Rajat Sharma

बांग्लादेश : हिन्दुओं पर ज़ुल्म फौरन बंद करो

AKB जिस दिन देश में छठ का महापर्व मनाया जा रहा था, बांग्लादेश से परेशान करने वाली तस्वीरें आईं. हिन्दुओं को घरों से घसीट-घसीट कर पीटा गया. चिंता की बात ये है कि इस बार हिन्दुओं पर हमला कट्टरपंथियों ने नहीं, बांग्लादेश की सेना ने किया. बांग्लादेश की सेना रात के अंधेरे में हिन्दुओं के घरों में घुसी, सोते हुए लोगों को पीटा, बुरी तरह लाठियां बरसाई गईं, जान बचाकर भागे हिन्दुओं को सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर बुरी तरह बेरहमी से पीटा गया.
इसके बाद जुल्म के सबूत मिटाने के लिए बांग्लादेश की पुलिस ने हिन्दुओं के मुहल्लों में लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़े. घरों में घुसकर सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को डिलीट किया और जाते-जाते हिन्दुओं को धमकी दी कि अगर घरों से निकले, मुसलमानों के खिलाफ एक लफ्ज़ भी बोला, तो गोली मार दी जाएगी.
भारत सरकार ने इस तरह की घटनाओं पर चिंता और सख्त नाराजगी जाहिर की है. मोदी सरकार ने बांग्लादेश की सरकार से हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को बंद करने, इस मामले की जांच कराने और हिन्दुओं को सुरक्षा देने को कहा है.
हिन्दुओं पर जुल्म का ये कोई पहला मामला नहीं हैं. शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से हर रोज़ हिन्दुओं पर हमले हो रहे हैं. बांग्लादेश में हिन्दू खौफ के माहौल में जी रहे हैं. अब तो वहां की फौज भी हिन्दुओं को निशाना बना रही है. हिन्दुओं की गलती सिर्फ ये थी कि उन्होंने देवी देवताओं के अपमान का, मंदिरों पर हमलों का विरोध किया था. इसके बाद फौज ने हिन्दुओं के मुहल्लों को पूरी तरह तहस नहस कर दिया .
सवाल पैदा होता है कि क्या बांग्लादेश में हिन्दुओं के अधिकार खत्म हो गए हैं? क्या हिन्दुओं को पूजा का अधिकार नहीं है? क्या बांग्लादेश में मुहम्मद युनूस की सरकार ने कट्टरपंथियों को हिन्दुओं के अपमान का लाइसेंस दे दिया है? क्या बांग्लादेश की फौज भी वहां रहने वाले हिन्दुओं की दुश्मन हो गई है? अब ऐसे हालात में भारत सरकार को हिन्दुओं की हिफाजत के लिए क्या करना चाहिए?
बांग्लादेश के दूसरे सबसे बड़े शहर चट्टोग्राम की हज़ारी गली में मंगलवार की रात को फौज ने हिन्दुओं पर कहर ढाया. वहां के डिप्टी कमिशनर की अगुआई में अचानक सेना और पुलिस के सिपाही हिंदुओं के उस इलाके में दाखिल हुए. घरों की पहचान पहले से कर ली गई थी. बिल्कुल टारगेटेड हमला हुआ. इलाके में रहने वाले हिन्दुओं को संभलने तक का मौका नहीं मिला. सेना के सिपाही घरों में घुसे और लोगों पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी. डरे, सहमे, घबराए लोग बदहवास होकर इधर उधर छुपने लगे तो फौज के सिपाहियों ने लोगों को घसीट-घसीटकर घर से बाहर निकाला और सड़क पर गिराकर लाठियों से पीटा.
दरअसल हुआ ये था कि हज़ारी गली इलाक़े के एक मुस्लिम कारोबारी ने हिंदू संगठन इस्कॉन के बारे में बुरा भला कहा था. उसकी स्पीच जब सोशल मीडिया पर अपलोड हुई, तो हिंदू समुदाय ने मुस्लिम कारोबारी के घर के बाहर प्रोटेस्ट किया. इसी के बाद हज़ारी गली मुहल्ले में रहने वाले हिंदुओं की शामत आ गई. बांग्लादेश की पुलिस और सेना के जवान वहां पहुंच गए और चुन-चुनकर हिंदुओं को निशाना बनाया.
सेना की दरिंदगी से डरी महिलाएं और सहमे बच्चे कुछ घरों में छुप गए, तो फौज के सिपाहियों ने इन घरों को घेर लिया. हिन्दुओं से घर से बाहर निकलने को कहा. जब लोग घरों से बाहर नहीं निकले, तो सिपाहियों ने हवाई फायरिंग करके लोगों को जान से मारने की धमकी दी. आप कल्पना करिए इस तरह के हालात में इन घरों में कैद हिन्दुओं का क्या स्थिति रही होगी?
भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे ज़ुल्म को लेकर गहरी चिंता जताई है और बांग्लादेश की सरकार से कहा है कि वो हिंदू समुदाय के लोगों की हिफ़ाज़त करे और फिरकापरस्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हिंदुओं पर हमले के जो वीडियो सामने आए हैं, वो बहुत डराने और परेशान करने वाले हैं.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म के वीडियो दिल दहलाने वाले हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि इस बार ये काम फौज ने किया और अपनी हरकतों को छुपाने के लिए सीसीटीवी फुटेज डिलीट कर दी. हालांकि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार अब कोई नई बात नहीं है. शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद हिंदुओं पर जुल्म बढ़ गये थे. उसकी तस्वीरों ने रोंगटे खड़े कर दिए थे. इसीलिए डॉनल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान बांग्लादेश के हिंदुओं पर हुए ज़ुल्म की निंदा की थी.
अब चुनाव में ट्रंप की जीत के बाद बांग्लादेश के सियासी गलियारों में सन्नाटा है.कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि हवा बदलने लगी है. शेख हसीना की अवामी लीग में अब नई जान आ गई है, लेकिन ये वाकई में कितना असरदार साबित होगा, इसका पता चलने में अभी वक्त लगेगा. जहां तक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का सवाल है, अब इसमें सरकार के साथ फौज भी शामिल है. इसीलिए इसके खिलाफ दुनिया भर में माहौल बनाने और आवाज़ उठाने की ज़रूरत है.

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