Rajat Sharma

महाकुंभ : अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय

akbबुधवार को मुझे महाकुंभ में जाने का अवसर मिला. मैंने योगी आदित्यनाथ के साथ गंगा किनारे एक बड़ा शो रिकॉर्ड किया. महाकुंभ से जुड़े जितने भी विवाद हैं, जिज्ञासाएं हैं, उन सब पर सवाल पूछे. क्या संगम का जल नहाने लायक है? क्या वाकई एक हफ्ते में 9 करोड़ से ज्यादा लोग वहां पहुंचे? लोगों की गिनती कैसे हुई? इतने सारे लोगों के लिए भोजन का क्या इंतजाम है? मेला क्षेत्र में साफ-सफाई का कैसे ध्यान रखा जा रहा है? क्या महाकुंभ पर इस बार साढ़े 7 हजार करोड़ रुपये का खर्चा होगा? इतना खर्चा करके उत्तर प्रदेश को क्या हासिल होगा?

कुछ सवाल राजनीतिक भी थे. जैसे महाकुंभ में कैबिनेट की बैठक करने की क्या आवश्यकता थी? क्या महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी है? क्या यहां भी ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा सुनाई देता है? योगी आदित्यनाथ ने किसी सवाल को नहीं टाला. हर सवाल का खुलकर जवाब दिया. सामने हजारों की तादाद में जनता थी और लोग योगी को देखकर बहुत जोश में थे. लेकिन बहुत दूर खड़े थे. पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए थे.

जब मैंने स्टेज से देखा कि लोग दूर से नारे लगा रहे हैं, हाथ हिला रहे हैं, तो मैंने योगी जी से अनुरोध किया कि वह पुलिस से कहें कि इन लोगों को करीब आने दें. योगी ने तुरंत कहा, सब को आने दो, और फिर हजारों लोग दौड़ते हुए जब इस शो में पहुंचे तो वो नज़ारा देखने लायक था. चारों तरफ ‘जय श्री राम’ के नारे गूंजने लगे. ‘हर-हर महादेव’ की हुंकार सुनाई दी.

ये पूरा शो शनिवार को इंडिया टीवी पर प्रसारित किया जाएगा. इसका एक सवाल और एक जवाब आपको मैंने उदाहरण के तौर पर गुरुवार रात ‘आज की बात’ शो में दिखाया. इससे आपको अंदाजा होगा कि ये कितना बड़ा शो है जनता इससे किस कदर जुड़ी थी और कैसे योगी आदित्यनाथ ने करारे जवाब दिए.

मैं कुंभ नगरी में कुछ ही घंटे रुक पाया लेकिन इस दौरान जो देखा, वो अद्भुत था. पूरे रास्ते में चारों तरफ पॉन्टूंन पुलों पर हजारों लोग चलते जा रहे थे, चलते जा रहे थे. यहां बहुत सीमति वाहनों को प्रवेश की अनुमति थी. इसीलिए लोगों को घाट तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है. कोई बैकपैक्स लेकर, तो कोई सामान सिर पर उठा कर चल रहा था. पर कोई परेशान नहीं दिखा. लोग खुश थे. जगह-जगह भंडारे लगे थे. लोग रुककर खाना खा रहे थे. और फिर भजन गाते हुए चल पड़ते थे.

रास्ते में कहीं नट का खेल दिखाई दिया, रस्सी पर चलती लड़की दिखाई दी. कहीं प्रवचन देते बाबा दिखाई दिए. रेहड़ी, ठेले और खोमचे वालों की खूब कमाई हो रही थी. किसी ने मुझे बताया कि एक चायवाला दिन में 20 से 22 हजार रुपये कमा लेता है. ठहरने के लिए 100 रुपये का बिस्तर भी मिल जाता है और एक लाख रुपये का लग्जरी टेंट भी है, पर हर चीज़ का इंतजाम perfect था.

सबसे ज्यादा आश्चर्य मुझे यूपी पुलिस के बारे में सुनकर हुआ. लोगों ने बताया, पुलिस दोस्त बन कर मदद कर रही है. अगर कहीं रोकती है तो अनुरोध करती है. पुलिस को इतने प्यार से बात करते देखकर लोग भी हैरान थे. जो लोग ट्रेन से प्रयागराज पहुंच रहे थे, उन लोगों ने मुझे बताया कि भारी तादाद में लोग रेलवे से यात्रा कर रहे हैं लेकिन रेलवे स्टेशन बिल्कुल साफ सुथरा है. रेलवे स्टेशनों पर पुलिस वाले तैनात हैं . जिनके मोबाइल में एप है, उस एप के ज़रिए वो यात्रियों को बताते हैं कि उनकी ट्रेन कितने बजे आएगी कौन से प्लेटफॉर्म पर आएगी. रेलवे स्टेशन पर पुलिस के लोग खासतौर से बूढ़े लोगों को धक्का-मुक्की से बचाते हुए दिखाई दिए.

पुलिस का ये रूप बहुत कम देखने को मिलता है. यूपी पुलिस के DGP ने मुझे बताया कि लोगों से प्यार से बर्ताव करने के लिए पुलिस वालों को 6 महीने की ट्रेनिंग दी गई. मेरे show में योगी ने भी पुलिस की प्रशंसा की.

मुझे लगता है कि कुंभ में जाए बिना इस बात का एहसास नहीं हो सकता कि काम कितना बड़ा है और इसे कितनी कुशलता के साथ किया जा रहा है. सबसे ज्यादा उत्साह महाकुंभ में आने वाले साधु संतों मे नज़र आया. टीवी पर उनके प्रवचन से लेकर अलग-अलग रूप दिखाए जा रहे हैं. कोई हाथ उठाए हुए, कोई धूनी रमाये हुए, किसी किसी ने तो चिमटा भी चला दिया. सबसे ज्यादा क्रेज़ नागा साधुओं को लेकर है. एक संत ने मुझसे कहा कि आप जैसे मीडिया के लोगों ने कुंभ की महिमा को घर-घर पहुंचा दिया. महाकुंभ को ग्लैमराइज कर दिया. इसीलिए इतनी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं.

महाकुंभ के आयोजन के लिए योगी हर दूसरे दिन वहां पहुंच जाते हैं. बुधवार को तो उनकी पूरी कैबिनेट उनके साथ थी. कैबिनेट बैठक के बाद ही वो मेरे शो के लिए संगम घाट पर आए थे.

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