चुनाव नतीजे आने के 11 दिन बाद आखिरकार दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का एलान हो गया. रेखा गुप्ता ने गुरुवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के तमाम बड़े नेता, राज्यों के मुख्यमंत्री और एनडीए के नेता भी मौजूद थे. रेखा गुप्ता के साथ छह अन्य मंत्रियों ने शपथ ली : प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविन्द्र इन्द्राज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह.
बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सभी मये मंत्रियों को बधाई देते हुए कहा कि नयी टीम में ऊर्जा और अनुभव का सम्मिश्रण है और उन्हें विश्वास है कि ये टीम दिल्ली को सुशासन देगी.
शपथ समारोह होगया लेकिन सबके मन में ये सवाल जरूर है कि रेखा गुप्ता के नाम के ऐलान में इतनी देर क्यों हुई? इतनी ज्यादा सीक्रेसी क्यों बरती गई? नाम के ऐलान से पहले विधायक दल की बैठक में पहुंचे सभी नेताओं के फोन क्यों बंद करा दिए गए? पार्टी ने वैश्य समाज से आने वाली रेखा गुप्ता को दिल्ली की कमान क्यों सौंपी?
रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली की महिलाओं को उनके समर्थन और भरोसे के लिए धन्यवाद दिया है. अब रेखा गुप्ता का पहला काम होगा, महिलाओं को हर महीने 2500 रूपए की सहायता दिलवाना. अगर बीजेपी को सही मायनों में दिल्ली की जनता का आभार प्रकट करना है तो उसका सबसे अच्छा तरीका है, सुपरफास्ट स्पीड से काम. महिला सम्मान योजना लागू करना, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देना और आयुष्मान भारत योजना लागू करना, ये मुश्किल काम नहीं है. इनके लिए तो सिर्फ आदेश जारी करने हैं पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती है दिल्ली में वायु प्रदूषण, दिल्ली की खस्ताहाल सड़कें, दिल्ली के लोगों के लिए साफ पीने का पानी और यमुना नदी की सफाई. अगर ये काम तेजी से किए गए तो दिल्ली की जनता को लगेगा कि उन्होंने बीजेपी को 27 साल बाद सेवा का अवसर देकर कोई गलती नहीं की.