Rajat Sharma

ट्रंप के टैरिफ का संकट : क्या मोदी इसे अवसर में बदलेंगे ?

WhatsApp Image 2025-04-29 at 3.16.49 PM
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की जो धमकी दी थी, वो अब लागू हो गयी है. अमेरिकी समय के मुताबिक रात बारह बजकर एक मिनट और भापतीय समयानुसार बुधवार सुबह नौ बजकर 31 मिनट से भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका 25 परसेंट अतिरिक्त टैरिफ लगाना शुरू कर देगा. अमेरिका के कस्टम्स ऐंड इमिग्रेशन को ये आदेश लागू हो गया है.
ट्रंप ने 6 अगस्त को भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का एलान किया था. इससे पहले उन्होंने 29 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था. अमेरिका जाने वाले भारत की 66 प्रतिशत वस्तुओं पर टैरिफ लगेगा. इसका सबसे ज़्यादा असर कपड़ा, ज़ेवरात, चमडा और मशीनरी, कार्पेट और फर्निचर एक्सपोर्ट पर पड़ेगा.
भारत, अमेरिका को हर साल 86 अरब डॉलर से ज़्यादा का सामान निर्यात करता है. इसमें से क़रीब 60 अरब डॉलर के सामान पर अमेरिका का अतिरिक्त टैरिफ लागू होगा. अमेरिका ने भारत के क़रीब 30 प्रतिशत यानी 27 अरब डॉलर के निर्यात को इस अतिरिक्त टैरिफ के दायरे से बाहर रखा है. इसमें स्टील, कॉपर, एल्युमिनियम के अलावा दवा और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं.
मोदी कई मौक़ों पर साफ कर चुके हैं कि भारत किसी दबाव में नहीं आएगा. सरकार देश के हितों से किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेगी. मोदी ने मंगलवार को इशारों में कहा कि इस तरह की समस्याओं का एक ही समाधान है, आत्मनिर्भरता. मोदी ने गुजरात में कहा कि जब दुनिया में व्यापार युद्ध छिड़ा हुआ है, ग्लोबल supply chains बिखर रही हैं तो भारत दुनिया के लिए उम्मीद की किरण बन रहा है.
मोदी ने कहा कि उन्होंने भारत को मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का बड़ा सेंटर बनाने का संकल्प लिया है. इसीलिए मिशन मैन्युफैक्चरिंग शुरू किया गया है, दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियां भारत आएं और यहां सामान बनाकर दूसरे देशों को निर्यात करें, दुनिया भर में ‘मेड इन इंडिया’ का डंका बजे और हर भारतीय स्वदेशी के महत्व को पहचाने, यही ट्रेड वॉर का सबसे बेहतर जवाब होगा.
मोदी ने अमेरिकी टैरिफ का नाम नहीं लिया, लेकिन कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने साफ कहा कि अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वो दादागीरी कर रहा है, भारत को डराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ये नया भारत है जो किसी से नहीं डरता, किसी के सामने नहीं झुकता.
पूरी दुनिया इस बात को मानती है कि टैरिफ के मामले में ट्रंप ने भारत के साथ अन्याय किया है. ट्रंप ने अपने दूसरे दोस्त मुल्कों को भी दुश्मन की तरह treat किया. इसे भी सबने देखा है. ये भी सही है कि ज्यादातर देश ट्रंप के दबाव में आ गए, ट्रंप की deal को स्वीकार कर लिया. भारत ने ट्रंप के सामने झुकने से इनकार किया.
ट्रंप ने डराने धमकाने की पूरी कोशिश की लेकिन मोदी न झुके, न डरे, इस बात को भी पूरी दुनिया ने देखा. तीसरी बात ये है कि ट्रंप ने चीन को भी डराने की कोशिश की. 200% tariff लगाने तक की धमकी दी लेकिन चीन अमेरिका का मित्र देश नहीं है, चीन भी रूस से तेल खरीदता है. पर ट्रंप ने चीन को लेकर सिर्फ शोर मचाया, कुछ किया नहीं. क्योंकि चीन अमेरिका के लिए बहुत बड़ा market है. ये भी ट्रंप की दोहरी नीति का ऐसा उदाहरण है, जिसे पूरी दुनिया समझती है. इसीलिए मुझे लगता है कि भारत को धैर्य रखना चाहिए. परीक्षा की घड़ी में चतुराई से काम लेना चाहिए जो अब तक भारत ने किया है.
नरेंद्र मोदी संकट को अवसर में बदलने में माहिर हैं. हमें मोदी पर भरोसा करना चाहिए. ट्रंप के tariff से पैदा होने वाले संकट को भी सफलता में बदलेंगे. हो सकता है कि साल-दो साल मुसीबतों का सामना करना पड़े. हो सकता है कि भारत की अर्थव्यवस्था जिस गति से आगे बढ़ रही है उसकी रफ्तार में मामूली कमी आए. लेकिन इस समय भारत की अर्थव्यवस्था दबाव को झेल सकती है.
Covid का बुरा वक्त इसका उदाहरण है. भारत ने संकट को अवसर में बदला. इससे पहले 1998 में पोकरण परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे. उस समय हमारी अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत नहीं थी. अब तो भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अमेरिका को होने वाला निर्यात हमारी GDP का सिर्फ 2% है. इसीलिए चिंता करने की ज़रूरत नहीं.
भारत का विशाल घरेलू बाज़ार हमारी अर्थव्यवस्था की शक्ति है. अमेरिका के लिए भी ये बहुत बड़ा बाज़ार है. अगर भारत को tariff से नुकसान होगा तो अमेरिका के हाथ से भी बड़ा market जाएगा. भारत में तो मान्यता है कि ‘जो होता है, अच्छे के लिए होता है’. अगर अमेरिका कोई रास्ता बंद करेगा तो दूसरे देशों के बाज़ार भारत के लिए खुलेंगे.
ट्रंप के रुख से भारत, रूस और चीन क़रीब आए हैं. भारत, रूस, चीन दुनिया की कुल आबादी की 38% है. यानी दुनिया का 38% मार्केट इन तीन देशों के पास है. इसी तरह Textiles, Pharma, Engineering goods, स्टील और Marine products का 30% से ज्यादा बाजार भारत, रूस और चीन के पास है. अगर ये तीनों देश एक साथ आ जाते हैं तो अमेरिका हाशिय़े पर आ जाएगा. अमेरिका की दादागीरी खत्म हो जाएगी.

जब मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग मिलेंगे, तो क्या होगा ?

ट्रंप इस बात को समझते हैं कि भारत, चीन और रूस के एक साथ आने का क्या असर होगा. वो चीन से कभी दोस्ती की बात करते हैं, तो कभी धमकी देते हैं. भारत के बारे में भी ट्रंप बार बार कह चुके हैं कि उन्होंने ट्रेड और टैरिफ का डर दिखाकर भारत, पाकिस्तान में युद्धविराम करवाया. मंगलवार को भी ट्रंप ने ये दावा किया लेकिन उन्होंने एक नई बात जोड़ दी. पहली बार ये कहा कि भारत पाकिस्तान की जंग के बीच जब उन्होंने दखल दिया, तब तक 7 फाइटर जेट विमान गिराए चुके थे.
ट्रंप श्रेय लेने के लिए कब, क्या बोल जाएं, कुछ भरोसा नहीं है. पहले उन्होंने कहा कि जंग में तीन फाइटर जेट मार गिराए गए, फिर कहा भारत पाकिस्तान की जंग में 6 फाइटर जेट्स गिरे और आज कह दिया कि सात फाइटर जेट गिरे. ट्रंप के ऐसे बयानों का सिलसिला तो आगे भी जारी रहेगा लेकिन हमारे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ढंग से कुटाई की गई और पाकिस्तान याद रखे कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, अभी भी जारी है.
जनरल चौहान ने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन कभी कभी शांति के लिए युद्ध भी ज़रूरी हो जाता है. जनरल चौहान ने दिनकर की कविता सुनाई और कहा, हमेशा शक्ति का सम्मान होता है, शक्ति की पूजा होती है, इसीलिए भारत हमेशा युद्ध की तैयारी करके रखता है ताकि दुश्मन कोई हिमाकत न करे.
मंगलवार को ही भारतीय नौसेना के बेड़े में दो नए जंगी जहाज INS उदयगिरि और INS हिमगिरि शामिल हो गए. इन stealth frigates को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वो दुश्मन के रडार, इन्फ्रा रेड और sound sensors की पकड़ में नहीं आ सकते. दोनों वॉरशिप्स में जंगी जहाज़ों में 75 परसेंट स्वदेशी सामान लगा है.
रक्षा के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता ट्रंप को मोदी का जवाब है. मंगलवार को एक जर्मन दैनिक Frankfurter Allegemeine Zeitung ने लिखा कि ट्रंप ने 4 बार मोदी को फोन किया, tariff के बारे में बात करने की कोशिश की, लेकिन मोदी ने Call नहीं ली.
ये कहना मुश्किल है कि इस खबर में कितनी सच्चाई है लेकिन इससे ये संकेत तो मिलता है कि जर्मनी जैसे देशों में भी ट्रंप के tariff की चर्चा है और उन्हें भी लगता है कि मोदी ट्रंप के सामने खड़े हो सकते हैं.
नरेंद्र मोदी क्या करने वाले हैं, ये उनकी बातों से ज्यादा उनके action से झलकता है. ट्रंप के tariff की शुरुआत आज 27 तारीख को हुई, 28 अगस्त को मोदी जापान पहुंच जाएंगे. तीन दिन बाद 31 अगस्त को वह चीन में होंगे. चीन में शी जिनपिंग और पुतिन मोदी के साथ होंगे. ये समझने के लिए काफी है कि अगले एक हफ्ते में World Order change हो सकता है और पूरी दुनिया की नज़र इसी पर होगी.
Get connected on Twitter, Instagram & Facebook

Comments are closed.