भारत- पाकिस्तान सीमा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़े खतरे की तरफ इशारा किया..मोदी ने कहा कि INDI गठबंधन का इरादा भारत के परमाणु हथियारों को नष्ट करने की है. उनका इरादा हमारे परमाणु बम को दरिया में डुबोने का है. नरेंद्र मोदी ने ये बात बाड़मेर में एक रैली में कही. मोदी ने कहा कि INDI अलायंस में शामिल एक पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में साफ-साफ लिखा है कि वो सत्ता में आएगी, तो परमाणु हथियारों को नष्ट कर देगी. परमाणु हथियारों को दरिया में डुबो देगी. मोदी का इशारा INDI गठबंधन में शामिल CPM के मैनिफेस्टो की तरफ थाजिस में यही सब लिखा है . प्रधानमंत्री मोदी ने विरोधियों से पूछा कि आप किसके इशारे पर देश को कमज़ोर करना चाहते हैं? मोदी ने पूछा कि किसके दबाव में आकर INDI गठबंधन, देश के परमाणु हथियारों को नष्ट करना चाहता है? मोदी ने कहा कि हम देश को ताकतवर बनाने में जुटे हुए हैं लेकिन INDI अलायंस भारत को शक्तिहीन बनाना चाहता है.
राष्ट्रहित में कुछ ऐसी बातें हैं जिनपर कोई समझौता नहीं किया जा सकता. भारत परमाणु शक्ति वाला देश है और रहना चाहिए. भारत के ऐटमी हथियार किसी पर हमला करने के लिए नहीं, बल्कि आत्मरक्षा के लिए है. भारत की ऐटमी ताकत इस पूरे क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए है, हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए है और भारत की सुरक्षा सारे राजनीतिक विचारों और भावनाओं से ऊपर हैं..इसपर सवाल उठाने वाले किस देश से प्रभावित हैं, किस विचारधारा पर चलते हैं, ये बताने की जरूरत नहीं है. इसी तरह आर्टिकल 370 को फिर से लागू करने की बात बेमानी है और भारत विरोधी है. धारा 370 हटाने का फैसला एक ऐसा फैसला था जिसे लोग असंभव मानते थे. कश्मीर के नेता कहते थे कि 370 हटा तो यहां तिरंगा थामने वाले हाथ तक नहीं मिलेंगे लेकिन मोदी ने साहसिक निर्णय लिया, कश्मीर की फिज़ा बदली, अब वहां पत्थर उठाने वाले लोग नजर नहीं आते लेकिन तिरंगा उठाने वाले लोगों की कोई कमी नहीं हैं.
मटन और मछली
प्रधानमंत्री मोदी ने उधमपुर की रैली से कांग्रेस और लेफ्ट के साथ-साथ, लालू यादव की पार्टी RJD पर भी निशाना साधा. मोदी ने कहा कि RJD और कांग्रेस वही पार्टी है जिन्हें लोगों की भावनाओं की ज़रा भी परवाह नहीं है, उनके नेता सावन में मटन बनाते हैं और नवरात्रि में मछली खाते हैं. मोदी ने कहा कि ये बात सही है कि देश में खानपान को लेकर किसी तरह की रोक-टोक नहीं है, हर कोई अपनी पसंद का खाना खा सकता है लेकिन कुछ लोग नवरात्रि के मौके पर, सावन के दिनों में मांस-मछली खाने का वीडियो सिर्फ एक वर्ग को चिढ़ाने के लिए पोस्ट करते हैं और दूसरे वर्ग को खुश करने के लिए करते हैं, उनकी मंशा गलत है. इस विवाद की शुरुआत तेजस्वी यादव के मछली खाने का वीडियो पोस्ट करने से हुई थी. तेजस्वी का कहना है कि हैलिकॉप्टर में मुकेश सहनी के साथ मछली खाने का वीडियो नवरात्रि शुरु होने से एक दिन पहले का था. इसी तरह पिछले साल सावन के महीने में राहुल गांधी और लालू यादव ने चम्पारन मटन बनाकर खाया था. तेजस्वी यादव की बात सही है कि कौन क्या खाता है, ये चुनाव का विषय नहीं हो सकता लेकिन नवरात्र के दिनों में ऐसे वीडियो दिखाकर शुरुआत किसने की? सवाल मछली या संतरा खाने का नहीं है. सवाल इसका वीडियो बनाकर पब्लिक करना और लोगों की भावनाओं को आहत करने का है. ऐसी बातों से असली मुद्दों से ध्यान भटकता है और बीजेपी के नेताओं को भी मौका मिलता है . असल में विरोधी ये बात समझ नहीं पाए हैं कि नरेन्द्र मोदी चुनाव प्रचार में माहिर हैं. गलती से भी किसी विरोधी नेता ने मोदी को सामने full toss फेंकी तो वो मौके पर चौका लगाने में जरा नहीं चूकते. राहुल गांधी ने शक्ति से लड़ने की बात कही तो मोदी ने उसे जोर शोर से उठाया और पूरी कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया. अब तेजस्वी के वीडियो को मोदी मुद्दा बना रहे हैं और RJD के नेता सफाई देने में लगे हुए हैं..
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