पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान इस हफ्ते ‘आप की अदालत’ में मेरे मेहमान थे। शो में उन्होंने अपनी दूसरी शादी, शराब की लत, गायक सिद्धू मूसेवाला की जघन्य हत्या, पंजाब में नशीले पदार्थों के सेवन, अलगाववादी खालिस्तानी तत्वों के उदय और तमाम अन्य मुद्दों से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए। मान एक दिग्गज कॉमेडियन के रूप में पंजाब में सुर्खियों में आए और सक्रिय राजनीति में शामिल होने के बाद उनकी लोकप्रियता और बढ़ गई। शो में उन्होंने पंजाबी गाने गाकर भी अपना हुनर दिखाया। उन्होंने मशहूर गायक जसबीर जस्सी से भी, जो कि मेरे शो के जज थे, एक लोकप्रिय गीत गवाया। भगवंत मान के साथ ‘आप की अदालत’ आप आज रात 10 बजे इंडिया टीवी पर देख सकते हैं।
बाधाओं का सामना कर रही विपक्षी एकता की कोशिशें
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है, लेकिन विपक्षी एकता बनाने के उनके प्रयासों में पहले से ही मुश्किलें पेश आ रही हैं। नीतीश के सहयोगी जीतनराम मांझी, जो हिंदुस्तानी आवाम पार्टी के प्रमुख हैं, महागठबंधन से बाहर हो गए हैं, और मांझी के बेटे ने बिहार मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। यूपी में ओम प्रकाश राजभर एनडीए में शामिल होने की कगार पर हैं। पिछले दिनों उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से गुपचुप तरीके से मुलाकात की थी। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख के रूप में, राजभर ने समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव को एक चुनौती दी है कि वह पहले बसपा सुप्रीमो मायावती, RLD चीफ जयंत चौधरी को यूपी में एक मंच पर लाने की कोशिश करें और फिर विपक्षी एकता की बात करें। कांग्रेस ने साफ-साफ कह दिया है कि वह लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ दिल्ली और पंजाब में कोई समझौता नहीं करेगी, और AAP को जहां कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार उतारने हैं, उतार दे। वहीं, आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया कि कांग्रेस के पास न नेता हैं, न नीति, और न ही भविष्य का कोई आइडिया, और कांग्रेस मैनिफेस्टो बनाने के लिए AAP से आइडिया चुराती है। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने ‘आप की अदालत’ शो में मुझसे कहा कि कांग्रेस विलुप्त होने के कगार पर है और यह जल्द ही किस्से-कहानियों का हिस्सा बन जाएगी। उन्होंने पूछा, दिल्ली में ‘शून्य’ विधायक और ‘शून्य’ सांसद वाली पार्टी AAP के साथ मुकाबला करने के बारे में कैसे सोच सकती है? इस बीच तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कांग्रेस के लिए एक शर्त रख दी है। उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस तृणमूल के साथ गठबंधन का हिस्सा बनना चाहती है तो उसे लेफ्ट का साथ छोड़ना पड़ेगा। ममता बनर्जी ने लेफ्ट के साथ किसी तरह के गठबंधन को खारिज किया है। तृणमूल जैसे क्षेत्रीय दलों की शर्तों, और बिहार एवं यूपी में छोटी जाति-आधारित पार्टियों के विपक्षी एकता की कवायद से दूरी बनाने की वजह से, नीतीश कुमार के लिए विपक्षी दलों को एक पेज पर लाने का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल लग रहा है।
बंगाल पंचायत चुनावों में हिंसा
पश्चिम बंगाल से अभी भी हिंसा और बम हमलों की खबरें आ रही हैं, जहां कुछ समय बाद पंचायत चुनाव होने वाले हैं। दक्षिण 24-परगना में शुक्रवार को बीजेपी के एक कार्यकर्ता के घर पर हमला किया गया, जबकि मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की हत्या कर दी गई। बीरभूम, भांगर और दक्षिण 24-परगना में बड़ी मात्रा में देसी बम बरामद किए गए हैं। अपने पार्टी कार्यकर्ता के घर गए पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रमुख सुकांत मजूमदार ने बंगाल के हालात की तुलना अफगानिस्तान के साथ की। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने दक्षिण 24-परगना का दौरा किया और आम लोगों से बात की। उन्होंने अधिकारियों को हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बंगाल से हिंसा की जो तस्वीरें आई हैं, वे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक हैं। बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा कोई नई बात नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के नेता यह कहकर मन बहलाने की कोशिश कर रहे हैं कि थोड़ी बहुत हिंसा हुई है, और बहुत कम लोगों की जान गई है। ममता बनर्जी हिंसा के लिए बीजेपी और लेफ्ट के साथ-साथ कांग्रेस को भी हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहरा रही हैं। यह हैरानी की बात है, क्योंकि इस वक्त विरोधी दल एकता की बातें कर रहे हैं। वह 23 जून को पटना में विपक्षी नेताओं की बैठक में शामिल होने वाली हैं। ममता कांग्रेस को कॉर्नर करने की कोशिश कर रही है। ममता बनर्जी जानती हैं कि वह किसी भी कीमत पर बंगाल में लेफ्ट के लिए कोई जगह छोड़ने वाली नहीं हैं। उन्होंने बड़ी मेहनत की, संघर्ष किया, लाठियां खाईं, तब जाकर बंगाल से लेफ्ट को उखाड़ा है। अब वह विपक्षी एकता के नाम पर बंगाल में अन्तिम सांसे गिन रहे लेफ्ट फ्रंट को आक्सीजन नहीं मिलने देंगी।