मुंबई में NCP नेता बाबा सिद्दीकी की सनसनीखेज हत्या ने सब को चौंका दिया है. पुलिस ने कोर्ट में खुलासा किया है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के तार गैंगस्टर गिरोह के सरगना लारेंस बिश्नोई से जुड़ने के सबूत मिले हैं. पुलिस का दावा है कि शूटर्स को बाबा सिद्दीकी के साथ-साथ उनके बेटे ज़ीशान सिद्दीकी को भी मारने का आदेश दिया गया था.
पुलिस ने इस केस में अब तक कुल 6 अपराधियों की पहचान की है जिनमें से तीन पुलिस की गिरफ्त में हैं. दो शूटर्स गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप को तो पुलिस ने हत्या के कुछ ही घंटों के बाद पकड़ लिया था. तीसरे आरोपी प्रवीण लोनकर की गिरफ्तारी पुणे से हुई.
अब तक की पूछताछ में शूटर्स ने बताया कि उन्हें लारेंस गैंग की तरफ से सिर्फ टारगेट बताए गए थे, रुकने, रेकी करने से लेकर हथियार सब कुछ मुहैया करवाया गया. हर लड़के की जिम्मेदारी तय थी लेकिन किसी को ये नहीं मालूम कि हत्या का आदेश देने वाला कौन था? किसके कहने पर बाबा सिद्दीकी पर हमला हुआ?
इन शूटर्स ने बताया कि उन्हें बाबा सिद्दीकी और उनके बेटे जीशान को खत्म करने टारगेट दिया गया था. गुरमैल सिंह, धर्मराज कश्यप और प्रवीन लोनकर गिरफ्तार हो चुके हैं. एक शूटर शिव कुमार गौतम फरार है. शिव कुमार गौतम ने ही बाबा सिद्दीकी पर निशाना लगाकर फायरिंग की थी. पांचवा आरोपी ज़ीशान अख्तर फरार है. ज़ीशान शूटर्स के साथ कॉर्डिनेट कर रहा था. छठा आरोपी शुभम लोनकर भी फरार है.
शुभम लोनकर उर्फ सुबु लोनकर प्रवीण लोनकर का भाई है. इन दोनों ने शूटर्स शिवकुमार और धर्मराज को हमले के लिए तैयार किया, मुंबई में इनके रहने का इंतजाम किया, हथियार दिए. बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद शुभम लोनकर ने ही फेसबुक पोस्ट में हत्या की जिम्मेदारी ली. अपने पोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई गैंग और अनमोल विश्नोई को टैग किया.
पुलिस को शक है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या में ये सारे नौसिखिए तो मोहरा है, इसके पीछे बड़े अपराधियों का हाथ है. हैरानी की बात ये है कि 6 आरोपियों में से 4 का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. बाबा सिद्दीकी की हत्या अब महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा मुद्दा बन गया है.
मेरा ये मानना है कि जिस तरह से बाबा सिद्दीकी की हत्या की गई, वो चौंकाने और डराने वाला है. बाबा के पास Y कैटेगरी की सुरक्षा थी. लेकिन सुरक्षाकर्मी उसे बचा नहीं पाए. वो तो कहीं नजर भी नहीं आए. बाबा को जान से मारने की धमकी मिली थी. पुलिस को थ्रेट परसेप्शन की जानकारी थी, तो भी हत्यारे आकर प्वॉइंट ब्लैंक से गोली मारकर चले गए.
सबसे बड़ी बात ये है कि 20-22 साल के लड़कों को इस काम के लिए लिया गया. उनमें कई ऐसे हैं जिनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है. और वो पहली हत्या करके हीरो बन रहे हैं. अपने काले कारनामों को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. ये एक पैटर्न है, जो दिल्ली से लेकर मुंबई तक दिखाई दे रहा है. अगर ये काम जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई का है तो और भी चिंता की बात है.
एक खतरनाक अपराधी जेल में बैठकर अपना गैंग कैसे चला सकता है? उसने 200 लड़कों को शूटिंग की ट्रेनिंग देकर हत्या करने के लिए तैयार कैसे कर लिया? और पुलिसवाले बताते हैं कि लॉरेंस बिश्नोई ये काम 10-20 हजार रुपये में करवा लेता है. ऐसा कैसे हो सकता है कि वो जिसको चाहे हायर करे, जिसपर चाहे गोली चलवा दे.
हमारी सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही है? क्या इंटेलीजेंस फेल हो गई? सवाल सिर्फ..बाबा सिद्दीकी का, या दिल्ली में जिम के बाहर मारे गए नादिर शाह का नहीं है. सवाल ये है कि दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में खुलेआम गैंगवॉर चल रही है.
यूपी, हरियाणा और पंजाब से लड़कों को हायर करके हत्या कराने का कारोबार जारी है. किसी को तो इसका जवाब देना पड़ेगा. किसी को तो अपराध की इस आंधी पर रोक लगानी पड़ेगी.
यूपी में योगी आदित्यनाथ ने यह करके दिखाया है. उन्होंने अपराधियों के दिलों में खौफ पैदा किया है. माफिया का खात्मा करने का एक मॉडल तैयार किया है. इस मॉडल को बाकी राज्यों में भी लागू करने की जरूरत है. जो भी सरकार ऐसा करेगी, मुझे विश्वास है, उसको पब्लिक का पूरा समर्थन मिलेगा.