नए साल का सबसे पहला और सबके बड़ा आयोजन पूर्ण महाकुंभ होगा. 144 साल के बाद ये अवसर आया है. 40 करोड़ लोग गंगा में डुबकी लगाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ की तैयारियां का जायज़ा लेने मंगलवार को खुद प्रयागराज पहुंचे. ज्यादातर काम पूरे हो चुके हैं. अखाड़ों की धर्मध्वजा स्थापित हो चुकी है. गंगा और यमुना का जल स्वच्छ हो गया है. संगम का पानी सिर्फ स्नान के लिए नहीं, बल्कि पीने के लायक है. अब सिर्फ 13 जनवरी का इंतजार है जब पहले स्नान पर्व के साथ पूर्ण महाकुंभ की शुरूआत होगी.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस बार पूरी दुनिया भारत की भव्य विरासत की ताकत को देखेगी. पूर्ण महाकुंभ के लिए गंगा पर पीपे के तीस पुल बनाए गए हैं. 28 पुलों का काम पूरा हो गया है. श्रद्धालुओं को गंगा स्नान में दिक्कत न हो इसके लिए 12 नए पक्के घाट बनाए गए हैं. करीब साढ़े बारह किलोमीटर में नदी के आसपास रिवर फ्रंट डेवलप किया गया है. साढे पांच सौ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चेकर्ड प्लेटें बिछाई गई हैं ताकि श्रद्धालुओं को कीचड़ में न चलना पड़े.
संगम नगरी में एक नया शहर बस गया है जिसे 25 अलग अलग सेक्टरों में बांटा गया है. करीब साढ़े सौ किलोमीटर लम्बी 92 नई सड़कें बनाई गई हैं. 67,000 LED लाइट्स और
2,000 solar lights से संगम नगरी जगमगा रही है. संगम से दो किलोमीटर की दूरी पर बीस हजार से ज्यादा गाडियों के लिए पाकिंग की व्यवस्था है. डेढ़ लाख टेंट बनाए गए हैं. इनमें स्विस कॉटेज से लेकर डोम सिटी तक सब बनकर तैयार है. डोम सिटी एक तरह का फ्लोटिंग कॉटेज हैं. इसमें ठहरने वालों को संगम का 360 डिग्री व्यू मिलेगा.
संगम क्षेत्र में डेढ़ लाख ग्रीन टॉयलेट लगाए जा रहे हैं, पन्द्रह हजार सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है. साढ़े बारह सौ किलोमीटर की पाइप लाइन डाली गई है. पचास हजार से ज्यादा नलों के कनैक्शन दिए गए हैं. एक सौ बैड का और दो बीस बीस बैड के दो अस्पताल बनकर तैयार हैं. आखिरी शाही स्नान 26 फरवरी को होगा. अनुमान है कि उस दिन आठ करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचेंगे.
महाकुंभ में 50 हजार से ज्यादा पुलिस और पैरा मिलिट्री के लोग तैनात किए जाएंगे. 218 IPS अफसरों की तैनाती होगी. आसमान से ड्रोन के जरिए हर गतिविधि पर नज़र रखी जाएगी. महाकुंभ में पहली बार Underwater Drones का इस्तेमाल किया जाएगा. ये ड्रोन पानी में 100 मीटर की गहराई तक जाकर मॉनीटरिंग कर सकते हैं. 2,700 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. चार सेंट्रल कमांड और कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं जहां 350 एक्सपर्ट लगातार भीड़भाड़ वाले इलाकों पर निगरानी रख सकेंगे. कुंभ में पहली बार facial recognition technology का इस्तेमाल किया जाएगा.
वैसे तो कुंभ हर बारह साल के बाद होता है लेकिन इस बार महाकुंभ विशेष है. बारह-बारह साल के बाद बारह महाकुंभ का चरण पूरा होता है तो 144 साल के बाद पूर्ण महाकुंभ का योग बनता है. इसलिए प्रयागराज में होने वाले इस कुंभ को पूर्ण महाकुंभ का दर्जा दिया गया है. ज्योतिषाचार्यों ने इस महाकुंभ को खास माना है और योगी आदित्यनाथ की सरकार भी इस महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. नरेंद्र मोदी कुम्भ के आयोजन से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कुम्भ की विरासत को डिजिटल technology से जोड़ने की सलाह दी है. अध्यात्म को नई पीढ़ी से जोड़ने का निर्देश दिया है. भारत की आस्था और भक्ति का संदेश कुम्भ के माध्यम से पूरी दुनिया में पहुंचाने को कहा है. ये संयोग, ये प्रयोग अद्भुत होगा.