बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती का मानना है कि बिहार के नेता वहां चुनाव की वजह से सुशान्त सिंह राजपूत की मौत के मामले को ज़रूरत से ज्यादा तूल दे रहे हैं । शिव सेना नेता संजय राउत का कहना है कि भाजपा और जद(यू) के नेता चुनाव में बिहार के मतदाताओं पर असर डालने के लिए इस केस का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं। रिया के वकीलों का कहना है कि बिहार में यदि केस चला तो उसे वहां न्याय नहीं मिलेगा। शिव सेना के नेता मानते हैं कि मुम्बई पुलिस इस केस से निपटने के लिए सक्षम है। लेकिन दूसरे पक्ष का कहना है कि मुम्बई पुलिस कुछ खास लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है। इन सबका नतीजा अब ये हुआ कि सुशान्त की असामयिक और दुर्भाग्यजनक मौत का मामला राजनीतिक फुटबॉल बन कर रह गया है, जो कि वस्तुत: दुखद है।
रिया चक्रवर्ती ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसे अपने पूर्व दोस्त सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई जांच पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सीबीआई जांच पटना कोर्ट के दायरे में न होकर मुंबई कोर्ट के दायरे में होनी चाहिए। रिया चक्रवर्ती को लगता है कि बिहार पुलिस सुशांत राजपूत के मामले को इसलिए ज्यादा तूल दे रही है कि क्योंकि वहां पर चुनाव होनेवाले हैं। वहीं शिवसेना नेता संजय राउत का मानना है कि बीजेपी और जेडी (यू) इस मामले का उपयोग बिहार चुनावों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में रिया ने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार ने इस मामले का ‘पूरी तरह से राजनीतिकरण’ कर दिया है क्योंकि यह घटना आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले हुई है। उसने यह भी आरोप लगाया कि पटना में सुशांत के पिता के.के सिंह द्वारा दायर की गई एफआईआर ‘कथित तौर पर बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा इस केस में इंटरेस्ट दिखाने की वजह से हुई’।
सुशांत की मौत से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को मुंबई में रिया और उसके परिवार के सदस्यों से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 9 घंटे तक पूछताछ की। ईडी के अधिकारियों ने रिया के बिजनेस मैनेजर श्रुति मोदी और सुशांत के रूममेट सिद्धार्थ पिठानी से भी पूछताछ की।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं लेकिन इस मामले में सियासी बयानबाजी अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। शिवसेना के नेता संजय राउत ने ऐसी बातें कहीं जिसकी उम्मीद कम से कम सरकार में शामिल पार्टी के नेता से नहीं की जाती। संजय राउत ने सुशांत सिंह राजपूत के पिता के बारे में…उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में कमेंट किए।
संजय राउत ने आरोप लगाया कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता की दो शादियां हुई थीं। पिता की दूसरी शादी से सुशांत खुश नहीं था और वह ‘परेशान’ था। इसलिए पटना में परिवार वालों से उसके संबंध अच्छे नहीं थे। संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा कि इस पीड़ा ने सुशांत को बहुत मानसिक कष्ट पहुंचाया होगा और हो सकता है यही वजह हो कि अपने करियर के शिखर पर उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने पड़े । संजय राउत ने लिखा ‘सुशांत के उनके पिता से अच्छे संबंध नहीं थे। यह सच है। इसीलिए सुशांत सिंह पटना नहीं जाते थे….पिता से मिलते नहीं थे। सुशांत अपने पिता से मिलने के लिए कितनी बार पटना गए? मुझे उनके पिता के लिए सहानुभूति है लेकिन कई चीजें हैं जो सामने आएंगी।’
संजय राउत के इस विवादास्पद बयान की बिहार के राजनीतिक सर्किल में जबर्दस्त निंदा हुई। सभी दलों ने पार्टी लाइन से अलग हटकर संजय राउत के बयान की निंदा की। हालांकि सुशांत के पिता ने संजय राउत के बयान पर चुप्पी साध ली, लेकिन सुशांत के चचेरे भाई बीजेपी विधायक नीरज कुमार सिंह ‘बबलू’ इस तरह की ‘घटिया टिप्पणी’ को लेकर राउत पर जमकर बरसे। उन्होंने राउत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। सुशांत के परिवार के करीबी सूत्रों ने इस बात से इंकार किया है कि उनके पिता ने 2002 में अपनी पत्नी के निधन के बाद दूसरी शादी कर ली थी। बबलू ने कहा, संजय राउत को एक बुजुर्ग व्यक्ति के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी करने के लिए शर्म आनी चाहिए जो कि अपने इकलौते बेटे की मौत से तबाह हो चुका है।
संजय राउत द्वारा एक अभिनेता की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के मुद्दे को राजनीतिक खेल बनाना बेहद दुखद है। यह देखकर दुख होता है। एक ऐसे पिता की प्राइवेट लाइफ पर आरोप लगाना जिसने अपने बेटे को खो दिया.. यह उसकी प्रतिष्ठा का हनन है। बिहार के डीजीपी को बीजेपी या जेडीयू का एजेंट बताना आपत्तिजनक है। शिवसेना के नेताओं का आरोप है कि बिहार के नेता सुशांत की मौत का फायदा उठाना चाह रहे हैं क्योंकि वहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यह एक अजीब संयोग है कि रिया चक्रवर्ती भी बिहार सरकार पर इसी तरह के आरोप लगा रही है। लेकिन बिहार के नेताओं को मुंबई पुलिस की निष्पक्षता पर कोई भरोसा नहीं है। उनका मानना है कि मुंबई पुलिस किसी को बचाने की कोशिश कर रही है। अंतत: सुशांत की मौत एक राजनीतिक खेल की तरह बन गई है, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
इतनी कम उम्र में सुशांत की मौत वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है और लोग दुखी हैं… भावुक हैं। किसी को भी इस मुद्दे से राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिए, चाहे वह JD (U) हो, या BJP या शिवसेना या कांग्रेस।अब सीबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इसलिए हम सभी को धैर्य रखना चाहिए।
इस बीच, मुंबई पुलिस के सूत्रों ने खुलासा किया है कि रिया और सुशांत का 8 जून को काफी झगड़ा हुआ था। झगड़ा परिवार वालों को लेकर ही था। उसने सुशान्त के परिवार वालों के लिए कुछ कहा जिसके बाद सुशान्त नाराज हो गया। बात हाथापाई तक पहुंच गई, जिसके बाद रिया ने फ्लैट छोड़ दिया था। पुलिस सोर्सेस का कहना है कि ये झगड़ा इतना बढ़ गया था कि मारपीट की नौबत तक आ गई थी। बस इसी झगड़े के बाद से रिया चक्रवर्ती सुशांत का घर छोड़कर चली गई थी और फिर सुशांत के फोन नबंर को भी ब्लॉक कर दिया था।
इंडिया टीवी के रिपोर्टर जयप्रकाश सिंह ने बताया कि सुशांत के फर्म Vividrage Rhealityx Pvt Ltd ने 17 बार अपने आईपी एड्रेस को चेंज किया। सुशांत की मौत के बाद आईपी एड्रेस को तीन बार बदला गया। इसमें आखिरी बदलाव सात अगस्त को किया गया। इस फर्म में रिया और सुशांत दोनों डायरेक्टर थे। बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील चांदनी शाह ने कहा कि जब किसी के ट्रैक और ट्रांजेक्शन को कवर करना होता है, तो आईपी एड्रेस बदल दिया जाता है। शाह ने संदेह जताया कि आईपी एड्रेस को संभवत: मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों के कारण बदला जा रहा होगा।
सुशांत की मौत को लेकर कई सवाल हैं, सुशांत की मौत ने लोगों को हैरान कर दिया है। सुशांत की मौत से जुड़ी हर बात को लोग जानना चाहते हैं। यह सवाल उठाया जा रहा है कि इनकम के कम सोर्स के बाद भी रिया ने मुंबई में फ्लैट कैसे खरीदा? हालांकि इसका पता सीबीआई और ईडी को लगाना है। सबसे अहम सवाल यह है कि सुशांत ने खुदकुशी क्यों की? क्या वह डिप्रेशन में था, अगर ऐसा था तो फिर उसकी बीमारी किस तरह की थी? बीमारी का नेचर क्या था? चूंकि रिया सुशांत की लिव-इन पार्टनर थी, इसलिए ज्यादातर सवाल उसी पर उठ रहे हैं। रिया ही वह शख्स थी जो सुशांत और उसके घर की देखभाल करती थी। इसलिए यह सवाल भी उठ रहा है कि सुशांत की मौत में रिया का क्या रोल था?
रिया ही वह पहली शख्स थी जिसने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। रिया ने गृह मंत्री अमित शाह को ट्वीट करके सीबीआई जांच की मांग की थी और बाद में कहा कि वह मुंबई पुलिस की जांच से संतुष्ट है। और अब सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह मुंबई कोर्ट के दायरे में सीबीआई जांच चाहती हैं। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर उसके रुख में यह बदलाव क्यों?
सुशांत के परिवार वालों ने सुशांत के 15 करोड़ रुपये हड़पने के लिए रिया को दोषी ठहराया है। यह आरोप सुशांत के पिता द्वारा दायर एफआईआर में लगाए गए हैं, और इसलिए इस आरोप में वजह भी है। इन आरोपों की पूरी तरह से जांच करने की जरूरत है। कई लोगों को संदेह है कि रिया सुशांत के पैसे का दुरुपयोग करके संपत्ति खरीद रही थी। इन सभी सवालों के जवाब दिए जाने की जरूरत है। सुशांत की मौत की सच्चाई सामने आनी चाहिए। यह जितनी जल्दी हो, उतना अच्छा।