Rajat Sharma

शहबाज़ और मुनीर ने पाकिस्तान की इज़्ज़त बेच दी

WhatsApp Image 2025-04-29 at 3.16.49 PMपाकिस्तान के वज़ीर-ए आज़म शहबाज़ शरीफ़ ने मिस्र के शर्म अल-शेख़ में वो कारनामा किया जिसकी वजह से हर पाकिस्तानी शर्मसार है. पूरी दुनिया में शहबाज़ शरीफ़ और पाकिस्तान का मज़ाक़ बन रहा है. सोशल मीडिया पर X से लेकर Facebook पर पाकिस्तानी अपने प्रधानमंत्री को कोस रहे हैं, गालियां दे रहे हैं, अपना सिर पीट रहे हैं कि आख़िर उनके मुल्क को ऐसा वज़ीर-ए-आज़म क्यों मिला.

शर्म अल-शेख़ में ग़ज़ा शांति शिखर बैठक हो रही थी, शहबाज शरीफ भी हाथ बांधे ट्रंप के बिल्कुल पीछे खड़े थे. ट्रंप ने आदत के मुताबिक़ अपनी शेखी बघारी. कहा, उन्होंने आठ महीने में आठ युद्ध रुकवा दिए, ये कारनामा दुनिया में कोई नहीं कर पाया. अमेरिका के अब तक के किसी राष्ट्रपति ने शांति के लिए इतना काम नहीं किया.

इसी दौरान ट्रंप ने भारत, पाकिस्तान की बात की. ट्रंप ने अपने भाषण में पहले भारत की तारीफ़ की, फिर ceasefire की पुरानी कहानी सुनाने लगे. फिर ट्रंप ने पीछे खड़े शहबाज़ से पूछा कि वो भारत के साथ ठीक से रहेंगे या नहीं. शहबाज शरीफ मुस्कुरा कर सिर हिलाते रहे और ट्रंप भी उनकी लाचारी पर हंस पड़े.

इसके बाद ट्रंप ने शहबाज़ शरीफ़ की और बेइज़्ज़ती की. ट्रंप ने कहा कि आसिम मुनीर उनकी नज़र में best field marshal हैं और शहबाज़ शरीफ की तरफ देखकर कहा कि आसिम मुनीर तो यहां नहीं हैं, पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर हैं, इसलिए उन्हीं के लिए ताली बजाइए.

इतना कहने के बाद ट्रंप ने शहबाज शरीफ से कहा कि आप पूरी दुनिया को बताइए कि समिट के दौरान क्या कहा था. शहबाज शरीफ इस तरह भाषण के लिए तैयार नहीं थे लेकिन ट्रंप ने उन्हें आगे बुला लिया.

शहबाज शरीफ ने माइक संभाला और जो कहा, जो किया, उससे ट्रंप तो गदगद् हो गए लेकिन शर्म अल-शेख़ में मौजूद यूरोप और अरब देशों के नेता हैरान रह गए.

पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म अमेरिका के राष्ट्रपति की तारीफ़ में क़सीदे पढ़ रहे थे. उस समय इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी उनके ठीक पीछे खड़ी थीं. शहबाज़ जिस क़दर ट्रंप की चापलूसी में हर हद पार कर रहे थे, उसको सुनने के बाद जॉर्जिया मेलोनी का चेहरा देखने लायक़ था.

अपने वज़ीर-ए-आज़म की इस करतूत से पाकिस्तान की अवाम बेहद नाराज़ है. पाकिस्तान के लोग कह रहे हैं कि शहबाज़ शरीफ़ तो बूट पॉलिश करने वाले हैं, वज़ीर-ए-आज़म के ओहदे के लायक़ नहीं हैं. शहबाज शरीफ ने सारी शराफत छोड़कर पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान की नाक कटवा दी.

पाकिस्तान के सबसे पुराने अंग्रेज़ी अख़बार Dawn ने लिखा कि शहबाज़ ने डिप्लोमैसी को चापलूसी में तब्दील कर दिया है, विदेश नीति को बूट पॉलिश बना दिया है, शहबाज़ ने जो कुछ किया, उससे साफ़ है कि उनकी कोई औक़ात नहीं है, वो बस नाम के वज़ीर-ए-आज़म हैं और उनका काम महफिल में जोकर का रोल अदा करना है.

पाकिस्तान के लोग कह रहे हैं कि ट्रंप ने अपने फायदे के लिए शहबाज़ शरीफ और आसिम मुनीर का इस्तेमाल किया, लेकिन क्या इसके लिए खुद शहबाज़ और मुनीर जिम्मेदार नहीं हैं? पाकिस्तान के हुक्मरान इस कदर लाचार हैं कि ट्रंप ने ज़रा-सा सहारा दिया, तो वो उनसे चिपक गए, न तो चापलूसी करने में कोई कमी रखी, न पाकिस्तान को बेचने में.

जब एक मुल्क के वज़ीरे आज़म और आर्मी चीफ किसी के पैरों में गिर जाएं, तो उनका इस्तेमाल करने वाले का क्या कसूर? शहबाज़ और मुनीर ने अपने फायदे के लिए पाकिस्तान के आत्म सम्मान को गिरवी रख दिया और ये काम उन्होंने निहायत बेशर्मी से, सरेआम, खुल्लम-खुल्ला किया. अब अगर दुनिया उनका मजाक बना रही है तो इसमें दुनिया का क्या कसूर?

हरियाणा पुलिस : IPS और ASI की आत्महत्या एक जैसी कैसे?

हरियाणा पुलिस के IPS अफसर वाई. पूरन कुमार के सुसाइड केस में एक चौंकाने वाला ट्विस्ट आया. पूरन कुमार के खिलाफ जबरन बसूली केस की जांच टीम में शामिल ASI संदीप कुमार लाठर ने आत्महत्या कर ली.

संदीप लाठर रोहतक पुलिस की साइबर सेल में तैनात थे. सुसाइड से पहले उन्होंने छह मिनट का एक वीडियो बनाया, चार पन्नों का एक सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि पूरन कुमार भ्रष्ट अफसर थे, रोहतक रेंज का IG बनने के बाद पूरन कुमार ने अपनी जाति के भ्रष्ट पुलिस वालों को IG ऑफिस में तैनात किया, इसके बाद वसूली का धंधा शुरू कर दिया.

संदीप लाठर ने आरोप लगाया कि पूरन कुमार अपने गनमैन सुशील कुमार को भेज कर व्यापारियों और आम लोगों से वसूली करते थे. व्यापारियों को ऑफिस में बुलाकर टॉर्चर करते थे, हर महीने पैसे पहुंचाने का दबाव बनाते थे, महिला पुलिस अफसरों को ट्रांसफर की धमकी देकर उनका शारीरिक शोषण करते थे.

आत्महत्या करने से पहले संदीप कुमार ने कहा कि पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक के SP नरेन्द्र बिजारणिया पर आरोप लगाए हैं लेकिन हकीकत ये है कि ये दोनों ईमानदार अफसर हैं, दोनों ने पूरन कुमार के करप्शन के खिलाफ एक्शन शुरू किया था, मुख्यमंत्री तक बात पहुंची तो पूरन कुमार का ट्रांसफर किया गया.

संदीप लाठर ने सुसाइड से पहले अपने वीडियो बयान में कहा कि उन्होंने IG पूरन कुमार के गनमैन सुशील और ड्राइवर धर्मेन्द्र को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था, गनमैन ने पुलिस को दिए बयान में माना कि ये पैसा पूरन कुमार का है.

संदीप कुमार ने दावा किया कि पूरन कुमार के पाप का घड़ा भर चुका था, उसे मालूम था कि अब उसे गिरफ्तार किया जा सकता है, इसीलिए उसने अपने परिवार को बचाने के लिए सुसाइड किया और इसे जातिवाद का रंग देने की कोशिश की.

संदीप लाठर ने कहा कि पूरन कुमार की पत्नी IAS अफसर हैं, तमाम भ्रष्ट अफसर इस परिवार के साथ हैं, इसलिए इस मामले में सच्चाई का बाहर आना आसान नहीं हैं, इसमें कई लोगों की कुर्बानी हो सकती है, और पहली आहुति वो खुद दे रहे हैं.

संदीप कुमार ने मांग की कि पूरन कुमार की IAS पत्नी और उनके पूरे परिवार की संपत्ति की जांच होनी चाहिए, तभी सारी हकीकत सामने आएगी. संदीप ने कहा कि वो अपनी कुर्बानी इसलिए दे रहे है ताकि पूरन कुमार की हकीकत सामने आए, सच की जीत हो.

मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चंडीगढ़ जा कर पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की. उनके साथ भूपेंद्र हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा थे. राहुल ने मांग की कि सरकार खुदकुशी के लिए ज़िम्मेवार आरोपी अफसरों को तुरंत गिरफ्तार करे.

पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला जितना चौंकाने वाला था, उतना ही दुखद ASI संदीप कुमार की आत्महत्या का है.

अब तक जो बातें सामने आई हैं, उनके मुताबिक, पूरन कुमार पर पैसे उगाही का केस था. ASI संदीप उसकी जांच करने वालों में थे. पूरन कुमार की छवि पर सवाल उठ रहे थे, पर संदीप कुमार के बारे में कहा जा रहा है कि वो एक मेहनती और ईमानदार पुलिसवाले थे.

ASI संदीप ने अपने video में जो कुछ बातें कही हैं उससे कई सवाल उठते हैं. एक तो ये कि पूरन कुमार खुद IPS अफसर थे, पुलिस में ताकतवर ओहदे पर थे, उनकी पत्नी IAS अफसर हैं और उनका साला MLA. इतना ताकतवर परिवार हो, तो फिर उनका harassment कैसे हुआ?

और अगर खुदकुशी की वजह harassment नहीं थी, तो क्या थी? ASI संदीप का दावा है कि पूरन कुमार और उनका परिवार भ्रष्टाचार के मामले में फंसने वाला था, उन्हें बचाने के लिए पूरन कुमार ने आत्महत्या की.

सबसे बड़ी बात ASI संदीप ने कही है कि पूरन कुमार की खुदकुशी के बाद उनके परिवार ने अपने आप को बचाने के लिए इस पूरे मामले को जातिवाद का रंग दे दिया. ये बात दिखाई भी दी. जाति के कारण पूरन कुमार के परिवार को राजनीतिक समर्थन मिला, बड़े-बड़े नेता उनके घर गए, पुलिस के बड़े अफसरों को उनके पद से हटा दिया गया.

ASI संदीप के बयान से लगता है कि ये सब बातें उसकी आत्महत्या का कारण बनीं. असलियत तो इस मामले की गहन जांच के बाद ही सामने आएगी. अभी तो सिर्फ perception है. लेकिन कारण जो भी हो, पुलिस में जिम्मेदार ओहदों पर बैठे दो लोग आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएं, ये पूरे system पर सवाल खड़े करता है.

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