Rajat Sharma

अग्निवीर : सेना युद्ध सक्षम बनना चाहती है

AKB30 कारगिल विजय को 25 साल हो गये. जंग के मैदान में तोपों की गूंज अभी तक याद है. पाकिस्तान का धोखे से किया गया एक-एक वार याद है. और याद है हमारे बहादुर योद्धा जो वीरगति को प्राप्त हुए. उनका अमर बलिदान हमें हमेशा प्रेरणा देता रहगा, हमारे अमर शहीदों को, वीर जवानों को नमन. मोदी ने सरहद पर खड़े होकर कड़े लहजे में, साफ लफ्ज़ों में संदेश दिया कि अगर पाकिस्तान नहीं सुधरा, अगर उसने घुसपैठ और आतंकवाद की हरकतें बंद नहीं की, तो उसे सबक सिखाया जाएगा. मोदी ने कहा कि पाकिस्तान इससे पहले कई बार मुंह की खा चुका है, हमारे जवानों ने पाकिस्तान की फौज को धूल चटाई है लेकिन पाकिस्तान ने कोई सबक नहीं सीखा. इसलिए अब पाकिस्तान कान खोलकर सुन ले, पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के आका समझ लें कि भारत छोड़ेगा नहीं. प्रधानमंत्री ने अग्निपथ स्कीम को लेकर राजनीति कर रहे, अफवाहें फैला रहे राजनीतिक दलों को भी जवाब दिया. मोदी ने कहा कि अग्निपथ स्कीम सेना की मांग पर लागू की गई, ताकि सेना के जवानों की औसत आयु को कम रखा जा सके. दो बातों पर मोदी का संदेश स्पष्ट है. पहला, सीमा पर अब आतंकवाद के खिलाफ व्यापक कार्रवाई होगी, दूसरा – अग्निपथ स्कीम जारी रहेगी. पाकिस्तान को ऐसे सख्त संदेश की बहुत जरूरत थी. पिछले पांच सालों में अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर घाटी में आतंकवाद की कमर टूट चुकी है, ज्यादातर दहशतगर्द मारे जा चुके हैं. इससे परेशान पाकिस्तानी फौज अब जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमले करवा रही है. LOC पर घुसपैठ की कम से कम पांच कोशिशों को नाकाम किया गया है. करीब एक दर्जन घुसपैठिए मारे गए हैं .पिछले एक महीने में जम्मू के डोडा में सेना के काफिलों पर हमले भी हुए हैं. अब डोडा के जंगलों में पिछले एक हफ्ते से ऑपरेशन सर्प विनाश चलाया जा रहा है. थल सेना, वायु सेना, CRPF और जम्मू कश्मीर पुलिस के करीब सात हजार जवान जंगल में चप्पे चप्पे को छान रहे हैं. सुरक्षा बलों से कहा गया है कि एक भी दहशतगर्द बचना नहीं चाहिए और हो सकता है अगले कुछ दिनों में डोडा से बड़ी तादाद में आतंकवादियों की सफाये की खबर आए. खुफिया एजेंसियों का कहना है कि डोडा के जंगलों का फायदा उठाकर सौ से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकवादी इस इलाके में छुपे हुए हैं. इसीलिए प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अपनी पुरानी गलतियों से सीखना नहीं चाहता, लेकिन भारत उसे सबक सिखाकर रहेगा. इसके अलावा मोदी ने पहली बार अग्निवीर योजना पर खुलकर बात की. मोदी ने कहा कि अग्निपथ योजना का लक्ष्य सेना में जवानों की औसतन आयु को कम करना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में सेना ये मांग पिछले पचास साल से कर रही है, पिछली सरकारों की तमाम कमेटियों ने इस योजना पर विचार किया लेकिन इसे लागू करने की इच्छा शक्ति नहीं दिखा पाईं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए दल से बड़ा देश है, इसलिए उन्होंने सेना की मांग पर सेना को युद्ध के लिए हमेशा सक्षम बनाए रखने की नियत से अग्निपथ योजना लागू की है. अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष का सबसे बड़ा इल्जाम ये है कि जो अग्निवीर चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे, उनका क्या होगा. इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना से रिटायर होने वाले अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों और राज्यों की पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. लगभग सभी बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों ने अग्निवीरों के लिए पुलिस की भर्ती में आरक्षण देने और आयु सीमा में छूट देने का फैसला किया है. विपक्ष का दूसरा आरोप ये है कि सेना के जवानों को पेंशन न देनी पड़े, इसलिए सरकार अग्निपथ स्कीम लाई है, जिसमें जवान चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे, उन्हें कोई पेंशन नहीं देनी पड़ेगी. इस पर मोदी ने कहा कि जो सैनिक आज भर्ती होगा, उसे पेंशन देने की बात तीस साल बाद आएगी. मोदी ने कहा कि जो मुद्दा तीस साल के बाद आना है,उस पर मोदी अभी गाली क्यों खाता है. इसलिए उन्हें तो इस तरह की बातें करने वाले विरोधी दलों के नेताओं की समझ पर हैरानी होती है. मोदी की ये बात विरोधी दलों के नेताओं को बुरी लगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री को कारगिल विजय दिवस के मौके पर इस तरह की राजनीतिक बात नहीं करनी चाहिए थी. प्रधानमंत्री की य़े बात गलत है कि अग्निवीर योजना की मांग सेना ने की थी, ये सरकार का फैसला था. इसे सेना की इच्छा के खिलाफ मोदी सरकार ने लागू किया. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की झूठ बोलने की आदत है, मोदी पहले गलत फैसले लेते हैं औऱ फिर उसे सही ठहराने के लिए बेबुनियाद दलील देते हैं. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री को ये बताना चाहिए क्या कारगिल में पाकिस्तानी फौज को मार भगाने वाले सैनिक युवा नहीं थे? क्या वो बहादुर नहीं थे? विपक्ष की तरफ से इस तरह के तमाम बयानों की लाइन लैंथ और टोन एक जैसी ही थी. प्रमोद तिवारी हों या संजय सिंह, दोनों ने मुद्दे को घुमाने की कोशिश की. मोदी ने कहा कि अग्निपथ स्कीम सेना के जवानों की औसत आयु कम करने की कोशिश है लेकिन विरोधी दलों ने इसे कारगिल के शहीदों और सेना के जवानों की बहादुर और साहस से जोड़ने की कोशिश की. ये ठीक नहीं है. हकीकत ये है कि 1977 से लेकर सेना के जवानों की औसत आयु को लेकर तमाम कमेटियां चिंता जााहिर कर चुकी हैं. कारगिल युद्ध के बाद जो सुब्रहमण्यम कमेटी बनी थी, उसने भी अपनी रिपोर्ट में ये बात कही थी. इस वक्त हमारी सेना के जवानों की औसतन आयु 32 साल है, जबकि अमेरिका में फौज की औसतन आयु 29 साल है. Israel में जवानों की औसतन आयु 21 साल है, ब्रिटेन के सैनिकों की औसतन आयु 30 साल है. इन देशों में भी सेना में काम करने के कुछ साल के बाद जवानों को रिटायर दिया जाता है. दुनिया में सभी देशों की सेनाओं की औसतन आयु की बात की जाए तो ये 26 साल है., और सभी देशों का मकसद अपनी फौज को युवा और चुस्त रखना है. इसीलिए हमारी सेना की मांग पर सरकार ने अग्निपथ स्कीम लागू की. स्कीम लागू करने से पहले 135 देशों की फौज की स्टडी की गई. इसमें गलत क्या है? जहां तक सेना से चार साल बाद रिटायर होने वाले अग्निवीरों के भविष्य और उनके रोजगार का सवाल है तो BSF, CRPF, CISF, असम राइफल्स, RPF जैसे सुरक्षा बलों में अग्निवीरों को आरक्षण देने और आयु सीमा में छूट देने का पहले ही एलान कर दिया. तमाम राज्य सरकारों ने अपनी पुलिस फोर्स में अग्निवीरों को आरक्षण देने का फैसला किया है. अग्निवीर को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या उनकी सर्विस सिर्फ 4 साल की होगी? जो अग्निवीर फौज में ऱखे नहीं जा सकेंगे, क्या वो 4 साल बाद बेरोजगार हो जाएंगे? आज इन सवालों का जवाब मिला. अब तक करीब करीब सारे बीजेपी शासित राज्यों की सरकारें ये एलान कर चुकी हैं कि वो अपने यहां पुलिस फोर्स में अग्निवीरों को आरक्षण देंगी. हर साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती होगी जिसमें से 25 परसेंट को सेना अपनी सेवा में रखेगी, यानि हर साल 34 हजार 500 अग्निवीर रिटायर होंगे और जब राज्यों की पुलिस फोर्स और केंद्रीय अर्धसैनित बलों में अग्निवीरों को आरक्षण मिलेगा तो इतने 34 हजार 500 अग्निवीरों को आसानी से पुलिस फोर्स में लिया जा सकेगा. सेना से रिटायर होने तक फंड मिलाकर अग्निवीरों को करीब 23 लाख रूपए मिलेंगे और नौकरी भी करीब करीब पक्की होगी. इसलिए ये कहना कि सरकार ने अग्निवीरों के भविष्य की चिन्ता नहीं की है, ये गलत लगता है. विपक्ष अग्निवीरों को लेकर बेवजह एक गलत नरेटिव पैदा करने की कोशिश कर रहा है.

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