भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने एक बड़ा खुलासा किया. डोवल ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय फौज को कोई नुकसान नहीं हुआ. उन्होंने इन सारी अटकलों को खारिज किया कि पाकिस्तान के हमले में भारत के एयरबेस और फाइटर जेट्स को नुकसान पहुंचा था.
अजित डोवल ने कहा कि आजकल के ज़माने में दुश्मन को हथियारों के दम पर हराना तो आसान है, लेकिन असली मुश्किल होती है, दुश्मन के प्रोपेगेंडा वॉर को काउंटर करना.
डोवल ने कहा कि पाकिस्तान ने एक झूठ फैलाया कि उसने भारत के एयरबेस तबाह कर दिया, हमारे फाइटर जेट्स को गिरा दिया, तमाम बड़े विदेशी अखबारों ने भी इस खबर को छापा, लेकिन इस दावे को साबित करने वाला एक भी सबूत आज तक किसी ने दिया क्योंकि ये दावा झूठा था. हकीकत ये थी कि पाकिस्तान के हमले में भारत का एक कांच तक नहीं टूटा.
अजित डोवल ने कहा कि चार दिनों का ऑपरेशन सिंदूर बेहद सफल सैन्य अभियान था, भारत ने बहुत सोच-समझकर टारगेट सेट किए और सटीक निशाना लगाकर आतंकियों के उन सभी अड्डों का सफ़ाया कर दिया और इसके सबूत पूरी दुनिया ने देखे. भारतीय सेना के हमले में तबाह हुए पाकिस्तान के 13 airbases की सैटेलाइट images आज भी इंटरनेट पर कोई भी देख सकता है.
अजित डोवल ने बताया कि 10 मई की सुबह भारत के हमले में पाकिस्तान के भोलारी एयरबेस पर उनका एयर वॉर्निंग कमांड ऐंड कंट्रोल सिस्टम भी तबाह हो गया था, वहीं पाकिस्तान, भारत का बाल भी बांका नहीं कर सका.
डोवल IIT मद्रास के convocation में शामिल होने गए थे. सामने इंजीनियरिंग के प्रोफेसर और छात्र थे, इसलिए इस मौके पर देश की सुरक्षा, भविष्य की चुनौतियां और उसके समाधान में इंजीनियर्स के रोल पर बात की.
एक उदाहरण देकर डोवल ने बताया कि टेक्नोलॉजी और weapon system के मामले में देश को आत्मनिर्भर होने की ज़रूरत क्यों है. NSA ने कहा कि 2020 में जब हमारी सैनिकों की चीनी फौजियों के साथ गलवान में झड़प हुई थी, उस वक्त सीमावर्ती इलाकों में 5G नेटवर्क नहीं था, इससे हमारी सेना को बड़ी दिक़्क़त हुई. चूंकि 5G के मामले में दुनिया में चीन का दबदबा है और भारत चीन पर भरोसा नहीं कर सकता, इसीलिए, भारत ने गलवान के बाद ही तय किया कि पूरी तरह से स्वदेशी 5G तकनीक विकसित की जाएगी. इसमें एक भी पुर्ज़ा ऐसा नहीं होगा जो किसी दुश्मन देश का हो क्योंकि, भारत अपनी सुरक्षा के लिए ज़रूरी टैक्नोलॉजी के मामले में दुश्मन देश पर भरोसा नहीं कर सकता. इसीलिए, भारत ने ढाई साल के भीतर पूरी तरह स्वदेशी 5G तकनीक तैयार की.
अजित डोवल की बातों का मतलब साफ है. भारत को आने वाले दिनों में एक अलग तरह के Warfare के लिए तैयार रहना है. हमें इस बात का एहसास होना चाहिए कि चीन और पाकिस्तान से एक साथ मुकाबला होगा. हमारी फौज इसके लिए तैयार है.
भारत रक्षा में आत्मनिर्भरता के रास्ते पर है. हमारी रक्षा नीति का संकल्प दृढ़ है. हमारी सरकार का इरादा पक्का है. हमारी सशस्त्र सेनाओं को खुली छूट है.
ज़रूरत है रक्षा के सवाल पर सारे देश को एक होने की.न तो किसी को चीन की बात सुनने की जरूरत है, न पाकिस्तान के propaganda से प्रभावित होने की आवश्यकता है, न अमेरिका से डरने की जरूरत है, न रूस के आगे झुकने की आवश्यकता है.
ये देश हमारा है. इसकी रक्षा हम सबको मिलकर करनी है. कोई हमारी सहायता करने नहीं आएगा. सरकार को चाहिए कि वो सभी राजनीतिक दलों को साथ लेकर चले और सारे राजनीतिक दलों को रक्षा के मामले में सरकार के साथ खड़े होना चाहिए. आने वाले दिन सुरक्षा के लिहाज से देश के लिए इम्तिहान की घड़ी होंगे.
उत्तराखंड: फ़र्ज़ी बाबाओं की जगह जेल में
सावन का महीना शुरू होने के साथ ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि भगवा चोला पहन कर बहुत से अपराधी और बांग्लादेशी भी कांवड़ यात्रा में घुस आए हैं.
उत्तराखंड पुलिस ने ऐसे 25 लोगों को पकड़ा है, जो न साधु हैं, न ज्योतिषी, लेकिन भगवा चोला पहनकर लोगों को मूर्ख बना रहे थे.असल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे प्रदेश में ऑपरेशन कालनेमी चलाने का आदेश दिया है.
इस ऑपरेशन के तहत ऐसे लोगों को पकड़ा जाएगा जो सावन के महीने में साधु का वेश बनाकर लोगों को ठग रहे हैं. देहरादून में पुलिस ने गेरूआ वस्त्र पहन कर साधु के वेश में घूम रहे एक बांग्लादेशी को पुलिस ने पकड़ा. ये शख्स घर घर जाकर लोगों से पैसा मांग रहा था.
पुलिस ने इसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम रकम बताया, लेकिन जब इसकी तलाशी ली गई तो इसके पास बांग्लादेश का पहचान पत्र मिला .जिसमें उसका नाम रूकन रकम उर्फ शाह आलम निकला. 26 साल का ये शख्स ढाका के पास टंगाईल जिले का रहने वाला है.
ऑपरेशन कालनेमी के दौरान देहरादून के SSP अजय सिंह खुद सड़कों पर निकले. सड़क किनारे कई ऐसे बाबा अपनी दुकान लगाकर बैठे थे जिनका धर्म से कोई लेना देना नहीं था. कोई भगवा पहन कर ज्योतिषी बना था, कोई भगवा चोला पहनकर आयुर्वेदिक दवा बांट रहा था, तो कोई तंत्र मंत्र का ज्ञान दे रहा था.
पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिक समेत कुल 25 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया. साधु संतों ने भी मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि हरिद्वार में ही आपको कई ढोंगी बाबा मिल जाएंगे, इनका काम सिर्फ धर्म के नाम पर कमाई करना है. महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान बहुत जरूरी है.
अगर बांग्लादेशी घुसपैठिए साधु के वेश में घूम रहे हैं तो ये चिंता की बात है. ये अच्छी बात है कि पुष्कर सिंह धामी ने फर्जी बाबाओं के खिलाफ मुहिम शुरू की है. ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन होना ही चाहिए जो धर्म का चोला ओढ़ कर लोगों को ठग रहे हैं.