Rajat Sharma

ऑनलाइन गेम्स : पाबंदी क्यों लगानी पड़ी?

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देश में online money games पर पाबंदी लगाने का कानून पास हो गया है. जिन Online Games में किसी भी तरह से पैसे का लेन-देन होता है, उन सभी games पर बैन लगा दिया जाएगा. ये बहुत बड़ा फैसला है. इसका मतलब ये होगा कि games के नाम पर Online सट्टेबाजी यानी betting और किसी भी तरह के पैसे का लेन-देन पूरी तरह गैरकानूनी हो जाएगा. Online Games में न कोई पैसा लगाएगा, न कोई कमाएगा, न कोई पैसा हारेगा, न कोई पैसा जीतेगा.
जिन Online Games में लोग पैसे लगाते थे, वो सारे platforms बंद हो जाएंगे. इससे सरकार को करीब बीस हजार करोड़ रु. के कर राजस्व का नुकसान होगा.
FICCI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2029 में इन gaming companies से सरकार को होने वाली आमदनी 78 हजार 500 करोड़ रु. तक पहुंच जाती. ऑनलाइन गेमिंग का खेल कितना बड़ा है, ये समझने के लिए मैं Fantasy Cricket की कंपनी Dream-11 का उदाहरण देता हूं. इसमें टीम बनाने के लिए पैसा दिया जाता है. इस कंपनी का valuation 70 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. Dream-11 के brand ambassadors में महेंद्र सिंह धोनी, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह जैसे स्टार खिलाड़ी हैं.
भारत में 15 करोड़ से ज्यादा लोग Real Money Games खेलते हैं. इनमें Fantasy Sports, Rummy, Poker जैसे खेल शामिल हैं. औसतन 11 करोड़ लोग हर रोज खेलते हैं.
कानून बन जाने के बाद ड्रीम इलेवन, मोबाइल प्रीमियर लीग, My11Circle, WinZO, SG-11 Fantasy, जंगली गेम्स और गेम्सक्राफ्ट जैसी कंपनियों के ऑनलाइन रियल मनी गेम्स बंद हो जाएंगे.
सरकार ने ई-स्पोर्ट्स और Skill based गेम्स को बैन से छूट दी है. इनको प्रोत्साहन देने के लिए ई-स्पोर्ट्स अथॉरिटी बनेगी. इससे strategic thinking, mental agility और physical dexterity को बढ़ावा मिलेगा.
इलेक्ट्रोनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन मनी गेम्स का सबसे बुरा असर गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ रहा है. जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में ऑनलाइन मनी गेम्स की लत लग रही है. psychological disorder पैदा हो रहे हैं, आत्महत्या करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे गेमिंग disorder बताया है. इसलिए जिन ऑनलाइन गेम्स में पैसे का लेन-देन होता है, सरकार ने उन सभी ऑनलाइन गेम्स को बंद करने का फैसला किया है.
ये कानून बनने के बाद अगर कोई ऑनलाइन मनी गेम खिलाता है, तो उसे तीन साल तक की कैद होगी और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना भरना पडेगा. ऑनलाइन मनी गेम्स के प्रमोशन पर भी पाबंदी होगी. अगर कोई इस तरह के गेम्स का प्रमोशन करता है, तो प्रमोशन करने वाले और इस प्रमोशन को प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने वाले को दो साल तक की कैद और पचास लाख तक का जुर्माना भी देना होगा. जो लोग ऑनलाइन मनी गेम्स खेलते पाये जाएंगे, उन्हें कानून में पीड़ित माना गया है, इसलिए उनके खिलाफ किसी तरह की सजा या जुर्माने का प्रावधान नहीं है.
ये बात सही है कि Online Gaming का बाज़ार बहुत बड़ा है. ये भी सही है कि Online Money Games पर रोक लगाने से 20 हज़ार करोड़ रु. का नुकसान होगा. ये भी सही है कि हज़ारों लोग बेरोज़गार हो जाएंगे लेकिन इन सबके बावजूद सरकार ने Online Money Games पर पाबंदी लगाने का risk लिया. क्योंकि इन games से देश के नौजवानों को होने वाला नुकसान हज़ारों करोड़ के Loss से कहीं बड़ा है, कहीं ज्यादा खतरनाक है.
ये games हमारे नौजवानों को आत्महत्या के लिए उकसाते हैं. ये games नौजवानों को मानसिक रूप से बीमार बनाते हैं. जिन games में पैसे का लेनदेन होता है, वो लोगों की ज़िंदगियां बर्बाद करते हैं. इसके उदाहरण हमारे आस-पास फैले पड़े हैं. एक आदमी को पैसा जीतता दिखाकर लाखों लोगों को पैसा लुटाने के लिए भरमाया जाता है.
अगर देश के नौजवानों को मानसिक बीमारियों से बचाने के लिए सरकार 20 हज़ार करोड़ रुपये की आय को क़ुर्बान करती है, तो उसकी तारीफ़ की जानी चाहिए. अश्विनी वैष्णव का ये फ़ैसला ऐतिहासिक है. देश के नौजवानों का भविष्य बचाने का फ़ैसला है. ये ग़रीब आदमी की मेहनत की कमाई की लूट बचाने का फैसला है.
ये कानून दुनिया के दूसरे देशों को भी Online Gaming के क़हर से बचने का रास्ता दिखाएगा.
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