Rajat Sharma

गैंग्स ऑफ लंदन : पुलिस के शिकंजे में

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लंदन में पुलिस ने सड़कों पर लोगों से मोबाइल फोन लूटने वालों की धरपकड़ के लिए एक बड़ी मुहिम छेड़ दी है. पुलिस ने फोन स्नैचिंग करने वाले गैंग के खिलाफ दो दिन तक ऑपरेशन चलाया, गैंग के 32 लुटेरों को गिरफ्तार किया और फोन स्नैचिंग के चालीस हजार से ज्य़ादा मामलों को सुलझाया.
पुलिस ने चोरी के फोन खरीदने वाले लंदन के सात स्टोर्स को सील किया, एक स्टोर से दो हजार से ज्यादा फोन बरामद किए, पांच लाख पौंड (करीब पांच करोड रूपए) के चोरी के इलैक्ट्रानिक गैजेट्स ज़ब्त किए. लूटपाट के बाद गैंग में शामिल अपराधी चोरी का माल खरीदने वाले दुकानदारों को बेच देते थे.
पुलिस के मुताबिक, चोरी के ज्यादातर फोन चीन भेज दिए जाते थे.
दरअसल लंदन में पिछले चार-पांच सालों में मोबाइल फोन लूटने की घटनाएं बहुत बढ़ गई थीं. लंदन के मशहूर टूरिस्ट spots जैसे वेस्टमिंस्टर, ट्रैफलगर स्क्वॉयर, मेफेयर, वेस्ट एंड, बकिंघम पैलेस, स्काई गार्डेन और सेंट पॉल्स कैथड्रॉल जैसे इलाक़ों में लोगों के फोन छीनने की घटनाओं लगातार हो रही थीं जिसके बाद पुलिस ने मोबाइल snatchers के ख़िलाफ़ स्पेशल ऑपरेशन शुरू किया. अब तक 32 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. शुरुआत दो अफ़ग़ान नागरिकों की गिरफ़्तारी से हुई थी जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के बाद पकड़ा गया. इसके बाद एक भारतीय और एक बुल्गारियन को गिरफ़्तार किया गया.
इन चारों से पूछताछ के बाद लंदन पुलिस ने विल्सडन, ब्रोमले, हर्टफोर्डशर और वूलविच इलाक़ों में लगभग 120 ठिकानों पर छापे मार कर 40 हज़ार से ज्यादा मोबाइल फ़ोन्स की लूट के मामले सुलझाए.
पिछले चार साल में लंदन में फोन snatching की घटनाएं चार गुना से ज़्यादा बढ़ गई. 2020 में 28 हज़ार से ज़्यादा लोगों के फोन राह चलते झपट लिए गए, जबकि 2024 में फोन स्नैचिंग की 81 हज़ार वारदातें हुईं. लंदन में हर आठ मिनट में एक मोबाइल फ़ोन छिन जाता है. पूरे ब्रिटेन में फोन स्नैचिंग की जितनी घटनाएं होती हैं उनमें से 75 फीसद घटनाएं अकेले लंदन में होती हैं.
लंदन के लोगों का कहना है कि अवैध आप्रवासियों की वजह से यहां फोन छीनने और दुकानों से महंगे सामानों की चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं.
फोन छीनने वालों का सबसे आसान शिकार वो सैलानी होते हैं जो अपने मोबाइल से या तो वीडियो बना रहे होते हैं. या फिर रूट के लिए map को फॉलो कर रहे होते हैं या फिर किसी कॉल पर होते हैं.
लंदन पुलिस ने ऑपरेशन ज़ोरिडॉन के तहत सादे लिबास में तीन सौ से ज्यादा कर्मी आम लोगों के बीच तैनात किए. जैसे ही कोई लुटेरा फोन छीनता है, पुलिस कर्मी उसका पीछा करके उसे पकड़ लेते हैं.
छीने गए ज़्यादातर फोन चीन भेजे जाते हैं क्योंकि ब्रिटेन के मोबाइल फोन में इंटरनेट और दूसरे ऐप्स ऑन रहते हैं, जो चीन में बैन हैं. चोरी के फ़ोन ख़रीदने वाले चीनी नागरिक अपने देश की सेंसरशिप से बच जाते हैं. दूसरा, Apple के महंगे फोन उन्हें कम दाम में मिल जाते हैं, इसलिए ब्रिटेन चोरी के फोन्स का एक बड़ा ब्लैक मार्केट बन गया है.
लुटेरों के गिरोहों से तीन सौ पौंड में चोरी के फोन खरीदकर इन्हें चीन में चार से पांच हज़ार डॉलर में बेचा जाता है.
असल में पिछले कुछ सालों में लंदन में आप्रवासियों की संख्या बढ़ गई है. पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, मध्य पूर्व, और उत्तरी अफ्रीका से लाखों लोग ब्रिटेन में अवैध तरीक़े से दाख़िल हो रहे हैं. लंदन के मेयर सादिक़ ख़ान पर घुसपैठियों को बढ़ावा देने के इल्ज़ाम लग रहे हैं. इसीलिए मेयर के निर्देश पर मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने ऑपरेशन ज़ोरिडॉन शुरू किया.
दुकानों में चोरी करके सामान ब्लैक मार्केट में बेचने वालों की ट्रेसिंग के लिए इस बार लंदन पुलिस ने आधुनिक तकनीक इस्तेमाल की है.
पुलिस Selecta-DNA तकनीक के तहत जिन दुकानों में चोरी की घटनाएं ज़्यादा हो रही थीं, वहां सामानों पर एक ख़ास तरह का synthetic liquid लगा रही है. अगर वो सामान चोरी होता है तो फिर इसी liquid की मदद से उसको trace किया जाता है.
पुलिस को पता चल जाता है कि चोरी के बाद सामान कहां भेजा गया, किस दुकान पर बेचा गया. फिर sniffer dogs की मदद से पुलिस चोरी के सामान को trace कर लेती है.
लंदन में मैने देखा है कि Oxford Street जैसे व्यस्त इलाकों में भी लुटेरे बाइक पर आते हैं औऱ मोबाइल छीनकर भाग जाते हैं. किसी भी लेन में चार गुंडे आकर पर्स छीन लेते हैं, घड़ी उतरवा लेते हैं, अगर कोई विरोध करे तो इतना मारते हैं कि हड्डियां टूट जाएं.
कुछ दिन पहले मुझे किसी ने एक महिला का video भेजा था. उन्होंने पर्स देने से इनकार किया तो उनका चेहरा इतनी बुरी तरह ज़ख्मी कर दिया कि plastic surgery करानी पड़ी. कई महीने इलाज हुआ, लाखों रुपये खर्च हो गए. इसलिए लंदन की सड़कों पर चलने वाले सोचते हैं कि पिटने से तो बेहतर है पर्स और घड़ी दे दें.
ये कोई इक्का-दुक्का घटनाएं नहीं हैं. लंदन में Mayfair जैसे पॉश इलाकों में लूटपाट आम बात है. Dorchester जैसे मशहूर होटल से जब आप बाहर निकलते हैं तो गेटकीपर धीरे से सलाह देते हैं कि मोबाइल औऱ पर्स जेब में रख लें. महिलाओं से कहा जाता है कि ईयर-रिंग और अंगूठी उतारकर पर्स में रख लें. लंदन में पुलिस snatching , मारपीट औऱ लूटपाट की FIR भी नहीं लिखती. वो कहती है कि ये तो आम बात है.
अब जबरदस्त राजनीतिक दबाव पड़ा, तो पुलिस ने एक्शन लिया है. पानी सिर के ऊपर चला गया था. Tourist लंदन जाने से कतराने लगे थे. अभी भी लंदन की पुलिस ने चोरी और लूट का सामान ही पकड़ा है, बहुत से लुटेरे और चोर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. उम्मीद है कि उनके खिलाफ भी जल्द एक्शन होगा.

दिल्ली में दिवाली के पटाखे : क्या इस बार AQI कम रहा?

दीपावली के अगले दिन दिल्ली की हवा प्रदूषित तो हुई, लेकिन जहरीली नहीं थी. ज्यादातर इलाकों में शाम पांच बजे एयर क्वालिटी इंडैक्स दौ सौ से कम था, हालांकि रात को लोगों ने पूरे उत्साह से दीवाली मनाई, जमकर आतिशबाजी की, इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ा.
कुछ इलाकों में AQI पांच सौ से ऊपर गया लेकिन ज्यादातर इलाकों में AQI साढ़े तीन से नीचे ही रहा. सुबह आसमान में धुंध नजर आई, स्मॉग की परत थी, मॉर्निंग वॉक करने के लिए कम ही लोग घरों से निकले.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि वैसे तो दिल्ली में पिछले सालों के मुकाबले इस बार प्रदूषण कम हुआ और जो प्रदूषण दिख रहा है, वो पंजाब की आम आदमी पार्टी की साजिश है.
सिरसा ने आरोप लगाया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेता जानबूझ कर किसानों पर पराली जलाने के लिए दबाव डाल रहे हैं. पंजाब में जल रही पराली का धुंआ दिल्ली पहुंच रहा है, जिससे दिल्ली की हवा भी खराब हो रही है.
पाकिस्तान में भी जबरदस्त वायु प्रदूषण है. लाहौर, इस्लामाबाद से कराची तक स्मॉग की मोटी परत दिखाई दे रही है. पाकिस्तान का आरोप है कि पंजाब और हरियाणा से आ रहा धुंआ पाकिस्तान की आबोहवा को बर्बाद कर रहा है.
पाकिस्तान में तो दीवाली नहीं मनाई जाती, वहां तो आतिशबाजी नहीं होती, फिर पाकिस्तान में वायु प्रदूषण कैसे बढ़ा? इसलिए लोग पूछते हैं कि दिल्ली में दिवाली की आतिशबाजी को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है?
दिल्ली की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि सर्दियों में ठंडी हवाएं हिमालय से दिल्ली की तरफ आती हैं, तापमान कम होने के कारण गर्म हवाएं फैलने की बजाय कंन्डेंस होकर स्मॉग के रूप में आसमान में छा जाती हैं, जिससे धुंध बनती है और AQI लेवल बढ़ जाता है. अगर हवा की रफ्तार बढ़ जाए, थोड़ी धूप निकले तो ये अपने आप खत्म हो जाती है. जैसे आज हुआ.
रात में AQI साढ़े तीन सौ के पार था. फिर शाम होते होते ये दो सौ से नीचे आ गया. सूरज ढलने के बाद फिर AQI लेवल कई इलाकों में तीन सौ से पार हो गया. इसे फॉगिंग करके, स्मॉग गन लगाकर कुछ हद तक मैनेज किया जा सकता है, लेकिन खत्म नहीं किया जा सकता.
प्रदूषण तब पूरी तरह तभी दूर होता है जब बारिश होती है और अच्छी खबर ये है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में बारिश होने की संभावना है. जब तब बारिश न हो, सबको सावधान रहने की ज़रूरत है.
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