योगी आदित्यनाथ ने बहुत बड़ी बात बताई. उन्होंने पहली बार बताया कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ की घटना के आठ घंटे बाद तक वह खामोश क्यों रहे. योगी ने कहा, ऐसा करना उनकी मजबूरी थी. वक्त का तकाज़ा था क्योंकि उस वक्त प्रयागराज में 8 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद थे. योगी ने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि लोगों में बेचैनी हो, अव्यवस्था फैले और फिर कोई हादसा हो जाए. योगी ने कहा कि लीडर की पहचान मुश्किल वक्त में होती है, विपरीत परिस्थितियों में कठिन फैसले लेने होते हैं और संवाद बनाए रखना होता है. उन्होंने 29 जनवरी के हादसे के बाद यही किया. योगी ने महाकुंभ को लेकर वो तमाम बातें बताई जिसके बारे में लोगों को कुछ नहीं पता है. महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को हुई भगदड़ में तीस श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. इसको लेकर योगी की सरकार पर सवाल उठे. विरोधियों ने हमले किए. अखिलेश यादव ने इल्जाम लगाया कि सरकार ने मौत का आंकड़ा छुपाया. रात डेढ़ बजे हादसा हुआ और मुख्यमंत्री अगले दिन रात नौ बजे तक खामोश रहे. योगी ने बताया कि ऐसा करना उस वक्त जरूरी था. योगी ने कहा कि जब हादसे की खबर आई, उस वक्त मेला क्षेत्र में 4 करोड़ श्रद्धालु थे, प्रयागराज मे कुल 8 करोड़ लोग थे. अगर खबर फैलती, पैनिक होता तो स्थिति नियन्त्रण से बाहर हो सकती थी. इसलिए सरकार ने सबसे पहले डुबकी लगा चुके श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की, आसपास के जिलों में मौजूद दो करोड़ से ज्यादा भक्तों को वहां पर रोका. योगी ने जो बताया, वो कई लोगों की आंखें खोल देगा. पहली बात तो ये पता चली कि महाकुंभ इतने बड़े पैमाने पर हो, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र नरेंद्र मोदी की इच्छा थी. वह चाहते थे कि इस बार का कुंभ ‘न भूतो न भविष्यति’ जैसा हो. योगी ने सारी बातें बताईं. चाहे भगदड़ हो, गंगाजल की शुद्धता हो, पुलिस का व्यवहार हो, लाखों टॉयलेट्स का इंतजाम हो, उनकी सफाई का प्रबंध हो, सफाई का ध्यान कैसे रखा गया, पानी के बहाव को कैसे बनाए रखा गया, इस तरह की सारी शंकाएं योगी ने दूर की. ऐसे आयोजन में सबसे बड़ा खतरा होता है किसी आतंकवादी हमले का. सोमवार को ही गुजरात की ATS ने एक फरीदाबाद से एक आंतकवादी को पकड़ा जो राम मंदिर को बम से उड़ाने की साजिश रच रहा था. जब मैं महाकुंभ में योगी के साथ एक शो रिकॉर्ड करने गया था, तब मैंने उनसे आतंकवादी हमले के खतरे के बारे में पूछा था. योगी ने कहा था कि जब तक मोदी जी प्रधानमंत्री हैं, देश को बाहरी खतरे की चिंता नहीं है. उन्हें चिंता है अंदर के कुछ लोग गड़बड़ न करें. इसीलिए सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जा रही थी. योगी का विश्वास बिलकुल सही साबित हुआ. पूरी दुनिया ने हैरत भरी निगाहों से देखा कि महाकुंभ का आयोजन कितनी कुशलता से किया गया. दुनिया भर के लोगों ने, विदेशी मीडिया ने, वहां के अखबारों ने महाकुंभ की तारीफ की. योगी आदित्यनाथ ने वो सारी हेडलाइंस पढ़कर सुनाईं. हमारे देश में ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो अपनी मीडिया में कही गई बातों पर यकीन नहीं करते. उनको लेकर cynical (शक्की) रहते हैं लेकिन मुझे यकीन है कि विदेशी मीडिया की हेडलाइंस को देखकर, वहां की रिपोर्टिंग को सुनकर उन्हें भी समझ आ जाएगा कि महाकुंभ की सफलता भारत के लिए गौरव की बात है.
मायावती ने भतीजे को क्यों निकाला?
मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बहुजन समाज पार्टी से निकाल दिया. मायावती ने एक दिन पहले आकाश आनंद से पार्टी की सभी ज़िम्मेदारिया छीन ली थीं. उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया था. सुबह आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बहन जी का हर फैसला उनके लिए पत्थर की लकीर है. आकाश आनंद ने लिखा कि वो बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह काम करते रहेंगे, उनके सामने बड़ी चुनौती है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है, लेकिन जो लोग समझ रहे हैं कि उनका पॉलिटिकल करियर खत्म हो गया है, वो गलत साबित होंगे. इसके बाद मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी से ही बाहर कर दिया. मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आकाश आनंद अपने ससुर के इशारे पर काम कर रहे थे. कल उनकी जिम्मेदारियां छीनने के बाद उन्हें पश्चाताप जाहिर करना चाहिए था. परिपक्वता दिखानी चाहिए थी, लेकिन इसकी बजाय उन्होंने स्वार्थ और अहंकार दिखाया है. इसलिए उन्हें नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है और उनके ससुर की ही तरह आकाश आनंद को पार्टी से निकाला गया है. मायावती की बातों से लगता है कि भतीजे को निकालने का मसला राजनीतिक कम और पारिवारिक ज्यादा है. मायावती की असली नाराजगी भतीजे के ससुर से है. मायावती को यकीन है कि भतीजा आकाश अपने ससुर के कहने पर चलता है. ससुर जी को पहले ही मायावती पार्टी से निकाल चुकी हैं. आज अध्याय समाप्त हो गया. इस मामले की चर्चा तो होगी, लेकिन मायावती की लगातार छोटी होती जा रही पार्टी पर इसका कोई खास असर नहीं होगा.
रोहित शर्मा को ‘मोटा’ क्यों कहा?
कांग्रेस की प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने बैठे-बिठाए मुसीबत मोल ले ली. शमा ने टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा के खिलाफ कमेंट कर अपनी पार्टी को परेशानी में डाल दिया. उन्होंने रोहित शर्मा की फिटनेस पर सवाल उठाए, उन्हें मोटा कहा और रोहित शर्मा को अब तक का सबसे unimpressive कैप्टन कह दिया. और ये सब शमा मोहम्मद ने सोशल मीडिया पर लिखा. जैसे ही कांग्रेस की प्रवक्ता का ट्वीट आया, तो सभी पार्टियों के नेताओं ने इसकी आलोचना की, कांग्रेस पर हमले किए. दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं की मानसिकता ही खराब है. कांग्रेस को अपनी प्रवक्ता के इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए. आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस प्रवक्ता के बयान को गलत बताया. उन्होंने कहा कि रोहित शर्मा स्टार प्लेयर हैं, रोहित शर्मा ने भारत को वर्ल्डकप जिताया, चैंपियन्स ट्रॉफी का सेमीफाइनल सामने हैं, इसलिए इस वक्त टीम के खिलाडियों की आलोचना करने की बजाए उनकी हौसलाअफज़ाई करने की जरूरत है. पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने शमा ने कहा कि रोहित शर्मा पर पर्सनल कमेंट करने का हक किसी को नहीं है. जब चारों तरफ से हमले हुए तो कांग्रेस ने शमा के बयान से किनारा कर लिया. कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि पार्टी शमा के बयान से इत्तेफाक नहीं रखती, उन्होंने रोहित शर्मा के बारे में जो लिखा वो उनकी निजी राय है. इसके बाद शमा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्होंने रोहित शर्मा की कोई बॉडी शेमिंग नहीं की है, सिर्फ टीम इंडिया के पुराने कप्तानों के साथ उनकी तुलना की है और इसमें कोई गलत बात नहीं है.
शमा मोहम्मद ने नहीं सोचा था कि उनका एक कमेंट इतनी बड़ी मुसीबत बन जाएगा. उन्हें दो-तीन बातें समझनी होंगी. एक, रोहित शर्मा पूरी तरह फिट हैं. टीम इंडिया के हर फिटनेस टेस्ट को पास किया है. इसीलिए वो टीम के मेंबर हैं और कप्तान हैं. दूसरी बात शमा मोहम्मद को रोहित शर्मा का रिकॉर्ड देखना चाहिए था. वो दुनिया के सबसे बेहतरीन बैटर्स में से एक हैं. जिस दिन उनका बल्ला चलता है, बड़े-बड़े बॉलर थर्राते हैं. और तीसरी बात, रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया को सेमीफाइनल खेलना है. हमारी टीम का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से है. रोहित शर्मा की कप्तानी में अब तक टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. ऐसे टाइम पर रोहित शर्मा की कप्तानी को बेकार बताना, रोहित की फिटनेस का मजाक उड़ाना बिलकुल गलत है. तो शमा की इन्फॉर्मेशन भी गलत है और टाइमिंग भी wrong है.