महाकुंभ में स्नान करती माताओं और बहनों के वीडियो बनाकर बेचने वाले पकड़ लिए गए हैं. ऐसे वीडियो से पैसा कमाने वाले पापियों के तार रोमानिया और अटलांटा से जुड़े हैं. ये एक बड़ा अन्तरराष्ट्रीय रैकेट है जिसमें चोरी छुपे महिलाओं के वीडियो बना कर उन्हें डार्क नेट पर बेचा जा रहा था.
पाप के ये सौदागर यूपी और गुजरात दोनों जगह से पकड़े गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस तरह के वीडियो बेचने वाली 17 वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर दिया है. यूपी पुलिस ने 13 FIRs दर्ज की हैं. गुजरात पुलिस ने इस तरह की घिनौनी हरकत में लगे तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
यूपी पुलिस ने यूट्यूब चैनल्स के अलावा इंस्टाग्राम, फेसबुक और टेलीग्राम के कई सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी बंद किया है. लोगों को धोखा देने के लिए इन चैनल्स के नाम Mahakumbh-2025, BABA KA VLOGEE, Mela Mahotsav और Hindu Official जैसे नाम रखे गए थे. ये टाइटल देखने में तो धार्मिक थे पर इनके जरिए अधर्म किया जा रहा था.
महाकुंभ जैसे पवित्र और आस्था के पर्व के नाम पर पाप किया जा रहा था.संगम में डुबकी लगाने पहुंची महिलाओं के वीडियो और फोटो अपलोड किए जा रहे थे. पाप के सौदागरों ने बड़ी बेशर्मी से रसिया द्विवेदी, देशी रसिया वीडियो, गर्ल्स लाइव वीडियो जैसे यूट्यूब, फेसबुक और इन्स्टाग्राम अकाउंट्स बनाए थे और इसके जरिए महिलाओं के चोरी छुपे बनाये गए वीडियो बेचे जा रहे थे.
वीडियो की बाकायदा नीलामी हो रही थी, टीज़र अपलोड किए जाते थे और फिर हजार, दो हजार रूपए में पूरा वीडियो ऑफर किया जाता था.
महाकुंभ में अब घाटों पर वीडियो बनाने, फोटो खींचने पर पाबंदी लगा दी गई है. प्रयागराज में संगम और गंगा-यमुना के घाटों पर पुलिस फोर्स की तैनाती बढ़ा दी गई है. ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी लगातार इस पर नजर रख रहे हैं कि कहीं कोई चोरी छुपे स्नान करती महिलाओं के वीडियो तो नहीं बना रहा है.
UP पुलिस ने यू-ट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर बने ऐसे 17 सोशल मीडिया अकाउंट्स का पता लगाया है जिन पर महाकुंभ में स्नान कर रही महिलाओं के वीडियो और तस्वीरों को अपलोड किया गया. इनमें से तीन फेसबुक एकाउंट, दो इंस्टाग्राम पेज, एक टेलीग्राम चैनल और 12 यू-ट्यूब चैनल हैं. इनमें कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने dark web पर वीडियो को बेचा है.
इनमें कई ऐसे भी हैं जो इस महापाप के लिए spycam का इस्तेमाल कर रहे थे. यूपी पुलिस के मुताबिक़ एक टेलीग्राम चैनल ने इस तरह के एक एक वीडियो को बेचने के बदले में लोगों से 2 हजार रुपए मांगे. बेचने से पहले बोली लगाने वालों को महिलाओं और लड़कियों के वीडियो को टीज़र की तरह दिखाया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग वीडियो को subscribe कर सकें.
यूपी पुलिस ने अब तक सोशल मीडिया के 103 हैंडल्स के ख़िलाफ़ 13 FIR की हैं. इसके अलावा, पुलिस ने इन pages को हमेशा के लिए ब्लॉक करने के लिए अमेरिका में इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से भी संपर्क किया है.
महाकुंभ जैसे पावन अवसर पर महिलाओं के स्नान के वीडियो बनाना तस्वीरें खींचना ऐसा कुकर्म है जिसे क्षमा नहीं किया जा सकता.
पैसा कमाने के लालच में कुछ लोग इतना गिर सकते हैं कि इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. जहां हमारी माताएं, बहनें श्रद्धा से संगम में डुबकी लगाने गईं हैं, वहां ये पापी कैमरे लेकर ताक लगाए बैठे थे.
इस तरह के मामलों में सबको सतर्क रहने की ज़रूरत है. जहां कोई ऐसी हरकत करता दिखाई दे, उसकी शिकायत पुलिस से करनी चाहिए. जब ऐसे पापी पकड़े जाएंगे, जेल जाएंगे, तभी उनके दिल में डर पैदा होगा. पुलिस ने इस मामले में तुरंत एक्शन लिया है. अब विजिलेंस भी बढ़ा दी गई है लेकिन इतने बड़े स्केल पर जो आयोजन हो रहा हो, उसमें बगैर पब्लिक सहयोग के पुलिस ऐसी हरकतों पर पूरी तरह रोक नहीं लगा सकती.
गुजरात में मामला ज़्यादा गंभीर था. अहमदाबाद पुलिस टेलीग्राम चैनल पर अपलोड किए गए कुछ CCTV फुटेज की जांच कर रही थी. ये वीडियो राजकोट के एक अस्पताल के लेबर रूम का था. लेबर रूम का सीसीटीवी फुटेज एक टेलीग्राम चैनल को बेचा जा रहा था. इसी की जांच के दौरान महाकुंभ के वीडियो भी सामने आए जिस टेलीग्राम चैनल पर अपलोड किया गया था. महाराष्ट्र के लातूर निवासी प्रज्जवल तेली को गिरफ्तार किया गया.
तेली से पूछताछ के दौरान पता चला कि राजेंद्र पाटिल उसकी मदद कर रहा था. पाटिल सांगली का रहने वाला है. पुलिस ने सांगली से उसे पकड़ लिया.
पूछताछ ते बाद अहमदाबाद पुलिस प्रयागराज के चंद्रप्रकाश फूलचंद नाम के शख्स तक पहुंची. चंद्रप्रकाश ने, प्रयागराज महाकुंभ में महिलाओं के स्नान के वीडियो किसी दूसरे यू-ट्यूब चैनल से डाउनलोड करके अपने यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किए थे.
इंटरनेट का ये खेल बहुत खतरनाक है. आजकल हर जगह CCTV कैमरे लगे होते हैं. IP बेस्ड CCTV सिस्टम की लागत कम होती है लेकिन इन्हें हैक करना आसान होता है.
यू-ट्यूब पर आपको ऐसे कई चैनल मिल जाएंगे जो CCTV की हैकिंग सिखा देते हैं और ये हैकर्स जो प्राइवेट वीडियोज रिकॉर्ड करते हैं. उन्हें अलग अलग वेबसाइट्स को बेचते हैं. इससे पैसे कमाते हैं. इसीलिए सावधानी बरतने की जरूरत है.