चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में वीडियो लीक की घटना ने छात्रावासों में रहने वाली छात्राओं की निजता (प्राइवेसी) को लेकर तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या लड़कियों को कॉमन वॉशरूम इस्तेमाल करना चाहिए? यूनिवर्सिटी, कॉलेज और प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट्स में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली छात्राओं के माता-पिता प्राइवेसी के मुद्दे को लेकर चिंतित हैं। पंजाब में इस शर्मनाक घटना ने छात्राओं और उनके परिवारों में डर और आक्रोश का तूफान खड़ा कर दिया है। यह सब कई अफवाहों के चलते हुए, जिनके बारे में मैं आपको विस्तार से बताऊंगा।
यूनिवर्सिटी से पोस्ट-ग्रैजुएट कर रही एक छात्रा ने वॉशरूम में अपना नहाने का वीडियो बनाकर हिमाचल प्रदेश में एक लड़के को भेज दिया। हॉस्टल में ही रहने वाली एक लड़की ने उसे ऐसा करते हुए देख लिया। जल्द ही यह खबर पहले हॉस्टल और फिर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों तक फैल गई। शनिवार और रविवार की रात को यूनिवर्सिटी कैंपस में जमकर विरोध प्रदर्शन हुए।
अफवाह उड़ी कि यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने वाली 60 से ज्यादा लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो सर्कुलेट किए जा रहे हैं। यह भी कहा जाने लगा कि यूनिवर्सिटी की लड़कियों के वॉशरूम के कुछ वीडियो पॉर्न साइट्स पर डाल दिए गए। इस तरह की बातें सुनकर लड़के-लड़कियों के परिवार वाले कैंपस में पहुंच गए। पुलिस ने यूनिवर्सिटी कैंपस से छात्रा और शिमला से उसके 23 वर्षीय बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार कर लिया। हिमाचल प्रदेश से 31 साल के एक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है। फॉरेन्सिक एक्सपर्ट तीनों के फोन की जांच कर रहे हैं कि कहीं और भी वीडियो तो फॉरवर्ड नहीं किए गए या कोई चैट तो डिलीट नहीं की गई।
चूंकि यह बेटियों से जुड़ा संवेदनशील मसला था, इसलिए मैंने अपने 4 रिपोर्टर्स को मौके पर भेजा। इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स ने पंजाब पुलिस के आला अफसरों के साथ-साथ जांच में लगे पुलिसवालों, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों और उनके पैरेन्ट्स से बात की। मामले की गंभीरता को देखते हुए यूनिवर्सिटी को एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया है। जो छात्र पंजाब और आसपास के राज्यों के हैं, उन्हें फिलहाल हॉस्टल खाली कर घर जाने को कह दिया गया है। पुलिस ने फिलहाल इस मामले में आरोपी लड़की और उसके दो ‘दोस्तों’ को गिरफ्तार किया है।
दोनों आरोपी हिमाचल प्रदेश से पकड़े गए हैं और आम घरों से हैं। पहले आरोपी का नाम सनी मेहता है। उसने 12वीं तक की पढ़ाई की है और शिमला की एक बेकरी में काम करता है। उसके पिता मजदूरी करते हैं। दूसरा आरोपी भी 12वीं क्लास तक ही पढ़ा है और उसके पिता भी मजदूरी करते हैं। जिस लड़की को अरेस्ट किया गया है वह चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से MBA कर रही है। चूंकि इस मामले से लोगों में जबरदस्त नाराजगी है, इसलिए पंजाब पुलिस इसमें फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
चंड़ीगढ़ यूनिवर्सिटी का प्रशासन और पंजाब पुलिस बार-बार ये बात कह रही है कि अभी तक तो ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह आशंका हो कि हॉस्टल की 60 लड़कियों के वीडियो बनाए और सर्कुलेट किए गए हैं। लेकिन आरोपी लड़की के साथ हॉस्टल में रहने वाली कई लड़कियां बार-बार कह रही हैं कि उन्होंने आरोपी लड़की को वीडियो बनाते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। उन्होंने कहा कि लड़की के फोन में आपत्तिजनक वीडियो भी थे। लड़कियों इल्जाम लगा रही हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। लड़कियों की चिंता जायज है, उनका गुस्सा भी गलत नहीं है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि वे सब सिर्फ कही सुनी हुई बातों के आधार पर बोल रही हैं।
हमारे संवाददाता ने पुलिस और यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से बात की। पता लगा कि आरोपी लड़की दो हफ्ते पहले ही हॉस्टल में आई थी और वह ज्यादातर लड़कियों को जानती भी नहीं थी। उसने वॉशरूम मे सिर्फ अपना वीडियो बनाया था, और वही वीडियो शिमला में रहने वाले अपनी जान-पहचान के लड़के को भेजा था।
मोहाली रूरल के एसपी नवनीत विर्क ने बताया कि 60 लड़कियों के वीडियो का दावा पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि ये बातें सिर्फ अनुमान के आधार पर, शक के आधार कही जा रही हैं। ये सारी बातें सोशल मीडिया के जरिए तेजी से फैलीं और इन अफवाहों के कारण छात्राओं के परिजनों और रिश्तेदारों में डर फैल गया। विर्क ने कहा, ‘वह अपना वीडियो बना रही थी। किसी लड़की ने उसे ऐसा करते देखा और दूसरी लड़की से जाकर बात की। यह बात वॉर्डन को बता दी गई। वॉर्डन ने जब लड़की का फोन खोला तो उसमें कुछ वीडियो थे, जो उसके खुद के थे। उसको ऐसे समझ लिया गया कि उसने खुद की बजाय और लड़कियों के भी वीडियो बनाए होंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी अभी तक सामने नहीं आया है। यह एक कॉमन वॉशरूम था।’
इस बारे में अफवाह इसलिए फैली क्योंकि हॉस्टल वॉर्डन ने आरोपी छात्रा को डांटते हुए लगातार यह बात कही कि हो सकता है कि उसने दूसरी लड़कियों का भी वीडियो बनाकर अपने दोस्त को भेजा हो। वॉर्डन बिना तथ्यों की जांच किए ही लड़की पर आरोप लगा रही थी। जब वॉर्डन आरोपी लड़कियों को डांट रही थी, उस वक्त वहां मौजूद लड़कियां वॉर्डन का वीडियो बना रही थीं। उन्होंने ये वीडियो तुरंत ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिए।
चूंकि हॉस्टल की लड़कियों ने वॉर्डन की भी शिकायत की थी, इसलिए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने 2 हॉस्टल वॉर्डन्स को सस्पेंड कर दिया है जबकि बाकी हॉस्टल की वॉर्डन्स का ट्रांसफर कर दिया है। हमारे रिपोर्टर पुनीत परिंजा ने हॉस्टल में रहने वाली एक छात्रा से बात की जो Le Corbusier हॉस्टल के उसी फ्लोर पर रहती है जिस पर आरोपी लड़की का कमरा है। उसने हमारे रिपोर्टर से कहा कि उसने आरोपी छात्रा का फोन देखा था और चैट भी पढ़ी थी। लड़की ने आशंका जताई कि आरोपी छात्रा को उसका बॉयफ्रेंड ब्लैकमेल कर रहा था। उसने यह भी कहा कि लड़की के फोन में और किसी लड़की का आपत्तिजनक वीडियो नहीं था। छात्रा ने बताया कि दूसरी लड़कियों के 60 वीडियो बना पाना नामुमकिन है क्योंकि वह 2 हफ्ते पहले ही हॉस्टल आई थी।
एक बात तो तय है कि 60 लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो बनाने की बात पूरी तरह निराधार है। इसके बावजूद पंजाब पुलिस कोई चांस नहीं लेना चाहती। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता लगा कि जब MMS की बात फैल गई तो लड़के ने लड़की से फोन का सारा डेटा और ऐप डिलीट करने को कहा था। पुलिस ने तीनों आरोपियों के फोन फॉरेन्सिक लैब में यह चेक करने के लिए भेज दिए हैं कि कोई डेटा डिलीट किया गया है या नहीं। पुलिस ने पुष्टि की है कि तीनों आरोपी एक-दूसरे को पिछले 3 साल से जानते थे। पुलिस पता लगाएगी कि क्या सनी नाम का लड़का इस तरह लड़कियों को ब्लैकमेल करता है और क्या वह लड़कियों के वीडियो पॉर्न साइट्स को बेचता है। पंजाब पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि वह इस केस की तह तक जाएगी और पूरी हकीकत लोगों के सामने रखेगी।
पंजाब पुलिस की SIT ने मंगलवार को पेन ड्राइव, कंप्यूटर और अन्य उपकरण बरामद करने के लिए दोनों पुरुष संदिग्धों, सनी मेहता और रंकज वर्मा को हिमचल प्रदेश में उनके गृहनगर ले गई। पुलिस अधिकारियों को शक है कि दोनों ने अन्य उपकरणों में वीडियो और तस्वीरें स्टोर करके रखी होंगी। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं और भी वीडियो तो इंटरनेट पर शेयर या अपलोड नहीं किए गए। पंजाब के मोहाली स्थित खरड़ कोर्ट ने छात्रा समेत तीनों आरोपियों को पहले ही एक हफ्ते के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
पुलिस ने छात्रों और उनके परिवारों से अफवाहों पर यकीन न करने की अपील की है। एडिशनल डीजीपी गुरप्रीत कौर देव ने कहा कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और अभी तक गिरफ्तार छात्रा द्वारा शेयर की गई उसकी खुद की वीडियो के अलावा किसी और वीडियो के बारे में कोई सबूत नहीं मिला है।
हमें एक बात याद रखनी चाहिए। यह मामला हमारी बेटियों के भविष्य से जुड़ा है। एक लड़की ने आपत्तिजनक वीडियो बनाया और अफवाह उड़ गई कि हॉस्टल की 60 लड़कियों के वीडियो बने। गर्मी की वजह से प्रदर्शन करते समय कुछ लड़कियां बेहोश हो गईं तो ये बात उड़ा दी गई कि 8 लड़कियों ने खुदकुशी कर ली। तिल का ताड़ बना दिया गया, राई का पहाड़ बना दिया गया। इन अफवाहों ने लोगों के मन में एक डर पैदा कर दिया। यह सही है कि एक बार तो लड़कियों को लगा कि कहीं उनका भी वीडियो तो नहीं बना लेकिन थोड़ी देर में उन्हें समझ में आ गया कि यह एक अफवाह थी।
ज्यादातर लड़कियों को अपना डर नहीं है, वे इन हालात से निपटना भी जानती हैं, और इन अफवाहों से लड़ना भी जानती हैं। उनकी सबसे बड़ी चिंता है अपने मां-बाप का डर, उनको कैसे समझाएं। हर लड़की को घर से फोन आने लगे। उनके मां-बाप ने कहा कि तुम घर वापस आ जाओ, सुरक्षा सबसे जरूरी है। पिता ने कहा कि पढ़ना है तो घर में रहकर पढ़ो, हॉस्टल में रहने की क्या जरुरत है। सबसे बड़ा डर यही है कि कहीं पैरेंट्स अपनी बेटियों को पढ़ाना न बंद कर दें। दुर्भाग्य की बात है कि इतना कुछ महज अफवाहों की वजह से हुआ है।
इसलिए मैं सभी से अपील करता हूं कि अपनी आंखें और कान खुले रखें, सतर्क रहें और जो देखें या सुनें उसे बिना वेरीफाई किए सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें। अगर सोशल मीडिया पर यह अफवाह न फैलती कि 60 लड़कियों का वीडियो बनाया गया तो इतना हंगामा न होता।
सबसे जरूरी बात: अगर कभी गलती हो जाए, अनजाने में कुछ गड़बड़ी हो जाए तो डरने की जरूरत नहीं। पुलिस के पास जाकर अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाएं। जब भी ऐसी बातों को छिपाने की कोशिश की जाती है तो ब्लैकमेल करने वालों को मौका मिलता है। आजकल ऐसे बहुत सारे केस देखने को मिलते हैं, इसलिए ब्लैकमेलरों से सतर्क रहें।