Rajat Sharma

अमित शाह ने तेजस्वी के नैरेटिव की कैसे हवा निकाली

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राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान का हवाला देकर बार-बार ये दावा कर रहे थे कि बीजेपी नीतीश कुमार के चेहरे का इस्तेमाल तो कर रही है लेकिन उन्हें चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी.
बुधवार को अमित शाह ने दरभंगा के अलीनगर और बेगूसराय में हुई चुनाव सभाओं में साफ ऐलान कर दिया कि बिहार में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री हैं और आगे भी वही मुख्यमंत्री रहेंगे.
अमित शाह ने ये भी कह दिया कि बिहार में सीएम और देश में पीएम की कोई वैकेंसी नहीं है। शाह ने कहा, “ सोनिया जी राहुल को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। लालू जी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। मैं दोनों को बताना चाहता हूं कि बिहार में न सीएम पद खाली है और न ही दिल्ली में पीएम पद खाली है। बिहार में विकास पुरुष नीतीश कुमार बैठे हैं और दिल्ली में पीएम मोदी.”
अमित शाह ने इसके साथ ही तेजस्वी यादव की पूरी रणनीति को ध्वस्त कर दिया. तेजस्वी ये नैरेटिव बना रहे थे कि नीतीश कुमार कठपुतली हैं, बीजेपी उनका इस्तेमाल कर रही है, उन्हें फिर से CM नहीं बनाएगी.
अमित शाह ने इस नैरेटिव को खत्म कर दिया. तेजस्वी यादव की रणनीति ये भी है कि वो अपने आप को लालू के राज में हुए अपहरण, हत्या और बाहुबलियों के इस्तेमाल से अलग करना चाहते हैं. अमित शाह ने लालू यादव के सारे कारनामे गिना दिए.
तेजस्वी यादव ये भी कोशिश कर रहे हैं कि वो अपने आप को रेलवे में नौकरी के बदले जमीन और चारा घोटाले जैसी बातों से अलग रखें लेकिन अमित शाह ने एक-एक कर सारे घोटाले भी गिनवा दिए.

योगी और ओसामा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बुधवार को बिहार में तीन रैलियां हुईं. पहली रैली सीवान में थी, योगी के पहुंचने से पहले ही बीजेपी के कई समर्थक बुलडोजर लेकर वहां पहुंच गए थे.
चूंकि बाबा का बुलडोजर अब पूरे देश में मशहूर हो गया है, इसलिए सीवान में जिस जगह योगी की रैली होनी थी, वहां बुलडोजर खड़े किए गए. इससे संदेश दिया गया कि इस बार NDA की सरकार बनेगी तो यूपी की तरह बिहार में भी अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलेगा.
सीवान की रघुनाथपुर विधानसभा सीट के लिए RJD ने बाहुबली शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को टिकट दिया है. योगी ने कहा कि “राजद ने यहां से जो प्रत्याशी दिया है, वह अपनी खानदानी आपराधिक पृष्ठभूमि के लिए पूरे देश में कुख्यात रहा है, नाम भी देखिए। जैसे नाम, वैसा काम”.
योगी ने कहा कि जो लोग प्रभु राम को काल्पनिक बताते थे, जिन्होने रामरथ को रोकने का पाक किया था, जिन्होने रामभक्तों पर गोली चली थी, जो पूछते थे राम मंदिर कब बनेगा, वे आज मुंह छुपाते घूम रहे हैं.
योगी ने कहा कि बिहार के सनातनी लोग ऐसे सनातन विरोधियों का कभी समर्थन नहीं करेंगे.
योगी ने बिहार के लोगों को जंगलराज की याद दिलाई और RJD के चुनाव निशान लालटेन को अपराध, भ्रष्टाचार और जंगलराज से जोड़ा. योगी ने कहा कि RJD और कांग्रेस दोनों भ्रष्टाचार से दूर नहीं रह सकते, एक लालटेन की रोशनी धीमी करके चारा खाता है, दूसरा हाथ की सफाई दिखाने में माहिर है, ये लोग सत्ता में आए, तो यही करेंगे. इसलिए इस ‘ठग’बंधन को सत्ता से दूर रखने में ही बिहार की भलाई है.
देश में जहां भी चुनाव होते हैं, वहां बीजेपी के प्रचार में नरेंद्र मोदी के बाद सबसे ज्यादा मांग योगी आदित्यनाथ की होती है. बिहार में अब तक योगी की 6 रैलियां हो चुकी हैं.
नोट करने वाली बात है कि योगी को उन इलाकों में भेजा जा रहा है, जहां NDA कमजोर है और महागठबंधन मजबूत है. सीवान की जिस रघुनाथपुर सीट पर योगी की जनसभा हुई, वो सीट RJD का गढ़ है. रघुनाथपुर में बरसों तक शहाबुद्दीन का सिक्का चलता था.
इस इलाके के जातीय और मजहबी समीकरण महागठबंधन के पक्ष में हैं. यहां 23 प्रतिशत मुसलमान, 10 प्रतिशत यादव और करीब साढ़े ग्यारह प्रतिशत दलित वोटर हैं. यादव और मुस्लिम वोटरों की संख्या, MY समीकरण RJD के पक्ष में जाता है. इसलिए 2010 से ये सीट लगातार RJD के कब्जे में हैं. लेकिन इस बार बीजेपी ने इस सीट पर पूरी ताकत लगाई है. योगी को वहां भेजा है और इसका असर आज दिखाई दिया.

क्या ओवैसी मुस्लिम वोटरों को RJD से छीन पाएंगे?

AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी इस वक्त उस सीमांचल इलाके पर फोकस कर रहे हैं, जहां तेजस्वी यादव को सबसे ज्यादा उम्मीद है. सीमांचल की ज्यादातर सीटों पर मुस्लिम वोटर डिसाइडिंग फैक्टर है.
तेजस्वी ने वादा किया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो बिहार में नया वक्फ कानून लागू नहीं होने देंगे. ओवैसी ने कहा कि तेजस्वी यादव को संविधान की समझ नहीं है, उन्हें पता ही नहीं है कि संसद से पास कानून को कोई राज्य सरकार रद्दी की टोकरी में नहीं फेंक सकती. ओवैसी ने कहा कि तेजस्वी या तो खुद नासमझ हैं या फिर वो मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं.
असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल में बड़े प्लेयर हैं, ये उन्होंने पिछले चुनाव में ही साबित कर दिया था. इस बार ओवैसी के उम्मीदवार जिन 28 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें से 16 सीटों पर उनका मुकाबला RJD और कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवारों से है.
ओवैसी ने जिन 28 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें से 18 उम्मीदवार RJD के खिलाफ हैं और इनमें से भी 9 RJD के मुस्लिम उम्मीदवारों के सामने खड़े हैं. ओवैसी ने 10 सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए हैं, इनमें से भी कांग्रेस के 7 मुस्लिम उम्मीदवार हैं जिनके सामने ओवैसी दीवार बनकर खड़े हैं.
ओवैसी मुसलमानों से ये कह रहे हैं कि ‘यादव मलाई खाएगा और अब्दुल दरी बिछाएगा, ये अब नहीं चलेगा’.
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