Rajat Sharma

कर्नाटक में तालिबान : दोषियों को कड़ी सज़ा मिले

AKBकर्नाटक के दावणगेरे शहर से रोंगटे खड़े करने वाली तस्वीरें आईं. इन तस्वीरों ने तालिबान की याद दिला दी. एक मुस्लिम महिला को मस्जिद के सामने भीड़ ने सरेआम घेर कर पीटा. महिला हाथ जोड़कर रहम की गुहार लगाती रही लेकिन इलाके के पुरूषों को रहम नहीं आया. वो महिला पर डंडों की बारिश करते रहे. सवाल ये है कि क्या मजहबी कट्टरता कानून से ऊपर हो गई है? क्या कट्टरपंथियों को कानून का कोई खौफ नहीं हैं? दरिंदों की इस भीड़ में महिला का पति भी शामिल था. उसी ने मस्जिद के मौलवी से इस महिला के बारे में शिकायत की थी. मौलवी ने इस महिला को अपनी सफाई देने के लिए मस्जिद में बुलाया था. महिला मस्जिद में घुस पाती, उससे पहले ही कट्टरपंथियों ने उसे पीटना शुरू कर दिया. दो दिन पहले जब महिला का पति जमील घर पर नहीं था, तब महिला की चचेरी बहन अपने दोस्त के साथ उसके घर आई. जैसे ही जमील को ये पता लगा तो वो फौरन अपने घर पहुंचा. जमील ने ये कह कर हंगामा शुरू कर दिया कि उसकी गैरमौजूदगी में गैर मर्द घर में कैसे घुसा. ये इस्लामिक कानून के खिलाफ है. महिला ने जमील को बहुत समझाया लेकिन वो नहीं माना और सीधे मस्जिद में जाकर मौलवी से अपनी पत्नी को शरीयत के मुताबिक सजा देने की मांग की. दरिंदों ने महिला की इतनी पिटाई की कि वो बेहोश हो गई. बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. कर्नाटक पुलिस ने छह लोगों को गिरफ़्तार किया. इनके नाम हैं, मुहम्मद नियाज़, मुहम्मद ग़ौस पीर, चांद बाशा, इनायत उल्लाह, दस्तगीर, और T R रसूल . दावणगेरे की तस्वीरें ये सोचने पर मजबूर करती हैं कि 21वी सदी में हमारे बीच कैसे कैसे हैवान रह रहे हैं. सभ्य समाज में इस तरह की दरिंदगी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. मजहब की आड़ में किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती. ये अच्छी बात है कि पुलिस ने छह दरिंदों को जेल पहुंचा दिया लेकिन अब पुलिस की ये जिम्मेदारी है कि सरेआम महिला की पिटाई करने वालों की इस भीड़ में शामिल बाकी लोगों को भी पकड़े और उन सबको ऐसी सजा दिलवाए जिसके बाद कोई कट्टरपंथी मजहब के नाम पर किसी महिला पर जुल्म करने की हिम्मत न कर सके.

नेशनल हेरल्ड केस : क्या सोनिया, राहुल दोषी हैं ?

नेशनल हेरल्ड से जुड़े केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ज़मानत पर हैं. मंगलवार को ED ने उस केस में चार्जशीट फाइल कर दी. ED ने राहुल के राजनीतिक गुरू सैम पित्रोदा और सोनिया गांधी के सलाहकार सुमन दुबे समेत कुल सात लोगों को आरोपी बनाया है. चार्जशीट में आरोप है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने 2000 करोड़ रुपये की नैशनल हेरल्ड की प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया. आरोप है कि 440 करोड़ के इनकम टैक्स की चोरी भी की गई. नेशनल हेरल्ड की संपत्ति पर कब्जा करने वाली यंग इंडियन कंपनी में 76 परसेंट शेयर सिर्फ सोनिया और राहुल के हैं. ED का दावा है कि सोची समझी साजिश के तहत कांग्रेस ने नेशनल हेरल्ड को नब्बे करोड़ रु. का कर्ज दिया और फिर इस नब्बे करोड़ के कर्ज़ को 9 करोड़ शेयर्स में बदल दिया. ये सारे शेयर सोनिया और राहुल की कंपनी यंग इंडियन को केवल 50 लाख रुपए लेकर सौंप दिए. कांग्रेस ने ED की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जो आरोप सोनिया और राहुल पर लगाए गए हैं वो झूठे हैं, यंग इंडियन कंपनी सिर्फ नेथनल हेरल्ड की प्रॉपर्टी को मैनेज करने के लिए बनाई गई थी. इस कंपनी से किसी ने कोई फायदा नहीं लिया. ED की चार्जशीट से सोनिया और राहुल की मुश्किलें तो बढ़ेंगी. कांग्रेस की तरफ से इस आरोप का खंडन नहीं किया गया कि यंग इंडियन ने नेशनल हेरलड की जो प्रॉपर्टी 50 लाख रुपये में खरीदी, उसकी असली कीमत 2000 करोड़ रु. है. कांग्रेस का तर्क ये है कि यंग इंडियन एक नॉन प्रॉफिट कंपनी है. इसमें प्रॉपर्टी आने से राहुल और सोनिया को कोई फायदा नहीं होगा. पर ED का आरोप ये है कि यंग इंडियन नाम की कंपनी नैशनल हेरल्ड प्रॉपर्टी पर कब्जा करने के इरादे से ही बनाई गई थी. कांग्रेस का एक तर्क ये भी है कि ये कंपनी जवाहर लाल नेहरु द्वारा शुरू किए गए अखबार नेशनल हेरल्ड को बचाने के लिए बनाई गई. सच ये है कि नेशनल हेरल्ड अखबार की प्रींटिंग तो 2008 में ही बंद कर दी गई थी, तो फिर ये कंपनी किसको बचाने के लिए और किसको फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई ? इसका जवाब सोनिया और राहुल गांधी को अदालत में देना होगा.

बिहार चुनाव : क्या तेजस्वी का मुकाबला निशांत से होगा ?

दिल्ली में RJD नेता तेजस्वी यादव ने मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की. तेजस्वी चाहते थे कि कांग्रेस चुनाव से पहले सीटों की बंटवारे की बात फाइनल कर ले और मुख्यमंत्री के तौर पर उनके नाम का ऐलान करे. मीटिंग में तय हुआ कि महागठबंधन में शामिल दलों की एक कमेटी बनेगी जो सीटों के बंटवारे की बात जल्द फाइनल करेगी लेकिन मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला चुनाव नतीजे आने के बाद ही होगा. अब 17 अप्रैल को पटना में महागठबंधन में शामिल सभी दलों के नेताओं की बैठक होगी. उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने कहा कि अमित शाह और सम्राट चौधरी दोनों कह चुके हैं कि नीतीश ही सीएम फेस रहेंगे. निशांत कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार 100 परसेंट ठीक और सेहतमंद हैं. उपर से चाहे कोई कुछ भी कहता रहे, महागठबंधन में तेजस्वी यादव सबसे बड़े नेता हैं. वही मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. सवाल ये है कि क्या तेजस्वी का मुकाबला नीतीश कुमार से होगा? नीतीश कुमार के नेतृत्व पर तो कोई विवाद नहीं है. आशंका है नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर पिछले दिनों कई ऐसी घटनाएं हुई जिनसे लगा कि उनकी सेहत के साथ कोई गड़बड़ तो है. इसीलिए अटकलें लगाई गईं कि तेजस्वी का मुकाबला नीतीश के बेटे निशांत से होगा. चूंकि निशांत फिलहाल राजनीति में नहीं हैं, इसीलिए न उनपर कोई आरोप है, न कोई विवाद, न कोई baggage, लेकिन फिलहाल बीजेपी और जेडीयू के नेताओं को इंतजार करना होगा.

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