भारतीय समय रात करीब ढाई बजे जब हमारे देश में ज्यादातर लोग सो रहे थे, अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ कर रहे थे.
ट्रंप ने जिस गर्मजोशी से मोदी का व्हाइट हाउस में स्वागत किया, जिस अंदाज़ में मोदी के लिए कुर्सी खींची, मोदी को बार बार करिश्माई नेता बताया, जब ट्रंप ने कहा कि मोदी उनसे बेहतर निगोशिएटर हैं, जब ट्रंप ने कहा कि मोदी भारत में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, दुनिया भर में उनका जलवा है, जब ट्रंप ने एक पुस्तक भेंट करते समय उस पर लिखा “मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, यू आर ग्रेट”, तो ये सब देखकर हमारे देश में कुछ लोगों की नींद उड़ गई.
मोदी ने एक ऐसा काम भी किया जिसे लेकर पाकिस्तान में आतंकवादियों की नींद उड़ गई. मोदी ने अमेरिका को इस बात के लिए तैयार किया कि भारत में जुर्म करके अमेरिका भागे अपराधियों को भारत के सुपुर्द किया जाएगा और इसकी शुरूआत 26/11 हमले के मास्टर माइंड तहव्वुर राणा को भारत भेजने से होगी.
जब सवाल बांग्लादेश का आया, तो ट्रंप ने बांग्लादेश के मसले को पूरी तरह प्रधानमंत्री मोदी पर छोड़ दिया. ट्रंप ने कहा कि बांग्लादेश में अमेरिका के डीप स्टेट का कोई रोल नहीं है.
व्हाइट हाउस में हुई बैठक में ट्रेड से लेकर टेक्नोलॉजी तक, रक्षा से लेकर स्पेस तक, टैरिफ से लेकर टेरर तक तमाम मुद्दों पर मोदी और ट्रंप के बीच खुलकर बातचीत हुई. भारत ने तय किया है कि वो अमेरिका से F-35 stealth fighters सहित advanced weapons खरीदेगा, अमेरिका से तेल और गैस के आयात को बढ़ाएगा, दोनों देशों ने आपसी व्यापार को अगले पांच साल में दोगुना करके 500 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है.
वैसे तो ट्रंप और मोदी की मीटिंग में पाकिस्तान का ज़िक्र तक नहीं हुआ, लेकिन मोदी और ट्रंप ने वॉशिंगटन से पाकिस्तान को भी साफ संदेश दे दिया है. ट्रंप ने साफ़ कहा कि दुनिया भर में कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद तेज़ी से फैल रहा है और इसका मुक़ाबला वो भारत के साथ मिलकर करेंगे. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद के ख़िलाफ़ इस मुहिम की शुरुआत आज से ही कर दी है और अमेरिका 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को बहुत जल्दी भारत के हवाले करने जा रहा है. ट्रंप ने बताया कि उन्होंने तहव्वुर राणा के extradition की फाइल पर दस्तख़त कर दिए हैं.
ट्रंप ने बांग्लादेश को लेकर एक बड़ी बात कही. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश का मसला प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर छोड़ दिया है. असल में ट्रंप से सवाल किया गया था कि क्या बांग्लादेश में शेख़ हसीना के तख़्तापलट में अमेरिका के डीप स्टेट का हाथ था, तो ट्रंप ने कहा कि शेख़ हसीना के तख़्तापलट में अमेरिका के deep state का कोई रोल नहीं था. ट्रंप ने कहा कि बांग्लादेश के मसले को वो मोदी पर छोड़ते हैं क्योंकि मोदी काफ़ी समय से ये ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं, वो बांग्लादेश से निपट लेंगे.
ट्रंप का बांग्लादेश को लेकर बयान काफ़ी महत्वपूर्ण है क्योंकि वो अपने चुनाव प्रचार के समय कई मौकों पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे ज़ुल्म पर चिंता जता चुके हैं. ट्रंप ने बांग्लादेश के कट्टरपंथियों को चेतावनी भी दी थी. ट्रंप कैबिनेट में डायरेक्टर नेशनल इंटेलिजेंस तुलसी गबार्ड ने भी बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर नाराज़गी जताई थी, बांग्लादेश की यूनुस सरकार से कट्टरपंथियों पर लगाम लगाने को कहा था. अब एक बार फिर ट्रंप ने साफ कर दिया है कि बांग्लादेश से निपटने में मोदी सक्षम हैं.
अमेरिका में अवैध तरीके से घुसे भारतीयों को डिपोर्ट करने के मसले पर मोदी ने साफ कहा कि अगर किसी भी देश के नागरिक दूसरे देश में गैरकानूनी तौर पर जाते हैं,तो वो गलत है. अमेरिका में जो भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं, उन्हें वापस भारत भेजने पर कोई आपत्ति नहीं है.
मोदी ने कहा कि असल में ये मसला उस पूरे इकोसिस्टम का है, जो ह्यूमन ट्रैफिकिंग में लगा है, ग़रीब मध्यम वर्ग के लोगों के झूठे सपने दिखाकर उनसे बडी रकम ऐंठी जाती है, फिर अवैध घुसपैठ करवाई जाती है. इसलिए अगर रोकना है, तो सबसे पहले उन गिरोहों को खत्म करना होगा जो इस धंधे में लगे हैं.
प्रेस कांफ्रेंस में मोदी से उस विषय पर भी सवाल पूछा गया, जो राहुल गांधी का फेवरेट विषय है. गौतम अडानी का नाम लेकर एक अमेरिकी पत्रकार ने मोदी से पूछा कि अडानी के ख़िलाफ़ अमेरिका में जो मुक़दमा दर्ज किया गया है, क्या उन्होंने उसके बारे में भी ट्रंप से बात की. मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर उनके लिए भारत का हर नागरिक उनके परिवार का सदस्य है, लेकिन जब दो देशों के राष्ट्राध्यक्ष मिलते हैं, तो किसी एक व्यक्ति पर बात नहीं करते.
जब जब विदेश में मोदी को सफलता मिलती है, सम्मान मिलता है, हमारे देश में कुछ लोगों को मिर्ची लगती है. राहुल गांधी को मोदी के पूरी अमेरिका यात्रा में सिर्फ अडानी का भूत नज़र आया.
मुझे लगता है अडानी के सवाल पर भी मोदी ने करारा जवाब दिया. क्या दो देशों के हेड मिलेंगे तो वो अदानी पर चर्चा करेंगे? कोई दूसरा विषय नहीं है? राहुल गांधी और उनके समर्थकों को ये नहीं दिखाई दिया कि ट्रंप ने मोदी का किस गर्मजोशी से स्वागत किया, “we missed you” कहा, फिर पुस्तक पर “मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, यू आर ग्रेट” लिखा. ट्रंप ने मोदी के लिए कहा कि वो better और टफ निगोशिएटर हैं.
अगर हमारे देश के प्रधानमंत्री के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति ने ये सब कहा, तो हमें इस पर खुश होना चाहिए, या जल कर सिर पीटना चाहिए? पूरे ट्रिप में अदानी को ढूँढना चाहिए?
ट्रम्प ने जो कहा वो सिर्फ मोदी का नहीं, भारत का सम्मान है. ये सही है कि मोदी और ट्रंप दोनों के लिए अपनी घरेलू राजनीति ज्यादा अहम है. दोनों जनता द्वारा बार बार चुनकर आए हुए नेता हैं. दोनों ने अपने अपने लोगों से आर्थिक विकास के बड़े बड़े वादे किए हैं. दोनों की नीति अपने अपने देश को समृद्धि के शिखर पर ले जाने की है. इसीलिए अभी वार्ताएं होंगे, पैंतरेबाजी भी होगी और ये सब कोई एक दिन में, एक मीटिंग में नहीं होता.
भारत और अमेरिका के रिश्ते पहले से ज्यादा मजबूत हैं और हमें नरेंद्र मोदी पर भरोसा करना चाहिए कि वो ट्रंप से डील करने में सक्षम हैं.