बेंगलुरु में हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत का ज़िम्मेदार कौन है? किसने बिना किसी तैयारी के बेंगलुरु के हजारों क्रिकेट फैन्स की जान जोखिम में डाली ? बिना सुरक्षा इंतज़ामात के लाखों लोगों को किसने बुलाया?
कर्नाटक सरकार ने बैंगलुरु के पुलिस कमिशनर बी. शिवानंद और तीन वरिष्ठ पुलिस अफसरों को निलम्बित कर दिया है. साथ ही Royal Challengers Bengaluru के marketing head और event management company DNA के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. बेंगलुरु पुलिस ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन, RCB, DNA entertainment company के खिलाफ FIR दर्ज़ किया है. राज्य सरकार ने कर्नाटक हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग गठित किया है और उससे 30 दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के रोल पर उंगलियां उठाई हैं. गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा कि चिन्नास्वामी स्टेडियम में इतनी भीड़ किसने इक्कठी की? प्रोग्राम के लिए पुलिस और प्रशासन ने क्या तैयारी की थी? कितने सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे? भीड़ नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए गए थे? किसी दुर्घटना की स्थिति में लोगों को बाहर ले जाने के लिए क्या गया था? लेकिन सरकार ने कोई ठोस जबाव नहीं दिया.
कर्नाटक सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि ये प्रोग्राम सरकार का नहीं था, यह प्रोग्राम रॉयल चैलेन्जर्स बैंगलूरू और कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से हुआ था. स्टेडियम की क्षमता चालीस हजार है, इसके हिसाब से 1,483 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी. लेकिन स्टेडियम के बाहर ढ़ाई लाख से ज्यादा लोग इक्कठा हो गए जिसकी वजह से हालात बेकाबू हुए. कोर्ट ने सरकार के रवैए पर नाराजगी जाहिर की और हादसे की जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया.
विराट कोहली की टीम को देखने आए फैंस के साथ जो दर्दनाक हादसा हुआ, उस पर क्या अब लीपापोती करने की कोशिश की जा रही है? क्या किसी को फंसाने और किसी को बचाने की कोशिश हो रही है?
डी.के. शिवकुमार बेंगलुरु के हैं, वह यहां के लोगों को अच्छी तरह जानते हैं, शहर का चप्पा-चप्पा पहचानते हैं, उन्हें मालूम है, ये नौजवानों का शहर है. क्या उन्हें ये पता नहीं था कि विराट की जीतने वाली टीम को देखने लाखों नौजवान सड़कों पर उतरेंगे? क्या पुलिस ने डी.के. शिवकुमार को ये सुझाव दिया था कि रविवार को समारोह रखा जाए? क्या डी.के. शिवकुमार ने पुलिस की चेतावनी को दरकिनार किया?
जब पुलिसकर्मियों ने शिवकुमार को बताया कि ज्यादातर पुलिसवाले रात भर जीत का जश्न मनाने वाले लोगों को सुरक्षा दे रहे थे, सो नहीं पाए, तो भी शिवकुमार ने पुलिस को इस इवेंट के लिए सुरक्षा देने के लिए क्यों मजबूर किया? क्या मजबूरी ये थी कि बहुत सारे शी खिलाड़ी तीन दिन इंतजार नहीं करते, वापस लौट जाते, इसीलिए ये समारोह जल्दबाजी में किया गया?
RCB और क्रिकेट एसोसिएशन दोनों लगातार डी.के. शिवकुमार के संपर्क में थे. इस समारोह के मुख्य आयोजक शिवकुमार थे. अच्छी बात ये है कि हाईकोर्ट ने सरकार से सवाल पूछे हैं.
इस मामले की एक खास पहलू ये भी है कि मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने अपने आप को इस समारोह के आय़ोजन से अलग रखा था. अब सिद्धरामैया इस केस का इस्तेमाल शिवकुमार को घेरने के लिए करेंगे. और शिवकुमार ये भी नहीं कह पाएंगे कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए.
नया भारत : आतंकवादियों को घर में घुस कर मारता है
पाकिस्तान की सरकार और वहां की फौज अब पूरी तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शरण में हैं. अब पाकिस्तान का हर नेता ये दावा कर रहा है कि ट्रंप ने पाकिस्तान को भारत के कहर से बचाया, आगे भी ट्रंप ही सब संभालेंगे. पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म शहबाज़ शरीफ़, पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और पाकिस्तान का मीडिया सब ये कह रहे हैं कि भारत की मार से बेहाल होने के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद की गुहार लगाई थी, ट्रंप की वजह से ही बचे.
इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के एक प्रोग्राम में शहबाज़ शरीफ़ ने ट्रंप की तारीफ़ों के पुल बांध दिए. कहा, कि ट्रंप ने सीज़फ़ायर में मदद करके पाकिस्तान पर बहुत बड़ा एहसान किया, ट्रंप के आने से पाकिस्तान को बहुत फ़ायदा हुआ है.
शहबाज़ शरीफ ने कहा, “ अलहमदुलिल्लाह, युद्धविराम हो गया है. और मैं उम्मीद करता हूं और ऊपरवाले से प्रार्थना करता हूं कि ये युद्धविराम लंबे वक़्त तक बना रहेगा, जिसकी बुनियाद पर हम निवेश, व्यापार और तरक़्क़ी की आलीशान इमारत खड़ी कर सकेंगे. …मैं राष्ट्रपति ट्रंप के विज़न से बहुत प्रेरित हूं. उनका विज़न व्यापार, निवेश और टैरिफ को तर्कसंगत बनाने का है जो हमारे लिए हवा के ताज़े झोंके जैसा है.”
न्यूयॉर्क में पाकिस्तानी मूल के लोगों को संबोधित करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा कि जिस तरह अमेरिका और दूसरे देशों ने सीज़फ़ायर कराने में पाकिस्तान की मदद की, उसी तरह उन्हें उम्मीद है कि अब ट्रंप भारत को पाकिस्तान के साथ बात करने के लिए भी तैयार कर लेंगे.
पाकिस्तान और भारत की सोच में फर्क समझने की जरूरत है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ट्रंप से कह रहे हैं, भारत से बातचीत करवा दो. प्रधानमंत्री मोदी ने कह दिया कि इस मामले में किसी तीसरे देश का कोई रोल ना था..ना होगा.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी भारत के साथ विस्तृत वार्ता की बात कर रहे हैं. भारत के विदेश मंत्री ने साफ कहा है, बात होगी तो पाकिस्तान में छिपे आतंकवादियों को भारत को सौंपने पर होगी, बात होगी तो PoK भारत को लौटाने पर होगी.
पाकिस्तान की अमेरिका से अनुरोध है कि सीज़फायर को परमानेंट करवा दो, भारत ने साफ कहा है कि ये pause है, ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है.
पाकिस्तान के हुक्मरान ट्रंप को man of peace बता रहे हैं, ये कहकर कि ट्रंप ने न्यूक्लियर वॉर रुकवा दी. भारत का स्टैंड साफ है. बात किसी ने कुछ भी की हो, फायरिंग और हवाई हमले पाकिस्तान के DGMO के अनुरोध पर रोके गए.
पाकिस्तान कह रहा है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले की अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जांच कराई जाए. भारत ने साफ कहा है कि हमारे पास पाकिस्तान के हमले में हाथ होने के सबूत हैं और इस मामले में न किसी जांच की जरूरत है, न सबूत देने की. जब-जब भारत ने सबूत दिए हैं, पाकिस्तान ने उसका इस्तेमाल आतंकवादियों की मदद के लिए किया है.
पाकिस्तान के सारे लीडर ट्रंप की तारीफों के पुल बांध रहे हैं, ट्रंप के सामने नतमस्तक हैं. भारत के किसी समझदार लीडर ने ट्रंप की बातों को कोई महत्व नहीं दिया. नीति स्पष्ट है अब भारत nuclear बम की धमकी से नहीं डरेगा.
पाकिस्तान का कोना कोना हमारी missiles की जद में है. हमने घर में घुसकर मारा है और अगर फिर से दहशतगर्दी हुई तो इस बार ऐसी तबाही होगी कि पाकिस्तान के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे.
सोशल मीडिया वालों, पाकिस्तान की ISI से बच के रहो
भारत में पाकिस्तान के जासूसों के नेटवर्क को तैयार करने का जिम्मा ISI ने एक महिला ट्रेवल एजेंट को दिया था. ज्योति मल्होत्रा, जसबीर सिंह, गगनदीप सिंह और शकूर खान जैसे दर्जनों लोगों को जासूसी रैकेट में किसने भर्ती किया? दिल्ली पुलिस का दावा है कि जासूसी के आरोप में जो सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स पकड़े गए हैं, उनसे पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी जासूसों का गिरोह लाहौर की इस महिला ने तैयार किया है, जिसका नाम है नौशाबा.
नौशाबा लाहौर की एक टूर ऑपरेटर है. लाहौर में जयाना ट्रैवल्स के नाम से टूर एंड ट्रैवल एजेंसी चला रही है. दिल्ली पुलिस का दावा है कि इस ट्रैवल एंजेंसी की आड़ में भारत में ISI के स्लीपर सेल्स का नैटवर्क तैयार कर रही थी. जासूसी के आरोप में पकड़ी गई ज्योति मल्होत्रा और जसबीर सिंह के फोन से नौशाबा का नंबर मिला.
पुलिस ने इसके बारे में पूछताछ की तो नौशाबा के बारे में पता चला. ISI के लोग नौशाबा को मैडम N के कोड नेम से बुलाते हैं. इसी नाम से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार लोगों के फोन में उसका नंबर saved था. ज्योति और जसबीर दोनों ने बताया कि पाकिस्तान के दौरे के वक्त लाहौर में उनकी मुलाक़ात मैडम N यानी नौशाबा से कराई गई थी. नौशाबा ने ही उन लोगों की मुलाक़ात पाकिस्तानी आर्मी, पुलिस और ISI के ऑफ़िसर्स से मीटिंग कराई थी.
नौशाबा असल में ISI की हैंडलर है जिसको भारत में पाकिस्तान के स्लीपर सेल तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी गई थी. करतारपुर कॉरिडोर खुलने के बाद नौशाबा काफ़ी सक्रिय हुई. उसने भारत के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और ट्रैवल ब्लॉगर्स को पाकिस्तान बुलाया. नौशाबा ने ही इन सबको पाकिस्तान का वीज़ा भी दिलवाया. नौशाबा भारत के यात्रियों को पाकिस्तान में काफ़ी सुविधाएं दिलाती थी, बड़े अफ़सरों से मिलवाती थी और इस तरह भारतीय नागरिकों पर अपनी धाक जमाकर, उनको अपने झांसे में लेती थी और फिर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने को तैयार करती थी.
नौशाबा का पूरा नाम नौशाबा शहज़ाद मसूद है. उनके पति पाकिस्तान सिविल सर्विस का रिटायर्ड अफसर है. नौशाबा का पाकिस्तानी हाई कमीशन के अफसर दानिश , फर्स्ट सेक्रेटरी सुहैल क़मर और ट्रेड काउंसलर उमर शहरयार से संपर्क था. नौशाबा के फोन पर किसी को भी पाकिस्तान का वीजा मिल जाता था. हाल ही में मैडम नौशाबा ने दिल्ली और भारत के दूसरे शहरों में अपने एजेंट एपॉइंट किए हैं जो सोशल मीडिया पर उसकी ट्रैवल एजेंसी का प्रचार कर रहे हैं.
ट्रैवल एजेंसी चलाना गुनाह नहीं है, लेकिन इसकी आड़ में जासूसी करवाना गुनाह है.
यूट्यूबर होना, रील बनाना अपराध नहीं है, पर इनका कवर लेकर पाकिस्तान को सेंसेटिव इंफॉर्मेशन पहुंचाना अपराध है. पाकिस्तान का मोडस ऑपरेंडी बिलकुल साफ है. यूट्यूबर्स को दोस्त बनाओ, उन्हें पाकिस्तान घुमाओ, वहां ISI के अफसरों से मिलवाओ और फिर उन्हें गुप्त सूचना इकट्ठा करने के काम पर लगाओ.
दुख की बात ये है कि इन यूट्यूबर्स ने थोड़े से पैसे के लालच में अपना ईमान बेच दिया, अपनी मातृभूमि का सौदा किया. इन लोगों को माफ नहीं किया जाना चाहिए. जो देशद्रोही है, उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए लेकिन साथ ही किसी बेकसूर को फंसाना भी नहीं चाहिए.