Rajat Sharma

मैनपुरी और रामपुर में अखिलेश को हरा पाएंगे योगी ?

AKBउत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव और रामपुर विधानसभा उपचुनाव का प्रचार काफी दिलचस्प हो गया है। इस चुनाव अभियान में जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीजेपी की अगुवाई कर रहे हैं वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से नेतृत्व का जिम्मा अखिलेश यादव ने संभाल रखा है। मैनपुरी, रामपुर और खतौली में सोमवार को वोटिंग होगी।

शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ ने रामपुर और मैनपुरी में चुनाव प्रचार किया और यादव परिवार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा मुलायम सिंह खानदान में तीन तरह के समाजवाद हैं। योगी ने कहा-चाचा शिवपाल सिंह यादव ‘लठैत समाजवाद’ में यकीन रखते हैं, दूसरे चाचा रामगोपाल यादव ‘पूंजीवादी समाजवाद’ में यकीन करते हैं और अखिलेश यादव ‘अवसरवादी समाजवाद’ में विश्वास रखते हैं।’

योगी एक हफ्ते में दूसरी बार मैनपुरी आए जिसे मुलायाम सिंह यादव का खानदानी गढ़ माना जाता है। मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण खाली हुई सीट पर लोकसभा का उपचुनाव हो रहा है। इस उपचुनाव में अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल को उतारा है।

एक रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैनपुरी ऋषियों की भूमि है। यहां समाजवादी परिवार का राज नहीं बल्कि रामराज होना चाहिए। योगी ने कहा कि मैनपुरी में विकास सिर्फ सैफई और यादव परिवार तक सीमित है। योगी ने शिवपाल यादव के जिस ‘लठैत समाजवाद’ की बात की इसका एक उदाहरण भी गुरुवार को देखने को मिला।

मैनपुरी में डिंपल यादव के लिए प्रचार कर रहे अखिलेश यादव के चचेरे भाई और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की पुलिस से नोंकझोंक हो गई।यह मामला मैनपुरी के कुरावली विधानसभा इलाके का है। चुनाव आचार संहिता के चलते पुलिस ने चेकिंग के लिए धर्मेंद्र यादव की गाड़ी को रोक दिया। इससे वे नाराज हो गए। पुलिसवालों से उनकी जबरदस्त बहस हो गई। धर्मेंद्र यादव कहने लगे कि पुलिसवाले सिर्फ समाजवादी पार्टी के नेताओं की गाड़ियां चेक कर रहे हैं, बीजेपी नेताओं की नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अत्याचार कर रही है, कार्यकर्ताओं को डरा रही है। उन्होंने पुलिस इंस्पेक्टर को चुनौती दी कि उन्हें गिरफ्तार करके दिखाएं।

धर्मेंद्र यादव ने कहा-‘आप पूरे जिले में आतंक फैला रहे हैं। आप लोग जो ये अत्याचार कर रहें हैं न उसे डेमोक्रेसी कभी माफ नहीं करेगी। लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश की जा रही है और संविधान का मजाक बनाया जा रहा है। जनता इन पुलिसकर्मियों को कभी माफ नहीं करेगी। जिले का हर बड़ा अफसर लोगों को डरा रहा है..धमका रहा है। लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। लेकिन मैनपुरी के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। जनता चुनाव में जवाब देगी।’

अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने आरोप लगाया कि मैनपुरी में जिला प्रशासन ‘मुख्यमंत्री योगी के इशारे पर विपक्षी कार्यकर्ताओं को डरा रहा है। अब वोटिंग तक ऐसा ही होता रहेगा। इसलिए समाजवादी पार्टी के लोगों को डरना नहीं है, हर बूथ पर और हर इलाके में बैकअप प्लान बनाना है जिससे योगी सरकार के मंसूबों को नाकाम किया जा सके।’

योगी ने अपनी रैली में इन आरोपों को जवाब दिया। उन्होंने कहा-‘यह समाजवादी पार्टी का पुराना स्टाइल है। जब भी उन्हें लगता है कि चुनाव हारने वाले हैं तो कभी ईवीएम पर आरोप लगाते हैं और कभी पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हैं। जहां कहीं लगता है कि हार जाएंगे तब वे डिंपल यादव को आगे कर देते हैं। इससे पहले डिंपल यादव फिरोज़बाद और कन्नौज में चुनाव हारीं थी और अब मैनपुरी में भी उन्हें हार मिलेगी।’

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ‘योगी आदित्यनाथ चाचा शिवपाल को पेंडुलम कह रहे हैं लेकिन उन्होंने (शिवापल यादव) नेताजी (मुलायम सिंह) से राजनीति सीखी है। वो कब, कहां और कैसे चोट करेंगे इसका अंदाज़ा बीजेपी को भी नहीं होगा।’

मैनपुरी जाने से पहले योगी ने एक अन्य अहम सीट रामपुर में प्रचार किया जिसे सपा नेता आजम खान का गढ़ माना जाता है। शुक्रवार को योगी ने आजम खां का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका निशाना साफ था।

योगी ने कहा- जो नेता आज अन्याय का रोना रो रहे हैं, वो झूठ बोल रहे हैं। उन्हें समझ लेना चाहिए जिसने जो कर्म किया है उसका फल उसे भुगतना होगा। सारे मामले अदालत में हैं, फैसला वहीं होना है। अगर इन नेताओं ने सत्ता में रहते हुए अपनी जुबान को काबू में रखा होता, जमीन एवं मकानों पर अवैध कब्जा नहीं किया होता, अपने कारनामों के लिए जनता से माफी मांगी होती शायद जनता उन्हें माफ कर देती। लेकिन वह अब भी नहीं सुधरे हैं, हालांकि वक्त सबको सुधार देता है।

योगी आदित्यनाथ की यह बात तो सही है कि आजम खान जब तक सत्ता में रहे, या फिर जब तक रामपुर पर उनका रूआब चला, तब तक उनके तेवर हमेशा तीखे रहते थे। आजम खान तब पुलिस और प्रशासन को कुछ नहीं समझते थे और रामपुर को एक तरह से उन्होंने अपनी रियासत की तरह चलाया। उन्होंने अपनी मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए कई गरीब मुसलमानों की प्रॉपर्टी पर भी कब्जा किया। इसके लिए आजम खान को काफी समय तक जेल में भी रहना पड़ा लेकिन उनके तेवर अभी भी उतने ढीले नहीं पड़े हैं।

2 दिन पहले एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खां ने धमकाने वाले अंदाज में कहा था कि वह राज्य की 4 सरकारों में थे और सत्ता में रहते हुए अगर उन्होंने अपना बाहुबल दिखाया होता तो ‘बच्चे पैदा होने से पहले अपनी मां से पूछते कि आजम खान से मंजूरी ले ली है कि नहीं।’ इसके तुरंत बाद, सपा नेता के खिलाफ इस ओछी टिप्पणी के लिए रामपुर में IPC की धारा 394 B, 354 A, 353 A, 505, 504, 509, 125 के तहत मामला दर्ज हो गया। शुक्रवार को आजम खान ने पुलिस की कार्रवाई पर तंज कसते हुए, उसका मजाक उड़ाते हुए अपने समर्थकों से ‘एसपी साहब जिंदाबाद’, ‘सीओ साहब जिंदाबाद’ और ‘पुलिस की लाठी जिंदाबाद’ के नारे लगाने को कहा।

योगी ने शुक्रवार को मतदाताओं को रामपुर की समृद्ध विरासत की याद दिलाई। उन्होंने कहा, ‘एक नेता (आजम खां) और उनके परिवार की वजह से रामपुर विकास की यात्रा में पीछे रह गया। यह परिवार केवल मुसलमानों के साथ राजनीति करता है, लेकिन बीजेपी कभी भी धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं करती।’

योगी जिस तरह रामपुर और मैनपुरी में प्रचार कर रहे हैं, उससे एक बात तो साफ है कि इन दोनों सीटों को जीतकर वह अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका देना चाहते हैं। रामपुर सीट पर आजम खान का दबदबा माना जाता है और मैनपुरी सीट मुलायम सिंह यादव का गढ़ रही है। ये दोनों ही नेता समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे हैं, ऐसे में अगर बीजेपी इन दोनों सीटों को समाजवादी पार्टी से छीनती है तो यह बहुत बड़ी जीत होगी।

यही वजह है कि योगी इन सीटों पर उन नेताओं से भी प्रचार करवा रहे हैं जो कभी आजम और मुलायम के करीबी रहे। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री एस. पी. सिंह बघेल, जो कि लंबे वक्त तक मुलायम सिंह के सुरक्षा अधिकारी रहे थे, ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं कल रात एक सपना देखा था। नेताजी ने मुझसे कहा, आप लोगों को अखिलेश को सबक सिखाना चाहिए क्योंकि मेरे आखिरी दिनों में उन्होंने मेरे साथ बुरा बर्ताव किया था।’

यूपी उपचुनाव में प्रचार का अंदाज, लहजा और तेवर कुछ इस तरह का है। मैनपुरी और रामपुर में बीजेपी और समाजवादी पार्टी की टक्कर कितने कांटे की है, दोनों पार्टियां कितना जोर लगा रही हैं, इसका अंदाजा योगी और अखिलेश का कैम्पेन देखकर लगाया जा सकता है।

अगर आपको दोनों पार्टियों की रणनीति समझनी है तो आपको उनके मंच की तरफ देखना होगा, वहां कौन-कौन बैठा है, इस पर ध्यान देना होगा। अखिलेश यादव के साथ मंच पर शिवपाल और रामगोपाल सहित पूरा यादव परिवार एक साथ दिखाई देता है। वे यह संदेश देना चाहते हैं कि मुलायम सिंह यादव का पूरा परिवार उनकी विरासत को बचाने के लिए साथ खड़ा है।

योगी आदित्यनाथ के मंच पर आपको समाज के हर वर्ग के नेता दिखाई देंगे। शुक्रवार को योगी के मंच पर मैनपुरी के प्रत्याशी रघुराज शाक्य, मौर्य समाज की नेता और यूपी सरकार में मंत्री बेबी रानी मौर्य, केंद्रीय मंत्री बीएल मौर्य, कोरी समाज के नेता और यूपी के मंत्री मन्नू कोरी, योगी कैबिनेट में मंत्री और राजपूत समाज से ताल्लुक रखने वाले दयाशंकर सिंह, कुर्मी नेता और मंत्री राकेश सचान, बघेल समाज के नेता और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल मौजूद थे। योगी का संदेश साफ है कि समाज के हर वर्ग, हर जाति के लोग उनके साथ हैं और सब मिलकर यादव परिवार को हराएंगे। चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे।

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