प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के मुसलमानों से सीधी, साफ बात की. कहा, कि कांग्रेस ने सत्तर साल तक देश में वोट वायरस फैलाया, वोट के चक्कर में सत्तर साल तक तुष्टिकरण की नीति चलाई,चुनाव जीतने के लिए वक्फ बोर्ड को संविधान से ऊपर रख दिया, कुछ कट्टरपंथी लोगों को फायदा पहुंचाया और बाकी मुस्लिम नौजवान साइकिल का पंचर लगाकर गुजर बसर करते रहे. मोदी ने कहा नये वक्फ कानून से गरीब मुसलमानों को फायदा होगा, वक्फ की लाखों हेक्टेयर जमीन और बेशकीमती प्रॉपर्टी से मुस्लिम महिलाओं, बेवाओं, नौजवानों और पसमंदा मुसलमानों का भला होगा. अब वक्फ बोर्ड की मनमानी नहीं चलेगी, वक्फ बोर्ड कुछ कट्टरपंथी मौलानाओं की जागीर नहीं बनेगा. असल में इस वक्त वक्फ एक्ट को लेकर देश भर में मुसलमानों को भड़काने की कोशिश हो रही है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड देश भर में आंदोलन चला रहा है. मोदी ने कहा कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति से सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों को ही हुआ. मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस को मुसलमानों की चिंता थी, तो कभी किसी मुसलमान को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया. मोदी ने समझाया कि कांग्रेस ने जो वक्फ एक्ट बनाया था, उसके जरिए मुसलमानों के हक मारे जा रहे थे और नए वक्फ कानून से आम मुसलमानों का फायदा होगा. मोदी ने कहा कि वक्फ की प्रॉपर्टी पर हक तो गरीब मुसलमानों का था, लेकिन इसका फायदा लैंड माफिया उठा रहे थे. जिस ज़मीन से मुस्लिम महिलाओं और बच्चों का भला होना चाहिए था, उसकी खुलेआम लूट हो रही थी, इसीलिए कुछ कट्टरपंथी मौज कर रहे थे और मुस्लिम नौजवान पंचर बनाते रहे.मोदी ने कहा कि नए वक्फ कानून से ये लूट-खसोट बंद होगी.
वक्फ मसले पर मुसलमानों को कौन भड़का रहा है ?
वक्फ मसले पर तमाम मौलाना और खासकर कांग्रेस के नेता आग लगाने वाले बयान दे रहे हैं. झारखंड के कांग्रेस मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि मुसलमानों के लिए शरिया संविधान से ऊपर है और वक्फ एक्ट शरिया के मामले में दखल है, जिसे मुसलमान इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और न ही झारखंड में इसे लागू किया जाएगा. सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि जब भी कांग्रेस की सरकार बनेगी, एक घंटे के भीतर ही मोदी के वक्फ कानून को खत्म कर देगी. कर्नाटक के दावणगेरे में एक स्थानीय कांग्रेस नेता कबीर खान ने अपना वीडियो बयान जारी किया जिसमें वो मुस्लिम नौजवानों से कह रहा है कि वक्फ कानून के खिलाफ सिर्फ बैनर पोस्टर लेकर विरोध से कुछ नहीं होगा, इसके लिए हर गांव में आग लगानी पड़ेगी, हर गांव में चार छह लोगों की बलि लेनी होगी, बसें, ट्रेने जलानी होगी. पुलिस ने कबीर खान को गिरफ्तार किया है. कांग्रेस के नेताओं के बयानों से ये साफ हो गया कि कांग्रेस तुष्टिकरण के लिए किसी भी हद तक जा सकती है और नरेंद्र मोदी की ये बात सही है कि तुष्टीकरण की नीति ने मुल्क का बहुत नुकसान किया है. तुष्टिकरण की राजनीति ने मुसलमानों का भी खूब नुकसान किया है. मुसलमानों को ज्यादातर राजनीतिक दलों ने वोट बैंक माना,उनका इस्तेमाल किया और छोड़ दिया. ये सही है कि अपनी मेहनत के दम पर मुसलमान डॉक्टर, इंजीनियर, IAS, IPS अपसर, वैज्ञानिक बने, हर क्षेत्र में बेहतरीन काम करके दिखाया पर ऐसे मुसलमानों की संख्या कम है. गरीब पिछड़े मुसलमानों की तादाद ज्यादा है और उसकी वजह भी कोई सीक्रेट नहीं है. मजहब को तरजीह देकर पढ़ाई लिखाई में उन्हें पीछे रखा गया. मुसलमानों को ऐसे कामों में लगाया गया, जहां आमदनी कम होती है. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद तुष्टिकरण बंद हुआ और सरकारी योजनाओं का लाभ देने में भेदभाव नहीं हुआ. राशन, मकान, बिजली, इलाज जैसी जितनी भी सरकारी स्कीम्स हैं उनका मुसलमानों को पूरा-पूरा फायदा मिला. मोदी ने कहा कि वो मुसलमानों के एक हाथ में कुरान, दूसरे हाथ में कंप्यूटर देखना चाहते हैं. मदरसों में computerization का काम बड़े पैमाने पर हुआ है . अब स्कूलों, कॉलेजों में पढ़ने वाले मुस्लिम छात्र-छात्राओं की तादाद तेजी से बढ़ रही है लेकिन ये भी सच है कि हिंदू और मुसलमान के बीच दूरियां बढ़ गईं हैं, नफरत की दीवारें और ऊंची हो गई हैं. मुसलमानों के वोट लेने वाले उन्हें कभी CAA के नाम पर डराते हैं, कभी वक्फ कानून के नाम पर डराते हैं. सरकार पर दबाव बनाने के लिए मुसलमानों को उकसाते हैं.
बंगाल में प्रोटेस्ट : क्या दंगाइयों को खुली छूट दी गई ?
वक्फ एक्ट के विरोध के नाम पर बंगाल के कई जिलों में आगज़नी हुई. दक्षिण चौबीस परगना, पूर्व वर्धमान और मुर्शिदाबाद में हिंसा और आगजनी की गई. मुर्शिदाबाद में तो कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर BSF की तैनाती के बाद हालत काबू में आई लेकिन 11 अप्रैल की हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद के जाफराबाद और धूलियान कस्बों से बड़ी संख्या में हिन्दू घरबार छोड़कर पलायन कर गए हैं. गंगा पार करके मुर्शिदाबाद के चार सौ से ज्यादा हिन्दुओं ने मालदा में शरण ली है. इन हिन्दू परिवारों को सरकार ने मालदा के सरकारी स्कूल में ठहराया है लेकिन इन दंगा पीड़ितों को न तो स्कूल से निकलने की अनुमति दी जा रही है, न किसी को अंदर जाने दिया जा रहा है. मुर्शिदाबाद की हिंसा में 11 अप्रैल को दो लोगों की मौत हो गई थी. दंगाइयों की भीड़ ने पिता पुत्र को मार डाला. इसके बाद हिन्दुओं की दुकानों, घरों और मकानों पर पथराव किया. फिर घरों को आग लगाने की कोशिश की, दुकानों को लूट लिया, फिर आग लगा दी. इससे मुर्शिदाबाद के हिन्दू बुरी तरह डरे हुए हैं. बंगाल के जिन इलाकों में आगजनी, तोड़फोड़ की घटनाएं हुई, वहां मुसलमान ज्यादा संख्या में रहते हैं. वहां हिंदुओं को डराया धमकाया जा रहा है. अगर हिंदुओं के इलाके में पानी की टंकी में जहर मिलाने का डर सताएगा, महिलाओं के साथ बदसलूकी का खौफ होगा, तो लोग घर छोड़कर भागने के लिए मजबूर हो जाएंगे. दंगा करने वाले, डराने वाले ये मानकर चलते हैं कि राज्य की पुलिस उन्हें कुछ नहीं कहेगी. वो ये भी जानते हैं कि पुलिस जो कुछ करेगी, वो सिर्फ दिखावे के लिए टोकन एक्शन होगा. और ऐसी बातों को बल मिलता है जब तृणमूल कांग्रेस के नेता कहते हैं हिंसा, बांग्लादेश से आए लोगों ने की और इसके लिए BSF जिम्मेदार है. ममता बनर्जी जब ये कहती हैं कि वो वक्फ के कानून को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी, तो ऐसे लोगों की हिम्मत बढ़ती है. ममता के लिए बंगाल के 30 प्रतिशत मुस्लिम एक बड़ा वोट बैंक है.