Rajat Sharma

डिपोर्ट करो, पर बेड़ी-हथकड़ियां क्यों?

AKB30 अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए भारतीयों की तस्वीरें दिल को दुखी करने वाली हैं. अमेरिकन वायु सेना के विमान में सवार अपने देश के लोगों को हाथों में हथकड़ी, पैरों में बेड़ी लगाए देखकर गुस्सा भी आया. अमेरिका की इस हरकत का जिक्र हमारी संसद में भी हुआ. विपक्ष के नेताओं ने कई तीखे सवाल पूछे. जैसे अमेरिकी सेना के विमान को भारत में उतरने की अनुमति क्यों दी गई? भारत सरकार ने भारतीयों को वापस लाने के लिए अपना विमान क्यों नहीं भेजा? भारतीयों को हथकड़ी और बेडियां लगाकर क्यों भेजा गया? सरकार ने इसका विरोध क्यों नहीं किया?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि अवैध प्रवासी भारतीयों को सरकार के साथ बातचीत के बाद ही अमेरिका से डिपोर्ट किया गया, डिपोर्ट करने वाले लोगों को कैसे भेजा जाए, इसका फैसला डिपोर्ट करने वाले देश की नीति के आधार पर होता है, इसपर हमारी सरकार का कोई बस नहीं चलता, हालांकि डिपोर्ट करते समय उनको अमानवीय तरीके से न लाया जाए, इसकी कोशिश भी भारत सरकार कर रही है, जो लोग अमेरिकी सेना के विमान से अमृतसर पहुंचे, उनकी सूची भारत सरकार को पहले से दी गई थी, सरकार ने इन लोगों के कागज़ात चैक किए थे, जब पूरी तरह से उनकी पहचान स्थापित हो गई, उसके बाद ही इन लोगों को भारत भेजा गया.

एस जयशंकर ने बताया कि अब सरकार अमेरिका से वापस भेजे गए एक-एक भारतीय नागरिक से बात कर रही है, ये पता लगा रही है कि वो अमेरिका कैसे पहुंचे, किस रास्ते से पहुंचे, किन लोगों की मदद से पहुंचे जिससे उन गिरोहों का पता लगाया जा सके, जो भोले-भाले लोगों को मुसीबत में फंसाकर पैसा बनाते हैं. जो लोग वापस आए हैं, ये लोग ह्यूमन ट्रैफिकिंग में लगे गिरोहों को लाखों रूपए देकर अमेरिका पहुंचे थे. ये रकम जमीन जायदाद बेचकर इकट्ठा की थी. अब इन लोगों के पास न जमीन बची, न नौकरी.

अमेरिका ने जिस तरह से हथकड़ी-बेड़ी पहनाकर भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया वह आमानवीय है, इंसानियत के खिलाफ है. ये सही है कि ये लोग गैरकानूनी तरीके से अमेरिका गए. वो ट्रंप के लिए अपराधी हैं और अमेरिका ने कई देशों के अवैध प्रवासियों को इसी तरह निकालने का फैसला किया है. ये उनका अधिकार है लेकिन इंसानों के साथ जानवरों की तरह सलूक करने का अधिकार किसी के पास नहीं है. अमेरिका ने अवैध भारतीय प्रवासियों को पहले भी इसी तरह भेजा है. पहले भी निर्वासन इसी तरह अमानवीय तरीके से हुए थे. क्योंकि अमेरिकी सरकार का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर है, जिसके तहत अवैध प्रवासियों को हथकड़ी और बेड़ियां पहनाकर डिपोर्ट किया जाता है. इसी SoP के आधार पर डिपोर्टेशन 2012 से किया जा रहा है लेकिन पहले की सरकारों ने इस बारे में कुछ नहीं किया. इसीलिए अमेरिकी सेना के विमान में सवार हथकड़ी बेड़ी पहने भारतीयों की तस्वीरें देखने को मिलीं.

ये तस्वीरें वाकई दुखदायी हैं. जिन लोगों को डिपोर्ट किया गया, उनमें से ज्यादातर लोगों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. उन्हें एजेंट ने धोखा दिया, एजेंट को पैसा देने के लिए किसी ने कर्ज लिया, किसी ने जायदाद बेची, किसी ने अपना घर गिरवी रख दिया. इनमें से बहुत सारे लोगों से इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स ने बात की. इन लोगों की कहानी लगभग एक जैसी है. ज्यादातर नौजवान, सामान्य परिवारों के हैं. कोई बारहवीं पास है, तो कोई ग्रेजुएट. इन्होंने अच्छी नौकरी और बेहतर जिंदगी के सपने देखे. अमेरिका जाने के लिए एजेंट्स के चक्कर में फंसे. मां-बाप ने बच्चों की मदद की, उनकी अच्छी जिंदगी के लिए सब कुछ बेचकर पैसा जुटाया. किसी को ये अंदाजा नहीं था कि उनके साथ इतना बड़ा धोखा होगा लेकिन अब तो सब बर्बाद हो गया.

मां-बाप को सिर्फ इस बात का सुकून है कि बेटा वापस आ गया, पर बेटे को चिंता इस बात की है कि जमीन जायजाद सब बिक गया, ऊपर से कर्ज भी है, वो कैसे उतरेगा. अच्छी बात ये है कि सरकार ने स्वीकार किया कि अवैध तरीके से अमेरिका भेजने वाले गिरोह सक्रिय हैं. विदेश मंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार अमेरिका से वापस भेजे गए लोगों से बात करेगी और उन गिरोहों तक पहुंचेगी जो इस तरह के गैरकानूनी काम करते हैं.

ये करना बहुत जरूरी है ताकि आगे किसी के साथ इस तरह का अन्याय न हो. हमने जिन लोगों की बातें सुनी, उनसे ये सबक मिलता है कि कोई एजेंट चालीस लाख, साठ लाख रूपए लेकर अमेरिका या किसी भी देश में भेजने का भरोसा दे, तो उसके चक्कर में न फंसे वरना जेल ही पहुंचेंगे. अगर विदेश जाना ही है, तो वीजा के लिए एप्लाई करें. सही कागज़ात लेकर ही विदेश जाएं.

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