Rajat Sharma

शरद पवार से एक सवाल

AKB महाराष्ट्र में सोमवार को बाकी बचे 13 चुनाव क्षेत्रों में वोटिंग हुई. इनमें मुंबई के 6 चुनाव क्षेत्र भी शामिल थे. चुनाव आयोग ने मंगलवार को बताया कि 13 सीटों पर 54.33 परसेंट पोलिंग हुई. मुंबई में 52.27 परसेंट पोलिंग हुई. 13 सीटों पर पोलिंग खत्म होने के बाद महाराष्ट्र की सभी 48 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. निराश करने वाली बात ये रही कि इस बार भी मुंबई में तकरीबन आधे वोटरों ने वोट नहीं डाला. मुंबई में लोगों को वोटिंग के लिए प्रेरित करने फिल्मी सितारे भी मैदान में उतरे. शाहरुख खान, सलमान, आमिर खान, धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, दीपिका पादुकोण, रेखा, रणबीर कपूर, रणवीर सिंह, सुनील शेट्टी जैसे तमाम स्टार परिवार समेत वोट डालने पहुंचे, लोगों से पोलिंग बूथ्स तक जाने की अपील भी की लेकिन इसका खास असर दिखाई नहीं दिया. शाम को वोटिंग खत्म होने से पहले वोटरों की भीड़ पहुंची और चुनाव आयोग को वोटिंग का समय एक घंटा बढाना पड़ा. मुंबई में कुछ जगह EVM में गड़बड़ी की शिकायतें भी मिलीं. बोरीवली और मगाठाणे इलाके के कई पोलिंग बूथों पर वोटिंग मशीन ख़राब हो गई. इन मशीनों को तुरंत रिप्लेस किया गया. लेकिन इसके बाद भी महाविकास अघाडी के नेताओं ने चुनाव आयोग पर जानबूझ कर वोटिंग परसेंट कम करने की कोशिश का इल्जाम लगाया. उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिन इलाकों में महाविकास अघाड़ी के वोटर हैं, वहीं EVM खराब हुई, इसका मतलब साफ है कि बीजेपी के इशारे पर साजिश हो रही है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे क्योंकि अब उन्हें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है. उद्धव ठाकरे जब कोर्ट जाने की धमकी दे रहे थे, शरद पवार ने इंडिया टीवी को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि इस बार महाराष्ट्र के नतीजे चौंकाने वाले होंगे. उन्होने कहा,महाराष्ट्र में इस बार कम से कम पचास परशेंट सीटें महाविकाश अघाड़ी जीतेगा. मैं आपको बता दूं कि 2019 में महाराष्ट्र के 48 में से 42 सीटें NDA ने जीतीं थीं. आज जिन 13 सीटों पर वोटिंग हुई, वो सारी सीटें पिछली बार NDA ने जीती थी. लेकिन शरद पवार को भरोसा है कि इस बार कम से कम 24 सीटें महाविकास अघाड़ी जीतेगा. पवार ने कहा – “इस चुनाव में हम चालीस से पचास प्रतिशत तक जाएं तो भी मुझे आश्चर्य नहीं होगा. पांच साल से मोदी जी ने कुछ काम नहीं किया. ये सोचते हैं मोदी जी के नाम पर वोट मिल जाएगा लेकिन अब ऐसा नहीं है. ये बात सही है कि चुनाव प्रचार में मोदी सबसे ज्यादा मेहनत करने वाले नेता हैं. इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. लेकिन पांच साल पहले उनकी जो इमेज थी..उनको जो समर्थन था. आज बिल्कुल नहीं है.” अगर एक मिनट के लिए शरद पवार की बात मान भी ली जाए कि मोदी की लोकप्रियता कम हुई है, तो पवार साहब ये तो बता दें कि किसकी लोकप्रियता बढ़ी है? पवार साहब की? जिनका भतीजा साथ छोड़ गया. राहुल गांधी की? जो रायबरेली में लाज बचाने के लिए आज मारे मारे फिरते रहे. या लालू यादव की? नीतीश जिनका साथ छोड़ गए. या ममता की? जो INDI अलायंस से अलग हो गईं. या केजरीवाल की? जो interim bail पर हैं. ये कहना बहुत आसान है कि मोदी को पहले जैसा समर्थन नहीं मिल रहा, लेकिन ये बताना मुश्किल है कि समर्थन किसको मिल रहा है? सच तो ये है कि पवार साहब भी जानते हैं, मोदी की मेहनत के आगे सब बेरंग हैं.

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