लोकप्रिय टीवी अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला का अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी असामयिक मौत की खबर फैलते ही मुंबई की फिल्म-टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। सिद्धार्थ की उम्र सिर्फ चालीस साल थी और वो शारीरिक तौर पर पूरी तरह फिट थे। वे अपनी फिटनेस का पूरा ख्याल रखते थे और उन्हें दिल की कोई बीमारी भी नहीं थी। इसलिए जब अचानक उनके निधन की खबर आई तो अधिकांश लोगों को यकीन ही नहीं हुआ कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हो सकती है।
सिद्धार्थ शुक्ला ने अपने अभिनय से करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया था। लोकप्रिय टीवी धारावाहिक ‘बालिका वधू’ में अपने रोल के कारण उन्हें काफी प्रशंसा मिली थी और उनका करियर आगे बढ़ रहा था। उस समय इंडिया टीवी पर युवा अवॉर्ड के समारोह में सिद्धार्थ को उनकी एक्टिंग के लिए सम्मानित किया गया था। यह सम्मान सिनेमा, टेलीविजन, संगीत, व्यवसाय और अन्य विधाओं में आनेवाले लोगों को दिया जाता है। आठ साल पहले सिद्धार्थ से मेरी वह पहली मुलाकात थी। वे अपने काम को लेकर बहुत जुनूनी थे। उन्हें बड़ी सफलता मिली थी और टीवी सीरियल के दर्शकों के बीच उनकी लोकप्रियता अपने चरम पर थी। तब मैंने उनसे कहा था ‘सफल होना आसान है, लेकिन उस सफलता को संभालना मुश्किल है’। तब सिद्धार्थ ने मुझसे कहा था, ‘सर, मैं कभी कोई टेंशन नहीं लेता, मैं कोई चिन्ता नहीं करता, लेकिन आप की सलाह याद रखूंगा।’
पिछले साल 2020 में सिद्धार्थ शुक्ला टीवी प्रतियोगिता बिग बॉस-13 के विजेता बने। बीस हफ्ते तक चले बिग बॉस में सिद्धार्थ ने जिस तरह से परफॉर्म किया, संयम रखा और अपनी परफॉर्मेंस से लोगों का दिल जीता, इससे उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई। यह उनकी लोकप्रियता का एक बड़ा मुकाम था। वहां शहनाज़ गिल समेत अन्य महिला कलाकारों को लेकर उनके किस्से मशहूर हुए लेकिन सिद्धार्थ ने हमेशा शालीनता बनाए रखी।
बिग बॉस प्रतियोगिता के दौरान मैंने ‘आप की अदालत’ लगाई थी जहां सिद्धार्थ से मैंने बहुत सारे सवाल पूछे थे। उनकी हाजिर जबाबी ने मुझे बहुत प्रभावित किया। सारे प्रतियोगियों में वो सबसे ज्यादा स्मार्ट लगे, आत्मविश्वास से भरे हुए थे। उस दिन मुझे ये लगा कि वे निश्चित तौर पर बिग बॉस के विजेता होंगे। उन्होंने इसे साबित भी कर दिखाया।
‘बिग बॉस’ सलमान खान भी सिद्धार्थ शुक्ला की बहुत ताऱीफ करते थे। पूरे शो में सिद्धार्थ शुक्ला मानसिक रूप से बेहद मजबूत और शारीरिक तौर पर बेहद फिट दिखे। इसलिए जब उनके आकस्मिक निधन की खबर मिली तो ये यकीन करना मुश्किल था कि वो दुनिया से इतनी जल्दी चले गए। सिद्धार्थ शुक्ला का इतनी कम उम्र में जाना बेहद दुखद है।
आम तौर पर चालीस साल की उम्र में हार्ट अटैक बहुत कम सुनने को मिलता है। सिद्धार्थ फिटनेस का पूरा ध्यान रखते थे। वे हाईप्रोटीन डाइट पर थे और रोजाना तीन-तीन घंटे वर्कआउट करते थे। उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी। कोरोना महामारी में मैंने कई लोगों को कोविड से ठीक होने के कई महीने बाद ज्यादा वर्कआउट करने, ज्यादा डाइट कन्ट्रोल करने से बीमार होकर अस्पताल जाते देखा है। कई मामलों में हार्ट अटैक भी हुए हैं। लेकिन मुंबई में रहने के दौरान भी सिद्धार्थ शुक्ला कोविड से हमेशा बचे रहे।
मुंबई में जब दूसरी लहर के दौरान कोविड पीक पर था तब भी सिद्धार्थ शुक्ला ने सावधानी बरती। सिद्धार्थ की इम्युनिटी अच्छी थी उन्हें कोरोना का इंफेक्शन नहीं हुआ। ऐसे में उनको आए हार्ट अटैक से और भी हैरानी हुई। उन्हें उल्टा-सीधा खाने की आदत नहीं थी और उन्हें कोई टेंशन नहीं थी। उनका पारिवारिक जीवन खुशियों से भरा था। सिद्धार्थ का अपनी मां से बहुत गहरा लगाव था। उनके पिता की मौत कैंसर से हुई थी। उन्हें लंग्स कैंसर था। डॉक्टर्स ने उन्हें जबाव दे दिया और कहा कि दो साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे। लेकिन सिद्धार्थ के पिता सात साल और जीवित रहे। पिता की मौत के बाद अपनी मां और दो बहनों का सहारा सिद्धार्थ ही थे। वे एक खुशहाल जीवन जी रहे थे लेकिन अचानक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वे बड़ी खामोशी से इस दुनिया से चले गए।
सिद्धार्थ की ज़िंदगी से बहुत कुछ सीखा जा सकता है कि कैसे उन्होंने सफलता की एक-एक सीढ़ी चढ़ी। सिद्धार्थ ने 25 साल की उम्र में मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 2005 में तुर्की में एक अंतरराष्ट्रीय मॉडलिंग प्रतियोगिता जीती। इसके बाद उन्होंने म्यूजिक वीडियोज और विज्ञापनों के लिए काम किया। जल्द ही उनकी प्रतिभा का पता चला और उन्हें टीवी धारावाहिकों में अभिनय करने का मौका मिला। उनके अभिनय की शुरुआत सीरियल ‘बाबुल का आंगन छूटे ना’ से हुई थी। ब्लॉकबस्टर ‘बालिका वधू’ जिसने घर-घर में उन्हें एक नई पहचान दी, से पहले वे ‘जाने पहचाने से .. ये अजनबी’ और ‘लव यू जिंदगी’ जैसे टीवी शो में नजर आए। करण जौहर की फिल्म ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’ में सिद्धार्थ के रोल की काफी तारीफ हुई। उन्होंने टीवी प्रतियोगिता ‘खतरों के खिलाड़ी सीजन 7′ भी जीता। बिग बॉस 13 के दौरान इंडिया टीवी की वेबसाइट पर भी हम उन दिनों बिग बॉस को लेकर पोल कंडक्ट करते थे और सबसे ज्यादा वोट सिद्धार्थ शुक्ला को ही मिलते। सबसे ज्यादा ट्वीट उन्हीं के नाम पर आते थे। इसलिए जब उन्हें सीजन-13 का विजेता घोषित किया गया तो किसी को हैरानी नहीं हुई।
बिग बॉस प्रतियोगिता के दौरान, जितनी चर्चा उनके अच्छे आचरण की होती थी उतनी ही चर्चा उनकी फिटनेस की भी होती थी। यही वजह है कि उनकी मौत के बाद सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात को लेकर है कि सिद्धार्थ शुक्ला जैसे फिटनेस फ्रीक की मौत हार्ट अटैक से कैसे हो सकती है? उनके अचानक निधन की खबर से उनके लाखों फैंस गमजदा हैं।
बुधवार की रात सिद्धार्थ ने रोज की तरह डिनर किया और सो गए। मुंबई पुलिस के मुताबिक, गुरुवार की सुबह उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की और गिर पड़े। उस समय उनकी मां, बहन और उनके बहनोई मौजूद थे। इन लोगों ने डॉक्टर को बुलाया। डॉक्टर ने चेक किया तो पल्स नहीं चल रही थी। सिद्धार्थ को कूपर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम से पहले डॉक्टरों और पुलिस अधिकारियों को सिद्धार्थ के शरीर पर कोई बाहरी चोट का निशान नहीं मिला। गुरुवार की रात को पोस्टमार्टम पूरा हो गया था, लेकिन विसरा जांच के बाद ही मौत की सही वजह का पता चल पाएगा। तीन डॉक्टरों की एक टीम द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में कहा गया, ‘कोई बाहरी या आंतरिक चोट नहीं मिली।’
सिद्धार्थ शुक्ला के आकस्मिक निधन ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। एक बात तो समझ आ जाती है कि किसका जीवन कब कहां कैसे खत्म हो जाए इस पर किसी का कोई बस नहीं है। गुरुवार को मैंने कई डॉक्टर्स से बात की। इनमें से ज्यादतर ने कहा कि आप कितने भी फिट हों, डाइट का कितना भी ध्यान रखते हों, हार्ट अटैक पर किसी का बस नहीं चलता। अगर बेचैनी और घबराहट महसूस हो तो सीधे डॉक्टर के पास जाएं। गैस का दर्द समझकर अनदेखा न करें।
एक बार जब ये पता चल जाए की हार्ट अटैक नहीं है तो फिर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन ये सोचना ठीक नहीं है कि मेरी तो अभी उम्र कम है, मेरी कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं है। क्योंकि डॉक्टर कहते हैं कि हार्टअटैक किसी को भी हो सकता है और अगर इस पर तुरंत ध्यान नहीं दिया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकता है। दुर्भाग्य से, सिद्धार्थ शुक्ला के साथ यही हुआ। ये कोई जाने की उम्र नहीं होती।
बार-बार उनकी मां के बारे में सोचकर दिल भर आता है। मां को वो इतना प्यार करते थे, मां के बारे में इतनी बातें करते थे। जिस मां को अपने बेटे पर इतना गर्व था, उनका दर्द असहनीय है। हम सब मिलकर ईश्वर से यही प्रार्थना कर सकते हैं कि सिद्धार्थ की मां और उनकी बहनों को इस आघात को सहने की शक्ति दे।