इस्लामाबाद से मंगलवार को जो तस्वीरें आईं, वो दिल दहलाने वाली है. वहां की सड़कों पर खून बह रहा है. फौज आम जनता पर फायरिंग कर रही है.
इस्लामाबाद को इमरान खान के लाखों समर्थकों ने सोमवार और मंगलवार को घेरा हुआ था. पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं. सुरक्षा बलों और इमरान खान के समर्थकों के बीच टकराव जारी है. पाकिस्तानी फोर्स के चार रेंजर्स मारे गए. तहरीके इंसाफ के तीन वर्कर्स की मौत हो गई, दर्जनों लोग घायल हुए हैं. इमरान खान के समर्थक उनकी रिहाई की मांग को लेकर इस्लामाबाद पहुंचे थे.
शहबाज़ शरीफ की सरकार ने इस्लामाबाद में घुसने के सारे रास्तों को कंटेनर की तीन तीन लेयर लगाकर बंद किया था. तीस फीट ऊंची बैरीकेड्स की दीवार खड़ी की गई थी. हालात बिगड़ने पर इस्लामाबाद में फौज तैनात कर दी गई. मंगलवार की रात देश भर में फौज ने इमरान के समर्थकों की व्यापक घरपकड़ की जिसके बाद इमरान की पार्टी ने प्रोटेस्ट स्थगित कर दिया है.
मंगलवार को कंटेनर के ऊपर हथियारों से लैस जवान पोजिशन लिए हुए खड़े थे. इसके बाद भी तहरीके इंसाफ के हजारों वर्कर इस्लामाबाद में दाखिल होने में कामयाब हो गए.
हालात ये है कि अब पाकिस्तानी फौज अपने ही लोगों पर हेलिकॉप्टर से गोलियां बरसा रही थी.
इस्लामाबाद में जो प्रोटेस्ट देखने को मिला, उसकी कॉल जेल में बंद इमरान खान ने दी थी. इमरान ने लोगों को 24 नवंबर की तारीख दी थी. कहा था, ये गुलामी की जंजीरें तोड़ने का दिन है. इमरान ने पाकिस्तान के लोगों से कहा कि उन्हें तय करना है कि वो बहादुर शाह जफर जैसी कैद चाहते हैं या टीपू सुल्तान की तरह आजादी का ताज चाहते हैं.
इमरान खान ने अपना संदेश लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी बुशरा बीबी को दी और वही इस सारे प्रोटेस्ट को लीड कर रही थी. मांग ये है कि इमरान खान को जेल से रिहा किया जाए. लाखों लोग, जो सड़कों पर उतरे.
उनकी उम्मीद की दो वजहें हैं..एक तो पाकिस्तान की कोर्ट ने ज्यादातर मामलों में इमरान खान को बरी कर दिया है या जमानत दे दी है. दूसरी तरफ, अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद इमरान के समर्थकों को वहां से मदद मिलने की भी उम्मीद है लेकिन शहबाज शरीफ की सरकार जरा भी झुकने को तैयार नहीं है. वो फौज के बल पर इमरान के प्रोटेस्ट को कुचलना चाहती हैं.
सच बात है कि आज पाकिस्तान में ना संविधान है, ना सुरक्षा है, ना मानवाधिकार हैं, ना दो वक्त खाने के लिए रोटी है.इसीलिए लोग नाराज़ होकर फौज के सामने सीना तानकर खड़े थे. अपनी जान देने को तैयार थे.
पाकिस्तान के ये हालात भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है. जब किसी मुल्क में इस तरह की अराजकता होती है, हालात बेकाबू हो जाते हैं, तो पड़ोसी मुल्क पर आतंकवाद का खतरा बढ़ जाता है.