Rajat Sharma

बोइंग का ब्लैक बॉक्स : इसी में छुपा है तबाही का राज़

WhatsApp Image 2025-04-29 at 3.16.47 PM (1) अहमदाबाद में क्रैश हुए ड्रीमलाइनर विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है. Aircraft Accident Investigation Bureau ने इस विमान हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है. अमेरिका और ब्रिटेन के एक्सपर्ट्स भी जांच में सहयोग करने के लिए अहमदाबाद पहुंच गए हैं. इसके साथ साथ इस हादसे के बाद DGCA ने फैसला किया है कि अब से बोईंग के सभी विमानों की टेकऑफ से पहले पूरी जांच अनिवार्य होगी.
इंजन, केबिन में एयर प्रेशर, विंग्स की स्थिति, कॉकपिट के सारे इलैक्ट्रॉनिक सिस्टम्स की जांच के बाद ही बोईंग के विमानों को टेकऑफ की अनुमति दी जाएगी. ये सारे कदम ऐहतियाती है. क्योंकि अब तक ये पता नहीं लगा है कि अहमदाबाद में टेकऑफ के सिर्फ चालीस सेकेन्ड में प्लेन क्रैश कैसे हुआ. प्लेन में क्या गड़बड़ी थी.
जब तक अहमदाबाद प्लेन की जांच रिपोर्ट सामने नहीं आती, तब तक बोईंग के सारे ड्रीमलाइनर्स को जांच के बाद ही टैकऑफ की अनुमति दी जाएगी.
हालांकि विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है. उसके फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और cockpit voice recorder की जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा.
जबसे प्लेन क्रैश हुआ है,सोशल मीडिया पर बहुत सारे एविएशन एक्सपर्ट पैदा हो गए हैं. कोई कह रहा है कि किसी ने प्लेन का सिस्टम हैक कर लिया होगा, किसी ने कहा कि सिस्टम को लॉक कर दिया गया होगा, कोई कह रहा है फ्यूल में किसी ने कुछ मिला दिया होगा.
मुझे लगता है इन बेकार की बातों में पड़ने की कोई जरूरत नहीं है. एविएशन दुनिया में परिवहन का सबसे सुरक्षित साधन है. एविएशन में किसी भी हादसे की जांच करने का एक फूल प्रूफ प्रक्रिया है जिसमें स्वतंत्र विशेषज्ञ जांच करते हैं. जांच अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मदद से की जाती है.
जो genuine एविएशन एक्सपर्ट्स हैं, उनका कहना है कि टेक ऑफ किसी भी फ्लाइट में सबसे खतरनाक हिस्सा होता है, इसमें करेक्ट Flaps, thrust और Rotation speed बहुत महत्वपूर्ण होते है.
इसमें गलती की गुंजाइश बहुत कम होती है. अगर मौसम गर्म हो तो गलती की संभावना और भी कम हो जाती है. बोइंग-787 जैसे प्लेन के फेल होने की संभावना तो न के बराबर होती है. इस प्लेन के इंजन में बहुत पावर होती है. अगर सिस्टम फेल हो जाए, उसमें कुछ malfunctioning हो जाए तो पायलट मैनुएल कंट्रोल ले सकते हैं.
जो प्लेन क्रैश हुआ, वो बहुत कम ऊंचाई 625 फीट पर था. उसकी रफ्तार भी बहुत कम 174 knots थी और लैंडिंग गियर डाउन था. ये इस बात का संकेत है कि टेक-ऑफ सेटिंग्स में कोई बड़ी गलती थी. उस समय तामपान 43 डिग्री था और हैवी फ्यूल लोड था जिसने हालात को मुश्किल बना दिया. ऐसी परिस्थिति में एक छोटी सी गलती भी भयानक साबित हो सकती है.
इस प्लेन में जिस तरह का ब्लैक बॉक्स है, वो बहुत ही अत्याधुनिक है, और इसमें कोई शक नहीं कि क्रैश का सही कारण सामने आएगा.

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