2 ट्रकों में सवार मजदूरों, एक जेसीबी मशीन और भारी पुलिस बंदोबस्त को साथ लेकर शिवसेना की सरपरस्ती वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने बुधवार को अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले में स्थित दफ्तर के कुछ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया। काफी तेजी से हुई इस कार्रवाई को कवर करने के लिए मीडिया के लोग भी भारी संख्या में मौजूद थे। कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी द्वारा बंबई हाई कोर्ट के समक्ष स्टे ऑर्डर के लिए याचिका दायर किए जाने के बावजूद बीएमसी ने तोड़फोड़ की इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
जब तक हाई कोर्ट ने स्टे ऑर्डर जारी किया, तब तक BMC कंगना के दफ्तर में तोड़फोड़ को को लगभग अंजाम दे चुकी थी। कंगना के वकील ने जस्टिस एस. जे. कठावलिया और जस्टिस रियाज छागला की पीठ के समक्ष याचिका दायर की थी ताकि ‘अवैध, मनमाने और दुर्भावनापूर्ण’ विध्वंस पर तत्काल रोक लगाई जा सके। बीएमसी के अधिकारियों ने कंगना के बंगले से लगे उनके दफ्तर के अधिकांश हिस्से को ध्वस्त कर दिया और तोड़फोड़ की इस पूर कार्रवाई को सारे देश न्यूज चैनल्स पर देखा। कंगना के वकील सिद्दीकी ने कहा कि जब तक हाई कोर्ट तत्काल सुनवाई के लिए मामले को उठाता, तब तक परिसर का 40 प्रतिशत हिस्सा ध्वस्त किया जा चुका था।
बंबई हाई कोर्ट ने बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ कहा। हाई कोर्ट ने कहा, ‘यह साफ है कि अनाधिकृत काम रातोंरात नहीं हुए हैं। हालांकि, अचानक, ऐसा लगता है कि निगम अपनी नींद से जाग गया और याचिकाकर्ता को नोटिस जारी कर दी, वह भी तब जब याचिकाकर्ता राज्य से बाहर है, और उसे 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया, और लिखित अनुरोध के बावजूद उसे कोई और समय नहीं दिया। और 24 घंटे पूरे होते ही तोड़फोड़ की कार्रवाई के लिए आगे बढ़ गया।’
हाई कोर्ट ने कहा, ‘यदि बीएमसी इस शहर के तमाम अनधिकृत निर्माणों पर इसी तेजी के साथ काम करता, तो यह (मुंबई) जगह रहने के लिहाज से पूरी तरह अलग होती।’ मुंबई लौटने पर कंगना रनौत ने एक कड़े वीडियो मैसेज में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ’तू’ कहकर संबोधित किया और कहा: ‘उद्धव ठाकरे, तुझे क्या लगता है कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिलके मेरा घर तोड़ के मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है। आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा, यह वक्त का पहिया है, याद रखना हमेशा एक जैसा नहीं रहता।’
कंगना ने कहा: ‘तुमने मुझ पर एक एहसान किया है। मुझे पता तो था कि कश्मीर पंडितों पर क्या बीती है, आज मैंने महसूस किया है और आज मैं इस देश को वचन देती हूं कि मैं सिर्फ अयोध्या पर ही नहीं, कश्मीर पर भी एक फिल्म बनाऊंगी। मुझे पता था कि यह मेरे साथ होगा। इसका कुछ मतलब है। उद्धव ठाकरे, ये जो क्रूरता, ये जो आतंक है, अच्छा हुआ मेरे साथ हुआ क्योंकि इसके कुछ मायने हैं। जय हिंद, जय महाराष्ट्र।’
बुधवार को अपने वीडियो संदेश में कंगना बेहद दृढ़ और उग्र नजर आ रही थीं। उन्होंने अपने दफ्तर को काफी अच्छे इंटीरियर से सजाया था, लेकिन बीएमसी के लोगों ने उनके ड्रीम ऑफिस को कुछ ही घंटों के अंदर ध्वस्त कर दिया। कंगना के दफ्तर पर तोड़फोड़ की शुरुआत लगभग उसी समय हुई जब वह हिमाचल प्रदेश के मंडी से सड़क मार्ग द्वारा चंडीगढ़ से मुंबई के लिए उड़ान भरने के लिए रवाना हुई थीं। उन्हें लगभग हर मिनट अपने फोन पर मुंबई के उनके दफ्तर में चल रही तोड़फोड़ की तस्वीरें मिल रही थीं।
कंगना ने तब ट्वीट किया, ‘आओ उद्धव ठाकरे और करण जौहर गैंग, तुमने मेरा वर्क प्लेस तोड़ दिया। अब मेरा घर तोड़ दो। फिर मेरा चेहरा और शरीर भी तोड़ दो। मैं चाहती हूं कि दुनिया देखे कि पर्दे के पीछे तुम लोग क्या करते हो। मैं मरूं या ज़िंदा रहूं, मैं तुम्हें बेनकाब करके रहूंगी।’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘उन्होंने आज मेरा घर गिराया है, कल यह आपका होगा। सरकारें आती हैं और चली जाती हैं लेकिन जब आप एक आवाज़ को हिंसक तरीके से दबाए जाते हुए देखने के आदी हो जाएंगे, तो यह सामान्य बनता जाएगा। आज एक आदमी को चिता पर जलाया जा रहा है, कल हजारों का जौहर होगा। जागो।’ कंगना ने ट्वीट किया, ‘‘मैं कभी गलत नहीं होती और मेरे दुश्मनों ने फिर से साबित कर दिया है कि मेरी मुंबई अब पीओके क्यों है।’
तोड़फोड़ की तस्वीरों के साथ कंगना ने लिखा: ‘बाबर और उसकी सेना।’ उन्होंने यह भी लिखा, ‘मेरे ऑफिस को पिछले 24 घंटों में अचानक अवैध घोषित कर दिया गया, उन्होंने फर्नीचर और लाइट्स सहित अंदर सब कुछ तबाह कर दिया है और अब मुझे धमकियां मिल रही हैं कि वे मेरे घर आएंगे और इसे भी तोड़ देंगे, मुझे खुशी है कि फिल्म माफिया के पसंदीदा दुनिया के सबसे अच्छे सीएम के बारे में मैंने सही सोचा था।’
इस बात में कई शक नहीं है कि कंगना के बंगले पर BMC द्वारा की गई तोड़फोड़ बदले की कार्रवाई थी। बीएमसी अधिकारियों का सिर बंबई हाई कोर्ट द्वारा की गई कड़ी टिप्पणियों पर शर्म से झुक जाना चाहिए। कंगना ने इससे पहले शिवसेना को ‘मुंबई PoK जैसी लगती है’ वाले बयान पर चुनौती देते हुए कहा था कि वह जो उखाड़ सकती है उखाड़ ले। शिवसेना ने दफ्तर उखाड़ दिया, वह जानती थी कि कंगना को अदालत से स्टे मिल जाएगा। यही वजह थी कि बीएमसी कंगना के बंगले पर भारी पुलिस बल लेकर आया और कुछ ही घंटों में तोड़फोड़ के काम को अंजाम दे दिया।
मैंने कंगना के खूबसूरत बंगले और दफ्तर को देखा है। कंगना ने अपना ऑफिस और घर बहुत मन से और बड़ी मेहनत से बनाया है, खासकर इसके इंटीरियर्स को। बीएमसी अधिकारियों को पता था कि वे जो कुछ भी कर रहे थे वह हाई कोर्ट के स्टे ऑर्डर के उल्लंघन की जद में आ जाता। इसलिए उन्होंने सुनवाई में देरी करने की पूरी कोशिश की, ताकि तोड़फोड़ के काम को तेजी से अंजाम दिया जा सके।
शिवसेना का लंबे समय से बदला लेने का यही तरीका रहा है। शिवसेना को यह बर्दाश्त नहीं हुआ कि कंगना ने उनके सुप्रीमो उद्धव ठाकरे पर व्यक्तिगत हमला किया और वे उनके साथ हिसाब बराबर करने के लिए बेकरार थे। जब कंगना ने पाक अधिकृत कश्मीर के साथ मुंबई की तुलना की तो वे भी ज्यादा भड़क गए। शिवसेना के लोग कहने लगे कि अगर बाला साहब जिंदा होते तो वह कंगना को ऐसे बयान देने की इजाजत ही नहीं देते। चूंकी अब शिवसेना की गठबंधन सरकार सत्ता में है, उसने कंगना के बयानों को चुनौती के तौर पर लिया और उनके दफ्तर पर तोड़फोड़ का मन बना लिया।
कंगना को भी अपनी ओर से संयम बरतना चाहिए था। तोड़फोड़ की बाबर के साथ तुलना करते हुए टिप्पणी करना, मुंबई की पीओके से तुलना करना, जय श्री राम के नारे लगाना और फिर सूबे के मुख्यमंत्री को ‘तू’ कहकर संबोधित करना कुछ ज्यादा ही था। वह अपनी बात गरिमापूर्ण ढंग से भी रख सकती थीं।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के शासन के दौरान बीएमसी ने शाहरुख खान के मन्नत बंगले के बाहर एक रैंप को ध्वस्त कर दिया था, और इरफान खान और कपिल शर्मा को तोड़फोड़ के लिए नोटिस दिए गए थे। यह सही है कि बीएमसी ने अतीत में भी ऐसी कार्रवाइयों को अंजाम दिया है और इसमें कंगना का राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, लेकिन उनके बंगले पर बुधवार को अचानक की गई तोड़फोड़ राजनीतिक बदला है। इस कार्रवाई का उद्देश्य व्यक्तिगत हिसाब बराबर करना था और यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।