Rajat Sharma

प्लेन क्रैश: सब ठीक था, फिर भी इतना गलत कैसे हो गया?

WhatsApp Image 2025-04-29 at 3.16.49 PMएविएशन के हाल के इतिहास का सबसे बड़ा सबसे भयानक और सबसे दुखद हादसा गुरुवार को अहमदाबाद में हुआ. 242 लोगों को लेकर जा रहा एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर टेकऑफ करते ही क्रैश हो गया. सिर्फ 40 सेकेंड में ये हवाई जहाज़ आग के गोले में तब्दील हो गया.

ये फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन जा रही थी. विमान में 230 यात्रियों के साथ 2 पायलट और 10 क्रू मेंबर्स समेत कुल 242 लोग सवार थे. हादसे में सिर्फ एक व्यक्ति मलबे से निकल कर जिंदा बचा. भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार को अभी तक यकीन नहीं हो रहा है कि वो कैसे बचे ?

जो लोग हादसे का शिकार हुए, उनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी शामिल हैं. रूपाणी ने अपनी यात्रा की तारीख 12/06 चुना, क्योंकि वह 1206 को अपने लिए शुभांक मानते थे.

विमान का फ्यूल टैंक फुल था. उसमें करीब तैंतीस हजार गैलन (एक लाख पैंतीस हजार लीटर) ईंधन था. विमान टैकऑफ करने के बाद सिर्फ 190 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच पाया था. ऊपर की ओर जाने की बजाए विमान अचानक नीचे की तरफ आया, पहले पेड़ों से टकराया, और फिर एक मेडिकल कालेज के हॉस्टल की इमारत से टकराया. ज़बरदस्त धमाका हुआ और आग की लपटों के बीच विमान के टुकड़े-टुकड़े हो गए.

सवाल है कि आखिर ये प्लेन क्रैश क्यों हुआ? बोइंग की गिनती दुनिया के सबसे सुरक्षित विमान बनाने वाली कंपनियों में होती है. तेरह साल पुराना ये विमान पिछले सात दिन में आधी दुनिया का चक्कर लगाकर आया था. बुधवार रात को पेरिस से दिल्ली आया था और गुरुवार सुबह वंदन जाने के लिए दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचा था. फिर इस प्लेन में अचानक ऐसा क्या हुआ कि टेकऑफ करते ही क्रैश हो गया?

मैंने एविएशन इंजीनीयर्स से बात की है, अनुभवी विमान चालकों से जानकारी हासिल की है. उनसे कई सवाल पूछे. इस प्लेन का पायलट बहुत अनुभवी था. उसने आखिरी वक्त पर लैंडिग गियर ओपन क्यों रखा? क्या पायलट को टेकऑफ के वक्त अंदाज़ा हो गया था कि कुछ गड़बड़ है? पायलट ने ATC को क्या संदेश भेजा?

विमान चालक कैप्टन सुमित सबरवाल को 8200 घंटों का विमान उड़ाने का अनुभव था. Co-pilot क्लाइव कुंदर को 1100 घंटों का विमान उड़ान का अनुभव था.

एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर लंबी दूरी के सफ़र के लिए दुनिया के बेहतरीन और सबसे सुरक्षित विमानों में से एक माना जाता है. जिस वक़्त ये विमान क्रैश हुआ, उस वक़्त उसकी स्पीड 174 knots यानी क़रीब 322 किलोमीटर प्रति घंटे की थी. इसलिए टेकऑफ से पहले भी अगर पायलट को technical glitch के बारे में पता लगा होगा तो भी पायलट के पास इस स्पीड पर विमान को रनवे पर रोकने का कोई ऑप्शन नहीं होता. एक्सपर्ट्स का कहना है इसीलिए पायलट ने लैंडिग गियर को क्लोज नहीं किया और विमान को आसपास के इलाके में लैंड कराने की कोशिश की होगी लेकिन कुछ ही सेकेन्ड बाद विमान मेघानी नगर इलाक़े में क्रैश हो गया.

इस वक्त दुनिया में बोईंग के ऐसे 1200 ड्रीमलाइनर विमान उड़ रहे हैं और आज तक इस तरह का कोई हादसा नहीं हुआ. तो फिर अहमदाबाद में ये प्लेन क्रैश कैसे हुआ, ये किसी को समझ में नहीं आ रहा.

मैने कई एक्सपर्ट्स से बात की, प्लेन क्रैश की वजह समझने की कोशिश की. एक बात तो ये है कि प्लेन के उड़ने के कुछ ही सेकेंड में ATC से उसका कॉन्टैक्ट टूट गया.

दूसरी बात, प्लेन जब क्रैश हुआ तो वो सिर्फ 190 मीटर की ऊंचाई पर था. एक्सपर्ट्स का कहना है कि टेकऑफ के समय ऊपर जाने के लिए प्लेन के दोनों इंजन पूरी पावर के साथ एक्टिव होते हैं. तभी प्लेन टेकऑफ करता है. लेकिन प्लेन क्रैश का वीडियो दिखाता है कि विमान ऊपर नहीं उठ पाया.

हम सब लोग जो विमान में सफर करते हैं, जानते हैं कि प्लेन जब टेकऑफ कर रहा होता है, ऊपर की तरफ जा रहा होता है तो प्लेन की Nose ऊपर की तरफ प्वाइंट करती हुई होती है. इस प्लेन को देखकर लगा, जैसे वो उड़ने की बजाए लैंड करने जा रहा हो.

एविएशन एक्सपर्ट का कहना है कि टेकऑफ की बजाए उड़ने के लिए मशक्कत करता दिखाई दिया. उसके विंग्स के Flap नॉर्मल टेकऑफ पोजिशन में नहीं थे.

ऊपरी तौर पर देखने से एक्सपर्ट को ये किसी तरह का इंजन फैल्योर लगता है पर इसमें भी बहुत बड़ा शक है. प्लेन का एक इंजन फेल हो जाए तो इस प्लेन का डिजाइन ऐसा है कि दूसरे इंजन से प्लेन टेकऑफ कर सकता है. दोनों इंजन्स एक साथ फेल हो जाएं, ये असंभव है. पहले ऐसा एक ही स्थिति में हुआ, जब पक्षियों का झुंड प्लेन से टकरा गया. दोनों इंजन्स को डैमेज कर गया. ये भी Rarest of the rare केस होता है. लेकिन यहां तो ऐसा कुछ नहीं हुआ.

क्या ये कोई बड़ा मैकेनिकल फॉल्ट था? क्या प्लेन का इलेक्ट्रिकल सिस्टम क्रैश कर गया? ये सिर्फ सवाल हैं क्योंकि इस प्लेन के इतिहास में ऐसे फैल्योर का कोई उदाहरण नहीं है. प्लेन क्रैश का वीडियो देखकर, मलबा देखकर सारे एक्सपर्ट अचंभे में हैं कि ये हुआ तो हुआ कैसे?

अंत में वो एक ही बात कहते हैं कि प्लेन के क्रैश होने की वजह ब्लैक बॉक्स से पता चलेगी. प्लेन में 2 ब्लैक बॉक्स होते हैं. ये जगह ऐसी है, जहां ब्लैक बॉक्स मिलना मुश्किल नहीं होगा. ब्लैक बॉक्स में कॉकपिट में पायलट की आपसी बातचीत रिकॉर्ड होती है. उनमें टेक्निकल डेटा होता है. उसी से प्लेन क्रैश होने का सही कारण पता चलेगा.

शुक्रवार को ATS ने प्लेन के मलबे से VDR (Voice Data Recorder) निकाल लिया. अब फॉरेन्सिक लैब की टीम मसले से सबूत इक्ट्ठा करेगी.

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