अयोध्या नगरी 25 लाख से ज़्यादा दीपों के बीच जगमगायी. बुधवार को दीपोत्सव का दिव्य नज़ारा देखने को मिला. अय़ोध्या के 55 घाटों पर एक साथ 25 लाख 12 हजार 585 दीए जलाकर गिनीज़ बुक का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया. सरयू के तट पर 1,121 वेदाचार्यों ने एक साथ सरयू की आरती की. ऐसा अयोध्या में पहली बार हुआ है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपोत्सव की शुरुआत से पहले ही भगवान राम के मंदिर में पहुंचे, उनका दर्शन किया. इसके बाद उन्होंने नए राम मंदिर के प्रांगण में दीया जलाया. योगी सरयू घाट पहुंचे. राम की पैड़ी पर उन्होंने विधिवत तरीके से मंत्रोच्चार के बीच सरयू मइया की पूजा की.
अयोध्या का ये दीपोत्सव इसलिए भी विशेष है क्योंकि 500 साल बाद ये पहली दिवाली है, जब अयोध्या में फिर से भगवान राम का विशाल मंदिर बन चुका है. रामलला अपने अलौकिक मंदिर में विराजमान हैं. अय़ोध्या की सड़कें, गली, चौराहे सब रोशनी से जगमगा रहे थे. पूरे अयोध्या को भव्य तरीके से सजाया गया.
अयोध्या में सनातन धर्म की विरासत औऱ त्रेतायुग की दिवाली की झलक दिखाई दी. दीपोत्सव से पहले 1,121 संतों-महंतो ने सरयू घाट पर भव्य आरती की.
योगी ने भगवान राम औऱ सीता के रूप में आए कलाकारों की आरती उतारी . खुद झांकी में भगवान राम का रथ खींचा. राम मंदिर में भगवान राम की पूजा की. इसके साथ ही योगी ने विरोधियों को कड़ा संदेश दिया. योगी ने दीपोत्सव पर राजनीति करने वालों को करारा जवाब दिया. सनातन धर्म का विरोध करने वालों को कड़ी चेतावनी दी. राम मंदिर के निर्माण पर योगी आदित्यनाथ ने डंके की चोट पर कहा कि हमने जो कहा वह करके दिखाया..
योगी ने कहा कि एक वक्त था जब अयोध्या में न सड़क ठीक थी, न सरयू का घाट कायदे का था, जो भी अयोध्या आता था, निराश होकर जाता था. पहले की सरकारों ने अयोध्या को उसकी बदहाली पर छोड़ दिया था और कुछ लोग तो भगवान राम के अस्तित्व पर ही सवाल उठा रहे थे.
योगी ने कहा कि जिन लोगों ने भगवान राम की उपेक्षा की, उन पर सवाल खड़े किए, आज उन्हें अयोध्या की ये तस्वीरें ज़रूर देखनी चाहिए. समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि जिन लोगों ने अयोध्या में रामभक्तों पर गोली चलवाई, उनके खून बहाए, जब राम मंदिर बनना शुरू हुआ, ज़मीनें अधिगृहीत की गईं, तो उन्होंने ये कहना शुरू किया कि किसानों को, व्यपारियों को परेशान किया जा रहा है. अब वो अयोध्या के विकास में बाधक बन रहे हैं.
अयोध्या में रिकॉर्ड दीये जलाने के उत्सव में कई संदेश छिपे हैं. एक तो ये कि रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद ये दीपोत्सव का पहला उत्सव है, जो याद दिलाता है कि नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के निर्माण का वादा पूरा किया. इसलिए योगी ने याद दिलाया, जो कहा वह करके दिखाया है.
दूसरा, दीपोत्सव के बहाने योगी ने हिंदू समाज को एक होने का आह्वान किया. सनातन पर हमला करने वालों को चेतावनी दी. तीसरी बात, राम मंदिर को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने अपनी गलती दोहराई. उन्होंने एक बार फिर अयोध्या में दीपोत्सव का विरोध किया. एक ने भेदभाव का नाम लिया तो दूसरे ने दीयों के तेल से फैलने वाली गंदगी को बहाना बनाया.
अयोध्या में दिवाली के अवसर पर दीपोत्सव के प्रति लोगों के उत्साह को देखते हुए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का स्टैंड बचकाना लगता है. ये वही काम है जो उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के समय किया था . अयोध्या में राम का मंदिर बना है, रामलला विराजमान हुए हैं, इसके बाद पहली दीपावली है. सबको इसे मिलकर मनाना चाहिए. इसपर विवाद खड़ा करने का क्या फायदा? लेकिन विवाद सिर्फ अयोध्या के दीपोत्सव को लेकर नहीं हुआ, पटाखों और आतिशबाजी पर भी सवाल उठाए गए.