ईरान-इज़राइल जंग के आठवें दिन हमलों की वजह से तबाही जारी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने रात को ये ऐलान किया कि अभी वह ईरान पर हमले के बारे में दो हफ्ते के अंदर कोई अंतिम फैसला करेगें. ट्रम्प ने अपनी प्रेस सचिव के जरिए एक वाक्य का बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि ईरान के साथ निकट भविष्य में बातचीत होने या न होने की प्रबल संभावना को देखते हुए मैं जंग में कूदने या न कूदने का कोई फैसला अगले दो हफ्तों के अंदर करूंगा.
प्लान तैयार हैस बस ट्रंप की हरी झंडी का इंतज़ार है. ईरान के विदेश मंत्री के साथ ट्रम्प के विशेष दूत की फोन पर की बार बातचीत हो चुकी है और यूरोपीय देशों के नेता भी ईरान के विदेश मंत्री से बात कर रहे हैं. ईरान ने कहा है कि जब तक इज़रायल हमले नहीं रोकेगा, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी.
जंग का एक सप्ताह बीत चुका है और हमले दोनों तरफ से बदस्तूर जारी हैं. ईरान ने गुरुवार को इज़राइल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया, तेल अवीव और दूसरे शहरों के नागरिक आबादी पर मिसाइल्स दागीं. जवाब में इज़राइल ने ईरान के मिसाइल लांच साइट्स को निशाना बनाया. इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने कहा कि ईरान की गुस्ताखी का जवाब ऐसा दिया जाएगा कि पूरी दुनिया देखेगी और खामेनेई के खात्मे तक जंग जारी रहेगी.
ईरान ने इज़रायल पर हमले तो किए हैं, कई शहर तबाह तो किए हैं लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन हमलों से इजरायल को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.
ईरान इस बात पर संतोष तो कर सकता है कि उसकी मिसाइल्स तेल अवीव में आग बरसा रही हैं. ईरान को इस बात का भी संतोष होगा कि उसने इजरायल के iron dome डिफेंस सिस्टम को कई बार नाकाम कर दिया लेकिन दूसरी तरफ ईरान पर इजरायल के हमले सटीक और नियंत्रित हैं. इजरायल एक-एक करके ईरान के एटमी ठिकानों को तबाह कर रहा है. गुरुवार को उसने ईरान की अरक न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमला किया जहां हैवी वॉटर न्यूक्लियर रिएक्टर था.
इज़रायल ने ईरान के सैनिक नेतृत्व को दो-दो बार खत्म कर दिया, अब ईरान की सेना की कमान तीसरी पंक्ति के नेतृत्व के हाथ में है. ईरान की मिसाइल्स का स्टॉक अब धीरे धीरे कम होता जा रहा है. फिलहाल बाहर से ईरान को कोई समर्थन नहीं मिल रहा है, जबकि इज़रायल के साथ अमेरिका पूरी ताक़त से खड़ा है. ईरान .ऊपर से चाहे कुछ भी कहे, अंदर से वो चाहता है कि ये जंग बंद हो.
जाहिर है ये आत्मसम्मान की कीमत पर तो नहीं किया जा सकता. लेकिन ईरान यूरोपीय देशों से बातचीत के लिए तैयार है. ये काफी बड़ा संकेत है. जेनेवा में होने वाली बातचीत में इज़रायल कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहा. इजरायल का ईरान की वायुसीमा पर कब्जा है. वो जब चाहे, जहां चाहे, हमला कर सकता है. इसीलिए वो इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाना चाहता है.
इजरायल का पहला लक्ष्य है, ईरान की परमाणु बम बनाने की क्षमता को खत्म करना. दूसरा निशाना है, ईरान में सत्ता को बदलना. अब इजरायल के निशाने पर ईरान के सबसे बड़े नेता आयतुल्ला अली खामेनेई है. लेकिन खामेनेई को खत्म करने से ईरान को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. खामेनेई का बेटा उनकी जगह ले सकता है. मतलब ये कि अगर खामेनेई को कुछ हुआ तो इजरायल का ईरान में सत्ता परिवर्तन कराने का उद्देश्य पूरा नहीं होगा. इजरायल को अब इंतजार है कि अमेरिका इस जंग में कब और कैसे एंट्री लेता है.
क्या ट्रम्प मुनीर को नचायेंगे, और मुनीर नाचेगा ?
व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की पाकिस्तान के आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ तकरीबन 2 घंटे तक बातचीत हुई. बातचीत के लिए एक घंटे का समय निर्धारित था, लेकिन पहले लंच पर और उसके बाद ओवल ऑफिस में दोनों के बीच लम्बी बातचीत हुई. ट्रम्प के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव व्हिटकॉफ थे, जबकि मुनीर के साथ उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और ISI चीफ आसिम मलिक थे. बातचीत खास तौर पर ईरान को लेकर था.
ट्रम्प ने खुलकर बता दिया कि उन्होंने आसिम मुनीर को लंच पर आमंत्रित किया था. उनका मकसद क्या था. मैंने कल ही बता दिया था कि ईरान की करीब 1000 किलोमीटर लम्बी सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है. अमेरिका ईरान पर हमले का प्लान बना रहा है. ऐसे में पाकिस्तान के एयरबेस अमेरिका के काम आ सकते हैं. ईरान के बारे में पाकिस्तान के पास जो जानकारी है, वो अमेरिका के लिए काम की साबित हो सकती है. इसीलिए ट्रंप ने आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया.
मैंने कल ही कहा था कि ट्रंप पक्के बिजनेसमैन हैं. अपना मतलब निकालने के लिए वो पाकिस्तान का इस्तेमाल कर रहे हैं. ट्रंप ने यही बात कही. ट्रंप ने कहा कि आसिम मुनीर से बेहतर ईरान को कोई और नहीं समझता. मुनीर का रूख इज़रायल के भी खिलाफ नहीं हैं. इसलिए ईरान-इज़रायल जंग में मुनीर अमेरिका के काम आ सकते हैं. लंच के दौरान उनसे इसी मुद्दे पर बात हुई.
ट्रंप और मुनीर के लंच पर दुनिया की नज़र इसलिए भी थी कि ईरान पर पाकिस्तान का क्या रुख़ होगा. पाकिस्तान ईरान का पड़ोसी मुल्क है. परमाणु बम वाला इकलौता इस्लामिक मुल्क है. पाकिस्तान की जनता और कई नेता मांग कर रहे हैं कि इज़रायल-ईरान की जंग में पाकिस्तान को ईरान की मदद करनी चाहिए लेकिन ट्रंप के साथ लंच के दौरान आसिम मुनीर ने ईरान को लेकर पाकिस्तान का स्टैंड क्लियर नहीं किया. कम से कम ट्रंप की बातों से तो यही लगता है.
ट्रंप ने कहा कि आसिम मुनीर ईरान को दूसरों से बेहतर जानते हैं, जंग जिस तरह आगे बढ़ रही है, उससे वो खुश नहीं हैं. ट्रंप ने कहा कि उनकी ही तरह आसिम मुनीर भी चाहते हैं कि इस युद्ध का जल्द कोई समाधान निकले.
चूंकि मुनीर आजकल ट्रंप की शान में कसीदे काढ़ रहे हैं, मुनीर ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की थी. पूरी दुनिया जानती है कि ट्रंप को अपनी चापलूसी पसंद है. इसलिए ट्रंप ने कहा कि आसिम मुनीर पाकिस्तान में सबसे ताकवर शख्स हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर में मुनीर ने अहम रोल निभाया, इसलिए वो मुनीर को धन्यवाद कहना चाहते थे.
ओवैसी ने पाकिस्तान को कैसे एक्सपोज़ किया ?
इस हफ्ते शनिवार को रात 10 बजे ‘आप की अदालत’ शो में मेरे मुख्य अतिथि हैं, AIMIM chief असदुद्दीन ओवैसी. इस शो में मैने ओवैसी से आसिम मुनीर की ट्रंप से मीटिंग के बारे में पूछा. ओवैसी ने कहा कि ये जानना जरूरी है कि ट्रंप ने आसिम मुनीर के साथ क्या डील की. ओवैसी ने कहा कि “ व्हाइट हाउस में किसी को मुफ्त में लंच नहीं कराया जाता, अमेरिका जब ईरान पर हमला करेगा, तो पाकिस्तान के एयरफोर्स बेसेज और एयरस्पेस का इस्तेमाल करेगा. इसीलिए आसिम मुनीर को बुलाया गया. ओवैसी ने कहा कि चूंकि आसिम मुनीर ट्रंप के इशारे पर नाचने को तैयार हैं, तो अमेरिका उन्हें खूब नाच नचाएगा. “
‘आप की अदालत’ के शो में इस बात का भी जिक्र आया कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर ट्रंप के दबाव में हुआ. क्या ट्रंप ने ट्रेड डील के नाम पर प्रेशर बनाया.
ओवैसी ने कहा कि ‘भारत ने सीजफायर पाकिस्तान के अनुरोध पर किया, ट्रेड डील का प्रेशर होने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. भारत का अमेरिका के साथ 180 अरब डालर का कारोबार है, जबकि पाकिस्तान का अमेरिका के साथ सिर्फ 8 अरब डालर का कारोबार है’. ओवैसी ने साफ कहा कि ट्रंप सीज़फायर के बारे में “ सिर्फ बके जा रहे हैं, बके जा रहे हैं.”
ओवैसी ने ट्रंप को चुनौती दी कि ‘अगर वो वाकई जंग रुकवा सकते हैं तो फिर सबसे पहले फिलिस्तीन पर इजरायल की बमबारी को रुकवा कर दिखाएं, ईरान और इजरायल की जंग रुकवा कर दिखाएं या फिर यूक्रेन और रूस की जंग बंद करवा कर दिखाएं.’
‘आप की अदालत’ के इस शो में ओवैसी ने कहा कि ‘ट्रंप को ये समझना पड़ेगा कि पाकिस्तान एक दहशतगर्द मुल्क है, अमेरिका की लिस्ट में जो ग्लोबल टेररिस्ट हैं, वो पाकिस्तान के फील्ड मार्शल के बगल में बैठते हैं और इस फील्ड मार्शल को ट्रंप अपने बगल में बिठाते हैं.’
ओवैसी ने कहा, ‘अमेरिका को ये नहीं भूलना चाहिए कि ओसामा बिन लादेन कहां मिला था’. ‘आप की अदालत’ के इस शो में ओवैसी ने पाकिस्तान को अच्छी तरह एक्सपोज़ किया. आसिम मुनीर के बारे में बहुत सारी बातें बताईं.
ओवैसी ने ये भी बताया कि उन्होंने सऊदी अरब, बहरीन, अल्जीरिया और कुवैत के सामने पाकिस्तान और आसिम मुनीर की पोल कैसे खोली. ‘आप की अदालत’ का ये पूरा शो आप देख सकेंगे शनिवार रात 10 बजे इंडिया टीवी पर.