उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में अभी 7-8 महीने बाकी हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने ‘मिशन यूपी’ कैंपेन की शुरुआत कर दी। वैसे तो मोदी अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 1,583 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ करने गए थे, लेकिन वाराणसी में किए गए अपने कामों को गिनाते-गिनाते उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनावों के लिए कमर कसने के लिए सचेत कर दिया।
प्रधानमंत्री ने अपने एक भाषण में कई बातें साफ कर दीं। पहली तो यह कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव योगी के नाम पर और योगी के काम पर लड़ा जाएगा। दूसरी बात यह कि योगी आदित्यनाथ ने पिछले साढ़े चार साल में बहुत मेहनत की है और यूपी के विकास के लिए इतने काम किए हैं कि गिनवाना मुश्किल है। नरेंद्र मोदी ने तीसरी बात यह कही कि योगी आदित्यनाथ ने आतंकवादियों, अपराधियों और माफिया गैंग्स के खिलाफ जो अभियान चलाया और जो सख्त कदम उठाए, उसे उनका पूरा सपोर्ट है। और चौथी बात यह कि योगी सरकार ने जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया, वह ‘अभूतपूर्व’ है।
ऐसा कहकर मोदी ने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए योगी के नेतृत्व को लेकर बीजेपी की रणनीति के बारे में सभी बातें साफ कर दीं। मोदी ने इससे पहले कभी भी किसी मुख्यमंत्री की यह कहरकर सराहना नहीं की थी, ‘यूपी में योगी जी के नेतृत्व में विकास कार्यों की सूची इतनी लंबी है कि किसी के लिए भी यह मुश्किल होगा कि किसका नाम लें और किसे छोड़ें।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि योगी जी ऊर्जा से भरपूर हैं, जमकर मेहनत करते हैं, एक-एक योजना पर नजर रखते हैं और संकट के समय आगे आकर नेतृत्व करते हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए अब यूपी में कानून का राज है, और आतंकवाद एवं माफियाराज पर लगाम कसी है। मोदी ने इस सफलता का कारण बताते हुए कहा कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि यूपी में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद नहीं, बल्कि ‘विकासवाद’ वाली सरकार चल रही है। मोदी ने अपने इस एक ही बयान से आगामी चुनावों में चुनौती पेश करने जा रहे दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती, पर निशाना साधा।
यूपी में ऐसा पहली बार हुआ है जब अपराधी एनकाउंटर के डर से गले में तख्ती लटकाकर, हाथ ऊपर करके खुद सरेंडर करने के लिए पुलिस स्टेशन में पहुंचे हों। यूपी में ऐसा भी पहले कभी नहीं हुआ कि माफिया सरगनाओं और गैंगस्टर्स के घरों, होटलों और बिल्डिंगों पर राज्य सरकार ने बुलडोजर चलवाया हो। मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफियाओं को पहले कभी भी यूपी आने में डर नहीं लगता था। इसलिए मोदी की यह बात तो सही है कि यूपी में ‘माफियाराज’ खत्म हो गया है। अपराधियों और गैंगस्टरों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त न करने की योगी आदित्यनाथ की सीधी और सख्त नीति के कारण ऐसा हुआ।
मोदी ने यह भी सही कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है। योगी के पिछले साढ़े चार साल के शासन में ट्रांसफर, पोस्टिंग जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। योगी मेहनत के मामले में मोदी को टक्कर देते हैं। योगी हर प्रोजेक्ट पर नजर रखते हैं और उसके पूरा होने की डेडलाइन तय करते हैं। वह खुद हर प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट देखते हैं। इसका असर दिख रहा है: परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जा रहा है। मोदी ने ठीक कहा कि योगी ‘ऊर्जावान मुख्यमंत्री’ हैं। यह परिवर्तन योगी के अथक परिश्रम के कारण ही संभव हुआ।
मोदी का वाराणसी दौरा सही समय पर हुआ है: महामारी की दूसरी लहर को कमोबेश काबू में कर लिया गया है। उनका दौरा काफी महत्वपूर्ण था क्योंकि वह 225 दिनों के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र पहुंचे थे। हालांकि इस दौरान वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने निर्वाचन क्षेत्र के नेताओं से जुड़े रहे, लेकिन महामारी की दूसरी लहर के थमने पर उन्होंने अब वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करने का फैसला किया।
मोदी ने वाराणसी में 78 परियोजनाओं का उद्घाटन किया और 205 परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने जापानी सहायता से निर्मित ‘रुद्राक्ष’ कन्वेंशन सेंटर, 14 ऑक्सीजन संयंत्र, बीएचयू परिसर में एक मल्टि-लेवल पार्किंग और 100 बिस्तरों के अस्पताल, वाराणसी को गाजीपुर से जोड़ने वाले 3 लेन के फ्लाईओवर और गंगा नदी में रो-रो सेवा का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं ने सबसे पुराने शहर वाराणसी का चेहरा बदलकर रख दिया है। यहां आने वाले लोगों को अब वह पुराना वाराणसी नहीं दिखेगा जिसे वे पिछले कई दशकों से देखा करते थे।
जहां तक मुझे याद है, मैंने कभी भी मोदी को सार्वजनिक रूप से किसी मुख्यमंत्री या पार्टी के नेता की उस अंदाज में खुलकर तारीफ करते नहीं देखा, जैसा उन्होंने गुरुवार को किया। ऐसा करके उन्होंने सोशल मीडिया में दोनों नेताओं के बीच किसी तरह के मनमुटाव को लेकर चल रही सभी अटकलों को खारिज कर दिया। योगी के भविष्य को लेकर कुछ लोग दावा कर रहे थे कि मोदी उनके महामारी से निपटने को लेकर खुश नहीं थे। मैंने कांग्रेस के कई नेताओं को यह कहते सुना कि मोदी योगी को हटाना चाहते हैं, और उन्होंने ट्विटर पर योगी को जन्मदिन की बधाई नहीं दी, लेकिन जब मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की प्रशंसा शुरू की तो उन सभी अटकलों पर पानी फिर गया।
मैं नरेंद्र मोदी को पिछले कई दशकों से व्यक्तिगत तौर पर जानता हूं। उनका व्यक्तित्व ऐसा नहीं है कि उनके दिल में कुछ और हो और जुबान पर कुछ और। मोदी जब किसी के काम की प्रशंसा करते हैं तो देखभाल कर और ठोक-बजाकर करते हैं। बुधवार को उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता को यही संदेश दिया कि योगी आदित्यनाथ ने अच्छा काम किया है और उनके नेतृत्व को नरेंद्र मोदी का पूरा सपोर्ट है। मोदी ने बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र से पैसा पहले भी आता था, लेकिन ज्यादातर पैसा डायवर्ट कर दिया जाता था। मोदी ने कहा कि योगी ने कड़ी मेहनत की और केंद्र द्वारा भेजे गए एक-एक पैसे का विकास कार्यों में इस्तेमाल किया।
तो अब कैंपेन शुरू हो गया है। यूपी में हमले की कमान मोदी और योगी संभालेंगे।