प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार सनातन पर हो रहे विरोधी दलों के हमलों पर खुलकर बात की. मोदी ने साफ कहा कि विरोधी दलों ने एक गठबंधन बनाया है, इस गठबंधन का एक ही लक्ष्य है, एक ही मकसद है – सनातन को खंड खंड करना, सनातन को खत्म करना, भारतवर्ष की हजारों सालों की सनातन परंपराओं को छिन्न भिन्न करना. मोदी ने कहा कि ये वक्त की मांग है कि संगठन की ताकत से सनातन को बचाना है. मोदी मध्य प्रदेश के बीना में पचास हजार करोड़ रु. की योजनाओं का उदघाटन और शिलान्यास करने का बाद औक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे. मोदी ने बात शुरू की, विरोधी दलों के गठबंधन से. कहा, कि विरोधी दलों का जो गठबंधन बना है, उसके नेताओं ने मुंबई में हुई मीटिंग में यही तय किया है, यही लक्ष्य रखा है कि सनातन पर हमले करो, सनातन को बदनाम करो, सनातन को खंडित करो, सनातन को खत्म करो. सनातन को खत्म करने की बात DMK के नेता, तमिलनाडु सरकार में मंत्री, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने शुरू की थी. कहा था कि सनातन के विरोध से काम नहीं होगा, सनातन को जड़ से खत्म ही करना पड़ेगा, सनातन का समूल नाश जरूरी है. मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने उदयनिधि का समर्थन किया, फिर ए. राजा ने उदयनिधि की बात को आगे बढ़ाया. उसके बाद तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी ने सनातन पर हमला किया, लेकिन इंडिया एलायन्स में शामिल किसी पार्टी ने कड़े शब्दों में न तो सनातन पर हमलों का विरोध किया, न DMK के नेताओं को मुंह बंद रखने को कहा. दो हफ्ते से लगातार सनातन पर हमले हो रहे हैं. दो हफ्ते से मोदी सब सुन रहे थे और गुरुवार को उन्होंने सबको आईना दिखा दिया. मोदी ने कहा कि सनातन को अहिल्या बाई होल्कर, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी जैसे महापुरूषों ने शक्ति का श्रोत माना, समाज में फैली बुराइयों को दूर करने का साधन बनाया था. मोदी ने कहा कि जो सनातन स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के लिए आजादी की लड़ाई में संबल बना, इंडिया एलायन्स के नेता सनातन का समूल नाश करना चाहते हैं, ये सहन नहीं किया जाएगा, इसका प्रतिकार होगा, इसका जवाब दिया जाएगा. हालांकि इससे पहले, सनातन पर DMK के नेताओं के हमलों पर बीजेपी के नेताओं ने जोरदार जवाब दिए हैं. इसका असर ये हुआ कि DMK और विरोधी दलों के गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टियों ने ये कहना शुरू कर दिया कि वो सनातन के खिलाफ नहीं हैं, वो सनातन में पैदा हुई बुराइयों को दूर करने की बात कह रहे हैं, जातिवाद और भेदभाव के खिलाफ बोल रहे हैं, वो दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के साथ अन्याय की बात कर रहे हैं. मोदी ने जवाब में महर्षि वाल्मीकि, माता शबरी और संत रविदास का उदाहरण देते हुए कहा कि आदिकाल से अब तक ये सारे महापुरूष सनातन के संवाहक थे, सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने वाले थे लेकिन विरोधी दल अब सनातन को खत्म करने की बात कह रहे हैं, ये सहन नहीं किया जाना चाहिए.मोदी ने कहा कि देश के करोड़ों लोगों को एकजुट होकर इस मुद्दे पर विरोधी दलों को सबक सिखाना होगा, संगठन की ताकत से सनातन की रक्षा करनी होगी. माता शबरी आदिवासी थीं, लेकिन प्रभु राम ने माता शबरी के जूठे बेर खाए थे. महर्षि बाल्मीकि दलित थे, प्रभु राम के अनन्य भक्त थे, उन्होंने रामायण की रचना की. संत रविदास भी दलित थे, इन सब महान संतों की आज भी पूजा होती है. मोदी ने इन सबका नाम इसलिए लिया क्योंकि विरोधी दलों के नेता DMK के नेताओं के बयानों का ये कहकर बचाव कर रहे हैं कि DMK सनातन के नहीं, ब्राह्मणवाद के खिलाफ है, जातिवाद और भेदभाव के खिलाफ है, लेकिन मोदी ने सबको जवाब दे दिया. ये भी साफ कर दिया कि सनातन पर हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विरोधी दलों के नेता भी समझ गए हैं, अब बीजेपी पूरे देश में इसे बड़ा मुद्दा बनाएगी और वो इस पिच पर बीजेपी की धारदार बॉलिंग को झेल नहीं पाएंगे. इसीलिए मोदी के कड़े रुख का असर तुरंत दिखाई दिया. जो प्रियांक खरगे दो दिन पहले तक कह रहे थे कि जिस धर्म में जहां इंसानों में भेदभाव हो, उसे खत्म हो जाना चाहिए, वही गुरुवार को ये कहते सुनाई दिए कि सनातन को बचाने के लिए किसी प्रधानमंत्री या मंत्री की ज़रूरत नहीं है. सनातन ख़ुद अपनी रक्षा करने में सक्षम है, सनातन हजारों साल से चला आ रहा है. ये न कभी खत्म हुआ, न होगा. प्रियांक खरगे ने कहा कि मोदी को सनातन की चिंता करने की बजाए मंहगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए. उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता अरविन्द सावंत ने कहा कि अगर किसी पार्टी के एक-दो नेताओं ने कुछ गलत कह दिया तो उसे इतना बड़ा मुद्दा बनाना, पूरे देश में उसको लेकर माहौल खराब करना प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी सनातन के बारे में DMK के नेताओं के बयानों का विरोध करती है लेकिन मोदी और बीजेपी को भी सनातन धर्म पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि हिंदू धर्म और सनातन परंपरा को सबसे ज़्यादा नुक़सान मोदी और बीजेपी ने ही पहुंचाया है.
अब एक बात तो साफ दिख रही है कि कल तक विरोधी दलों के नेता सनातन पर हमले कर रहे थे, उन्हें समझ आ गया कि सनातन धर्म पर प्रहार करने से नुकसान होगा लेकिन ये समझ आया थोड़ी देर से. गुरुवार को मोदी ने जब जवाबी हमला किया, तो इंडिया अलायन्स की सारी पार्टियां इधर उधर की बातें करने लगीं. हालांकि विरोधी दलों की मजबूरी है कि मोदी को हराने के लिए उनका एक होना जरूरी है, DMK गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. उसे नाराज नहीं कर सकते इसलिए बुधवार को एक बीच का रास्ता निकाला गया था. विरोधी दलों के गठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी की मीटिंग के बाद बताया गया कि सनातन के विरोध के मुद्दे पर DMK से सफाई मांगी गई. DMK के टी.आर. बालू ने मीटिंग में बताया कि मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने अपनी पार्टी के सभी नेताओं को हिदायत दे दी है कि अब सनातन के बारे में कोई उल्टी सीधी बात नहीं करेगा. इसके बाद विरोधी दलों के गठबंधन की सभी पार्टियों ने मान लिया कि अब ये मुद्दा खत्म हो गया. हालांकि इसके बारे में न तो एम. के. स्टालिन का कोई बयान आया, न कोई प्रेस नोट आया जिससे ये पता लगे कि वाकई में एम. के. स्टालिन ने अपनी पार्टी के नेताओं को सनातन के खिलाफ बोलने से रोका है. लेकिन मीटिंग के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता गुरदीप सप्पल ने कह दिया कि अब सनातन का मुद्दा खत्म, हालांकि आज ही सप्पल की बात गलत साबित हो गई. DMK के नेता डिंडीगुल लियोनी ने फिर सनातन पर सवाल खड़े किए. उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया, कहा कौन कहता है कि अयोध्या में राम का जन्म हुआ था. लियोनी ने कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराकर अब राम मंदिर बनाया जा रहा है, ये सनातन को मानने वाली ताकतों का सबसे बड़ा धोखा है. हैरानी की बात ये है महाराष्ट्र NCP के नेता जितेन्द्र अव्हाड ने भी कहा, कि वो हिन्दू थे, हिन्दू हैं और हिन्दू ही मरेंगे, लेकिन वो सनातनी नहीं हैं. जितेन्द्र अव्हाड ने कहा कि कौन कहता है कि भगवान राम सनातनी थे. जितेंद्र अव्हाड़ जैसे लोगों को, भगवान राम पर सवाल उठाने वालों को योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया. योगी ने बताया कि प्रभु राम सनातनियों के लिए क्या हैं, कृष्ण का सनातन परंपरा में कैसा स्थान हैं और सनातन में कितनी शक्ति है. ये बात तो बच्चा बच्चा जानता है कि कांग्रेस ने कोर्ट में भगवान राम को काल्पनिक बताया था, किस्से कहानियों का पात्र बताया था. बाद में कांग्रेस का जो नुकसान हुआ, वो सब ने देखा, इसलिए अब कांग्रेस के नेता हिन्दुत्व की लाइन पर आने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे थे लेकिन लगता है मोदी विरोध के चक्कर में, मोदी को हराने के लिए.. सभी विरोधियों को एक साथ लाने के चक्कर में अब विरोधी दलों के नेता डिरेल हो गए हैं, कन्फ्यूज़. हो गए हैं. राहुल गांधी कहते हैं कि वो सनातनी हैं, हिन्दू कोई धर्म नहीं है, हिन्दुत्व नाम की कोई चीज नहीं है और जितेन्द्र अव्हाड कह रहे हैं कि वो हिन्दू हैं, हिन्दुत्व को मानते हैं. DMK के नेता कह रहे हैं कि सनातन का समूल नाश कर देंगे और अब विरोधी दलों को नेता ये कहने पर मजबूर हैं कि सनातन अजर, अमर है, कोई इसे खत्म नहीं कर सकता. इसीलिए मैंने कहा कि उदयनिधि स्टालिन ने सनातन को गाली देकर मोदी के हाथ में एक हथियार दे दिया है. अब मोदी और योगी के जवाबी वार ने इंडिया alliance के नेताओं को बैकफुट पर पहुंचा दिया. ‘ राम चरित मानस’ में लिखा है -” जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकी मति पहले हर लेही”, राष्ट्रकवि दिनकर ने ‘रश्मिरथी’ में भी लिखा है – ” जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है”. लगता है कि DMK के नेताओं के साथ यही हो रहा है. उन के साथ alliance पार्टनर्स भी मुसीबत में हैं पर DMK का कहना है ‘हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले कर डूबेंगे’.