं . अमेरिका, रूस, चीन, खाड़ी के देश और यूरोपियन यूनियन की तरफ से गाजा में मदद भेजी गई है. लेकिन इजराइल ने इसका विरोध किया है. इजराइली सेना का कहना है कि हमास दुनिया भर से भेजी गई मदद को आम लोगों तक नहीं पहुंचने देगा. इस सामान के इस्तेमाल से हमास मजबूत होगा, ये खतरनाक है. इजराइल ने कहा कि दुनिया भर को हमास की दारिंदगी देखनी चाहिए. इजराइली फोर्स ने वो वीडियो जारी किए जो इजराइल में घुसकर हमला करने वाले हमास के आतंकवादियों के बॉडी कैम से बरामद हुए हैं. कई वीडियो तो रूह कंपा देने वाले हैं, कुछ वीडियोज में महिलाओं, बुजर्गों और बच्चों की हत्या के बाद हमास के आतंकवादी ये कहते सुनाई दे रहे हैं कि उन्होंने दस इजराइलियों को मार दिया, अब आगे बढ़ रहे हैं. कुछ वीडियो में बच्चे और महिलाएं जान बचाने के लिए भाग रहे हैं, घर में टेबल कुर्सी या बैड के नीचे छुप रहे हैं और दहशतगर्द उन्हें खोजकर मारते हुए दिख रहे हैं. ज्यादातर वीडियो तो ऐसे हैं जिन्हें टीवी पर हम आपको दिखा भी नहीं सकते. जोो वीडियो दिखा रहे हैं, वो हमास की हैवानियत की इंतिहा को बताने के लिए काफी हैं. और ये वीडियो उन लोगों को जरूर देखने चाहिए, जो इजराइल का विरोध कर रहे हैं. तमाम तरह के तर्क देकर हमास की हिमायत कर रहे हैं. हमास की हैवानियत सिर्नफ हत्याओं तक नहीं रुकी. कई केस तो ऐसे थे जिसमें इन दरिंदों ने कार में बैठे लोगों को ज़िंदा जला दिया .ये तस्वीरें इतनी डरावनी हैं कि हम आपको बिना ब्लर किए नहीं दिखा सकते. किसी कार में पिछली सीट पर इंसानों को ज़िंदा जला दिया गया, तो किसी में ड्राइवर को. कार के साथ-साथ आम इजरायली को भी इतनी बुरी तरह जलाया गया कि उनकी पहचान तक नहीं हो सकी. सड़कों पर मौत का तांडव करने के बाद हमास के दहशतगर्द अंधाधुंध फायरिंग करते हुए गाज़ा बॉर्डर के आसपास बसे इजरायली रिहायशी इलाकों में गए. 7 अक्टूबर को यहूदियों का त्यौहार था. सुबह का वक्त था, लोग सोकर भी नहीं उठे थे और हमास के हैवानों ने हमला कर दिया. आतंकवादियों के पास हैंड हेल्ड रॉकेट ल़ॉन्चर थे, ऑटोमैटिक राइफल्स थी, .हैंड ग्रेनड थे. पहले घरों में लगे सीसीटीवी तोड़े गए, फिर फायरिंग की गई, दरवाजे तोड़े गए, घरों में मौजूद सभी इंसानों को मौत के घाट उतारा गया, उसके बाद पूरा घर रॉकेट से उड़ा दिया. इज़राइल के जिस किबुत्ज़ (बस्ती) में हमास के आतंकवादियों ने सबसे पहले हमला किया था, वहां अब जिंदगी का नामोनिशान भी नहीं है. इजराइली फौज के प्रवक्ता ने कहा कि 7 अक्टूबर को हुआ हमला किसी छोटे गुटा के मुट्ठी भर लोगों का हमला नहीं था. ये प्रशिक्षित आतंकवादियों का पूरी तैयारी के साथ किया गया सैन्य हमला था, जिसमें जल, थल, नभ का इस्तेमाल हुआ. इसलिए इस हमले का जवाब भी उसी ताकत और शिद्दत के साथ दिया जा रहा है और इजराइली फोर्स हमास के खात्मा किए बग़ैर नहीं रुकेगी. इज़राइल के राष्ट्रपति आइज़ैक हर्त्ज़ोर्ग ने कहा है कि हमास के आतंकवादियों के पास अल क़ायदा के मैन्युअल मिले है जिसमें उन्हें रासायनिक हथियार बनाने का तरीक़ा बताया गया है. इज़राइल के राष्ट्रपति ने कहा कि ग़ज़ा में हमास के पास केमिकल हथियारों का ज़ख़ीरा हो सकता है. हमास ने अभी इज़राइल और दूसरे देशों के 222 से ज़्यादा लोगों को बंधक बना रखा है. वो कहां हैं उनका पता लगाने की कोशिश की जा रही है. इन बंधकों के समर्थन में कई देशों में प्रोटेस्ट हुए, वहीं, ग़ज़ा पट्टी में इज़राइल की बमबारी से आम नागरिकों की मौत के ख़िलाफ़ भी कई देशों में विरोध प्रदर्शन हुए . भारत में भी कुछ संगठनों ने इज़राइल के दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इजराइली सेना के अधिकारी का कहना है कि हमास के क़रीब एक हज़ार बंधक और मारे गए आतंकवादी उनके क़ब्ज़े में हैं, उनसे पूछताछ हुई है, उनकी शिनाख़्त हो चुकी है और इजराइली खुफिया एजेंसियां, बंधकों के बारे में पता लगा रही हैं. इजराइल ने एक हज़ार आतंकवादियों और उनके शवों को बरामद कर लिया है. अब तक इजराइल के 308 सैनिक मारे गए हैं और 222 लोग बंधक हैं. इजराइल का कहना है कि हमास, हिज़्बुल्लाह, अल कायदा और इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने मिल कर हमलों को अंजाम दिया. भारत में जो लोग हमास का समर्थन कर रहे हैं, उनको सऊदी अरब के प्रिंस की बात सुननी चाहिए. सऊदी अरब के प्रिंस तुर्की अल फ़ैसल, सीनियर डिप्लोमैट हैं, सऊदी अरब की इंटेलिजेंस एजेंसी के चीफ रहे हैं. उन्होंने इज़राइल पर हमास के हमले की कड़ी निंदा की..सउदी प्रिंस ने कहा कि हमास की हरकत के कारण लाखों फिलस्तीनी मुसीबत झेल रहे हैं. जहां तक आजादी की जंग का सवाल है तो हमास को भारत से सीखना चाहिए, जिसने अहिंसा के दम पर अंग्रेज़ों से आज़ादी हासिल की. सउदी प्रिंस की ये बात सही है कि हमास ने जिस तरह से इजराइल पर हमला किया, उसकी बजह से इजराइल को गाजा में ज़बरदस्त हमला का रास्ता मिला. अब तक पूरी दुनिया इजराइली फौज के बाहदुरी और उसकी इंटैलीजेंस एजेंसी मोसाद की काबलियत की मिसाल देती थी लेकिन हमास के हमले दोनों की छवि मिट्टी में मिल गई. इसलिए बेंजामिन नेतान्य़ाहू ज्यादा परेशान हैं, अब इजराइली फौज के हमले अपनी पुरानी साख को वापस लौटाने की कोसिश है और इसके चक्कर में फिलस्तीन के आम नागरिकों पर मुसीबतों के बम फूट रहे हैं. जहां तक फिलस्तीन के समर्थन में हमारे देश में हो रहे प्रदर्शनों का सवाल है तो ये समझना जरूरी है कि इंडोनेशिया के बाद भारत में मुसलमानों की आबादी सबसे ज्यादा है. इसके बाद भी देश के ज्यादातर मुस्लिम ये समझ रहे हैं कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ इजराइली फौज के एक्शन का समर्थन किया है. फिलस्तीन के आम लोगों पर हमलों का समर्थन नहीं किया है. भारत सरकार ने युद्ध में फंसे फिलस्तीन के लोगों के लिए राहत सामग्री भेजी है, इसीलिए आम मुसलमानों ने भारत सरकार के रुख का विरोध नहीं किया है, लेकिन कुछ संगठन और कुछ नेता मुसलमानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. इस मुद्दे पर सियासत कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें अपने मकसद में कोई खास कामयाबी नहीं मिली है.