मोदी के ई-बजट में नए डिजिटल इंडिया की तस्वीर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने मंगलवार को एक दूरदर्शी बजट पेश किया। इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर ज्यादा फोकस किया गया है। सरकार का दावा है कि इससे विकास और गुणवत्तापूर्ण रोजगार का रास्ता खुलेगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सड़क, रेलवे, एयरपोर्ट्स, बंदरगाह, जलमार्गों और लॉजिस्टिक्स जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च के लिए सरकार ने बजट में करीब साढ़े सात लाख करोड़ का प्रवाधान किया है।
दूसरी बड़ी घोषणा यह की गई कि सरकार ने देश में डिजिटल करेंसी को मंजूरी दे दी। अब रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करेगा। सीतारामन ने कहा कि इसी साल से डिजिटल करेंसी में लेन-देन हो सकेगा और इससे होनी वाली इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा। डिजिटल करेंसी के ट्रांजैक्शन पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगेगा। तीसरी बड़ी खबर यह है कि सरकार ने इनकम टैक्स देनेवालों को ना तो कोई राहत दी है और ना कोई बोझ डाला है।
चौथी बात यह है कि अगर टैक्स पेयर्स को रिटर्न फाइल करते समय अपनी इनकम दिखाने में कोई चूक हुई तो उन्हें दो साल के अंदर ब्याज पर 20 से 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स का भुगतान कर इस गलती को सुधारने का मौका मिलेगा। हालांकि वे लोग इस सुविधा का उपयोग नहीं कर पाएंगे अगर उनके अपडेटेड रिटर्न से कुल टैक्स लायबिलिटी कम हो जाती है या फिर टैक्स रिफंड की रकम बढ़ जाती है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने एक बड़ी खामी को दूर किया है। उन्होंने ऐलान किया है कि अब इनकम टैक्स छापे में जो भी कालाधन बरामद होगा, वह जब्त हो जाएगा। अब तक छापेमारी के दौरान जब्त अघोषित नगदी पर टैक्स और 30 फीसदी जुर्माना लगाकर बाकी की बची हुई रकम वापस कर दी जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
इस बजट की पांचवीं बड़ी बात यह है कि सरकार ने अगले 25 सालों के विकास को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया है। जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा तब तक एक नया भारत बनाने की पूरी रणनीति के साथ इसे तैयार किया गया है। सरकार का दावा है कि इस बजट से किसानों, नौजवानों, व्यापारियों, उद्योग जगत और अर्थव्यवस्था के अन्य सभी क्षेत्रों को फायदा होगा। इससे स्वदेशी का विकास होगा और देश आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा। इसका उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘लोगों के अनुकूल और प्रगतिशील’ बजट बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट मौजूदा चुनौतियों और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा- ‘यह बजट 100 साल की भयंकर आपदा के बीच विकास के एक नए विश्वास के साथ आया है। यह बजट ज्यादा निवेश, ज्यादा अवसर, ज्यादा विकास और रोजगार की संभावनाओं से भरा है।’
बजट में सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान 60 लाख नई नौकरियां, पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख नए घर और 3 करोड़ 80 लाख घरों तक पाइप लाइन के जरिए पीने का पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने बजट में कृषि पर भी फोकस किया है। धान और गेहूं की फसल की खरीद के लिए 2 लाख 37 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं। इससे एक करोड़ 67 लाख किसानों को फसल की कीमत का भुगतान सीधे उनके बैंक अकाउंट में किया जाएगा।
बुंदेलखंड में केन-बेतवा लिंक परियोजना की बात लंबे वक्त से हो रही है। सरकार ने इस बार बजट में केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के लिए 1400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस परियोजना के पूरे होने से बुंदेलखंड में सिंचाई की समस्या काफी हद तक दूर होगी और किसानों को सिंचाई के लिए पानी आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। इसके अलावा सरकार ने गंगा के किनारे पांच किलोमीटर तक के दायरे में ऑर्गेनिंक खेती को बढ़ावा देने की योजना का भी ऐलान किया है।
बहुत लोगों को लगता था कि पांच राज्यों में चुनाव हैं तो एक पॉपुलर, लोकलुभावन बजट आएगा जिसमें बड़े-बड़े सपने दिखाए जाएंगे और बड़े-बड़े वायदे किए जाएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वोटों का ध्यान नहीं रखा। उन्होंने मतदाताओं की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करने का फैसला लिया। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया। देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 9.2 प्रतिशत है, और यह दुनिया की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है। कोरोना महामारी के दो साल बाद भी अगर हमारी अर्थव्यवस्था अपने पैरों पर खड़ी हो पाई है तो इसका मतलब है कि सरकार की ‘नीति’ और ‘नीयत’ दोनों ठीक है।
अब देखते हैं कि बजट पर विपक्ष के नेताओं की क्या प्रतिक्रिया रही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया -‘मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है, वेतनभोगी लोगों, मध्यवर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है।’ वहीं तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने ट्वीट किया: ‘बेरोजगारी और महंगाई से पिस रही आम जनता के लिए बजट में कुछ नहीं है। केवल बड़ी-बड़ी बातें हैं और हकीकत में कुछ नहीं है-‘पेगासस स्पिन बजट’ है।’
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो ने ट्वीट किया: ‘काम-कारोबार सब हुआ चौपट…. ऐतिहासिक मंदी, लाखों की नौकरी कर गयी चट… आम जनता की आमदनी गयी घट..बेकारी-बीमारी में बैंकों में जमा निकली सारी बचत…अब लोगों की जेब काटने के लिए आया भाजपा का एक और बजट…उप्र से भाजपा के दुखदायी युग का अंत शुरू हो रहा है! यूपी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।’
कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया: ‘न किसानों की आय दुगनी… न मध्यम वर्ग को टैक्स में छूट… न महंगाई से निजात…न छोटे उद्योगों को राहत… न युवाओं को रोजगार। बस पुराने हो चुके जुमले और सब्सिडी पर प्रहार, यही है मोदी सरकार के बजट का सार।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा, धान और गेहूं की खरीद के लिए 2.37 लाख रुपए सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में भेजा जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार साढ़े सात लाख करोड़ रुपए का कैपिटल इन्वेस्टमेंट कर रही है, इससे सड़कें, मकान, बंदरगाह और एयरपोर्ट बनेंगे। इसके अलावा सरकार छोटे और मध्यम कारोबारियों की भी मदद करेगी। इन सारे प्रयासों से देश में 60 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए सीतारामन ने कहा, ‘राहुल को देखना चाहिए कि पंजाब में युवाओं को नौकरी क्यों नहीं मिल रही है, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में किसान अभी भी आत्महत्या क्यों कर रहे हैं। राहुल गांधी अगर सोच-समझ कर आलोचना करें तो उनका स्वागत है, वरना लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेंगे।’
अगर इस बजट का पुराने परंपरागत तरीके से विश्लेषण करें तो यह दिखाई देगा कि इनकम टैक्स में राहत नहीं मिली, चीजों के दाम कम नहीं हुए, किसानों को कुछ नहीं मिला, रोजगार के लिए कुछ नहीं हुआ लेकिन अगर इसी बजट को नए आधुनिक भारत के लिहाज से देखें तो बिल्कुल दूसरी तस्वीर दिखाई देती है।
जैसा कि निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम गति शक्ति योजना के आधार पर इस बजट में ग्रोथ के सात इंजनों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सड़कें, रेलवे, बंदरगाह, हवाई अड्डे, जलमार्ग, लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर और मास ट्रांसपोर्ट, ये सात इंजन हैं। देश की आजादी के 100 साल पूरे होने पर यह मोदी का सपना है। इस अवधि को सीतारामन ने ‘अमृत काल’ बताया। यह नाम मौजूदा अमृत महोत्सव के आधार पर दिया गया है, जिसे देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर मना रहा है।
इस बजट में आपको हर क्षेत्र में डिजिटल की छाप दिखाई देगी। नए जमाने की हवा दिखाई देगी। लोकसभा में सीतारामन ने पहली बार छपा हुआ बजट भाषण पढ़ने के बजाय डिजिटल आईपैड के जरिए भाषण पढ़ा। डिजिटल एजुकेशन, डिजिटल यूनिवर्सिटी, डिजिटल हेल्थ, डिजिटल रुपया और डिजिटल कांति के लिए टेलीकॉम में 5 जी की तैयारी, किसानों के लिए ड्रोन, गंगा के किनारे ऑर्गेनिक खेती, 400 वंदे भारत ट्रेन, बड़े पैमाने पर पोर्ट्स, एय़रपोर्ट्स और हाइवे का निर्माण और स्टार्ट अप को प्रोत्साहन, ये सब नए जमाने की चीजें हैं।
अगर हमें दुनिया का मुकाबला करना है और देश को वाकई में विकास के रास्ते पर ले जाना है तो ये सब जरूरी है। इसमें रोजगार भी है और ज्यादा कमाई भी है। एक्सपोर्ट भी है और ज्यादा एफडीआई भी है। यह नए डिजिटल इंडिया की तस्वीर है और इसको उसी दृष्टि से देखना चाहिए।
वित्त मंत्री ने इस वित्तीय वर्ष से नए ई-पासपोर्ट लॉन्च करने का ऐलान किया है। इसमें एम्बेडेड चिप्स होंगे जो पासपोर्ट धारकों की पहचान को वेरिफाई करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) और बायोमेट्रिक्स का उपयोग करेंगे। फिर धीरे-धीरे ई-पासपोर्ट पारंपरिक पासपोर्ट की जगह ले लेंगे। सीतारमण ने एक ई-यूनिवर्सिटी शुरू करने का भी ऐलान किया। देश-स्टैक पोर्टल (DESH-Stack portal) के जरिए ऑनलाइन शिक्षा मिल सकेगी। इसे हब और स्पोक मॉडल पर बनाया जाएगा। देश की विभिन्न यूनिवर्सिटीज के सहयोग से इस ई-यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी।
नरेन्द्र मोदी ने 25 साल के विजन की बात की है। अगर आजादी के बाद सरकारों ने इसी तरह की दूरंदेशी दिखाई होती और आने वाले 20-25 साल को ध्यान में रखकर योजना बनाई होती तो देश बहुत आगे निकल चुका होता।
Modi’s E-budget for New Digital India
Finance Minister Nirmala Sitharaman presented on Tuesday a forward-looking budget that focusses more on developing infrastructure and, in the process, will definitely open more avenues for development, quality employment, and new job opportunities. Rs 7.5 lakh crore has been earmarked for capital investment on infrastructure like roads, railway, airports, ports, waterways and logistics.
The second major announcement was related to the arrival of digital currency. Reserve Bank of India will introduce digital currency this year itself, and all gains made on transfer of digital virtual assets will be taxed at 30 per cent, Sitharaman said. One per cent TDS will be levied on all digital currency transactions.
Thirdly, she decided not to give any more relief nor impose tax burden on income tax payers.
Fourthly, tax payers will be allowed to update their income tax returns within two years by paying an additional tax of 25-50 per cent on interest. This will be beneficial for income tax payers who have missed the deadline to file revised income tax return. However, they will not be able to use this facility if their updated return leads to lesser total tax liability or increase in income tax refund. A major loophole has been plugged by the Finance Minister, who announced that all black money seized during raids shall stand confiscated. Till now, tax evaders used to pay income tax liability and 30 per cent penalty on undisclosed cash seized during raids.
The fifth, and most important point, in this year’s Budget is that it has been prepared keeping in mind the overall strategy for creating a New India 25 years hence, when the nation will be celebrating 100 years of freedom. This will benefit farmers, youths, traders, industry and all other sectors of economy. The objective is to achieve ‘aatmanirbharta’ (self-reliance).
Prime Minister Narendra Modi described it as a “people-friendly and progressive” budget. “This budget has come with a new sense of confidence towards progress amidst a once-in-a-century calamity. The budget is full of more investments, more opportunities, more growth and more jobs”, he said.
The budget has kept a target of providing 60 lakh new jobs, 80 lakh new houses under PM Awas Yojana and piped water supply to 3.80 crore households during this financial year. The budget has also focussed on the farm sector, earmarking Rs 2.37 lakh crore on procurement of wheat and paddy. More than 1.67 crore farmers will get their procurement prices directly to their bank accounts.
Rs 1,400 crore has been earmarked for linking the Ken and Betwa rivers, pending since decades, to help irrigate the parched land of Bundelkhand, where farmers have been facing drought almost every year. The Budget also proposes to promote pesticide-free natural farming along the five kilometre wide stretch on the Ganga river bank.
Most of the political watchers were expecting a populist budget with big promises and lofty dreams in view of the crucial assembly elections in five states, but Prime Minister Narendra Modi chose not to tread that path. Modi chose not to pander to the sentiments of voters. Instead, he focussed on how to strengthen the economy. India’s economy today has registered a 9.2 per cent GDP growth rate, despite industry being badly hit during the Covid pandemic for the last two years. In essence, this Budget underlines the ‘neeti’ (policy) and ‘neeyat’ (intent) of this government.
Now a look at how the Opposition leaders reacted to the budget. Congress leader Rahul Gandhi tweeted: “Modi Government’s Zero Sum Budget. Nothing for salaried class, middle class, the poor and deprived, youth, farmers, MSMEs”. Trinamool Congress supremo Mamata Banerjee tweeted: “BUDGET HAS ZERO FOR COMMON PEOPLE, WHO ARE GETTING CRUSHED BY UNEMPLOYMENT & INFLATION. GOVT IS LOST IN BIG WORDS SIGNIFYING NOTHING – A PEGASUS SPIN BUDGET.”
Samajwadi Party supremo tweeted: “jobs, businesses have collapsed..historic recession, lakhs have lost their jobs, ..incomes of common people have declined..they withdrew all savings from banks due to joblessness and illness..Now one more budget from BJP which will pinch everybody’s pickets.. the end of BJP’s dark age in UP has begun, UP kahe aaj ka, nahin chahiye Bhajapa”.
Congress leader Priyanka Gandhi Vadra tweeted: “Farmers’ income have not doubled, no relief in tax for middle class, no relief for small industries, no jobs for youths, Only old ‘jumlas’ and attack on subsidies, this, in essence, is Modi’s budget”.
Finance Minister Nirmala Sitharaman replied to these criticisms, by saying, Rs 2.37 lakh procurement prices for paddy and wheat will be sent directly to the bank accounts of farmers, and nearly 60 lakh people will get jobs after Rs 7.5 lakh crore capital investment on highways, ports, airports, railway and logistics. In a counter-attack on Rahul Gandhi, Sitharaman said, “Rahul should see why youths are not getting jobs in Punjab and why farmers are still committing suicide in Chhattisgarh and Maharashtra. People will not take Rahul seriously, if he gives frivolous reactions.”
If we start analyzing the Union Budget in a traditional manner, as was being done for decades, then we can surely say that it has not given any relief to middle class income tax payer, it has not lowered prices of commodities, farmers got nothing and no major announcement was made for job creation, but if one views this as a budget for a new, modern India, one can clearly see where it is headed.
The budget has focussed on seven growth engines, as Sitharaman said, based on PM Gati Shakti plan. Roads, railway, ports, airports, waterways, logistics infra and mass transport are these seven engines. This is Modi’s dream for India At 100, the year 2047, when India will complete 100 years of freedom from British rule. This has been described as “Amrit Kaal’ (The Age of Nectar) by Sitharaman, based on the current Amrit Mahotsav that the nation is celebrating after 75 years of freedom.
You will also find everything digital in this budget. The speech was given by Sitharaman in Lok Sabha, for the first time, on a digital iPad, instead of reading from a printed booklet. She spoke about digital education, digital university, digital health, digital Rupee, 5G for a digital telecom revolution, drones for mapping crops, organic farming near Ganga river, encouragement to startups, 400 Vande Bharat trains, ports, airports and highways, huge railway cargo terminals, etc.
These are the signs of India coming of age. Unless we progress on this front, we cannot take on the rest of the world in the field of post-modern industrialization and hi-tech agro farming. These projects envisage more jobs, more earnings, more exports, more FDIs – this is the image of a new, digital India in the making.
The Finance Minister has also announced the launch of new e-passports from this financial year. It will have embedded chips which will use Radio Frequency Identification (RFID) and biometrics to verify the identity of passport holders and will gradually replace traditional printed passports. Sitharaman also announced the launch of an e-university, named DESH-Stack portal, for online learning, which will be built on a hub and spoke model. The e-university will be set up in collaboration with various Indian universities.
This should be seen as a harbinger of a new India, based on Narendra Modi’s vision for the next 25 years. Had our rulers shown the same farsightedness soon after Independence and had they embarked on 25-year-long plans, the present state of economy could have been altogether different. We could have left others behind in the race towards progress.
मोदी ने यूपी के मतदाताओं से कहा- दबंगों को वापस न आने दें
चुनाव आयोग ने सोमवार को चुनाव में लगी पाबंदियों को 11 फरवरी तक बढ़ा दिया है। रोड शो, पदयात्रा, साइकिल रैली और जूलूस निकालने पर रोक फिलहाल जारी रहेगी। अब पब्लिक मीटिंग में ज्यादा से ज्यादा एक हज़ार लोग इकट्ठा हो सकेंगे लेकिन लोगों की संख्या के हिसाब से मैदान की क्षमता डबल होनी चाहिए। वहीं डोर-टू-डोर कैंपेन में भी 20 से ज्यादा लोग नहीं जा पाएंगे। चुनाव आयोग ने सारे राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से कहा है कि कोविड गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी है वरना एक्शन लिया जाएगा। आयोग की पाबंदियों का असर पूरे चुनाव प्रचार पर दिखाई दे रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो अक्सर अपनी चुनावी रैलियों में लाखों लोगों की भीड़ को संबोधित करते थे, सोमवार को उन्होंने वर्चुअल रैली की । पीएम मोदी ने पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, सहारनपुर और गौतमबुद्धनगर में 21 विधानसभा के मतदाताओं को वर्चुअली संबोधित किया। इन इलाकों में 100 जगहों पर एलईडी वैन और टीवी स्क्रीन लगाए गए थे।
प्रचार भले ही वर्चुअल था पर ना मोदी का अंदाज बदला और ना ही तेवर बदले। बीजेपी के सबसे बड़े प्रचारक नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष और खासतौर से समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता को योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव की सरकारों के बीच का फर्क समझाया।
अखिलेश यादव का नाम लिए बिना मोदी ने कहा अखिलेश यादव ऐसे नेता हैं जो सोते रहते हैं और सिर्फ सपने देखते हैं। लेकिन योगी आदित्यनाथ ऐसे नेता हैं जो जागते हुए रहकर सारे काम पूरे करते हैं, सभी संकल्पों को पूरा करते हैं। इस वर्चुअल रैली को सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी आगरा से संबोधित किया। हर लोकेशन पर 500 लोगों ने मोदी के भाषण को सुना। चूंकि कुल 100 जगहों पर एलईडी लगाए गए थे, इस तरह कुल मिलाकर 50 हजार लोगों ने मोदी की इस वर्चुअल रैली में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर अखिलेश यादव की पिछली सरकार को आड़े हाथों लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच साल पहले तक यूपी की सरकार दबंग और माफिया नेता चला रहे थे। पीएम मोदी ने कहा-‘पांच साल पहले बाहुबलियों का कहा शब्द कानून था, उनका कहा ही शासन का आदेश था। पांच साल पहले- व्यापारी लुटता था, बेटी घर से बाहर निकलने में घबराती थी। माफिया, सरकारी संरक्षण में खुलेआम घूमते थे।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘पश्चिमी यूपी के लोग कभी नहीं भूल सकते कि जब यह इलाका दंगों की आग में जल रहा था तो पहले वाली सरकार (सैफई में) उत्सव मना रही थी। पांच साल पहले- गरीब, दलित, वंचित, पिछड़ों के घर-ज़मीन-दुकान पर जबरन कब्ज़ा कर लिया गया था। लोगों के पलायन की खबरें आए दिन आती थीं। अपहरण, फिरौती और रंगदारी ने मध्यम वर्ग और व्यापारियों को तबाह करके रख दिया था। लेकिन पिछले पांच वर्षों में योगी सरकार उत्तर प्रदेश को इन हालातों से बाहर निकाल कर लाई है।
मोदी ने चेतावनी दी, ‘वही गैंगस्टर और माफिया नेता जो खुद को कानून से ऊपर मानते थे, अब सत्ता में वापस आना चाहते हैं। वे मौके की तलाश में हैं। हम यूपी में बदलाव के लिए खुद को खपा रहे हैं, वो आपसे बदला लेने की ठानकर बैठे हैं। बदला लेना ही हमेशा से उनकी सोच रही है। इसलिए मैं यह देखकर खुश हूं कि यूपी के लोग इन गैंगस्टर्स से बहुत सावधान और सतर्क हैं। यूपी की जनता हमारा काम और उनके कारनामे देखकर इस बार बीजेपी को भरपूर आशीर्वाद देने जा रही है। जो घंटों सोता रहता है उसे सिर्फ सपने आते हैं, जो जागता है वह संकल्प लेता है। योगी जी जागने वाले, संकल्प लेने वाले और उसे पूरा करनेवाले नेता हैं।’
मोदी ने कहा-‘डबल इंजन की सरकार डबल स्पीड से काम कर रही है’। उन्होंने कहा- अब यूपी में एक्सप्रेस-वे, हवाई अड्डों की संख्या डबल हो रही है। यूपी देश का एकमात्र राज्य है, जहां 5 शहरों में मेट्रो ट्रेनें दौड़ रही हैं। पिछली सरकार केवल कागजों पर आधी-अधूरी परियोजनाएं बनाने और उनके शिलान्यास में माहिर थी लेकिन हमारी सरकार डबल इंजन की सरकार सपने पूरे करती है।
मोदी ने दावा किया कि यूपी के नौजवान, फर्स्ट टाइम वोटर्स बीजेपी के साथ हैं क्योंकि युवा मतदादता भी समझ गए हैं कि उनका भविष्य कौन सुधार सकता है। उन्होंने कहा-‘एक तरफ बीजेपी है, जिसके पास विकास का विजन (दृष्टि) है, साफ सुथरा और ईमानदार नेतृत्व है और दूसरी ओर अहंकार से भरे, किसी भी तरह सत्ता पाने का सपना देख रहे, समाज को तोड़ने वाले लोग हैं। विजन के नाम पर इनके पास सिर्फ विरोध है। ये नकली समाजवादी हैं।’
नरेंद्र मोदी के भाषण से साफ है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश की जनता को यह बताएगी कि अगर अखिलेश यादव की सरकार आई तो फिर से गुंडागर्दी होगी, दंगे-फसाद होंगे, अपराधी नेतागिरी करेंगे। क्योंकि अखिलेश यादव ने बड़ी संख्या में ऐसे अपराधियों, गैंगस्टर्स और माफिया को चुनाव मैदान में उतारा है, इनमें कुछ बेल पर हैं और कुछ जेल में हैं।
बीजेपी के चुनाव प्रचार का मुख्य जोर योगी आदित्यनाथ को एक ऐसे नेता के तौर पर पेश करना है जिन्होंने प्रदेश में कानून-व्यवस्था बहाल की। योगी के विरोधी भी इस बात को मानते हैं कि योगी सरकार ने अपराधियों और माफियाओं के दिलों में कानून का डर पैदा किया है।
योगी तो रोज कहते हैं कि अखिलेश की सरकार के जमाने में अपराधी और हिस्ट्रीशीटर थाने चलाते थे, माफिया जमीनों पर कब्जा करते थे लेकिन उनके राज में गुंडे तख्ती लटकाकर पुलिस के सामने सरेंडर करने लगे क्योंकि उन्हें इस बात का डर था कि कहीं मुठभेड़ में उनकी जान न चली जाए। वहीं माफिया नेताओं द्वारा अवैध रूप से बनाई गई सम्पत्तियों पर बुलडोजर भी चले।
एक हिसाब से बात सही है कि अगर यूपी का विकास करना है तो रोज-रोज के झगड़े नहीं चाहिए। शांति और कानून के राज के बिना लोगों के कल्याण की योजना लागू नहीं की जा सकती। नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में योगी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि योगी के शासनकाल में लॉ एंड ऑर्डर अच्छा था, गैंगस्टर्स और भ्रष्ट माफिया नेताओं पर कार्रवाई हुई इसलिए विकास हो पाया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने जितने काम किए हैं, उतने काम पहले कभी नहीं हुए।
पिछले पांच साल में योगी शासन के दौरान गरीबों के लिए 33 लाख मकान, ढाई करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए गए और गरीबों को इसका लाभ मिला। योगी सरकार का दावा है कि यूपी में करीब डेढ़ करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए गए। 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को एक हज़ार रुपए प्रति माह की पेंशन और फ्री राशन दिए जा रहे हैं। राज्य में 4 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश आया है।
योगी जब लोगों को याद दिलाते हैं कि समाजवादी पार्टी ने ऐसे लोगों को टिकट दिए जिनके खिलाफ हत्या, अपहरण और दंगों के मामले चल रहे हैं तो अखिलेश कहते हैं कि सबसे ज्यादा केस तो योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हैं। योगी ने सत्ता में आने के तुरंत बाद अपने खिलाफ सभी आपराधिक मुकदमों को वापस ले लिया । मैंने यह सवाल योगी आदित्यनाथ से इंडिया टीवी के ‘चुनाव मंच’ कार्यक्रम में इंटरव्यू के दौरान पूछा था, तब उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ एक भी केस नहीं है। फिर मैंने याद दिलाया कि अखिलेश कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी ने अपने ऊपर दर्ज मामलों को वापस ले लिया। इस पर योगी ने तुरंत जवाब दिया कि उन्होंने अपने ऊपर लगे किसी केस को वापस नहीं लिया।
अखिलेश यादव ने सोमवार को आरोप लगाया कि बीजेपी ने 99 आपराधिक छवि वाले लोगों को टिकट दे दिया। दिलचस्प बात यह है कि न तो अखिलेश और न ही उनकी पार्टी के नेता पश्चिमी यूपी में नामी अपराधियों और गैंगस्टर्स को समाजवादी पार्टी द्वारा टिकट देने के मुद्दे पर कुछ बोलते हैं । ये ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके खिलाफ हत्या के प्रयास, अपहरण और दंगों के केस लंबित हैं।
Modi to UP: Must not allow gangsters to come back
The Election Commission on Monday extended the ban on road shows, padyatra, cycle rallies and election meetings, but allowed gathering of up to 1,000 people at meetings, provided the ground should have double the space. Now, up to 20 people can join door-to-door campaign, by following Covid guidelines. The effect is there for all to see.
Prime Minister Narendra Modi, who used to address lakhs of people in his election rallies, had to address a virtual rally on Monday. LED vans and TV screens were set up at 100 locations to cover 21 assembly constituencies of western UP, including Muzaffarnagar, Shamli, Baghpat, Saharanpur and Gautam Budh Nagar.
The rally was different in form, but the content was strikingly the same, as Modi lambasted the opposition, Samajwadi Party in particular, which has emerged as the main rival to BJP in UP. Modi told the voters the basic difference between Akhilesh Yadav’s governance and Yogi’s style of administration.
Without naming Akhilesh, Modi said, a leader who is used to sleep for long hours can dream, but Yogi stays awake and takes ‘sankalp’ (vow) to achieve his targets. Chief Minister Yogi Adityanath joined this virtual rally from Agra. Up to 500 people watched Modi speech at each location, taking the total to 50,000.
In his speech, Narendra Modi reminded voters how ‘dabang’ (musclemen) and mafia leaders used to rule the state five years ago during Akhilesh Yadav’s rule. Modi said, “five years ago, the word of musclemen was law, they were above the law, traders were robbed and womenfolk feared to move out in the open, mafia leaders, under government patronage, used to move around freely.”
Modi said, “the people of western UP will never forget when there was communal violence in their areas, the ruling party was celebrating festival (in Saifai). Five years ago, the homes and lands of Dalits and downtrodden were forcibly occupied, there was massive exodus of people, kidnappings and extortions had made life hell for businessmen, but in the last five years, Yogi’s government has ensured law and order in the state.”
“The same gangsters and mafia leaders”, Modi warned, “now want to come back to power and they have been given tickets to contest elections. These gangsters are waiting for this opportunity to make a comeback. They want to take revenge. I am happy to see that the people of this region are now wary of such gangsters. The people of UP are going to bless the BJP again, after watching our work (kaam) and their misdeeds (kaarnaama)”. Those who sleep for long hours, can only watch dreams, but Yogi is a leader who stays awake, take vows (Sankalp) and fulfils them.”
“The double engine government is working at double speed”, Modi said, “expressways in UP are now being doubled, number of airports in UP have now doubled, UP is the only state where there are five Metros running in cities, the previous government only used to chalk out projects, but our government completes projects.”
Modi claimed that the first-time young voters of UP are supporting the BJP because they understand which party can nurture their future. “BJP has the vision and leadership, and on the other side, there are leaders full of arrogance, who sell dreams and divide the society. In the name of vision, they know only how to oppose. They are fake Samajwadis (socialists).”
Modi’s speech has given a clear message to the voters of UP: If Akhilesh Yadav returns to power, mafia leaders and gangsters will rule the roost. Akhilesh Yadav’s party has given tickets to many such criminals, gangsters and mafia leaders, against whom there are criminal cases pending.
The main thrust of BJP’s campaign is to project Yogi Adityanath as a leader, who has ensured law and order in UP. Even his rivals agree that Yogi has struck the terror of law in the minds of criminals and gangsters.
Yogi has been saying, day in and day out, at his meetings that history sheeters and criminals used to run the show at police stations and forcibly occupy land. It was only during his rule that criminals, wearing placards around the neck, come to police stations to surrender, because they fear they may lose their life in encounters. It was during Yogi’s rule that bulldozers were used to raze illegal properties built by mafia leaders.
It is true that if Uttar Pradesh wants to march on the path to progress, it needs peace and law and order. Only then can social welfare schemes for the poor and downtrodden can be implemented properly. In his speech, Modi mentioned the large number of welfare schemes implemented by Yogi’s government. This would not have been possible if the gangsters and corrupt mafia leaders were not brought to book.
During the last five years of Yogi’s rule, 33 lakh houses and more than 2.5 crore toilets were built, and poor people were the beneficiaries. Yogi claims, his government gave 1.5 crore free electricity connections to poor families and more than a crore beneficiaries are getting Rs 1000 per month pension along with free ration. More than Rs 4 lakh crore worth investments were made in the state.
Akhilesh Yadav, while countering Yogi’s charges about SP giving tickets to criminals, has been alleging that it was Yogi who withdrew all criminal cases filed against him, soon after coming to power. I asked Yogi Adityanath while interviewing him for ‘Chunav Manch’. Yogi emphatically said, he did not withdraw any criminal case against himself.
On Monday, Akhilesh Yadav alleged that BJP has given tickets to 99 candidates who had criminal background. The only interesting part is that neither Akhilesh Yadav nor his party leaders speak about SP tickets given to known criminals and gangsters in western UP. These are candidates against whom cases of attempt to murder, kidnappings and riots are pending.