यूक्रेन : ऐसा नहीं लगता कि पुतिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे
यूक्रेन की जंग ने अब खतरनाक रुख अख्तियार कर लिया है। रूस की सेना ने काला सागर के बंदरगाह खेरसॉन पर कब्जा कर लिया है, जो कि सामरिक दृष्टि से दक्षिणी यूक्रेन के महत्वपूर्ण शहरों में से एक है। इसके अलावा रूसी सेना राजधानी कीव और खारकीव पर लगातार बमबारी कर रही है। रूस के लड़ाकू विमानों, बमवर्षकों और मिसाइलों ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव की सूरत ही बदलकर रख दी है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के अनुसार, अब तक दस लाख से भी ज्यादा शरणार्थी यूक्रेन से भाग चुके हैं। रूस की मिसाइलों और गोला-बारूद ने खारकीव की खूबसूरत इमारतों को खंडहरों में तब्दील कर दिया है। रूसी लड़ाकू विमानों और बमवर्षकों ने कीव में एक टीवी टॉवर को जमींदोज कर दिया, और ऐतिहासिक बेबीन यार यहूदी होलोकॉस्ट मेमोरियल पर भी बमबारी की। यह स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर द्वारा मारे गए लाखों यहूदियों की याद में बनाया गया था।
रूसी सेना ने भारी लड़ाई के बाद खारकीव के पास स्थित एक शहर बालकलिया पर कब्जा कर लिया है। खारकीव में अब चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां के तमाम लोग या तो शहर छोड़कर जा चुके हैं या फिर अपनी जान बचाने के लिए सबवे या बेसमेंट में छिपे हुए हैं। यूक्रेन के गृह मंत्री के एक सलाहकार ने कहा, ‘खारकीव में एक भी जगह ऐसी नहीं है जहां गोलाबारी न हुई हो।’
खारकीव में बाजारों, ऊंची इमारतों और रिहायशी इलाकों पर भारी बमबारी की गई है। रूसी आर्टिलरी, टैंकों की एक लंबी लाइन के साथ राजधानी कीव पर हमला करने के लिए शहर से बाहर डेरा डाले हुए हैं। कीव में अभी भी दर्जनों परिवार अंडरग्राउंड मेट्रो में छिपे हुए हैं।
यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 14 बच्चों सहित 350 से ज्यादा नागरिक रूसी बमबारी में मारे जा चुके हैं। लेकिन, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, यूक्रेन में यदि हजारों नहीं तो कम से कम सैकड़ों की संख्या में लोगों ने या तो अपनी जान गंवाई है या घायल हुए हैं। यूक्रेन के मारियुपोल शहर के मेयर ने कहा, बुधवार का दिन इस जंग के 7 दिनों में सबसे मुश्किल और क्रूर था।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के एक सलाहकार के मुताबिक, हमले की शुरुआत के बाद से अब तक 9,000 से अधिक रूसी सैनिक मारे गए हैं। यूक्रेन की सेना ने अधिकारियों समेत सैकड़ों रूसी सैनिकों को बंदी बना लिया है। यूक्रेनी सेना का दावा है कि उसने रूस के 217 टैंकों, 900 बख्तरबंद गाड़ियों, 90 आर्टिलरी हथियारों, 30 विमानों और 31 हेलीकॉप्टरों को तबाह कर दिया है।
193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुधवार को यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को फटकार लगाते हुए एक प्रस्ताव के पक्ष में भारी मतदान किया। UNGA ने मांग की कि रूस लड़ाई को बंद करे और यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुलाए। 141 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, 5 देश इसके खिलाफ रहे जबकि भारत, चीन और पाकिस्तान सहित 35 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। भारत ने दोहराया कि ‘मतभेदों को केवल वार्ता और कूटनीति के जरिए ही सुलझाया जा सकता है।’ रूस के साथ उत्तर कोरिया, इरिट्रिया, बेलारूस और सीरिया ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार की रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की और उनसे यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने का अनुरोध किया। भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, लगभग 17,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़ चुके हैं, 3500 से ज्यादा लोग हवाई मार्ग से भारत लौट चुके हैं। मंत्रालय ने कहा कि अगले 24 घंटों में 15 और उड़ानें भारतीय नागरिकों को वापस लाएंगी। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, राजधानी कीव में अब एक भी भारतीय नागरिक नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पुतिन से बात करने से कुछ घंटे पहले रूस ने बुधवार को भारतीय नागरिकों को खारकीव से निकलने के लिए 6 घंटे से भी ज्यादा का सेफ पैसेज दिया। भारतीय दूतावास ने एक अडवाइजरी जारी कर सभी भारतीय नागरिकों को खारकीव शहर से दूर 3 चिन्हित स्थानों पर जाने के लिए कहा था। बुधवार की रात मेरे प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ में, हमने वीडियो में दिखाया कि कैसे भारतीय छात्र खारकीव से निकलने के लिए ट्रेनों में सवार होने की कोशिश में लगे हुए थे, लेकिन स्थानीय अधिकारी उन्हें ट्रेनों में चढ़ने से रोक रहे थे।
एक तरफ तो यूक्रेन के राष्ट्रपति आरोप लगा रहे हैं कि रूस उनके नागरिकों का नरसंहार करने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ उनके अधिकारी भारतीय नागरिकों को ट्रेनों में चढ़ने से रोकने के लिए नस्लवादी हथकंडे अपना रहे हैं। वीडियो में कई भारतीय छात्रों ने आरोप लगाया कि यूक्रेनी सैनिकों ने उन्हें धमकी दी थी कि अगर उन्होंने ट्रेनों में चढ़ने की कोशिश की, जो कि खाली थीं, तो उन्हें गोली मार दी जाएगी। एक भारतीय छात्र ने कहा, यूक्रेन के सैनिक एशिया और अफ्रीका के लोगों को ट्रेनों में चढ़ने से रोक रहे हैं। कई भारतीय छात्र अपनी जान बचाने के लिए रेलवे स्टेशन से पैदल ही निकल पड़े।
यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग में हमलावर सेना का पलड़ा भारी है। यूक्रेनी सेना भले ही दावा करे कि उसने रूसी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन हकीकत यही है कि उसके पास हथियारों, लड़ाकू विमानों और मिसाइलों की कमी है। रूसी वायु सेना का यूक्रेनी एयरस्पेस पर पूरा कंट्रोल है, और उसने यूक्रेन की एयरफोर्स को लगभग तबाह कर दिया है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो वह परमाणु हथियारों से लड़ा जाएगा, जो विनाशकारी हो सकता है। लावरोव ने कहा, अगर यूक्रेन परमाणु हथियार हासिल करता है तो रूस को ‘एक वास्तविक खतरे’ का सामना करना पड़ेगा।
हालांकि, गुरुवार को उन्होंने कहा, ‘परमाणु युद्ध रूसियों के दिमाग में नहीं है, यह बात पश्चिमी देशों के नेताओं द्वारा उड़ाई जा रही है। हमारा मिशन यूक्रेन में नाजियों से छुटकारा पाना है। नाटो और यूक्रेन परमाणु युद्ध की संभावना की बात कर रहे हैं, रूस नहीं। मुझे यकीन है, रूस के खिलाफ जंग छेड़ने की योजना तैयार की जा रही है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूरोप को अपने अधीन कर लिया है, जैसे नेपोलियन या हिटलर ने अपने समय के दौरान किया था।’ 3 दिन पहले ही पुतिन ने अपने सामरिक बलों को न्यूक्लियर डेटरेंट तैयार रखने का आदेश दिया था।
रूस द्वारा परमाणु युद्ध की धमकी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। ऐसी बातें पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा रही हैं। रूस के पास इस समय सबसे ज्यादा परमाणु हथियार (6,255) हैं, जबकि अमेरिका के पास 5,550 परमाणु हथियार हैं। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रूस पश्चिम पर दबाव बनाने के लिए परमाणु युद्ध की बात कर रहा है। पुतिन यूरोपीय संघ के देशों द्वारा यूक्रेन को युद्ध लड़ने के लिए बड़ी मात्रा में हथियार भेजने से नाराज हैं। रूस इसे उकसावे वाली कार्रवाई के तौर पर देख रहा है।
यूक्रेन से गोला-बारूद की जंग में रूस भले ही भारी दिख रहा हो, अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बाद इसकी अर्थव्यवस्था बहुत ही ज्यादा चरमरा गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से रूसी मुद्रा रूबल अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार को एक डॉलर के मुकाबले रूबल की कीमत गिरकर 117 तक पहुंच गई।
रूस की कई बड़ी कंपनियां बर्बादी की तरफ बढ़ रही हैं। रूसी स्टॉक एक्सचेंज पिछले 3 दिनों से बंद है, क्योंकि शेयर बेलगाम होकर गिरे हैं जिससे कई कंपनियों के लिए कंगाल होने जैसी स्थिति पैदा हो गई है। अगर यूक्रेन में जंग जारी रही तो रूस के 5 सबसे अमीर अरबपति कारोबारी बुरी तरह प्रभावित होंगे। इसका असर पूरी दुनिया में देखने को मिलेगा। चूंकि रूस कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा निर्यातक है, इसलिए दुनिया इन ईंधनों की भारी कमी से जूझ रही है। ईंधन की कीमतों में वृद्धि से सभी उपभोक्ता उत्पादों की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि होगी।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भले ही अपनी न्यूक्लियर फोर्स को ऐक्टिवेट कर दिया हो, लेकिन मुझे लगता नहीं कि वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे। पुतिन भी ये बात जानते हैं कि न्यूक्लियर अटैक का क्या असर हो सकता है। यह भी सच है कि पुतिन ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि यूक्रेन रूसी सेना के हमले का इतनी जबर्दस्त तरीके से मुकाबला करेगा। रूस को लग रहा था कि उसकी सेना एक-दो दिन में यूक्रेन की राजधानी कीव में पहुंच जाएगी, लेकिन उसने कभी भी इस तरह के कड़े मुकाबले की उम्मीद नहीं की थी।
जंग का आज सातवां दिन है और रूसी सेना अब तक कीव पर कब्जा नहीं कर पाई है। हालांकि दोनों सेनाओं की ताकत के अंतर की तुलना करें तो रूस का पलड़ा यूक्रेन पर भारी नजर आता है और वह जल्द ही कीव पर कब्जा कर सकता है। कीव पर कब्जा करने के बाद, रूसी सेना निश्चित रूप से यूक्रेन के बाकी हिस्सों पर कब्जा करने के लिए निकल पड़ेगी। इसलिए, फिलहाल परमाणु युद्ध होने की संभावना बहुत कम है।
Ukraine: Putin may not opt for a nuclear war
With the war in Ukraine now taking frightening proportions, Russian army has captured the Black Sea port of Kherson, one of the strategic cities in southern Ukraine, while capital Kiev and Kharkiv are being bombed by Russian forces. Russian fighter jets, bombers and missiles have changed the face of Kharkiv, Ukraine’s second biggest city.
More than one million refugees have fled Ukraine, according to United Nations Human Rights Commission. The beautiful city buildings in Kharkiv have been converted into ruins, as Russian forces rained missiles and bombs on the city. Russian fighters and bombers blew up a TV tower in Kyiv and bombed the historic Babyn Yar Jewish Holocaust Memorial, erected to commemorate the millions of Jews murdered by Hitler during World War 2.
Russian forces have taken control of Balakliya, a town near Kharkiv, after heavy fighting. Kharkiv has become a ghost city with many of its residents either having fled, or hiding in subways or basements to protect themselves. “There is not a single place in Kharkiv where shells have not struck”, said an adviser to Ukraine’s Interior Minister.
Markets, high-rise buildings and residential areas in Kharkiv have been bombed heavily, even as Russian artillery, along with a long line of tanks, assembled outside capital Kyiv to launch a decisive assault. There are still dozens of families hiding in the underground metro in Kyiv.
Till now, more than 350 civilians, including 14 children have been killed Russian bombing, Ukrainian officials said. But, US Secretary of State Antony Blinken said, hundreds, if not thousands of people have been either killed or wounded in Ukraine. The Mayor of Mariupol city in Ukraine said, Wednesday was the hardest and cruellest of the seven days of this war.
Over 9,000 Russian soldiers have been killed since the start of the invasion, according to an adviser of the Ukrainian President Volodymyr Zelenskyy. Hundreds of Russian soldiers, including officers, have been taken prisoner by Ukrainian forces. 217 Russian tanks, 900 armoured personnel carriers, 90 artillery pieces, 30 aircraft, 31 helicopters have been destroyed, claims the Ukrainian army.
On Wednesday, the 193-member UN General Assembly overwhelmingly voted in favour of a resolution reprimanding Russia over the invasion and demanding that Moscow must stop fighting and withdraw its forces from Ukraine. 141 countries voted in favour, five countries voted against and 35 countries, including India, China and Pakistan, abstained. India reiterated that “there is no choice but to return back to the path of diplomacy and dialogue”. Russia was joined by North Korea, Eritrea, Belarus and Syria, in voting against the resolution.
Prime Minister Narendra Modi spoke to Russian President Vladimir Putin on phone on Wednesday night and requested him to ensure the safe evacuation of all Indian nationals trapped inside Ukraine. India’s External Affairs Ministry says, nearly 17,000 Indian nationals have already left Ukraine, more than 3,500 Indians have been evacuated by air, and 15 more evacuation flights will bring back more Indians in the next 24 hours. Not a single Indian national is now left in capital Kiev, according to MEA officials.
On Wednesday, Russia gave more than six hours of safe passage for Indian nationals to leave Kharkiv, hours before Prime Minister Modi spoke to Putin. The Indian Embassy, in an advisory, asked all Indian nationals to rush to three identified locations away from Kharkiv city. In my prime time show ‘Aaj Ki Baat’ on Wednesday night, we showed videos of Indian students desperately trying to board trains to leave Kharkiv, but were not being allowed by local authorities.
On one hand, the Ukrainian President is alleging that Russia is trying to massacre its nationals, but on the other hand, his officials are resorting to racist tactics by trying to prevent Indian citizens from boarding trains. In the videos, many Indian students alleged that Ukrainian soldiers were threatening to shoot them, if they tried to board the trains, many of which had empty seats. One Indian student said, Ukrainian soldiers are not allowing Asians and Africans to board the trains. Many of the Indian students then started to walk on foot from the railway station, in order to protect their lives.
In the unequal war between Ukraine and Russia, the invaders have the upper hand. While the Ukrainian army may claim that it has caused heavy casualties to Russian forces, it lacks weapons, fighter jets and missiles. The Russian air force is in complete command over the Ukrainian air space, and has nearly destroyed the Ukrainian air force.
The Russian Foreign Minister Sergei Lavrov has said that if a Third World War takes place, it will be fought with nuclear weapons, which could be destructive. Lavrov said, Russia will face “a real danger” if Ukraine acquires nuclear weapons.
On Thursday, he however said, “Nuclear war is not in the heads of Russians, it is being floated by Western politicians. Our mission is to get rid of Nazis in Ukraine. NATO and Ukraine are talking of possibility of nuclear war, not Russia. I am certain, plans are being prepared to wage a war against Russia. The United States subjugated Europe, like Napoleon or Hitler did, during their time.” Only three days ago, Putin had ordered his Strategic Forces to keep the nuclear deterrent ready.
Russian threats about a nuclear war cannot be taken lightly. This can cause concerns all over the world. Russia presently has the largest number of nuclear weapons (6,255) in its stockpile, while the US has 5,550 nuclear weapons. Defence experts say that Russia is raising the spectre of nuclear war in order to put pressure on the West. Putin is angry over EU countries sending large quantity of weapons to Ukraine to fight its war. Russia considers this as a provocative act.
While Russia may be having an upper hand in the ongoing war in Ukraine, its economy has come under severe strain, after the US and the West have clamped severe economic sanctions. The Russian currency Rouble has touched its nadir since the Second World War. On Wednesday, the rouble was down at 117 roubles to a US dollar.
Several top Russian companies are headed towards disaster. Russian stock exchange is closed since last three days, as shares across the table slumped to a low. The five top Russian billionaire oligarchs will be affected badly if the war in Ukraine continues. This is going to have a bandwagon effect. Since Russia is the biggest exporter of crude and natural gas, the world is staring at a huge scarcity of these fuels. Rise in prices of fuel will lead to exorbitant rise in prices of all consumer products.
Russian President Putin may well have activated his Nuclear Strategic Forces Command, but I personally feel, that he will not take the world to the brink of disaster. He knows the consequences of using a nuclear weapon. It is also true that Putin never dreamt that Ukraine will resist the Russian army attack so viciously. He had expected to occupy Ukraine within three days, but it never expected such a stiff resistance.
The war has entered the seventh day and the Russian army is yet to take Kiev. However, judging by the fire power of both the armies, Russia seems to have an upper hand, and it may capture Kiev soon. After taking Kiev, the Russian forces will surely spread out to occupy the rest of Ukraine. So, as of now, there is little possibility of a nuclear war taking place.
भावुक योगी : जीत का पक्का भरोसा
मैं मंगलवार सुबह गोरखपुर में था जहां विधानसभा चुनावों को लेकर इंडिया टीवी के स्पेशल शो में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरे सवालों का जवाब दिया। पूरा हॉल दर्शकों से भरा हुआ था। वहां मौजूद सभी लोग मेरे सवालों का जवाब सुनने के लिए बेसब्री से योगी आदित्यनाथ का इंतजार कर रहे थे। योगी ने एक भी सवाल से बचने की कोशिश नहीं की। उन्होंने बेहद शांत तरीके से जवाब दिया। ज्यादातर सवाल चुनावों पर केंद्रित थे, लेकिन हिजाब विवाद, लखीमपुर खीरी और हाथरस घटनाओं से जुड़े कुछ पेचीदा सवाल भी थे।
मैंने योगी को इतना शांत और आत्मविश्वास से भरे मूड में कभी नहीं देखा । शो के अंत में उन्होंने 80 प्रतिशत सीटों पर शानदार जीत की भविष्यवाणी की। अगर आंकड़ों की बात करें तो यूपी विधानसभा की कुल 403 सीटों में से यह आंकड़ा 320 से अधिक का बनता है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अंत की भविष्यवाणी की और उसकी तुलना लंकिनी से की। लंकिनी एक राक्षसी थी जिसे रावण ने लंका की रक्षा की जिम्मेदारी दी थी। योगी ने कहा, लंकिनी ने जब अपने सामने हनुमान जी को विशाल रूप धारण करते देखा तो वह जान गई कि अब खेल खत्म हो चुका है, लंका का अन्त काल तय है।
योगी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे यह दावा किया कि उनके पास ऐसी रिपोर्ट है कि ’10 मार्च को रिजल्ट आने के बाद विपक्ष के नेता विदेश भागने की तैयारी में हैं। विपक्ष के कुछ नेताओं ने विदेश यात्राओं के लिए टिकट बुक करा लिया है। कुछ ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के लिए टिकट बुक करा लिया है तो कुछ छोटे-मोटे नेता नेपाल भाग सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने पुलिस से कहा है कि वह नेपाल पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से पेट्रोलिंग करे ताकि उन्हें सीमा पार करने से रोका जा सके।’
योगी ने अपने खास अंदाज में वंशवाद की राजनीति पर जमकर हमला बोला और मौजूदा चुनावों में अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी अखिलेश यादव को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसा परिवार है, जहां एक बेटा अपने पिता (मुलायम सिंह यादव) को धक्का देता है और भतीजा अपने चाचा को बाहर निकाल देता है। परिवार के सभी सदस्य तभी तक एकजुट रहते हैं जब तक उन्हें लूट में हिस्सेदारी मिलती रहती है।’
योगी ने यह भविष्यवाणी की कि जो मंत्री चुनाव से पहले बीजेपी से इस्तीफा देकर विपक्ष के खेमे में चले गए वे चुनाव में बुरी तरह से हारेंगे और अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे। योगी ने भविष्यवाणी की कि 2017 और 2019 की तरह सभी छुटभैये पहलवान जिन्होंने महागठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाया है, वे सब 10 मार्च को रिजल्ट आने के बाद आपस में ही कुश्ती लड़ेंगे।
शो के दौरान एक ऐसा क्षण भी आया जब मैंने योगी आदित्यनाथ से एक निजी सवाल किया। मैंने पूछा, अगर राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका को चुनाव में मदद करने के लिए कह सकते हैं, तो आप अपनी बहन की मदद क्यों नहीं कर सकते। वह रोजाना कई किलोमीटर पैदल चलकर अपनी चाय-नाश्ते की दुकान तक (उत्तराखंड में) जाती हैं? आप अपने परिवार की मदद क्यों नहीं कर सकते?
योगी कुछ पल के लिए रुके और फिर बेहद भावुक होकर उन्होंने कहा-‘मैं एक योगी हूं। मैंने राष्ट्रधर्म की शपथ ली है। मैंने अपने परिवार के लिए शपथ नहीं ली है। एक योगी हमेशा लोक कल्याण के लिए काम करता है। यूपी के लोग ही मेरा परिवार हैं।’
शो के दौरान योगी आदित्यनाथ ने आवारा मवेशियों के मुद्दों पर बात की जो इस चुनाव का एक अहम मुद्दा है। किसान रात भर जगकर छुट्टा जानवरों से अपने खेतों की रखवाली करते हैं। उन्होंने वादा किया कि वे यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास कर करेंगे कि छुट्टा मवेशियों की संख्या कम हो और सभी आवारा मवेशियों को गौशालाओं में रखा जाएगा। उन्होंने कहा- जब हम सत्ता में आए थे तो हमने कहा था कि एक भी गाय का वध नहीं होने देंगे। यह हमारा संकल्प है।
आतंकवाद को लेकर योगी ने आरोप लगाया कि वह समाजवादी पार्टी की सरकार थी जिसने सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों पर मुकदमा चलाने से इनकार कर दिया और केस वापस ले लिया। उनकी इस टिप्पणी पर कि 10 मार्च के बाद एकबार फिर बुलडोजर निकलेगा, योगी ने कहा-‘बुलडोजर का सबसे अच्छा इस्तेमाल हम कर रहे हैं। बुलडोजर बनाने वाली कंपनियों को हमारी सरकार का आभारी होना चाहिए। हम अपराधियों और माफिया नेताओं को खुलेआम घूमने की इजाजत नहीं देंगे।’
बेरोजगारी के मुद्दे पर योगी ने कहा- ‘हमने अपने पहले तीन साल के कार्यकाल में सरकारी नौकरियों के लिए होनेवाली नियुक्तियों में पूरी पारदर्शिता लाने की कोशिश की। बाद के वर्षों में हमने कोविड मैनेजमेंट पर पूरा फोकस किया। हाल में हमने अराजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए एक पात्रता परीक्षा आयोजित की जिसमें 25 लाख उम्मीदवार शामिल हुए। जल्द ही इसके नतीजे आ जाएंगे। बसपा और सपा के शासन में दी गई नौकरियों की तुलना में हमने अपने कार्यकाल में अधिक सरकारी नौकरियां दी है।’
अखिलेश यादव के मुफ्त बिजली के वादे पर योगी ने कहा, उनका शासन शाम के बाद अंधेरे के लिए जाना जाता था। आज हम हर जिले को 24 घंटे बिजली दे रहे हैं। वे बिजली तो दे नहीं सके, बिजली उत्पादन में फेल रहे और अब मुफ्त बिजली का वादा कैसे कर सकते हैं? मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछली सरकार के दौरान गरीब लोगों को मिलने वाले मुफ्त राशन का अधिकांश हिस्सा सत्ताधारी दल के करीबी लोगों द्वारा हड़प लिया जाता था। सत्ता में आने के तुरंत बाद हमने पूरा सर्वे किया और कई लाख नकली राशन कार्ड जब्त किए गए। हमने PoS सिस्टम शुरू किया जिससे गरीब लोगों को महीने में दो बार मुफ्त राशन मिल रहा है। मुफ्त राशन की चोरी अब बंद हो गई है।’
लखीमपुर खीरी और हाथरस में हुई घटनाओं पर योगी आदित्यनाथ ने कहा-‘दोनों घटनाएं वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण थीं, लेकिन हमारी सरकार ने समय पर कदम उठाए। हाथरस केस में सीबीआई जांच कर रही है, जहां तक मेरी जानकारी है उसके मुताबिक सीबीआई की जांच यूपी पुलिस द्वारा की गई जांच से एक कदम भी आगे नहीं गई है। मुझे इंतजार है उस सच का जो सामने आएगा और यह साबित करेगा कि यह हमारी सरकार को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी लखीमपुर खीरी केस की जांच कर रही है। दंगे भड़काने की कोशिश की गई लेकिन हमारी सरकार ने हालात को काबू में कर लिया।’
कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब विवाद पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से मुझे घर या सार्वजनिक स्थानों पर किसी की पोशाक पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हमारी व्यवस्था संविधान के मुताबिक चलती है। कुछ लोग अपनी पसंद राष्ट्र पर नहीं थोप सकते। आज स्कूल में, कल वे फोर्स में ऐसा करने की मांग कर सकते हैं। हम अनुशासनहीनता की इजाजत नहीं दे सकते।
शो के दौरान योगी ने विस्तार से बताया कि कैसे उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश में जापानी इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण पाया और कैसे उन्होंने पिछले साल अप्रैल-मई में देश में फैली कोरोना की दूसरी लहर के दौरान व्यक्तिगत तौर पर मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा- ‘मैं जमीनी हालात का पता लगाने के लिए कई जिलों में व्यक्तिगत तौर पर गया था। मथुरा में मुझे अपने घर के सामने खड़ा देखकर एक महिला हैरान रह गई। उसने मुझसे कहा, आप मुख्यमंत्री हैं। आपको पहले अपना ख्याल रखना चाहिए क्योंकि आप पूरे राज्य को चला रहे हैं…..आज मैं कह सकता हूं कि हमारे हर जिले में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है।’
मैं कई वर्षों के लंबे अंतराल के बाद गोरखपुर गया था। पांच साल से भी ज्यादा समय पहले गोरखपुर महज एक जिला मुख्यालय ही था, धूल धूसरित। यहां गड्ढों वाली सड़कें थी। अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और सड़क जैसी बुनियादी चीजों की कमी थी। लेकिन आज गोरखपुर में कई बड़े अस्पताल, एक्सप्रेसवे, चौड़ी सड़कें और अन्य अत्याघुनिक सुविधाएं हैं।
पिछले पांच साल में योगी सरकार द्वारा किए गए काम सबके सामने हैं। सोमवार को गोरखपुर में मैं जिन लोगों से मिला उनमें से ज्यादातर ने मुझे बताया कि कैसे मौजूदा सरकार उनके रोजमर्रा के जीवन में बदलाव लायी है। मुझे उस हॉल में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिला जिसने गोरखपुर से चुनाव लड़ रहे योगी के खिलाफ एक भी शब्द बोला हो। 10 मार्च को ऊंट कौन-सी करवट लेगा, इस पर सबकी अलग राय है। हमें नतीजों का इंतजार करना चाहिए।
Emotional Yogi: Confident of Victory
I was in Gorakhpur on Tuesday morning, where Uttar Pradesh chief minister Yogi Adityanath replied to my questions during an hour long India TV special show on the assembly elections. The hall was packed with spectators, who were waiting eagerly for Yogi to answer to several of my probing questions. Yogi did not evade a single question. He calmly replied to all the questions, most of which were centered on elections, but there were also ticklish topics like ‘hijab’, Lakhimpur Kheri and Hathras incidents.
Never did I see Yogi in such a calm and confident mood. Towards the end of the show, he predicted a landslide win on 80 per cent seats, which, in numbers, comes to more than 320 in a House of 403. He predicted the “end of Samajwadi Party”, and made a comparison with Lankini, the female monster who protected Ravana’s golden city of Lanka. Yogi said, when Lankini watched Hanuman taking a huge shape in front of her, she knew the game was up, and Lanka was lost.
Yogi went a bit further. He claimed, he had reports that “some opposition leaders have booked tickets for foreign visits, some to England and Australia, while some small-timers may try to flee to Nepal after March 10 (counting day) when the results will be out. “I have asked our police to do joint patrolling with Nepal police to prevent them from crossing the border”, he said.
In his typical manner, Yogi lashed out at dynastic politics, and berated Akhilesh Yadav, his main rival in the current elections. Yogi said, “this is a family, where a son shoves his father (Mulayam Singh Yadav), and the nephew throws out his uncle. All the family members are united so long as they get part of the loot”. Harsh words from a chief minister.
Yogi predicted that all those ministers who resigned from BJP before the elections and crossed over to the opposition camp, are bound to lose and forfeit their deposits. He also predicted that as in 2017 and 2019, all the “small-timer pehelwans (wrestlers)” who have joined hands with SP for the “maha gathbandhan” (grand alliance) are going to wrestle among themselves after the results are out on March 10.
There was one moment during the show, when I posed a personal question to Yogi. I asked, if Rahul Gandhi can ask his sister Priyanka to help in the elections, why can’t you help your sister who walks several kilometers daily to her tea and snacks shop (in Uttarakhand)? Why can’t you help your own family?
Yogi paused for a few moments, and then, in an emotional voice replied: “I am a Yogi. I have taken the oath of ‘rashtradharma’(service to the nation). I have not taken oath for my family. A yogi always works for ‘lok kalyan’ (welfare of the people). The people of UP are my family.”
During the show, Yogi spoke on one of the hot topics during this election – farmers guarding their fields at night from stray cattle. He promised to do more to ensure that there are fewer stray cattle, and all of them would be accommodated in cow shelters. “When we came to power, we vowed, we will not allow a single cow to be slaughtered. This is our Sankalp (promise)”, he said.
On terrorism, Yogi alleged that it was the SP government which refused to prosecute people charged for serial blasts, and withdrew all cases. On his remark that bulldozers will be out again after March 10, Yogi said, “we are making the best use of bulldozers. Companies manufacturing bulldozers should be grateful to our government. We will not allow criminals and mafia leaders to go scot free.”
On the issue of unemployment, Yogi said, “we tried to bring transparency in appointments to government jobs during the first three years. The later two years were taken up by Covid management. Only recently, we conducted a comprehensive eligibility test for recruitment to non-gazetted posts, in which 25 lakhs candidates took part. The results will be out soon. We have more government jobs during our tenure, compared to the cumulative number of jobs given during SP and BSP rule.”
On Akhilesh Yadav promising free electricity, Yogi said, “During their regime, UP was known for darkness after dusk. Today we provide round-the-clock electricity to all districts. When they failed to generate electricity, how can they promise free power?” The chief minister claimed that during the previous regime, most of the free rations for poor people used to be siphoned away by those close to the ruling party. “Soon after we came to power, we conducted survey and seized several lakh fake ration cards. We introduced PoS system, due to which poor people are getting free rations twice a month. Theft of free rations has now stopped”, he said.
On the two incidents that took place in Lakhimpur Kheri and Hathras, Yogi Adityanath’s reply was to the point. He said, “Both incidents were indeed unfortunate, but our government took timely steps. In the Hathras case, the CBI is carrying out its probe, which, according to my knowledge, has not gone a step beyond what our police had investigated. I am waiting for the truth that will emerge to establish that it could be part of a conspiracy to defame our government. In the Lakhimpur Kheri case, the SIT is doing its investigation under the supervision of Supreme Court. There was an effort to foment riots, but our government brought the situation under control.”
On the ‘hijab’ controversy in the schools and colleges of Karnataka, Yogi said, “Personally I have no objection to anybody wearing any dress, either at home or in public places, but our system runs in accordance with the Constitution. Some people cannot impose their choices on the nation. Today it is a school, tomorrow they may demand that they be allowed to do this in (security) force. We cannot allow indiscipline.”
During the show, Yogi spoke in detail about how he brought the Japanese Encephalitis under control in eastern UP, and how he personally took charge during the Covid pandemic’s second wave that swept the country in April and May last year. “I personally went to several districts to check the ground situation. In Mathura, a lady was surprised when she saw me standing in front of her home. She told me, you are the chief minister. You should take care of yourself first, because you are running the state. ..Today I can say, we have sufficient quantity of oxygen in each district.”
I visited Gorakhpur after a long gap of several years. More than five years ago, it was a dusty district headquarter, with potholed roads and lack of proper infrastructure like hospitals, medical colleges, and roads. Today, Gorakhpur boasts of several state-of-the-art hospitals, expressways, wide roads and other amenities.
The work done by Yogi’s government during the last five years is there for all to see. Most of the people I met in Gorakhpur on Monday told me how the present government has brought changes in their day-to-day life. I did not find a single person in the auditorium who spoke a word against Yogi, who is contesting from Gorakhpur. The jury is still out on which party will sweep the UP elections on March 10. Let us wait and see.