Rajat Sharma

राष्ट्रपति को “बेचारी” कहना अपमान है, अनुचित है

AKB30 कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया गांधी ने महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को “बेचारी, गरीब और थकी हुई” कहा . राहुल गांधी ने राष्ट्रपति का भाषण “बोरिंग” बताया. राहुल का comment था कि अभिभाषण में एक ही बात को बार-बार कहा गया.

बड़ी बात ये है कि राष्ट्रपति के भाषण पर जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने ये अपमानजनक बयान दिए, उस वक्त प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी साथ साथ थे. पूरा गांधी नेहरू खानदान एक साथ था.

जैसे ही सोनिया गांधी का बयान आया, बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोनिया गांधी के बयान को राष्ट्रपति के साथ साथ देश के दलितों, आदिवासियों और गरीबों का अपमान बताया. मोदी ने कहा कि शाही परिवार को दलितों और आदिवासियों से नफरत हैं, ये लोग देश की विकास सुन ही नहीं सकते.

मोदी ने कहा कि देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का ये अपमान देश बर्दाश्त नहीं करेगा. इसके बाद जे पी नड्ढा, पीयूष गोयल, हरदीप पुरी, गिरिराज सिंह से लेकर संबित पात्र तक बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा.

पहली बार राष्ट्रपति भवन की तरफ से बयान जारी करके सोनिया गांधी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया. बाद में प्रियंका गांधी ने सफाई दी की मीडिया ने उनकी मां की बातों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया.

सोनिया और राहुल कैमरों के सामने बात कर रहे थे. किसी ने उनसे सवाल नहीं पूछा था. राहुल ने सवाल किया, जवाब में सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को बेचारी और थकी हुई कहा. इसका मतलब ये है कि सोनिया तय करके आई थीं कि क्या कहना है, किस अंदाज़ में कहना है.

भारत गणराज्य के राष्ट्रपति को पब्लिकली poor lady और poor thing कहना किसी को भी शोभा नहीं देता. द्रौपदी मुर्मू भारत के सर्वोच्च पद पर हैं. वह एक आदिवासी गरीब परिवार से आती हैं. उन्हें..बेचारी, थकी हुई कहना, दुर्भाग्यपूर्ण है.

ये बात इसीलिए भी गंभीर है कि ये एक परिवार के तीन लोगों के बीच हुई बातचीत के तौर पर सुनाई दिया. ये comment किसी रिपोर्टर के सवाल का जवाब नहीं था.

इस परिवार के लोगों ने बरसों देश पर शासन किया. वे राष्ट्रपति के पद की गरिमा को समझते हैं. सोनिया गांधी आमतौर पर नपे तुले शब्दों में बोलती हैं. एक दो बार को छोड़कर उन्होंने कभी इस तरह के loose comment नहीं किए, पर लगता है कि राहुल गांधी उनसे कुछ कहलवाना चाहते थे.

राहुल गांधी को बजट स्पीच में मजा नहीं आया, वह उनको बोरिंग लगा, तो वह सरकार पर comment करवाना चाहते थे. लेकिन भूल गए कि पार्लियामेंट में आज राष्ट्रपति महोदया ने सरकार का पक्ष रखा.

राहुल गांधी राष्ट्रपति मुर्मू को लेकर कई बार सरकार पर कटाक्ष करते रहे हैं. जब राष्ट्रपति महोदया को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं देखा गया, तो राहुल ने बार बार कहा कि वह एक आदिवासी महिला हैं, इसीलिए उनको नहीं बुलाया गया. उनका अपमान किया गया लेकिन आज जब उन्होंने और सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान किया तो असलियत सामने आ गई.

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